परिचय
सर्वाइकल डिस्टोनिया (Spasmodic Torticollis) क्या है?
सर्वाइकल डिस्टोनिया (Cervical Dystonia) एक दुर्लभ शारीरिक स्थिति मानी जाती है। इसे स्पासमोडिक टोरटिकोलिस (Spasmodic Torticollis) भी कहा जाता है। सर्वाइकल डिस्टोनिया की स्थिति होने पर गर्दन की मांसपेशियों को ऐंठन की समस्या हो जाती है, जिसके कारण सर्वाइकल डिस्टोनिया से व्यक्तियों को अपनी गर्दन को इस तरफ से उस तरफ घुमाने में दर्द हो सकता है। साथ ही, सर्वाइकल डिस्टोनिया की स्थिति में व्यक्ति का सिर आगे या पीछे की तरफ मुड़ भी सकता है। कुछ मामालों में ऐसे भी देखा गया है कि सर्वाइकल डिस्टोनिया (Spasmodic Torticollis) की स्थिति दैनिक शारीरिक गतिविधियों से जुड़ी बातों का ध्यान रखने पर भी ठीक हो सकता है। हालांकि उपचार के बाद भी ठीक होने पर भी इसकी समस्या दोबारा से हो सकती है। डॉक्टर्स की माने तो सर्वाइकल डिस्टोनिया की बीमारी ब्रेन में पाए जाने वाले विभिन्न रसायनों और हॉर्मोन्स में हुए असंतुलन के कारण हो सकती है। इसकी स्थिति काफी दर्दनाक होती है।
स्पासमोडिक टोरटिकोलिस (Spasmodic Torticollis) की बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है, लेकिन इसके होने का जोखिम मध्यम आयु वर्ग के लोगों में अधिक हो सकता है। साथ ही, पुरुषों के मुकाबले स्पासमोडिक टोरटिकोलिस की बीमारी महिलाओं को अधिक प्रभावित कर सकता है।
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लक्षण
सर्वाइकल डिस्टोनिया के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Spasmodic Torticollis)
आमतौर पर इस बीमारी के लक्षण धीरे-धीरे शुरू हो सकते हैं और फिर इनकी स्थिति बदतर हो सकती है। सर्वाइकल डिस्टोनिया (Spasmodic Torticollis) के निम्न लक्षण हो सकते हैं, जिसमें गर्दन की स्थिति के अनुसार उसे अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है, जिनमें शामिल हो सकते हैंः
- गर्दन का आगे की तरफ झुक जाना (इस दौरान ठोड़ी नीचे की ओर रहती है। इस तरह के मुद्रा को एंटेरोकोलिस कहते हैं)
- गर्दन का पीछे की तरफ झुका जाना (इस दौरान ठोड़ी ऊपर की ओर रहती है। इस तरह के मुद्रा को रेट्रोकॉलिस कहते हैं)
- गर्दन का कंधे की तरफ झुक जाना (इस दौरान कान कंधे के करीब हो सकता है। इसे तरह के मुद्रा को लेटरोकॉलिस कहते हैं)
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इसके अलावा निम्न लक्षण भी हो सकते हैं, जैसेः
- गर्दन में दर्द होना
- कंधे में दर्द होना
- सिरदर्द
- बहुत ज्यादा थकान महसूस करना
- किसी कार्य को करने में परेशानी महसूस करना
- गर्दन का इधर-उधर घुमना बंद हो जाना
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निम्न स्थितियां सर्वाइकल डिस्टोनिया के जोखिम को बढ़ा सकती हैं, जिसमें शामिल हो सकते हैंः
- 30 साल की उम्र या उससे अधिक उम्र का होना
- महिला होना, क्योंकि इसकी स्थिति पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में अधिक देखी जा सकती है
- फैमिली हिस्ट्री भी सर्वाइकल डिस्टोनिया के जोखिम को बढ़ा सकती है। अगर किसी के परिवार में मां या पिता को सर्वाइकल डिस्टोनिया की बीमारी पहले कभी थी, तो इसकी संभावना बढ़ जाती है कि उनके बच्चों में भी सर्वाइकल डिस्टोनिया के लक्षण देखे जा सकते हैं।
कारण
सर्वाइकल डिस्टोनिया के क्या कारण हो सकते हैं? (Cause of Spasmodic Torticollis)
ज्यादातर मामलों में, सर्वाइकल डिस्टोनिया या स्पासमोडिक टोरटिकोलिस के उचित कारणों का पता नहीं चल पाता है। हालांकि, इसके कुछ संभावित कारण माने जा सकते हैं, जिसमें शामिल हो सकते हैं:
- पार्किंसंस रोग जैसे तंत्रिका संबंधी विकार
- एंटीसाइकोटिक्स जैसे कुछ दवाओं का सेवन करना जो डोपामाइन को ब्लॉक करने का कारण बन सकती हों
- सिर, गर्दन या कंधों पर किसी तरह की चोट लगना
- आनुवांशिक स्थिति
इसके अलावा, कुछ मामालों में देखा गया है कि एक बच्चे में जन्म के समय से ही सर्वाइकल डिस्टोनिया (Spasmodic Torticollis) के लक्षण हो सकते हैं, जो बाहरी और पर्यावरणीय कारकों से समय के साथ बदतर हो सकते हैं।
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निदान
सर्वाइकल डिस्टोनिया (Spasmodic Torticollis) के बारे में पता कैसे लगाएं?
