बुढ़ापे में डिप्रेशन कई कारणों से हो सकता है, जिनकी वजह से उनके शरीर और मानसिक स्थिति में कई बदलाव आ सकते हैं। आइए, इन कारणों के बारे में जानते हैं।
लंबे समय से चली आ रही अनजान शारीरिक बीमारी
बुजुर्ग लोग कई बार ऐसी किसी शारीरिक बीमारी के बारे में शिकायत करते रहते हैं, जो कि असल में होती नहीं है या वो समझा नहीं पाते। दरअसल, यह बुढ़ापे में डिप्रेशन का संकेत है। इन बीमारियों के संकेतों में चक्कर आना, शारीरिक दर्द, कब्ज, नींद न आना और वजन घटना आदि शामिल हैं। कई दुर्लभ मामलों में बुढ़ापे में डिप्रेशन की वजह से होने वाली इन बीमारियों का इलाज न हो पाने की वजह से उन्हें कई बार आत्महत्या करने का ख्याल भी आ सकता है।
याद्दाश्त कम होना
याद्दाश्त कम होना उम्र बढ़ने के साथ आम समस्या हो सकती है। लेकिन, कई बार यह बुढ़ापे में डिप्रेशन का संकेत हो सकता है, जो कि नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। जो कि, एक समय के बाद गंभीर बीमारी का रूप ने सकता है और अल्जाइमर का खतरा भी बढ़ सकता है। ऐसे मामलों में बुढ़ापे में डिप्रेशन का इलाज करने पर याद्दाश्त के कमजोर होने की समस्या को भी कम किया जा सकता है।
व्यवहार में बदलाव आना
वयस्कों की तरह बुढ़ापे में डिप्रेशन उनके व्यवहार में परिवर्तन ला सकता है। जो कि, आमतौर पर अवसाद का सबसे मुख्य संकेत है। अवसाद से ग्रसित व्यक्ति का बर्ताव चिड़चिड़ा और उदासी भरा हो जाता है। जिसकी वजह से वृद्ध कई तरह के नखरे भी दिखा सकता है। जैसे- घर से बाहर जाने, कुछ खाने, शॉपिंग करने में आनाकानी करना या छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करना या फिर शराब की लत लग जाना।
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