किडनी हमारी शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। बॉडी के सुचारु ढंग से काम करने के लिए इसका स्वस्थ रहना बेहद जरूरी है। शरीर के अंदरूनी हिस्सा होने के कारण हमें इसकी खराबी के बारें में पता नहीं चल पाता। कई बार किडनी डैमेज होने की शुरुआती स्टेज में कोई परेशानी नहीं आती। यहां तक की एडवांस स्टेज में भी कई बार इस बारे में पता नहीं चलता। ज्यादातर लोगों में इसके लक्षण जल्दी दिखाई नहीं देते हैं। ऐसा होना खतरनाक है क्योंकि, डैमेज के बारे में आपको पता ही नहीं चलता। अगर किडनी डैमेज होना शुरु हो गई है तो आपको कुछ संकेत दिखाई देने लगते हैं। आइए जानते हैं, उनके बारें में।
- अक्सर उल्टी जैसा महसूस होना ।
- सामान्य से ज्यादा या कम पेशाब आना।
- आंखों के आस-पास सूजन।
- हमेशा थका हुआ फील होना और सांस लेने में परेशानी होना।
- मसल्स क्रैम्प होना, खास तौर पर पैरों में।
- शुष्क त्वचा और खुजली होना।
- नींद कम आना।
- बिना किसी कारण के वजन कम होना।
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डॉक्टर से कब करें कंसल्ट?
यदि आपको ऊपर दिए गए लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो डॉक्टर से मिलें। इनके अलावा, अन्य संभावित कारण भी हो सकते हैं, लेकिन आपको यह जानने के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करना होगा कि समस्या क्या है और आपको किस तरह के ट्रीटमेंट की आवश्यकता है। अगर आपको हाई ब्लडप्रेशर या डायबटीज है, या यदि आपके परिवार में किसी को किडनी की बीमारी है तो अपने डॉक्टर से पूछें कि आपको कौन सा टेस्ट कितनी बार करवाना होगा। ऐसा करना बहुत महत्वपूर्ण है ताकि किडनी सही तरीके से काम कर सके।
ज्यादातर केस में किडनी फेलियर दूसरी हेल्थ प्रॉब्लम्स की वजह से होता है, जो धीरे- धीरे समय के साथ उसे पूरी तरह से डैमेज कर देती हैं। जब ये डैमेज हो जाती है तो वे उस तरह काम नहीं करती जैसे उसे करना चाहिए। अगर यह डैमेज बढ़ता जाता है तो किडनी काम करना बंद कर देती है। किडनी फेल होना क्रोनिक डिसीज की लास्ट स्टेज है। इसलिए किडनी फेलियर को एंड स्टेज रेनल डिसीज (ESRD ) कहा जाता है।
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किडनी डिजीज की लिस्ट में शामिल किडनी फेलियर (Kidney failure) के बारे में नीचे दिए इस मॉडल को क्लिक कर समझें।
किडनी फेल होने के कारण (Cause of Kidney failure)
डायबटीज किडनी फेल होने का सबसे आम कारण है। उसके बाद नंबर आता है हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) का। इसके आलावा, किडनी फेल होने के कुछ कारण होते हैं। जैसे :
- ऑटोइम्यून डिजीज, जैसे ल्यूपस और आईजीए नेफ्रोपैथी,
- जेनेटिक डिजीज (आप जिन रोगों के साथ पैदा हुए हैं)
- नेफ्रोटिक सिंड्रोम (Nephrotic syndrome)
- यूरिनरी ट्रैक्ट प्रॉब्लम
कभी-कभी किडनी अचानक से (दो दिन के अंदर) काम करना बंद कर देती है। इस टाइप के किडनी फेलियर को एक्यूट किडनी इंजरी या एक्यूट रेनल फेलियर कहते हैं।
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एक्यूट रेनल फेलियर के कारण (Acute renal failure)
-ड्रग का उपयोग,
-किडनी में पर्याप्त रक्त (Blood) का संचलन नहीं होना,
–यूरिनरी (Urinary) ट्रैक्ट प्रॉब्लम्स ,
इस प्रकार का किडनी फेलियर हमेशा स्थायी नहीं होता है। आपकी किडनी, ट्रीटमेंट से नार्मल हो सकती है, यदि आपको अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं नहीं हैं।
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यूरिन के रंग से जानें सेहत का हाल, लेकिन सबसे पहले नीचे दिए इस क्विज को खेलें, तभी जानेंगे जवाब और रख पाएंगे आप सेहत का ध्यान।
किडनी से संबंधित किसी भी परेशानी से बचने के लिए क्या करें?
