साइनस (Sinus) क्या है?
साइनस नाक से जुड़ी एक बीमारी है। मनुष्य के स्कल में कई छेद होते हैं, जिन्हें साइनसिस (Sinus) कहा जाता है और बीच के दो छेद नॉस्ट्रिल (Nostril) के रूप में सांस लेने में सहायता करते हैं। कई कारणों से साइनसिस में बलगम भरने के कारण यह बंद हो जाते हैं। इनके बंद होने के कारण रोगी को सांस लेने में परेशानी, नाक बंद होना, सिरदर्द जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह परेशानी इतनी ज्यादा बढ़ जाती है की साइनस से पीड़ित व्यक्ति को सोने में भी परेशानी शुरू हो जाती है।
साइनस का इंफेक्शन सिरदर्द (Headache) का भी कारण बनता है। जिन लोगों को ठंड ज्यादा लगती है, उन्हें साइनस का इंफेक्शन (Infection) जल्दी होता है। आमतौर पर साइनस (Sinus) की समस्या का मुख्य कारण धूल और प्रदूषण है, लेकिन बदलते मौसम से भी साइनस (Sinus) की समस्या काफी बढ़ जाती है। ऐसे में आप जरूरी सावधानियों को अपनाकर इस समस्या से बच सकते हैं।
साइनस एक स्वास्थ्य समस्या है, जिसे पूरी तरह से ठीक करना काम है। हालांकि, कुछ घरेलू नुस्खो की मदद से इसके लक्षणों से राहत जरूर पाई जा सकती है। तो आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ घरेलू नुस्खे, जिन्हें अपनाकर आपको साइनस की समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
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हेल्दी डायट (Healthy Diet)
साइनस होने पर खान-पान पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। ऐसे में साबुत अनाज, बींस, दाल, हल्की पकाई गई सब्जियां, सूप आदि का सेवन शरीर को लाभ पहुंचाता है। बलगम बनाने वाले खाद्य पदार्थों जैसे मैदा से बनीं चीजें, अंडे (Egg), चॉकलेट (Chocolate), तला हुआ और प्रोसेस्ड फूड (Processed food), चीनी और डेयरी उत्पादों आदि के सेवन करने से बचें। इसके साथ ही खूब सारा पानी पीएं। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार दो से तीन लीटर पानी का सेवन रोजाना करना चाहिए।
ग्रेपफ्रूट सीड एक्स्ट्रैक्ट
ये खट्टे ग्रेपफ्रूट सीड एक्स्ट्रैक्ट शक्तिशाली प्राकृतिक एंटीबायोटिक होता है, जो रोगाणुओं, परजीवी, बैक्टीरिया (Bacteria), वायरस (Virus) और कैंडीडा यीस्ट (Candida Yeast) सहित 30 प्रकार के फंगस को रोकने के लिए उपयोग किए जाते हैं। साइनस का इंफेक्शन होने पर, आप इसका नाक में डालने वाला स्प्रे भी ले सकते हैं, जिसका इस्तेमाल करने से आपको नाक में राहत मिलेगी और इंफेक्शन (Infection) भी कम हो सकता है।
जीरा
साइनस (Sinus) एक श्वास संबंधी समस्या है। इस प्रकार की समस्याओं से राहत पाने के लिए थोड़ा-सा काला जीरा (Cumin) लें और उन्हें एक पतले कपड़े में बांधे लें। तुरंत राहत पाने के लिए थोड़ी देर इस कपड़े में से माध्यम से सांस लें। ऐसा करने से सायनस के दर्द (Sinus pain) से राहत मिल सकती है। दरअसल जीरे का उपयोग मसालों, खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थों में इसका इस्तेमाल फ्लेवर बढ़ाने वाले तत्व के रूप में होता है। इसके अलावा जीरा के तेल (Oil) का इस्तेमाल कॉस्मेटिक्स प्रोडक्ट में सुंगध के लिए भी किया जाता है।
