परिचय
लैक्टिक एसिड टेस्ट क्या है?
लैक्टिक एसिड टेस्ट खून से संबंधित टेस्ट है। जिसका मुख्य उद्देश्य खून में लैक्टिक एसिड की मात्रा को जानना है। लैक्टिक एसिड मुख्यतः मांसपेशियों और लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाता है। जब शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा सामान्य रहती है तो कार्बोहाइड्रेट कार्बन डाइऑक्साइड और पानी में टूटता है। वहीं, जब शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम रहती है तो कार्बोहाइड्रेट एनर्जी के लिए टूटता है और लैक्टिक एसिड बनाता है।
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शरीर में लैक्टिक एसिड की मात्रा तब और भी ज्यादा हो जाती है जब आप तेजी से एक्सरसाइज करते हैं या किसी अन्य परिस्थिति में ऐसा होता है। जैसे- हार्ट फेल्योर, गंभीर संक्रमण में (Sepsis) या शॉक लगने पर लैक्टिक एसिड की मात्रा ज्यादा हो जाती है। इसके अलावा लिवर डैमेज होने पर लैक्टिक एसिड की ज्यादा मात्रा हो जाती है।
लैक्टिक एसिड की ज्यादा मात्रा आपके लिए घातक साबित हो सकती है। इस स्थिति को लैक्टिक एसिडोसिस कहते हैं। लैक्टिक एसिडोसिस उन्हें भी हो सकता है तो डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए मेटफॉरमिन दवा का सेवन कर रहे हैं। लैक्टिक एसिड टेस्ट में ब्लड सैंपल को जांच के लिए लैब में भेजा जाता है।
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लैक्टिक एसिड टेस्ट क्यों किया जाता है?
लैक्टिक एसिड टेस्ट डॉक्टर निम्न परिस्थितियों में कराने के लिए कहते हैं :
- लैक्टिक एसिड टेस्ट खून में लैक्टिक एसिड की मात्रा की जांच करने के लिए किया जाता है। इस स्थिति को लैक्टिक एसिडोसिस कहते हैं। लैक्टिक एसिडोसिस में तेजी से सांस लेना, ज्यादा पसीना आना, त्वचा का ठंडा होना, पेट में दर्द, मितली या उल्टी आना और कोमा में चले जाना।
- जब शरीर की कोशिकाओं तक ऑक्सीजन सही से नहीं पहुंच पाती है।
- खून में एसिड की मात्रा बढ़ जाने पर ये टेस्ट कराया जाता है।
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महत्वपूर्ण बातें
लैक्टिक एसिड टेस्ट करवाने से पहले मुझे क्या पता होना चाहिए?
एरोबिक एक्सरसाइज करने पर हमारे शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। जिससे शरीर में लैक्टिक एसिड की मात्रा ज्यादा हो जाती है। इस वजह से मांसपेशियोंं में दर्द के साथ जकड़न महसूस होती है। लेकिन, ये खुद ही कुछ समय के बाद सामान्य हो जाता है। वहीं, अगर लैक्टिक एसिड की मात्रा स्पाइनल फ्लूइड में बढ़ जाती है तो उससे ब्रेन इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है। कुछ मामलों में लैक्टिक एसिड की मात्रा सामान्य नहीं हो पाती है तो लैक्टिक एसिड टेस्ट कराने की जरूरत पड़ती है।
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प्रक्रिया
लैक्टिक एसिड टेस्ट के लिए मुझे खुद को कैसे तैयार करना चाहिए?
लैक्टिक एसिड टेस्ट कराने से पहले आपको निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए :
- लैक्टिक एसिड टेस्ट कराने के 8 या 10 घंटे पहले से कुछ भी न खाएं पिएं।
- टेस्ट कराने से लगभग 12 घंटे पहले से किसी भी तरह की कोई एक्सरसाइज न करें। क्योंकि एक्सरसाइज करने से आपके शरीर में लैक्टिक एसिड की मात्रा बढ़ सकती है।
लैक्टिक एसिड टेस्ट में होने वाली प्रक्रिया क्या है?
लैक्टिक एसिड टेस्ट की प्रक्रिया बेहद आसान है :
- सबसे पहले हेल्थ प्रोफेशनल आपके बाजू (Upper Arm) में एक इलास्टिक बैंड बांधेंगे। जिससे आपके खून का प्रवाह रूक जाएगा।
- फिर कोहनी के विपरीत तरफ हाथ के हिस्से को एल्कोहॉल से साफ करते हैं।
- आपके हाथ की नस में सुई डाल कर खून निकाल लेते है।
- निकाले हुए खून को एक ट्यूब में भर कर सुरक्षित रख देंगे।
- जहां से खून निकालते हैं, वहां पर रूई से दबा देते हैं ताकि खून बहना बंद हो जाए।
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लैक्टिक एसिड टेस्ट के बाद क्या होता है?
ब्लड का सैंपल लेने के बाद उसे जांच के लिए लैब में भेज दिया जाएगा। टेस्ट के बाद आप तुरंत सामान्य हो जाएंगे। आप चाहे तो तुरंत घर जा सकते हैं। किसी भी तरह की समस्या होने पर आप हेल्थ प्रोफेशनल से तुरंत बात करें। ब्लड टेस्ट का रिजल्ट आपको एक दिन में मिल जाएगा।
रिजल्ट
लैक्टिक एसिड टेस्ट के रिजल्ट का क्या मतलब है?
लैक्टिक एसिड की सामान्य मात्रा खून में निम्न होती है :
- शिरा यानी वेनस ब्लड वैल्यू : 0.5–2.2 mEq/L (milliequivalents per liter) या 0.5–2.2 mmol/L (millimoles per liter)
- धमनी यानी आर्टेरिअल ब्लड वैल्यू : 0.5–1.6 mEq/L या 0.5–1.6 mmol/L
लैक्टिक एसिड की खून में ज्यादा मात्रा होने के निम्न कारण है :
- डिहाइड्रेशन के कारण
- एनीमिया या ल्यूकीमिया की स्थिति में
- लिवर संबंधित रोग या लिवर डैमेज होने पर
- ब्लीडिंग, संक्रमण, हार्ट फेलियर, आंतों तक खून न पहुंचना, कार्बन मोनोऑक्साइड पॉइजनिंग या प्लमोनरी एम्बॉलिजम में लैक्टिक एसिड की मात्रा ज्यादा होती है
- ज्यादा एक्सरसाइज करने से या शरीर के ओवरहीट होने पर लैक्टिक एसिड की मात्रा ज्यादा होती है
- ज्यादा मात्रा में एल्कोहॉल का सेवन करने पर भी शरीर में लैक्टिक एसिड ब्लड वैल्यू में बढ़ जाता है
- कुछ दवाएं भी शरीर में लैक्टिक एसिड की मात्रा बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होती है। जैसे- टीबी या डायबिटीज की दवाएं लेने पर लैक्टिक एसिडॉसिस हो जाता है।
वहीं, बता दें कि लैक्टिक एसिड टेस्ट की रिपोर्ट हॉस्पिटल और लैबोरेट्री के तरीकों पर निर्भर करती है। इसलिए आप अपने डॉक्टर से टेस्ट रिपोर्ट के बारे में अच्छे से समझ लें।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
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