किडनी मनुष्य के शरीर में ब्लड प्यूरीफिकेशन (Blood purification) के साथ-साथ बॉडी में मौजूद होने वाले टॉक्सिन (Toxin) को भी बाहर निकालने में सहायक होता है। इसलिए किडनी डैमेज ना हो या किडनी से जुड़ी किसी भी परेशानी से बचने के लिए निम्नलिखित टिप्स फॉलो करें। जैसे:
प्रोटीन रिच फूड- प्रोटीन (Protein) की पूर्ति के लिए अनाज, बादाम, बीन्स और डेयरी प्रॉडट्स का सेवन करें। वहीं अगर आप नॉन-वेजिटेरियन खाना ज्यादा पसंद करते हैं, तो आप चिकन, मछली एवं अंडे का सेवन कर सकते हैं।
नमक और सोडियम- किडनी डैमेज होने से बचाने के लिए बॉडी में नमक और सोडियम का लेवल बैलेंस होना बेहद जरूरी है। अगर शरीर में नमक (Salt) या सोडियम (Sodium) का लेवल डिस्बैलेंस हो जाए, किडनी डैमेज और हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए अपने डायट (Diet) में नियमित और संतुलित मात्रा चिकन, मछली, करेला या ऐसी ही अन्य पदार्थों का सेवन करें। आप नारियल पानी का भी सेवन कर सकते हैं।
फॉस्फोरस का सेवन कम करें- एनसीबीआई के अनुसार शरीर में फॉस्फोरस (Phosphorus) की मात्रा बढ़ने से कैल्शियम की मात्रा कम होने लगती है, जिससे हड्डियां कमजोर पड़ने लगती हैं। फॉस्फोरस लेवल ज्यादा होने से किडनी पर भी इसका नेगेटिव प्रभाव पड़ सकता है। आप किडनी डैमेज (Kidney damage) होने से बचाने के साथ-साथ शरीर को स्वस्थ रखने के लिए डेयरी प्रॉडक्ट्स, चॉकलेट, दाल, चावल, हरी सब्जियां एवं ताजे एवं मौसमी फलों का सेवन कर सकते हैं, लेकिन किसी भी चीज का जरूरत से ज्यादा सेवन शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकता है, यह हमेशा ध्यान रखें।
लिक्विड का सेवन करें- पानी (Water), फ्रेश जूस (Fresh juice) या छांछ (Buttermilk) का सेवन जरूर करें। शरीर में पानी की कमी डिहाइड्रेशन (Dehydration) के साथ-साथ अन्य बीमारियों को इन्वाइट कर सकता है, जिसमें किडनी से जुड़ी समस्या भी शामिल है। पैक्ड जूस या पैक्ड ड्रिंकिंग प्रॉडक्ट्स से दूर रहें।
इन ऊपर बताये गयें बातों को ध्यान में रखकर किडनी डैमेज होने से बचाने में मदद मिल सकती है। इन टिप्स की मदद से आप हेल्दी भी रह सकते हैं, लेकिन इन्हें अपने रेग्यूलर डायट में जरूत शामिल करें। अगर आपको यूरिन से जुड़ी कोई परेशानी महसूस होती है, तो देर ना करें और जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।
किडनी से जुड़ी बीमारियों में क्या करें और क्या ना करें? जानने के लिए नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक करें।