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Biceps Rupture: बाइसेप्स रप्चर क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय

के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya


Siddharth srivastav द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/10/2020

Biceps Rupture: बाइसेप्स रप्चर क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय

परिचय

बाइसेप्स रप्चर क्या है?

क्या आपको पता है कि आपके द्वारा हुई एक छोटी सी गलती की वजह से आपको बाइसेप्स रप्चर यानी टूटे हुए कंधे की समस्या हो सकती है? बाइसेप्स एक ऐसी प्रकार की मांसपेशी होती है जो आपके ऊपरी भुजा से शुरू होती है। यह आपके कंधे के हड्डियों और कोहनी के द्वारा कंधे से जुड़ी होती है। अगर आप जिम में भारी वेटलिफ्टिंग या ऐसा कोई मूवमेंट करते हैं जिसकी वजह से उस क्षेत्र पर अत्यधिक दबाव पड़ता हैं, तो यह बाइसेप्स रप्चर की स्थिति का कारण बन सकता है।

बाइसेप्स रप्चर दो प्रकार के हो सकते हैं, जिससे आप और हम परेशान हो सकते हैं:

  • पूरी तरह से टूटना– जब कंधे दो हिस्सों में टूट जाते हैं, तो उसकी वजह से हमे बहुत ज्यादे दर्द का सामना करना पड़ सकता है।
  • हल्की चोट– इस स्थिति में बाइसेप्स को हल्की चोट पहुंचती है, लेकिन टेंडन पूरी तरह से टूटता नहीं है। इसे हम गुम चोट भी कह सकते हैं।

विभिन्न प्रकार के टूटे हुए बाइसेप्स में, कंधे से जुड़ी हुई मांसपेशियों में सबसे अधिक बाइसेप्स के टूटने का अनुभव हो सकता है। अचानक ही बाइसेप्स (मांसपेशियां) टेंडन हड्डी से अलग हो जाते हैं जिसकी वजह से असहनीय दर्द और सूजन की समस्या हो सकती है। बाइसेप्स के टूटने की घटना अक्सर खिलाड़ियों, जिम में हैवी वर्कआउट करने वालों और वजनदार वस्तु उठाने वाले लोगों में देखी जा सकती है।

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कारण

बाइसेप्स रप्चर का क्या कारण हैं?

बाइसेप्स रप्चर के निम्न कारण हो सकते हैं, जिसमें शामिल हैंः

लम्बे समय तक कंधे में लगी चोट को नजरअंदाज करना

बाइसेप्स टूटने का मुख्य कारण लम्बे समय तक कंधे में लगी चोट को नजरअंदाज करना हो सकता है।

कंधे पर अधिक दबाव डालना

अगर आप अपने कंधे पर निरंतर दबाव डाल रहे हैं, तो बाइसेप्स की मांसपेशी समय के साथ-साथ कमजोर हो सकती है। मांसपेशियों का अधिक उपयोग करने से टेंडिनाइटिस की स्थिति (मांसपेशियों को जोड़ने वाली ऊतक के लिए हड्डी की सूजन) और रोटेटर कफ में चोट की समस्या हो सकती है, जो आगे चल कर टूटे हुए बाइसेप्स का कारण भी बन सकता है।

कंधे के बल पर गिरना

बाहों के बल गिरने पर भी आपके कंधे को चोट पहुंच सकती है, जिसके कारण आपका बाजू टूट सकता है।

बढ़ती उम्र

बाइसेप्स रप्चर का एक अन्य कारण एजिंग है। बढ़ती उम्र के कारण हड्डियां और मांसपेशिंया कमजोर होने लगती है। ऐसे में किसी भी तरह के शारीरिक कार्य के कारण बाइसेप्स रप्चर की समस्या हो सकती है। इसीलिए ऐसे व्यक्ति जिनकी उम्र 50 साल से अधिक है, उन्हें बहुत ज्यादा भारी वस्तु उठाने से बचना चाहिए।

स्टेरॉयड का प्रभाव

कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स (Corticosteroid) जैसे कुछ स्टेरॉयड भी सीधे तौर पर मांसपेशियों और टेंडन की कमजोरियों के मुख्य कारण होते हैं।

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लक्षण

बाइसेप्स रप्चर के लक्षण क्या हैं?

जब आप टूटे हुए बाइसेप्स से पीड़ित रहते हैं, तो आपको निम्न लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है, जैसे कि:

  • चोट लगने पर एक “पॉप’ या सनसनी आवाज होना
  • चोट के आसपास गर्मी महसूस होना
  • सूजन होना
  • त्वचा का नीला पड़ जाना
  • जहां चोट लगा है वहां पर दर्द होना, (आमतौर पर पहले सामान्य और कुछ हफ्तों के बाद दर्द गंभीर हो जाना)
  • हाथ का कमजोर होना
  • अपनी हथेली को मोड़ने में कठिनाई होना
  • जब आप दोहरी गतिविधि करते हैं, तो आपके हाथ में थकान या दर्द बढ़ जाता है
  • आपके ऊपरी बांह में उभार होना
  • आप अपनी कोहनी के सामने एक गैप या इंडेंटेशन भी देख सकते हैं।

इसके अलावा भी कई कारण हो सकते हैं, जिनके बारे में यहां नहीं बताया गया है। अगर आपको निम्न में से या कंधे से जुड़ी अन्य समस्याओं के लक्षण दिखाई देते हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करनी चाहिए।

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निदान

बाइसेप्स रप्चर का निदान कैसे किया जाता है?

