परिचय
ब्रोकन लेग या पैर में चोट क्या है?
पैर में चोट या ब्रोकन लेग होने के बाद उसका फ्रैक्चर होना सामान्य बात है। ऐसी घटना पैर में चोट दुर्घटना या गिरने से हो सकती है (जिसे फ्रैक्चर भी कहा जाता है)। इस सामान्य चोट के लिए तुरंत चिकित्सा की आवश्यकता होती है और यह गंभीर भी हो सकता है। टूटे हुए पैर की गंभीरता अलग-अलग हो सकती है, इसलिए यदि आपको लगता है कि आपका पैर टूट (ब्रोकन लेग) गया है, तो अपने चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें।
टूटी हुई टांग (लेग फ्रैक्चर) आपके पैर की हड्डियों में एक या एक से अधिक में ब्रेक या दरार की स्थिति को कहा जाता है। टूटे हुए पैर का उपचार चोट के स्थान और उसकी गंभीरता के आधार पर निर्भर कर सकता है। गंभीर रूप से टूटे हुए पैर को उपचार के दौरान टूटी हुई हड्डी में उपकरणों को ट्रांसप्लांट करने की प्रक्रिया भी अपनाई जा सकती है। इस दौरान कास्ट या स्प्लिंट की प्रक्रिया भी अपनाई जा सकती है।
और पढ़ें : पैरों में सूजन से राहत पाने के लिए अपनाएं ये असरदार घरेलू उपाय
ब्रोकन लेग के लक्षण
टूटे हुए पैर या ब्रोकन लेग के क्या लक्षण हो सकते हैं?
टूटे हुए पैर या ब्रोकन लेग के सबसे आम लक्षणों में शामिल हैं:
ब्रोकन लेग के लक्षण निम्नलिखित हैं:
- दर्द
- चोट
- प्रभावित हिस्से में कोमलता
- सूजन
- चलने या पैर पर वजन डालने में समस्या
- विकृति होना, जैसे कि स्किन के बाहर टूटी हुई हड्डी का बाहर आ जाना या चलने पर पैर का गलत तरीके से मुड़ जाना
हो सकता है आपके लक्षण ऊपर बताए गए लक्षणों से अलग हो सकते हैं, लेकिन ब्रोकन लेग के आम लक्षण दर्द, चोट और सूजन है।
और पढ़ें : अचानक दूसरों से ज्यादा ठंड लगना अक्सर सामान्य नहीं होता, ये है हाइपोथर्मिया का लक्षण
ब्रोकन लेग और पैर में मोच आने में अंतर क्या है?
यदि आपका पैर फ्रैक्चर हो गया है या उसमें आ गई है, तो आपको यह समझने में परेशानी हो सकती है कि पैर में मोच है या पैर फ्रैक्चर है। दरअसल, ये दोनों स्थितियां सामान्य है। इसलिए, इनके लक्षण ओवरलैप होते हैं। हालांकि, टूटा हुआ पैर मोच वाले पैर की तुलना में ज्यादा कष्टदायक होता है। ब्रोकन लेग का दर्द लंबे समय तक रहता है। अगर आपका पैर फ्रैक्चर हो गया है, तो सबसे मुख्य लक्षण के रूप में पैर का नीला पड़ना, सूजन और प्रभावित हिस्से का कोमल पड़ना दिखाई दे सकता है।
इसके अलावा ब्रोकन लेग और मोच वाले पैर के बीच अंतर जानने का एक और तरीका है, इंजरी के दौरान बॉडी द्वारा की जाने वाली आवाज। अगर किसी व्यक्ति को मोच आई है, तो एक पॉपिंग साउंड सुनाई दे सकती है। और यदि पैर फ्रैक्चर है, तो आपको एक कर्कश सी आवाज सुनाइ दे सकती है। लेकिन, ध्यान रखें कि सभी फ्रैक्चर और मोच लगने में आवाज नहीं आती है। पैर टूट जाए या मोच आने पर डॉक्टर को दिखाने और एक्स-रे करवाने की जरूरत होती है। एक्स-रे से ही पैर के फ्रैक्चर की स्थिति देखने में मदद मिलती है।
और पढ़ें : बच्चों की स्ट्रॉन्ग हड्डियों के लिए अपनाएं ये 7 टिप्स
[mc4wp_form id=’183492″]
डॉक्टर को कब दिखाएं?
