परिचय
लेजर रिसर्फेसिंग सर्जरी क्या है?
अगर हम बात करें उस समय की जब ज्यादातर रूप से महिलाएं अपने चेहरे के दबे रंग, दाग धब्बों, टैन, झुर्रियों जैसी तमाम दिक्कतों से परेशान रहती थी। उस समय की तकनीकी इतनी तेज नहीं थी कि हम इन सभी दिक्कतों से पूरी तरह से छुटकारा पा सकते, लेकिन आज ऐसा नहीं है। जी हां हम बात करने जा रहें है लेजर ट्रीटमेंट की जिसका प्रचलन बहुत ही तेजी से बढ़कर सामने आया हैं।
चाहे बात करें बालीवुड के खूबसूरत एक्ट्रेसस की या साधारण महिलाओं की हर कोई लेजर रिसर्फेसिंग लेकर अपने आपको नया बनाने की कोशिश में लगा है, क्योंकि ज्यादातर लोग अपने आपमें कोई न कोई खामी को लेकर परेशान रहता है चाहे वो बात रंग, रुप, बाल या किसी भी तरह का हो हम अपने आपसे खुश नहीं हैं। सभी लोग केवल छुटकारा पाने के लिए इस तकनीकी का प्रयोग कर रहें हैं ये जानें बगैर की यह ट्रीटमेंट क्या केवल ज्यादा पैसा लगा देने से केवल आपको फायदा ही कर रहा है, इसका कोई दुष्परिणाम नहीं होगा आइए जानते हैं की लेजर रिसर्फेसिंग क्या है, इसके फायदें और नुकसान के बारें में जानेगें।
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उपयोगिता
लेजर रिसर्फेसिंग क्यों कराया जाता है?
आपकी जानकारी के लिए बता दें की लेजर रिसर्फेसिंग को ज्यादातर इसलिए कराया जाता हैं जिससे आपकी बढ़ती उम्र का पता केवल आपको रहे। आपके आस-पास के लोग जब भी आपको देखें उनको आपकी उम्र को पता न चल पाए। आपकी चमकती, निखरती, युवा स्किन को देखकर कोई भी आपको ये न कह सके की आप अब बूढ़ें हो रहे हैं। इस ट्रीटमेंट से आपके चेहरे पर निखार आता है। चेहरे पर कोई भद्दा दाग दिखाई नहीं पड़ता है। लेकिन क्या आपको ये पता है की इसका असर हमेशा के लिए होता है ये कुछ समय बाद इसका असर कम हो जाता है।
लेजर रिसर्फेसिंग से पहले, आपको इन बातों को जान लेना आवश्यक होता है?
-कॉम्प्लीकेशन को दूर करने के लिए दवा लें। यदि आप एब्लेटिव लेजर रिसर्फेसिंग करवा रहें हैं या नॉनबैलिव लेजर रिसर्फेसिंग तो अगर आपके मुंह के चारों ओर दाद के इंफेक्शन है तो वायरल इंफेक्शन को रोकने के लिए आपके डॉक्टर उपचार से पहले और बाद में एक एंटीवायरल दवा लिखेंगे।
– बता दें की आप सूरज के संपर्क में आने से थोड़ा बचें, प्रक्रिया से दो महीने पहले तक बहुत अधिक धूप में न निकले ये आपकी सर्जरी में रुकावट का कारण बन सकती है। अपने डॉक्टर से सूरज से सुरक्षित रहने के बारें में बात करें।
-यदि आप धूम्रपान का सेवन करते हैं तो अपने उपचार से दो हफ्ते पहले से आपको यह बंद कर देना चाहिए। क्योंकि इससे कॉम्प्लीकेशन बढ़ सकती हैं।
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प्रक्रिया
लेजर रिसर्फेसिंग से पहले कैसे खुद को तैयार करें?
सबसे पहले तो आप अपने वर्तमान और पिछली मेडिकल हिस्ट्री के बारे में समझ लिजिए जिससे आप डॉक्कर के सवालों का जवाब दें सकें। इतना ही नहीं इसके अलावा वो आपके अतीत में आपके द्वारा की गई किसी भी कॉस्मेटिक प्रक्रियाओं के बारे में प्रश्नों के उत्तर देने के लिए तैयार रहें।
शरीर की जांच कराएं- आपका डॉक्टर आपकी त्वचा और उस एरिया का निरीक्षण करेगा जिसका इलाज किया जाएगा। वो इससे यह तय करेगा कि क्या बदलाव किए जा सकते हैं और आपकी शारीरिक विशेषताएं कैसे हैं – जैसे की, आपकी त्वचा की टोन और मोटाई – आपके परिणामों को प्रभावित कर सकती है। यह जानने के बाद ही वो निश्चित कर पाएंगा।
अपनी उम्मीद के बारें में बात करें- आप अपने डॉक्टर से अपनी मोटीवेशन, उम्मीद और संभावित जोखिमों के बारे में बात करें। यह तय करें कि आप समझते हैं कि चंगा करने में कितना समय लगेगा और आपके परिणाम क्या हो सकते हैं।
लेजर रिसर्फेसिंग कितने प्रकार के होते हैं?
