परिचय
यूरिन इन्फेक्शन (Urine infection) क्या है?
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार पूरे विश्व में तकरीबन 50 प्रतिशत महिलाएं यूरिन इन्फेक्शन की समस्या से पीड़ित होती हैं। हालांकि ऐसा नहीं है की यूरिन इन्फेक्शन की शिकार सिर्फ महिलाएं होती हैं बल्कि यह समस्या पुरुषों को भी होती है। लेकिन, महिलाओं में यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन (UTI) की समस्या ज्यादा होती है। यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन के दौरान यूरिन पास (पेशाब करने के दौरान) परेशानी महसूस होती है। यूरिन इन्फेक्शन (Urine infection) ब्लैडर के सिकुड़ने के कारण भी होता है। यूरिन इन्फेक्शन के कई कारण हो सकते हैं। देखा जाय, तो महिलाओं को यूरिन इन्फेक्शन की समस्या दोबारा भी हो सकती है। यह ध्यान रखना चाहिए की महिलाओं को यूटीआई की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है। वहीं एक रिसर्च के अनुसार तकरीबन 12 प्रतिशत पुरुषों में कम से कम एक बार यूरिन इन्फेक्शन की समस्या होती है। वहीं पुरुषों में यूरिन इंफेक्शन का खतरा 50 साल की उम्र से ज्यादा होने पर यूटीआई की समस्या शुरू हो सकती है।
इस आर्टिकल के माध्यम से समझने की कोशिश करेंगे की आखिर यूरिन इन्फेक्शन (Urine infection) का आयुर्वेदिक इलाज कैसे किया जाता है? आयुर्वेद के अनुसार यूरिन इन्फेक्शन की समस्या क्यों होती है? और यूरिन इन्फेक्शन का आयुर्वेदिक इलाज होने पर या इलाज के दौरान किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
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आयुर्वेद के अनुसार यूरिन इन्फेक्शन क्या है?
जब किसी भी व्यक्ति को यूरिन पास करने के दौरान दर्द, जलन या कोई अन्य परेशानी महसूस होने की स्थिति को यूरिन इन्फेक्शन (Urine infection) माना जाता है। ऐसा नहीं है की ऐसा सिर्फ आयुर्वेद में माना जाता है बल्कि हर हेल्थ से जुड़े एक्सपर्ट इसे यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन ही मानते हैं।
लक्षण
आयूर्वेद के अनुसार यूरिन इन्फेक्शन के लक्षण क्या हैं?
आयूर्वेद के अनुसार यूरिन इन्फेक्शन (Urine infection) के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं। जैसे:-
पेशाब करने के दौरान जलन महसूस होना- यूरिन इन्फेक्शन (Urine infection) होने के दौरान यूरिन पास करने में परेशानी महसूस होती है और जलन भी महसूस होती है। वैसे देखा जाए तो गर्मियों के मौसम में ऐसी परेशानी ज्यादा हो सकती है। ऐसी परेशानी विशेषकर गोनोरिया (Gonorrhea), प्रोस्टेस्ट (Prostate ) के सामान्य से ज्यादा बढ़ने या कम पानी के सेवन से भी यूरिन इन्फेक्शन की संभावना ज्यादा हो सकती है।
यूरिन में ब्लड आना- ब्लैडर या किडनी से संबंधित परेशानी होने पर यूरिन से ब्लड आने की परेशानी हो सकती है।
गाढ़ा यूरिन होना- यूरिन का गाढ़ा होना या क्लाउडी होना भी यूरिन इन्फेक्शन की संभावना बढ़ा सकता है।
बार-बार पेशाब करना- बार-बार यूरिन होना या ठीक तरह से यूरिन न होने की स्थिति में भी यूरिन इन्फेक्शन (Urine infection) का खतरा ज्यादा रहता है। अगर कोई व्यक्ति बार-बार पेशाब करता है तो उसे ध्यान रखना चाहिए की उन्हें कहीं यूरिन इन्फेक्शन तो नहीं हुआ है।
शरीर का तापमान बढ़ना- कुछ लोगों को या बच्चों में यूरिन इन्फेक्शन की समस्या होने पर शरीर का तापमान सामान्य से ज्यादा बढ़ जाता है।
दर्द- पेल्विस (Pelvis), पेट के निचले हिस्से (Lower abdomen) या बैक पेन (Back pain) होना।
इन ऊपर बताए गए लक्षणों के अलावा अन्य लक्षण भी हो सकते हैं। इसलिए यूरिन से जुड़ी परेशानी महसूस होने पर जल्द से जल्द स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लें।
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कारण
आयूर्वेद के अनुसार यूरिन इन्फेक्शन के कारण क्या हैं?
