इस डिसऑर्डर से पीड़ित व्यक्ति व्यक्ति डेली रूटीन के लिए जरूरी पोषक तत्वों को प्राप्त नहीं कर पाता क्योंकि उसका इंटरेस्ट खाने की तरफ नहीं रहता। इसमें डिसऑर्डर से ग्रसित व्यक्ति कुछ निश्चित कलर, टेक्चर, स्मेल और टेस्ट को अवॉइड करता है। इस डिसऑर्डर में में चोकिंग और वेट बढ़ने के डर से भी खाना अवॉइड किया जाता है। इस डिसऑर्डर के कारण वेट लॉस और बचपन में वजन न बढ़ पाना आदि परिणाम देखने को मिलते हैं। इसके साथ ही शरीर में पोषक तत्वों की कमी सीरियस हेल्थ प्रॉब्लम्स का भी कारण बन जाती है।
5. पिका ईटिंग डिसऑर्डर या भोजन विकार (Pica Eating Disorder)
पिका एक दूसरा ईटिंग डिसऑर्डर है जिसमें मरीज को खाने की चीजों के अलावा दूसरी चीजें खाने का मन करता है। इसमें पीड़ित को आइस, धूल, मिट्टी, चॉक, साबुन, पेपर, हेयर, ऊन, लॉन्ड्री डिटर्जेंट आदि खाने का मन करता है। यह भोजन विकार बच्चों, युवाओं और टीनएजर को हो सकता है। यह डिसऑर्डर ज्यादातर बच्चों, चिल्ड्रन, प्रेग्नेंट महिलाओं और मेंटल डिसेब्लटीज से ग्रसित लोगों में देखने को मिलता है। पिका भोजन विकास पीड़ित लोगों में इंफेक्शन, गट इंजुरी और पोषक तत्वों की कमी जैसी परेशानियां देखने को मिलती हैं।
ईटिंग डिसऑर्डर या भोजन विकार किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है। हालांकि महिलाओं में भोजन संबंधी मानसिक विकार पुरुषों की तुलना में ज्यादा देखने को मिलता है। हमेशा याद रखें कि आहार संबंधी विकार से पीड़ित व्यक्ति यों को इलाज के दौरान बहुत सहयोग और सहायता की जरूरत होती है इसलिए आप रोगी के प्रति सहानुभूति रखें।
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बच्चों में ईटिंग डिसऑर्डर या भोजन विकार क्या है?
अगर कोई बच्चा ठीक मात्रा में खाना नहीं खा रहा है तो वह बढ़ती उम्र के साथ बहुत सी परेशानियों से घिर सकता है। ठीक से न खाने से बच्चों को अपनी हाइट से समझौता करना पड़ सकता है। माता-पिता को बच्चों में ईटिंग डिसऑर्डर को डायग्नोसिस करने के लिए भी बहुत कोशिश करनी पड़ती है। माता पिता के लिए यह समझना मुश्किल होता है कि बच्चों में ईटिंग डिसऑर्डर है या वह खाने में नखरे दिखा रहा। अवॉइडेंट/रिस्ट्रिक्टिव फूड इनटेक डिसऑर्डर (Avoidant/Restrictive Food Intake Disorder ) भी बच्चों के ईटिंग डिसऑर्डर के रूप में है।
जबकि माता-पिता बच्चों में ईटिंग डिसऑर्डर के लिए जिम्मेदार नहीं हैं, वह अपने बच्चों को इससे उबरने में मदद करने के लिए एक पॉजिटिव फोर्स हो सकते हैं। बहुत छोटे बच्चों को उनके माता-पिता इस परेशानी से बाहर निकाल सकते हैं।
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बच्चों में ईटिंग डिसऑर्डर या भोजन विकार के लक्षण
- खाने से इंकार
- खाने के पोर्शन में कमी
- अपने बॉडी इमेज की चिंता
- लोगों से दूरी बनाना
- शरीर पर होने वाले हल्के बाल
- खाना छुपाना या बाद के लिए रखना
- बढ़ते हुए बच्चे में वजन कम होना
- विकास की कमी
- हाइपरएक्टिविटी या अधिक मूवमेंट जैसे कि लेग जिगलिंग, इधर-उधर भागना या खड़े रहना और बैठने से मना करना
- सिर पर पतले बालों का होना
- लड़कियों में पीरियड्स ठीक से ना होना
- व्यक्तित्व में बदलाव, आमतौर पर चिड़चिड़ापन या अवसाद
- खाना देने पर गुस्सा आना