अगर आपको पैर टूटने के कोई भी लक्षण दिखाई दे तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं। देरी करने से ब्रोकन लेग के लक्षण बदतर हो सकते हैं। यदि समय रहते चोट का इलाज न किया जाए तो आगे जाकर कोई गंभीर समस्या भी जन्म ले सकती है। इसके अलावा पैर में इंफेक्शन भी हो सकता है या आपके पैर के शेप में भी स्थायी परिवर्तन हो सकते हैं।
निम्नलिखित मामलों में डॉक्टर से सम्पर्क करें यदि:
- आपके लक्षण बदतर हो जाते हैं।
- पैर में दर्द और सूजन बढ़ती जाती है।
- आपको पैर में सुन्नता या पैरों में ब्लड सर्कुलेशन की समस्या लगे।
- पैरों का नीला या ठंडा पड़ जाना।
- आपका पैर गलत तरीके से मुड़ गया है।
- आप एकदम भी पैदल नहीं चल सकते/खड़े नहीं हो सकते हैं।
- अगर प्रभावित हिस्से या चोट के चारों ओर रेडनेस या लाल लकीरें दिखें, जो कि एक इंफेक्शन का लक्षण हो सकता है।
यहां तक कि अगर आपके लक्षण गंभीर नहीं हैं, तो भी डॉक्टर को दिखाना जरूरी है। कुछ लोगों को फ्रैक्चर के बाद हो सकता है कि गंभीर दर्द और स्वेलिंग न लेकिन फिर भी चोट लगने पर उपचार की आवश्यकता होती है।
और पढ़ें : Back Pain : क्या है पीठ दर्द ? जानें लक्षण, कारण और उपाय
जोखिम
टूटे हुए पैर या ब्रोकन लेग के जोखिम क्या हो सकते हैं?
आप इन कारणों से अधिक जोखिम में पड़ सकते हैं, अगर आप:
- टेनिस, बास्केटबॉल, जिम्नास्टिक और फ़ुटबॉल खेलने जैसी गतिविधियों में एन्वॉल्व हैं। इससे मसल्स पर पड़ने वाले तनाव, इंजरी के कारण हो सकता है।
- कभी-कभी खराब फिटिंग के जूते या घिसे हुए जूते भी आप फ्रैक्चर की वजह बन सकते हैं क्योंकि इससे चलने में परेशानी के चलते आप गिर सकते हैं।
- वार्मिंग और स्ट्रेचिंग उचित ठंग से न करने के कारण भी पैरों में चोट लग सकती है।
- एक प्रशिक्षित एथलीट या कोई ऐसा व्यक्ति जो वर्कआउट करना शुरू किया हो, अचानक आपके वर्कआउट की अवधि को बढ़ाना उसके फ्रैक्चर के जोखिम को बढ़ा सकता है।
- पैर पर कुछ भारी वजन गिरने से भी पैर में फ्रैक्चर का जोखिम बढ़ सकता है
- बोन डेंसिटी में कमी (ऑस्टियोपोरोसिस) के चलते भी पैर की हड्डियों में इंजरी का खतरा बढ़ सकता है।
और पढ़ें : मांसपेशियां बनाने के दौरान महिलाएं करती हैं यह गलतियां
जटिलताएं
टूटे हुए पैर की जटिलताएं असामान्य हैं लेकिन इसमें कुछ रिस्क्स शामिल हो सकते हैं:
गठिया
जॉइंट में फ्रैक्चर से कई सालों के बाद अर्थराइटिस की समस्या पैदा हो सकती है।
हड्डी में संक्रमण (ऑस्टियोमाइलाइटिस)
यदि हड्डी टूटकर त्वचा के बाहर आ जाती है तो बोन्स बैक्टीरिया के संपर्क में आ सकती है जो इंफेक्शन का कारण बनती है।
नस (Nerve) या रक्त वाहिका क्षति (blood vessel damage)
पैर में इंजरी नसों और ब्लड वेस्ल्स को नुकसान पहुंचा सकती है। यदि आप किसी सुन्नता या रक्त परिसंचरण समस्याओं को महसूस करते हैं तो तत्काल ध्यान दें।
और पढ़ें : आर्म्स टोन करने के लिए 6 बेस्ट ट्राइसेप एक्सरसाइज
निदान
ब्रोकन लेग के निदान कैसे किया जाता है?