एब्लेटिव लेजर
यह एक वाउंड लेजर ट्रीटमेंट होता है जिसमें त्वचा की पतली बाहरी परत (एपिडर्मिस) को हटाता है और अंदर की त्वचा (डर्मिस) को गर्म करता है, जो एक नए कोलेजन फाइबर के विकास को उत्तेजित करता है। जैसा कि एपिडर्मिस ठीक हो जाता है और फिर से बढ़ता है, ट्रीटमेंट वाला एरिया चिकना और हल्का दिखाई देता है। एब्लेटिव उपचार के प्रकारों में कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) लेजर, एरबियम लेजर और संयोजन प्रक्रिया शामिल हैं।
नॉनअबैलिटिव लेजर
यह एक नॉन वेंडिंग लेजर है जो कोलेजन विकास को उत्तेजित करता है, जो समय के साथ त्वचा की टोन और बनावट में सुधार करने में मदद करता है। यह ट्रीटमेंट कई प्रकार से किया जाता है जिसमें से एक है इन्टेंस पल्शड लाइट (आईपीएल)। आपको बताएं की नॉनबैलिटिव लेजर, एब्लेटिव लेजर की तुलना में कम आक्रामक है लेकिन यह कम प्रभावी है।
लेजर रिसर्फेसिंग क्यों कराते हैं?
–झुर्रियां ठीक करने के लिए
–धब्बे हटाने के लिए
–स्किन टोन और टेक्श्चर के लिए
–सन बर्न होने पर
–मुंहासे के निशान हटाने के लिए
– ब्लोचनेस या ब्राउन स्पॉट कम करने के लिए
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लेजर रिसर्फेसिंग में कितना खर्च आता है?
लेजर रिसर्फेसिंग के लिए आपको 3,000 रुपये से लेकर 8,000 रुपये प्रति सत्र तक खर्च करना पड़ सकता है। यह आपके क्लिनिक और सर्जन के फीस पर भी निर्भर कर सकता है। इसके साथ ही, कितने हिस्से में यह सर्रजी करवा रहे हैं यह उस पर निर्भर कर सकता है। हालांकि, एब्लेटिव लेजर रिसर्फेसिंग की कीमत नॉन-एब्लेटिव से अधिक हो सकती है।
फायदे
लेजर रिसर्फेसिंग के फायदे क्या हैं?
-यह त्वचा को चिकनाई और कसने में मदद करता है।
-यह आपको आपकी त्वचा की वर्तमान गुणवत्ता और बनावट में लंबे समय तक चलने वाले सुधारों के साथ छोड़ सकता है।
-यह गर्दन, छाती और हाथों पर चेहरे के बाल और बाल से छुटकारा पाने में भी उपयोगी हो सकता है।
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जोखिम
लेजर रिसर्फेसिंग कराने के क्या जोखिम हो सकते हैं?