आयूर्वेद के अनुसार यूरिन इन्फेक्शन (Urine infection) के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं। जैसे:-
- अत्यधिक मसालेदार खाद्य या पेय पदार्थों का सेवन करना
- अत्यधिक नमक का सेवन करना
- पेशाब रोकने की आदत या जब टॉयलेट लगे तो टॉयलेट नहीं करना
- अत्यधिक धूप में रहना
- केमिकल्स या टॉक्सिक फियूमस के संपर्क में ज्यादा रहना
- शारीरिक आवश्यकता से कम पानी का सेवन करना
इन ऊपर बताई गई स्थितियों के अलावा अन्य कारण यूरिन इन्फेक्शन के हो सकते हैं।
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इलाज
यूरिन इन्फेक्शन का आयुर्वेदिक इलाज कैसे किया जाता है?
यूरिन इन्फेक्शन का आयुर्वेदिक इलाज निम्नलिखित तरह से किया जाता है-
यूरिन इन्फेक्शन का आयुर्वेदिक इलाज 1: एनिमा (Enema)
यूरिन इन्फेक्शन (Urine infection) का आयुर्वेदिक इलाज एनिमा के माध्यम से किया जाता है। इसविधि से यूरिनरी ट्रैक को क्लीन (साफ) किया जाता है। दरअसल एनिमा विधि से यूरिनरी ट्रैक में होने वाले ब्लॉकेज को समापत किया जाता है। एनिमा से आंतों की सफाई के दौरान इंजेक्शन की मदद से मल द्वार (Anus) तेल डाला जाता है और तकरीबन पांच से आठ मिनट के बाद यह तेल वापस आ जाता है। इस मेथड से यूरिन इन्फेक्शन की समस्या दूर होने के साथ-साथ कब्ज की परेशानी भी दूर हो सकती है। यही नहीं एनिमा मेथड से प्राइवेट पार्ट का पीएच लेवल बैलेंस रहता है, मांसपेशियां टोन होती हैं और आयुर्वेद में यह भी कहा गया है की इस मेथड से पुरानी से पुरानी यूरिनरी ट्रैक इन्फेक्शन की समस्या दूर हो सकती है।
यूरिन इन्फेक्शन का आयुर्वेदिक इलाज 2: यूथरा वास्ति (Uthara vasthi)
यूथरा वास्ति की मदद विशेष रूप से पुरानी या गंभीर यूरिनर इन्फेक्शन की समस्या होने पर की जाती है। यूथरा वास्ति मेथड के दौरान यूरेथ्रल रूट (Urethral route) से यूरिनरी ब्लैडर (Urinary bladder) पर दवा लगाई जाती है। यह काफी लाभकारी माना जाता है लेकिन, इसका प्रयोग आयुर्वेदिक एक्सपर्ट पेशेंट को अगर परेशानी ज्यादा होती है तभी इसका प्रयोग करते हैं।
यूरिन इन्फेक्शन का आयुर्वेदिक इलाज 3: विरेचना या मेडिकेटेड पुर्गेशन (Virechana or Medicated purgation)
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) के अनुसार यूरिन इन्फेक्शन की समस्या को दूर करने के लिए विरेचना (मेडिकेटेड पुर्गेशन) तकनीक अपनाई जाती है। इस मेथड के दौरान इन्फेक्शन दूर करने के लिए हर्बल पद्धति (Herbal purgatives) अपनाई जाती है, जिससे ब्लॉकेज को दूर किया जाता है।
यूरिन इन्फेक्शन का आयुर्वेदिक इलाज ऊपर बताई गई इन खास तीन मेथड से की जाती है। इन पद्धतियों के साथ-साथ यूरिन इन्फेक्शन का आयुर्वेदिक इलाज कुछ विशेष हर्बल दवाओं से भी क्या जा सकता है।
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यूरिन इन्फेक्शन का आयुर्वेदिक इलाज किन-किन दवाओं से किया जा सकता है?
यूरिन इन्फेक्शन का आयुर्वेदिक इलाज निम्नलिखित दवाओं से किया जा सकता है। इन दवाओं में शामिल है:-
- चंद्रप्रभावटी (Chandraprabhavati)
- गोकशुरादी गुगुलु (Gokshuradi Guggulu)
- गोक्षुरा (Gokshura)
- शतावरी
- चूर्णा (Churna)
- सिरप नीरी (Syrup Neeri)
- सिरप शिता सुधा (Syrup Shita Sudha)
- पाथ्य आहार (Pathya Aahar)
एक रिसर्च के अनुसार ऊपर बताई गई दवाओं से केसन से यूरिन इन्फेक्शन की परेशानी से राहत मिल सकती है। लेकिन, इन दवाओं का सेवन अपनी इच्छा अनुसार नहीं करना चाहिए। इसलिए आयुर्वेदिक एक्सपर्ट्स से पहले अपनी परेशानी साझा करें और फिर उनके द्वारा दी गई हिदायत का नियमपूर्वक पालन करें।
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जीवन शैली
यूरिन इन्फेक्शन का आयुर्वेदिक इलाज के साथ-साथ कैसी हो पेशेंट की जीवन शैली?