एक टूटे या फटे हुए बाइसेप्स का निदान करने के लिए, आपका डॉक्टर सबसे पहले आपके मेडिकल हिस्ट्री के बारे में जानकारी ले सकते हैं। इसके बाद आपके द्वारा महसूस किये जा रहे लक्षणों के बारे में आपसे सवाल-जवाब कर सकते हैं। फिर आपके द्वारा बताए गए लक्षणों के तौर पर वे आपके हाथ और उसके सामान्य कार्यों की जांच करेंगे। साथ ही, वे आपके हाथ की गति और शक्ति का परीक्षण करने के लिए एक शारीरिक परीक्षण भी कर सकते हैं। इन परीक्षणों के दौरान, वे देखेंगे कि क्या आपको कुछ मूवमेंट को करने में दर्द या कठिनाई तो नहीं हो रही है। विशेष रूप से जब आप हाथ को ऊपर-नीचे की तरफ करते हैं या गोल-गोल घुमाते हैं।

आपके स्वास्थ्य इतिहास और शारीरिक परीक्षण बाइसेप्स रेप्चर या टियर का निदान करने के लिए कारगर साबित हो सकता है। हालांकि, आपके डॉक्टर किसी भी हड्डी के चोटों को देखने के लिए एमआरआई या एक्स-रे कराने की भी सलाह दे सकते हैं। ताकि, आपके परिणामों के आधार पर वे आपके लिए उचित उपचार की सलाह दे सकें।

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इलाज

बाइसेप्स रप्चर का इलाज कैसे किया जा सकता है?

बाइसेप्स रप्चर का उपचार ज्यादातर इस बात पर निर्भर कर सकता है कि टियर कितना गंभीर है। इसके साथ ही आपके डाक्टर आपके बाइसेप्स के फंक्शन और आपके रोटेटर कफ की जांच करने के बाद इलाज के लिए संभावित उपचार विधियों का प्रयोग कर सकते हैं। जिनमे निम्न विधियां शामिल हो सकते हैं:

आराम करें

हमें इस परिस्थिति में व्यायाम करने, भारी वजन उठाने से बचना चाहिए। जितना संभव हो सके अपने हाथ को आराम देना चाहिए। ताकि वह पहले की तरह ही ठीक से काम कर सके। खासकर अगर आप चोट लगने के बाद भी एहतियात नहीं बरतते हैं, तो वह दर्द का कारण भी बन सकता है और भविष्य में जोखिम को बढ़ा सकता है।

एनएसएआईडी 

नॉनस्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लामेट्री ड्रग (Nonsteroidal anti-inflammatory drug (NSAIDs) ओवर-द-काउंटर ये वह दवाएं हैं, जो सूजन को कम करने में मदद कर सकती हैं। अगर आपके लक्षण सामान्य हैं तो इसका उपचार करने के लिए आपके डॉक्टर इन दावओं के सेवन की सलाह दे सकते हैं। जो दर्द और सूजन को कम करने  में मदद कर सकती हैं। हालांकि, अगर इसके बाद भी आपकी समस्या बनी रहती है, तो वे सर्जरी या अन्य विधियों की भी सिफारिश कर सकते हैं।

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भौतिक चिकित्सा

शारीरिक उपचार यानी फिजिकल थेरिपी के मदद से आप अपने कंधे की मजबूती को वापस से पा सकते हैं। आपके भौतिक चिकित्सक (physical therapist) आपकी चोट को ठीक करने और दर्द को दूर करने में मदद करने के लिए रोग से सम्बन्धित व्यायाम के कुछ स्टेप्स आपको बता सकते हैं। इन एक्सरसाइज की मदद से आप अपने हाथ के मूवमेंट को पहले की ही तरह बेहतर बना सकेंगे।

सर्जरी

यदि उपरोक्त उपायों में से कोई भी उपाय आपके टूटे हुए बाजू की चोट को ठीक करने में मदद नहीं करता है, या यदि आधे से अधिक बाइसेप्स अभी भी छतिग्रस्त है तो, आपके डॉक्टर टूटे हुए बाजू को ठीक करने के लिए सर्जरी की सलाह आपको दे सकते हैं।

कई डॉक्टर बाइसेप्स टियर के लिए प्राथमिक रूप से उपचार के रूप में सर्जरी की सलाह देते हैं। हालांकि सर्जरी बाद में भी की जा सकती है यदि अन्य उपचार के माध्यमो से आपके हाथ की गति और शक्ति वापस नही आ सकी है तो। हड्डी में रेप्चर को फिर से जोड़ने के लिए सर्जरी का उपयोग किया जाता है। लेकिन सर्जरी की जटिलताओं को भी अनदेखा नही किया जा सकता है, जिसमें हाथ की सुन्नता या कमजोरी शामिल हो सकती है। कुछ लोगों में तो रेप्चर की सर्जरी फिर से करनी पड़ जाती है।

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रिकवरी टाइम

बाइसेप्स रप्चर से उभरने में कितना समय लगता है?

बाइसेप्स रप्चर के रिकवरी का समय टूटे हुए बाजू की गंभीरता के साथ-साथ उसके उपचार के प्रकार पर निर्भर कर सकता है। यहां तक कि हल्की चोटों को ठीक होने में भी कम से कम दो महीने तक का समय लग सकता है। और सामान्य गतिविधियों को वापस लौटने में चार से पांच महीने तक का समय लग सकता है।

सर्जरी के बाद, आपको संभवतः अपने हाथ को स्थिर रखने के लिए एक गोफन पहनना होगा और अपने हाथ को फिर से मजबूत करने और उसकी गति की सीमा में सुधार करने में मदद करने के लिए भौतिक चिकित्सा और उसका अभ्यास (व्यायाम) करना होगा।

सर्जरी की सहायता से आपको पूरी तरह से ठीक होने में एक साल तक का समय लग सकता है, हालांकि अधिकांश लोग अपनी लगन की वजह से चार से छह महीनों में काफी हद तक ठीक हो जाते हैं।

इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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