रेडनेस, सूजन और खुजली- आपकी जानकारी के लिए बता दें की लेजर रिसर्फेसिंग ट्रीटमेंट से आपके चेहरे में सूजन आ सकती हैं उसी दौरान उसमें खूजली करने से रेड निशान पड़ सकते हैं, जो कई महीनों तक रह सकते हैं, जो देखने में निश्चित रुप से अच्छा नहीं लगेगा।
मुहांसे- ट्रीटमेंट के बाद आपके चेहरे पर थिक क्रीम और पट्टियां लगाने से मुंहासे हो सकते हैं या ऐसा भी हो सकता है की आपको अस्थायी रूप से उपचारित त्वचा पर छोटे-छोटे सफेद धब्बें (मिलिया) का विकास हो जाए।
इन्फेक्शन- एब्लेटिव लेजर रिसर्फेसिंग से आपको बैक्टीरिया, वायरल या फंगल इन्फेक्शन हो सकता है। बता दें इसमें भी सबसे आम संक्रमण दाद वायरस का बढ़ना है – वायरस जो ठंड घावों का कारण बनता है। ज्यादातर मामलों में, दाद वायरस पहले से ही हमारी त्वचा में मौजूद होते हैं लेकिन निष्क्रिय होते है।
त्वचा के रंग में परिवर्तन- कभी-कभी इन्फेक्शन के कारण ऐसा भी होता है की लेज़र रिसर्फेसिंग के बाद के हफ्तों में उपचार से पहले (हाइपरपिग्मेंटेशन) या लाइटर (हाइपोपिगमेंटेशन) से लेज़र रिसर्फेसिंग के बाद आपकी त्वचा पहले से भी ज्यादा डार्क हो जाती है। तो वहीं जिन लोगों की त्वचा का रंग पहले से ही गहरा होता है, उनमें त्वचा के रंग में स्थायी परिवर्तन अधिक होते हैं।
स्केरिंग- एब्लेटिव लेजर रिसर्फेसिंग से स्थायी रुप से दाग होने का थोड़ा सा खतरा बना रहता है। तो वहीं पलकों के निचली सतह पर यह ट्रीटमेंट करना थोड़ा गंभीर होता है। ऐसा शायद ही कभी हुआ हो। लेकिन यह खतरा केवल एब्लेटिव लेजर रिसर्फेसिंग में नहीं होता है यह नॉनबैलिटिव लेजर भी यह दुष्प्रभाव पैदा कर सकता है।
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साइड इफेक्ट्स
नॉनबैलिटिव लेजर के साइड इफेक्ट्स क्या हो सकते हैं?
इंफेक्शन- नॉनबैबलेटिव लेजर रिसर्फेसिंग से दाद वायरस का निजाद हो सकता है बेहतर होगा की आप सावधानी बर्ते।
त्वचा के रंग में परिवर्तन- स्थाई रुप से बात करें तो ट्रीटमेंट से पहले (हाइपरपिग्मेंटेशन) की तुलना में नॉनएबेटिव लेजर रिसर्फेसिंग से त्वचा का अस्थायी रूप से रंग गहरा हो सकता है।
सूजन- ट्रीटमेंट होने के कुछ दिन या कुछ घंटों तक सूजन रह सकता हैं जिसके कारण रेडनेस भी आ सकती है।
यह जानना बेहद जरुरी होता है की यह ट्रीटमेंट सभी के लिए नहीं होता है अगर आप भी कराना चाहते हैं तो अपने डॉक्टर से जरुर बात करें, इसमें शायद डॉक्टर आपको सावधानी बर्तने की सलाह दे। आइए जानते है लेजर रिसर्फेसिंग किसके लिए नहीं है।
-जो लोग एक या कुछ वर्ष के दौरान मुंहासे की दवा ले रहें।अगर उनकी दवा में अगर ये तत्व शामिल हो (होंक्लेरविस, मायोरिसन, ज़ेनटेन)। तो उनके लिए यह नहीं है।
– जो ऑटोइम्यून बीमारी जूझ रहें हो।
-जिनके शरीर में बार-बार किसी तरह के स्पॉट बनने की समस्या होती है उनको भी इस ट्रीटमेंट से बचना चहिए।
– जिन लोगों ने अपने चेहरे पर पहले ही रेडिएशन थेरेपी कराई हो उनको भी इससे बचना चाहिए।
-ठंड घावों के लिए प्रवण हैं या हाल ही में ठंड घावों या दाद वायरस का प्रकोप हुआ है
-जिनकी ज्यादा गहरे रंग की त्वचा हो।
– जो मां गर्भवती हो और या स्तनपान कर रही हैं।
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रिकवरी
लेजर रिसर्फेसिंग के बाद क्या करें?
–एब्लेटिव लेजर रिसर्फेसिंग के बाद, आपकी त्वचा कई महीनों तक लाल या गुलाबी रह सकती है।
– एक बार जब वो एरिया ठीक होना शुरू हो जाता है, तो आपको अपनी त्वचा की गुणवत्ता और उपस्थिति में अंतर दिखाई देगा।
-इसका प्रभाव वर्षों तक रह सकते हैं। गैर-लेजर लेजर रिसर्फेसिंग के बाद परिणाम क्रमिक और प्रगतिशील होते हैं।
-आप झुर्रियों की तुलना में त्वचा की टेक्स्चर और रंग में सुधार को नोटिस कर सकते हैं।
–लेजर रिसर्फेसिंग के बाद, अनियमित दुष्परिणाम को रोकने के लिए एक वर्ष के लिए असुरक्षित सूर्य के संपर्क से बचें।
-ध्यान रखें कि आपके परिणाम स्थायी नहीं हो सकते हैं। जैसे-जैसे आप उम्र बढ़ाएँगे, वैसे-वैसे स्माइल के दौरान रिंकल्स आते रहेंगे।
इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर या सर्जन से परामर्श करें।
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