यूकेलिप्टस ऑयल
साइनस का दर्द होने पर यूकेलिप्टस का तेल (Eucalyptus oil) भी फायदा देता है। इसके लिए गर्म पानी में पाइन तेल की कुछ बूंदें मिला कर उसकी भांप लें। साइनस के लक्षणों से राहत पाने के लिए आप दिन में एक से दो बार इसकी भांप ले सकते हैं। ऐसा करने से आपका जमा हुआ बलगम बाहर आसानी से आ सकता है और आपको राहत मिल सकती है।
तिल का तेल
अपनी नाक और आंखों (Eye) के चारों ओर तिल के तेल की हल्के से मसाज करें। यह आपकी नाक (Nose) की रुकावट को साफ करने मे मदद करता है और सायनस के दर्द को भी कम कर सकता है।
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योग (Yoga)
जैसा कि सायनस एक श्वास संबंधी समस्या है इसलिए, शुद्ध वायु लेने के लिए सभी तरह के उपाय जरूर करें। इसके लिए सूत्र नेती, जल नेती क्रियाएं और प्राणायाम में अनुलोम-विलोम और भ्रामरी व आसनों में सिंहासन और ब्रह्ममुद्रा करें। इसके अलावा, मुंह और नाक के लिए बनाए गए अंगसंचालन जरूर करें। कुछ योग और हस्त मुद्राएं भी इस रोग में लाभदायक सिद्ध हो सकती हैं। साइनस से पीड़ित व्यक्ति को खासकर अनुलोम विलोम प्राणायाम, कपालभाति, पश्चिमोत्तानासन, हलासन और उत्तानासन जैसे योग (Yoga) कर सकते हैं। यह ध्यान रखें की अगर आप पहली बार योगा करने जा रहें है, तो योगा एक्सपर्ट की सहायता से करें, क्योंकि गलत तरीके से किया गया योगा शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
तुलसी (Tulsi)
तुलसी में कमाल की कासरोधक (कफ कम करने में मददकारी), कफ उत्सारक (सीने से बलगम निकालने में मददकारी), जीवाणुरोधी और फंगलरोधी क्षमता होती है। यह आपके इम्यून सिस्टम (Immune System) को मजबूत करती है। तुलसी का रस और शहद (Honey) चाटने से साइनस रोगियों को और सांस फूलने की समस्या वाले लोगों को आराम मिलता है। इसके लिए आप तुलसी के पत्तों को पीसें और इसमें काली मिर्च (Black pepper) डालकर खाएं। इसससे साइनसाइटिस इंफेक्शन (Sinusitis Infection) दूर रहता है। अगर साइनसाटिस आपको ज्यादा परेशान कर रहा हो, तो आप दिन में तीन बार यह काढ़ा पी सकते हैं।
टी ट्री ऑयल (Tea Tree Oil)
साइनस की समस्या में टी ट्री ऑयल (Tea Tree Oil) भी फायदेमंद साबित हो सकता है। 2015 के एक नोट में यह सामने आया है कि टी ट्री ऑयल में मौजूद कंपाउंड अल्फा सबाइन में एंटीवायरल (Antiviral), एंटी-बैक्टीरियल (Anti-bacterial) और एंटीफंगल (Anti-fungal) गुण होते हैं, जो साइनस में फायदेमंद हो सकते हैं। इसके अलावा, टी ट्री ऑयल में सूजन कम करने के गुण भी होते हैं।
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इम्यून सिस्टम को स्ट्रॉन्ग करने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें
इसी तरह आप ऊपर दिए गए घरेलू नुस्खों को अपनाकर अपने साइनस को नियंत्रण में रख कर उसे कम कर सकते हैं। इतना ही नहीं, यह सभी करने से आपको साइनस की समस्या और दर्द से तुरंत राहत मिल सकती है। इसी के साथ, आप अपने आसपास के वातावरण को भी साफ रखें, ताकि किसी भी तरह का इंफेक्शन होने की संभावना कम हो जाए।
अगर आप साइनस से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।