परिचय
अनिद्रा क्या है?
अनिद्रा एक सामान्य स्लीप डिसऑर्डर है जिसमें व्यक्ति को नींद आने में कठिनाई होती है या सोने के कुछ ही देर बाद ही नींद खुल जाती है और दोबारा नहीं आती है। साथ ही सुबह उठने पर थकान महसूस होती है। अनिद्रा की समस्या न सिर्फ शरीर की ऊर्जा घटा देती है बल्कि व्यक्ति का मूड भी खराब रहता है और कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। वयस्कों को रात में 7 से 8 घंटे की नींद की आवश्यकता होती है। लेकिन ज्यादातर वयस्क एक्यूट इंसोम्निया से ग्रसित होते हैं जो कुछ दिन या कुछ हफ्तों तक रहती है।
जबकि कुछ लोग क्रोनिक इंसोम्निया से पीड़ित होते हैं जो महीनों या इससे ज्यादा समय तक बनी रहती है। अगर समस्या ज्यादा बढ़ जाती है तो आपके लिए गंभीर स्थिति बन सकती है । इसलिए इसका समय रहते इलाज जरूरी है। इसके भी कुछ लक्षण होते हैं ,जिसे ध्यान देने पर आप इसकी शुरूआती स्थिति को समझ सकते हैं।
इस बारे में डॉण् प्रीतम मून, सलाहकार चिकित्सक, वॉकहार्ट अस्पताल, कहना है कि अपनी नींद के लेकर अक्सर लोग गलती करते हैं। अनिद्रा होने के कई कारण हो सकते हैं।अनिद्रा एक आम बीमारी है जिससे किसी भी उम्र के लोग पीड़ित हो सकते हैं। इस बीमारी से वयस्क पुरुषों की अपेक्षा वयस्क महिलाएं सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं। दुनिया भर में लाखों लोग अनिद्रा से पीड़ित हैं और सबके अपने अलग कारण हैं। भारी संख्या में वयस्क अनिद्रा से पीड़ित हैं जिससे उन्हें कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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लक्षण
अनिद्रा के क्या लक्षण है?
अनिद्रा की समस्या से पीड़ित व्यक्ति को पर्याप्त नींद नहीं आती है जिसके कारण शारीरिक समस्याएं उत्पन्न होती हैं। नींद लेने के लिए कई बार व्यक्ति को दवा लेनी पड़ती है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों में ये लक्षण सामने आते हैं :
- सुबह जल्दी नींद खुलना
- थकान
- नींद न आना
- मूड बदलना
- चिड़चिड़ापन
- बेचैनी
- रात में नींद खुल जाना
- दिनभर नींद ना आना
- एकाग्र होने में कठिनाई
- डिप्रेशन और चिंता
- सिरदर्द
- भारीपन
- कब्ज
प्रत्येक व्यक्ति में अनिद्रा के अलग-अलग लक्षण दिखायी देते हैं। नींद न आने की समस्या से दिन भर शरीर में सुस्ती बनी रहती है और व्यक्ति रिफ्रेश महसूस नहीं कर पाता है।
मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
ऊपर बताएं गए लक्षणों में किसी भी लक्षण के सामने आने के बाद आप डॉक्टर से मिलें। यदि अनिद्रा के कारण दिन में काम करने में परेशानी होती है तो जल्द ही अपने डॉक्टर को दिखाएं। स्लीप डिसऑर्डर से पीड़ित होने पर डॉक्टर मरीज को विशेष जांच के लिए स्लीप सेंटर भेजते हैं। हर किसी के शरीर पर अनिद्रा अलग प्रभाव डाल सकती है। इसलिए किसी भी परिस्थिति के लिए आप डॉक्टर से बात कर लें।
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कारण
अनिद्रा होने के कारण क्या है?
हर व्यक्ति को अलग अलग कारणों से अनिद्रा की समस्या होती है। डिप्रेशन और तनाव के कारण नींद न आना आम बात है। इसके अलावा लड़ाई, झगड़ा, शरीर में दर्द, नाइट शिफ्ट, अधिक सर्दी या गर्मी, एलर्जी, अस्थमा, उच्च रक्तचाप और दवाओं का सेवन करने से अनिद्रा की समस्या उत्पन्न हो जाती है। कुछ व्यक्तियों में नींद न आने का कारण इससे अलग भी हो सकता है। कई बार यह क्रोनिक फटीग सिंड्रोम का लक्षण भी हो सकता है।
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जोखिम
अनिद्रा के साथ मुझे क्या समस्याएं हो सकती हैं?
