पीरियड के दिनों में अब क्या इस्तेमाल किया जाए इसे लेकर भी महिलाएं कंफ्यूज होने लगी हैं। और हों भी क्यों न? पैड्स के अलावा भी अब कई विकल्प बाजार में आने जो लगे हैं। अब इसी से जुड़ा एक आम कंफ्यूजन है कि पीरियड्स में पैड्स, टैम्पून और मेंस्ट्रुअल कप में से कौन सा सही है? जानकारी के अभाव में महिलाएं ऐसे विकल्प अपनाने लगती हैं, जो कई बार उन्हें सूट नहीं करते और उनकी तकलीफ बढ़ जाती है। इसलिए ये जानना बेहद जरूरी है कि पीरियड्स में आप पैड्स, टैम्पून और मेंस्ट्रुअल कप में से किसका और किस स्थिति में इस्तेमाल करें।
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पैड्स, टैम्पून और मेंस्ट्रुअल कप से पहले जानें सेनेटरी पैड्स (Sanitary pads) के बारे में
सेनेटरी पैड्स को सेनेटरी नैपकिन या मेंस्ट्रुअल पैड भी कहा जाता है। ज्यादातर महिलाएं पीरियड्स के दौरान सेनेटरी पैड्स का ही इस्तेमाल करती हैं। सेनेटरी पैड्स कॉटन या अन्य फेब्रिक के द्वारा बने होते हैं। जिसमें अब्जॉर्बेंसी यानी लिक्विड सोखने की क्षमता अधिक होती है। ये कुछ इंच लंबी होती हैं, जो पांच से छह घंटे तक ब्लीडिंग को सोख सकते हैं। सेनेटरी पैड्स को पैंटी पर चिपका कर इसका इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन कुछ महिलाओं को सेनेटरी पैड्स के इस्तेमाल के साथ कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसलिए वे सेनेटरी पैड्स को पीरियड्स साइकिल के दौरान इस्तेमाल करने से घबराने लगती हैं। हैं।
टैम्पून क्या है? (Tappoon)
पैड्स, टैम्पून और मेंस्ट्रुअल कप में अंतर जानने से पहले हमें टैम्पून को भी समझना होगा। टैम्पून पीरियड्स में इस्तेमाल किया जाता है। जो चार से पांच घंटे तक असरदार रहता है। भारत में अभी भी ज्यादातर महिलाएं टैम्पून का इस्तेमाल नहीं करती हैं। टैम्पून कॉटन और विशेष फैब्रिक से बना हुआ एक स्टिक जैसा होता है। जिसमें नीचे की ओर एक धागा लटका रहता है। टैम्पून का इस्तेमाल महिलाएं वजायना में डाल कर करती हैं। जब टैम्पून चार या पांच घंटे बाद पर्याप्त ब्लड को सोख लेता है तो धागे की मदद से टैम्पून को वजायना के बाहर निकाल कर उसे डिसपोज कर दिया जाता है। टैम्पून का आविष्कार विदेशी लोगों ने किया है, जिसका उपयोग 41 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं के द्वारा किया जाने लगा। बाजार में टैम्पून अलग-अलग आकार और क्वालिटी में उपलब्ध है। लेकिन टैम्पून का इस्तेमाल करने से महिलाओं में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होने का खतरा ज्यादा होता है।
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मेंस्ट्रुअल कप (Menstrual Cup) क्या है?
पैड्स, टैम्पून और मेंस्ट्रुअल कप की अगर तुलना की जाए तो मेंस्ट्रुअल कप सबसे कम इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन पैड्स, टैम्पून और मेंस्ट्रुअल कप में मेंस्ट्रुअल कप ज्यादा सुरक्षित है। मेंस्ट्रुअल कप घंटी (bell) के आकार का मुलायम और लचीले लेटेक्स का बना एक कप होता है। मेंस्ट्रुअल कप को कई बार इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन सिंगल यूज के लिए भी मेंस्ट्रुअल कप मिलते हैं। एक रिसर्च में पाया गया है कि पैड्स, टैम्पून और मेंस्ट्रुअल कप में मेंस्ट्रुअल कप से लीकेज का रिस्क कम होता है।
पैड्स (Pads), टैम्पून (Tappoon) और मेंस्ट्रुअल कप (Menstrual Cup) में तुलना
सेनेटरी पैड्स (Sanitary Pads) कितने सुरक्षित हैं?