यूरिन इन्फेक्शन का आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic treatment for Urine infection) के साथ-साथ यूरिन इन्फेक्शन की समस्या से परेशान लोगों को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे:-
- ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करना चाहिए। गर्मियों के मौसम में ढ़ाई से तीन लीटर पानी का सेवन करना लाभकारी होता है।
- कॉटन (सूती) और ढ़ीले अंडरगार्मेंट पहनना चाहिए। सिंथेटिक कपड़े पहनने से बचें।
- स्नान के बाद प्राइवेट पार्ट्स को अच्छी तरह से ड्राय करना चाहिए।
- गीले कपड़े नहीं पहनने चाहिए।
- महिलाओं को यूरिन इन्फेक्शन से बचने के लिए विशेष ख्याल रखना चाहिए और पीरियड्स के दौरान विशेष हाइजीन फॉलो करना बेहद आवश्यक होता है।
- अत्यधिक स्पाइसी खाने से बचना चाहिए।
- पेशाब रोकने की आदत को दूर करना चाहिए।
- टॉयलेट क्लीन रखें।
- टॉयलेट के बाद पानी और टिशू पेपर की मदद से फ्रंट टू बैक वाइप करना न भूलें।
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यूरिन इन्फेक्शन का आयुर्वेदिक इलाज होने के साथ-साथ किये जाने वाले योगासन-
योग से जुड़े जानकारों की माने तो निम्नलिखित योग करने से यूरिन इंफेक्शन (Urine infection) की समस्या से छुटकारा मिल सकता है या इस परेशानी को दूर रखा जा सकता है। जैसे:-
- भुजंगासन
- सूर्य नमस्कार
- धनुरासन
अगर आप पहले कभी योग नहीं किये हैं, तो ऐसी स्थिति में योग एक्सपर्ट से इन योगासन को समझें और उनके समक्ष योग करें। अगर योगासन के दौरान कोई परेशानी होती है, तो योग न करें और अपनी परेशानी अपने आयुर्वेद एक्सपर्ट को बतायें।
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घरेलू उपाय
यूरिन इन्फेक्शन का आयुर्वेदिक इलाज के साथ-साथ समझें क्या हैं घरेलू उपाय?
अगर किसी व्यक्ति को यूरिन इन्फेक्शन (Urine infection) की समस्या होती है, तो निम्नलिखित घरेलू उपाय किये जा सकते हैं। जैसे:-
पानी- रोजाना तरल पदार्थों का सेवन जैसे पानी और जूस का सेवन करें। एक अडल्ट व्यक्ति को रोजाना दो से तीन लीटर पानी का सेवन करना चाहिए।
हर्बल टी- स्वास्थ्य विशेषज्ञों की माने तो कैमोमाइल टी, पेपरमेंट टी या मिंट टी के सेवन से यूटीआई की परेशानी दूर हो सकती है। इन हर्बल चाय के साथ-साथ ग्रीन टी का भी सेवन किया जा सकता है। लेकिन, इन हर्बल टी के सेवन से पहले हेल्थ एक्सपर्ट से जरूर सलाह लें और फिर इसका सेवन करें। क्योंकि जरूरत से ज्यादा सेवन नुकसानदायक हो सकता है।
क्रैनबेरी- क्रैनबेरी या क्रैनबेरी जूस के सेवन से यूरिन इन्फेक्शन की परेशानी से बचा जा सकता है। दरअसल क्रैनबेरी में मौजूद फ्लेवोनॉयड, एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, विटामिन-सी के साथ-साथ फायबर जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो यूरिन इन्फेक्शन की परेशानी को दूर करने में सहायक होता है।
खीरा- खीरे के सेवन से शरीर में पानी की कमी नहीं होती है। इसलिए इसका सेवन करना भी लाभकारी हो सकता है।
डेयरी प्रोडक्ट- रोजाना छांछ या दही का सेवन करें। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार इनके नियमित सेवन से शरीर में पैदा होने वाले बैड बैक्टीरिया को दूर किया जा सकता है।
इन घरेलू उपाय को अपनाकर यूरिन इन्फेक्शन की समस्या से बचना आसान हो सकता है लेकिन, यूरिन इन्फेक्शन को अगर नजरअंदाज किया जाए तो यह परेशानी कई अन्य शारीरिक परेशानी को दावत दे सकती है। ध्यान रखें की यूरिन इंफेक्शन की समस्या होने पर इसका नकारात्मक असर सबसे पहले किडनी पर पड़ता है जिससे क्रोनिक किडनी की समस्या शुरू हो सकती है। यूरिन इन्फेक्शन की परेशानी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी हो सकती है। इसलिए टॉयलेट को हमेशा क्लीन रखें।
अगर आप यूरिन इन्फेक्शन (Urine infection) का आयुर्वेदिक इलाज से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।