सर्वाइकल डिस्टोनिया या स्पासमोडिक टोरटिकोलिस का निदान करने के लिए डॉक्टर आपके शारीरिक स्थितियों और समस्याओं के अनुसार आपको कुछ जरूरी टेस्ट कराने का निर्देश दे सकते हैं, जिनमें शामिल हो सकते हैंः
- फीजिकल टेस्ट (Physical Test)
- ब्लड टेस्ट (Blood test)
- एमआरआई टेस्ट (MRI Test)
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रोकथाम और नियंत्रण
सर्वाइकल डिस्टोनिया (Spasmodic Torticollis) को कैसे रोका जा सकता है?
सर्वाइकल डिस्टोनिया की रोकथाम के लिए निम्न बातों पर ध्यान दिया जा सकता है, जैसेः
- नियमित एक्सरसाइज करें। आपने दैनिक एक्सरसाइज के अभ्यास में उन एक्ससाइज को शामिल करें, जो आपके बैक पेन, नेक पेन और शोल्डर पेन को कम करने में मदद करें। साथ ही, आप अपनी मांसपेशियों को मजबूत बनाने वाले एक्सरसाइज भी कर सकते हैं।
- ऐसी किसी भी तरह की शारीरिक गतिविधि न करें, जिससे आपके गर्दन या कंधों पर अचानक से कोई प्रेशर पड़ें।
- हमेशा अपने बैठने-उठने की पुजिशन का ध्यान रखें।
उपचार
सर्वाइकल डिस्टोनिया का उपचार कैसे किया जाता है? (Treatment for Spasmodic Torticollis)
अधिकांश मामलों में सर्वाइकल डिस्टोनिया के उपचार की आवश्यकता नहीं हो सकती हैं। हालांकि, इसके साथ ही, अभी स्पासमोडिक टोरटिकोलिस का उचित उपचार कराने के लिए कोई सफल इलाज भी नहीं ढूंढा जा सका है। लेकिन, अगर समय रहते आप इसके लक्षणों का पता लगा लें, तो आपके सर्वाइकल डायस्टोनिया के लक्षणों को कम करने के लिए डॉक्टर उचित दवाओं, थेरिपी और सर्जरी की सलाह दे सकते हैं, जिनमें शामिल हो सकते हैंः
दवाओं से सर्वाइकल डिस्टोनिया (Spasmodic Torticollis) का उपचार करना
सर्वाइकल डिस्टोनिया के लक्षमों को काफी हद तक कम करने में बैटुलिनम टोक्सिन (Botulinum toxin) काफी मददगार साबित हो सकता है। यह एक इंजेक्शन के रूप में आप प्राप्त कर सकते हैं। इस इंजेक्शन के इस्तेमाल से आपके चेहरे की झुर्रियों को ठीक करने के लिए किया जा सकता है। जिसके लिए इसे गर्दन की मांसपेशियों में इंजेक्ट किया जा सकता है। बैटुलिनम टोक्सिन में बोटॉक्स (Botox), डिस्पोर्ट (Dysport), एक्सोमिन (Xeomin) और मायोब्लोक (Myobloc) जैसे दवा शामिल हो सकते हैं।
इस तरह के इंजेक्शन की खुराक व्यक्ति को हर तीन से चार महीनों में एक बार लगाया जा सकता है। हालांकि, इसकी खुराक व्यक्ति के लक्षणों पर भी निर्भर कर सकता है।
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सर्जरी से सर्वाइकल डायस्टोनिया (Spasmodic Torticollis) का उपचार करना
अगर इन दवाओं से इसके लक्षणों में कोई सुधार नहीं होता है, तो आपके डॉक्टर आपको सर्जरी की भी सलाह दे सकते हैं। जिसमें शामिल हो सकते हैं:
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डीप ब्रेन स्टिम्युलेशन
डीप ब्रेन स्टिम्युलेशन की प्रक्रिया में, सर्जन एक पतले तार को स्कल में किए गए एक छोटे छेद के माध्यम से ब्रेन में फिट करते हैं। इस तार की नोक को ब्रेन के उस हिस्से में रखा जाता है जो शरीर की गतियों को नियंत्रित कर सकता है। इस तार के माध्यम से गर्दन को घुमाने वाले तंत्रिका संकेतों के ब्लॉकेज को खत्म करके उन्हें फिर से सुचनाएं देने के लिए प्रेरित किया जा सकता है।
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नसों को काटना
नसों को काटने की प्रक्रिया में, आपके सर्जन प्रभावित मांसपेशियों में संकिड़न के संकेत भेजने वाली नसों का काट कर अलग कर सकते हैं।
इसके अलावा, आपके डॉक्टर आपको निम्न उपचारों की भी सलाह दे सकते हैं, जैसेः
- हीट पैक का इस्तेमाल करना
- गर्दन और कंधे की मांसपेशियों को आराम देने में मदद करने के लिए उनकी मालिश करना
अगर आपका इससे जुड़ा किसी तरह का कोई सवाल है, तो इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर या फिजियोथेरेपिस्ट से परामर्श करें।