सेनेटरी पैड्स कितने सुरक्षित हैं और कितने नहीं, ये बात आप सेनेटरी पैड्स के फायदे और नुकसान जानने के बाद समझ सकते हैं :
सेनेटरी पैड्स के फायदे (Sanitary Pads Benefits)
- सेनेटरी पैड्स पैंटी में चिपकाने के कारण वह अपने जगह से हिलते नहीं हैं और आप आराम से कहीं भी आ और जा सकती हैं।
- हैवी पीरियड्स में सेनेटरी पैड्स टैम्पून और कप की तुलना में ज्यादा देर तक चलता है।
- सेनेटरी पैड्स के कई सारे विकल्प बाजार में उपलब्ध हैं।
- आप सेनेटरी पैड्स को रात में पहन के सो भी सकती हैं।
- सेनेटरी पैड को वजायना में अंदर डालने की जरूरत नहीं है, जिससे यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होने का खतरा कम होता है।
सेनेटरी पैड्स के नुकसान (Side effects of Sanitary Pads)
- सेनेटरी पैड बहुत पतले होते हैं और अगर वे अच्छे क्वालिटी के नहीं हैं तो लिकेज का डर रहता है।
- सेनेटरी पैड पहन कर आप स्वीमिंग नहीं कर सकते हैं।
- सेनेटरी पैड पर्यावरण में डिस्पोज करने पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है।
- सेनेटरी पैड चलने-फिरने के दौरान सिकुड़ जाता है, जिससे अंडरगारमेंट खराब हो सकता है।
- सेनेटरी पैड्स के इस्तेमाल से रैशेज की भी समस्या हो जाती है। पैड्स, टैम्पून और मेंस्ट्रुअल कप में पैड्स से अक्सर रैशेज हो जाते हैं, लेकिन टैम्पून और मेंस्ट्रुअल कप से रैशेज नहीं होते हैं।
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टैम्पून (Tappoon) का इस्तेमाल कितना सुरक्षित है?
पैड्स, टैम्पून और मेंस्ट्रुअल कप में से टैम्पून का इस्तेमाल उसके फायदे और नुकसान के आधार पर सुरक्षित माना जाता है :
टैम्पून के फायदे (Tappoon Benefits)
- टैम्पून आकार में छोटा होने के कारण आपके पॉकेट में आ जाता है या मुट्ठी में टैम्पून रखा जा सकता है।
- टैम्पून पहन कर आप स्वीमिंग कर सकते हैं। स्वीमिंग सूट में टैम्पून दिखाई नहीं देता है।
- अगर टैम्पून सही तरीके से लगा है तो आपको महसूस भी नहीं होगा।
टैम्पून के नुकसान (Tappoon Side effects )
- टैम्पून के इस्तेमाल से टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम (TSS) होने का रिस्क रहता है। इसमें कुछ बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण जान जाने जैसे जोखिम भी होते हैं।
- टैम्पून को वजायना में डालने में समस्या हो सकती है। अगर टैम्पून गलत इंसर्ट हुआ तो लिकेज का रिस्क बहुत बढ़ जाता है।
- टैम्पून के कारण वजायना में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होने का खतरा ज्यादा होता है। इसके अलावा वजायना में खुजली या जलन की समस्या हो सकती है। जबकि पैड्स, टैम्पून और मेंस्ट्रुअल कप में से पैड्स और मेंस्ट्रुअल कप से ये जोखिम कम होता है।
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मेंस्ट्रुअल कप (Menstrual Cup) का उपयोग कितना सुरक्षित है?