डॉक्टर ब्रोकन लेग के निदान के लिए आपकी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पूछ सकता है और साथ ही एक शारीरिक परीक्षा करेगा। डॉक्टर को आपको थोड़ा सा चलने के लिए भी कह सकते हैं। इसके साथ ही डॉक्टर फ्रैक्चर की जांच के लिए कई प्रकार के इमेजिंग परीक्षण के लिए भी कह सकते हैं। जैसे-
- एक्स-रे
- हड्डी का स्कैन
- सीटी स्कैन
- एमआरआई स्कैन
एक्स-रे फ्रैक्चर हुए पैर का निदान करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सबसे आम तकनीक है। स्ट्रेस फ्रैक्चर के लिए बोन स्कैन और अन्य इमेजिंग परीक्षण आवश्यक हो सकते हैं।
और पढ़ें : बाइसेप्स के लिए 5 आसान एक्सरसाइज
उपचार
ब्रोकन लेग का उपचार कैसे किया जाता है?
फ्रैक्चर की स्थिति और गंभीरता के अनुसार ट्रीटमेंट की सलाह दी जाती हैं। दर्द से निजात पाने के लिए डॉक्टर आपको आराम और मेडिसिन लेने की सलाह दे सकते हैं। फ्रैक्चरड पैर के लिए कास्ट, ब्रेस या स्पेशल बूट भी पहना जा सकता है। अधिक गंभीर मामलों में, सर्जरी की जरूरत हो सकती है। टूटे हुए पैर के सामान्य उपचारों में शामिल हैं:
- दर्द निवारक ओवर-द-काउंटर दवाएं
- रेस्ट
- ब्रेस, बूट, कास्ट, स्प्लिंट या विशेष जूता पहनें
- बैसाखी या व्हीलचेयर का उपयोग करना
- हड्डियों को उन्हें वापस जगह में लाने के लिए पिंस या प्लेटों को डालने के लिए सर्जरी
और पढ़ें : स्पाइनल कॉर्ड इंजरी को न करें अनदेखा, जानें क्यों जरूरी है इसका सही समय पर इलाज
पैर की चोट का ठीक होने में कितना समय लग सकता है?
टूटा हुआ पैर कब तक ठीक होगा यह उसकी गंभीरता पर निर्भर करता है। ज्यादातर पैरों के फ्रैक्चर को ठीक होने में 6 से 8 सप्ताह लगते हैं। हीलिंग का समय सबके लिए अलग-अलग होता है, इसलिए अपने डॉक्टर से पूछें कि आप सामान्य गतिविधियों को करना कब से शुरू कर सकते हैं।
ज्यादातर टूटा हुआ पैर पूरी तरह से ठीक हो जाता है। लेकिन, कुछ ,मामलों में कभी-कभी जटिलताएं भी हो सकती हैं।
ब्रोकन लेग का उपचार करना के बाद किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- ब्रोकन लेग या टूटे हुए पैर का उपचार कराने के बाद आपको ज्यादा से ज्यादा आराम करना चाहिए।
- जब तक आपके डॉक्टर आपको निर्देश न दें, तब तक खेल-कूद या जिम जैसे कार्यों में शामिल न हों।
- आपको अपने पैर पर बहुत जोर देने से बचना चाहिए। बहुत देर तक खड़े या पैरों के बल बैठे न रहें।
- सर्जरी होने के लगभग कुछ महीनों से साल भर तक आपको सीढ़ियों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- आपको बहुत तेज या बहुत देर तक चलना भी नहीं चाहिए।
- भारी वजनदार वस्तुएं न उठाएं।
- स्विमिंग करने से बचें।
- अगर आपको कास्ट लगाया गया है, तो उसे पानी से बचा के रखना चाहिए। नहाते समय आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए इसके लिए आप अपने डॉक्टर से उचित सलाह ले सकते हैं।
अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।