अनिद्रा की समस्या व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रुप से प्रभावित करती है। पर्याप्त नींद लेने वालों की अपेक्षा अनिद्रा से पीड़ित व्यक्ति की लाइफ क्वालिटी खराब होती है। यही नहीं अनिद्रा के कारण उसके काम करने की क्षमता पर भी असर पड़ता है। व्यक्ति को डिप्रेशन, चिंता,उच्च रक्तचाप, हृदय रोग,यादाश्त कमजोर होना सहित कई स्वास्थ्य समस्याएं होने का जोखिम रहता है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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उपचार
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
अनिद्रा का निदान कैसे किया जाता है?
अनिद्रा का पता लगाने के लिए डॉक्टर शरीर की जांच करते हैं और मरीज का चिकित्सा इतिहास भी देखते हैं। इसके अलावा मरीज से उसके स्लीप पैटर्न से जुड़े कुछ सवाल पूछे जाते हैं और एक हफ्ते तक डायरी में अपने स्लीप पैटर्न को नोट करने की सलाह दी जाती है। इस बीमारी को जानने के लिए कुछ टेस्ट कराए जाते हैं :
- ब्लड टेस्ट-अनिद्रा से जुड़ी थॉयरायड और अन्य बीमारियों का पता लगाने के लिए यह जांच की जाती है।
- पॉलीसोम्नोग्राफ-यह पूरी रात चलने वाला एक स्लीपिंग टेस्ट है जो स्लीप पैटर्न को रिकॉर्ड करता है।
- एक्टिग्राफी-यह एक डिवाइस है जिसे मरीज की कलाई में पहनाकर उसके सोने और जागने के पैटर्न को मापा जाता है।
इसके अलावा मरीज को कुछ दिन तक स्लीप सेंटर में रखकर उसके मानसिक विकारों की जांच की जाती है और अनिद्रा के लक्षण को नोटिस किया जाता है। जरुरत पड़ने पर परिवार के सदस्यों से बात की जाती है ताकि ये पता चल सके कि परिवार के कौन लोग इस बीमारी के शिकार हैं।
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अनिद्रा का इलाज कैसे होता है?
अनिद्रा का कोई सटीक इलाज नहीं है। लेकिन, कुछ थेरिपी और दवाओं से व्यक्ति में अनिद्रा के लक्षणों को कम किया जाता है। डॉक्टर आमतौर पर नींद की दवाओं पर कुछ हफ्तों से अधिक समय तक निर्भर रहने की सलाह नहीं देते हैं। लेकिन कुछ दवाएं ऐसी हैं जिन्हें लंबे समय तक यूज किया जा सकता है। अनिद्रा के लिए निम्न मेडिकेशन की जाती है :
- एस्जोपिक्लोन (Eszopiclone)
- रामेल्टन (Ramelteon)
- जैलेप्लोन (Zaleplon)
- जोल्पिडेम (Zolpidem)
इस दवाओं का साइड इफेक्ट भी हो सकता है इसलिए इन दवाओं का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से संभावित दुष्प्रभाओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर लें।
इसके अलावा मरीज को थेरिपी दी जाती है जिसमें उसे बिस्तर पर जाने से कुछ देर पहले ब्रीदिंग एक्सरसाइज करने और चिंता को कम करने की सलाह दी जाती है। कुछ मरीजों को बिस्तर पर मोबाइल फोन या लैपटॉप का इस्तेमाल न करने की सलाह दी जाती है और जीवनशैली बेहतर बनाने के लिए कहा जाता है।
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घरेलू उपचार
जीवनशैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो मुझे अनिद्रा को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?
अगर आपको अनिद्रा की समस्या है तो आपके डॉक्टर आपको पर्याप्त एक्सरसाइज करने के साथ ही पोषक तत्वों से भरपूर आहार के बारे में बताएंगे। इसके साथ ही पर्याप्त पानी पीने और रात में सोने से पहले चॉय, कॉफी एवं कार्बोनेटेड पेय पदार्थों से परहेज करने की सलाह दी जाती है। मरीज को निम्न फूड्स खाने की सलाह दी जाती है:
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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