मेंस्ट्रुअल कप या मासिक कप सुनने में शायद नया सा है, लेकिन इसका उपयोग बहुत पहले से होता आ रहा है। वहीं, जागरुकता की कमी के कारण ज्यादातर महिलाएं इसके बारे में नहीं जानती है। आइए जानते हैं मेंस्ट्रुअल कप या मासिक कप के फायदे और नुकसान के बारे में :
मेंस्ट्रुअल कप के फायदे (Menstrual Cup Benefits)
- पैड्स] टैम्पून और मेंस्ट्रुअल कप में से मेंस्ट्रुअल कप या मासिक कप सस्ता पड़ता है। इसे आप इस तरह से समझ सकते हैं कि कप को आप कई बार इस्तेमाल करते हैं, जिसके कारण एक बार पैसे लगाने के बाद आपको कई महीनों तक खर्च करने की जरूरत नहीं होती है। जबकि पैड या टैम्पून एक बार इस्तेमाल के बाद आप दोबारा इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं।
- पैड्स, टैम्पून और मेंस्ट्रुअल कप में से मेंस्ट्रुअल कप या मासिक कप को डिस्पोज नहीं करना पड़ता है तो इस तरह से ये इकोफ्रेंडली है।
- इससे ब्लड के लिकेज होने की संभावना काफी कम होती है।
- आप मेंस्ट्रुअल कप को 12 घंटे तक इस्तेमाल कर सकती हैं।
- मासिक कप के साथ आप स्वीमिंग आसानी से कर सकती हैं।
- मासिक कप के कारण आपके वजायना का पीएच (pH) बैलेंस भी बना रहता है।
- मासिक कप को एक बार वजायना में अच्छी तरह डालने के बाद आपको कप महसूस नहीं होता है।
- पीरियड्स के कारण आने वाली बदबू भी नहीं होती है।
मेंस्ट्रुअल कप के नुकसान (Side effects of Menstrual Cup)
- मेंस्ट्रुअल कप को वजायना से निकालने के लिए उंगलियों का इस्तेमाल करना पड़ता है। इसके बाद कप में जमा हुए ब्लड को डंप करना पड़ता है। जो थोड़ा झंझट वाला काम लगता है।
- मेंस्ट्रुअल कप को इस्तेमाल के बाद गर्म पानी में उबालना पड़ता है, ताकि वह बैक्टीरिया से मुक्त हो जाए।
- अगर आपको फाइब्रॉइड है तो मेंस्ट्रुअल कप को वजायना में फिट करने की समस्या होती है।
- अगर आप आईयूडी गर्भनिरोधक को अपना रही हैं तो मेंस्ट्रुअल कप निकालते वक्त धागा खिंच सकता है और अपनी जगह से हट सकता है।
- मेंस्ट्रुअल कप का दाम लगभग 400 रूपए हैं जो कि आपको कई महीनों के खर्च से छुट्टी तो देगा, लेकिन एक बार महंगा पड़ता है।
- मेंस्ट्रुअल कप को वजायना में डालने में कठिन सा लगता है। जिस कारण महिलाएं इसे इस्तेमाल करने से कतराती हैं।
- मेंस्ट्रुअल कप के लैटेक्स से आपको एलर्जी की समस्या भी हो सकती है।
हैलो स्वास्थ्य पैड्स, टैम्पून और मेंस्ट्रुअल कप को लेकर किसी भी तरह की कोई मेडिकल जानकारी नहीं दे रहा है। अगर आपके पास इससे संबंधित सवाल हैं तो एक बार डॉक्टर से जरूर परामर्श करें। इसके अलावा किसी भी महिला को पैड्स, टैम्पून और मेंस्ट्रुअल कप में से क्या इस्तेमाल करता है ये उनकी सहूलियत पर निर्भर करता है।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और पैड्स, टैम्पून और मेंस्ट्रुअल कप से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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