backup og meta

पीरियड्स से जुड़ी गलत धारणाएं और उनकी सच्चाई

पीरियड्स से जुड़ी गलत धारणाएं और उनकी सच्चाई

पीरियड्स (मासिक धर्म) पर आज भी कई लोग बात करने से कतराते हैं। ऐसे में जानकारी के अभाव में कई तरह की गलत धारणाएं भी व्याप्त हैं। कुछ समय पहले रिलीज हुई फिल्म पैडमैन भी पीरियड्स पर आधारित थी। इस आर्टिकल में आप जानेंगे पीरियड्स से जुड़ी गलत धाारणाएं या पीरियड्स मिथ्स और फैक्ट क्या हैं? और क्या है उनकी सच्चाई?

और पढ़ें : पीरियड्स पेन को कहना है बाय तो खाएं ये फूड

क्या हैं पीरियड्स मिथ्स?

पीरियड्स मिथ्स 1: पीरियड्स (मासिक धर्म) के दौरान सेक्स करने से महिला गर्भवती नहीं होती है ?

पीरियड्स के दौरान सेक्स करने से प्रेग्नेंसी नहीं होती यह धारणा पूरी तरह से गलत है। हालांकि, यह सच है कि कई महिलाओं में मासिक धर्म वह अवधि है जब वे कम से कम फर्टाइल होती हैं। यह वास्तव में मासिक चक्र पर निर्भर करता है। प्रजनन क्षमता ओवल्यूशन के दौरान होती है। आमतौर पर अगले मासिक धर्म की शुरुआत से पहले लगभग 12 से 16 दिनों में होती है। इस समय ज्यादा अंडाणु बनते हैं।

पीरियड्स मिथ्स 2: पीरियड के दौरान आने वाला ब्लड गंदा होता है ?

लोगों में ऐसा मानना है की पीरियड्स के दौरान आने वाला ब्लड गंदा होता है लेकिन, ये पूरी तरह से गलत है। ये ब्लड नसों से नहीं बल्कि यह गर्भाशय से आता है।

और पढ़ें : अनियमित पीरियड्स को नियमित करने के 7 घरेलू नुस्खे

पीरियड्स मिथ्स 3: पीरियड के दौरान नहाना नहीं चाहिए ?

कुछ लोगों का सोचना हैं कि पीरियड के दौरान शॉवर लेना असुरक्षित है। क्योंकि गर्म पानी की वजह से ब्लड फ्लो तेज हो सकता है। जबकि गर्म पानी ब्लड फ्लो को ठीक कर सकता है। पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द, क्रेम्प और मांसपेशियों के तनाव को कम करने में मदद कर सकता है।

पीरियड्स मिथ्स 4: पीरियड के दौरान टैम्पोन के इस्तेमाल से परेशानी बढ़ सकती है ?

लोगों का मानना है की टैम्पोन के इस्तेमाल से हायमेन (Hymen) टूट सकता है। जबकि हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है की ऐसा नहीं होता है, क्योंकि हायमेन सॉफ्ट और स्ट्रेचेबल होता है और टैम्पोन सॉफ्ट होता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार पीरियड्स मिथ्स  में शामिल टैम्पोन का इस्तेमाल न करना गलत होता है। आप अपनी सुविधा के अनुसार इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।  

और पढ़ें : इन 8 तरीकों से करें लड़कियों को उनके पहले पीरियड्स के लिए तैयार

पीरियड्स मिथ्स 5: पीरियड्स के दौरान योग या एक्सरसाइज नहीं करना चाहिए ?

पीरियड्स मिथ्स यह भी है की है पीरियड्स के दौरान महिलाएं कमजोरी महसूस कर सकती हैं। इसलिए पीरियड्स के समय थकने वाले योग या एक्सरसाइज न करें।

इस बदलते दौर में ऊपर बताई गई भ्रांतियों से महिलाएं और लड़कियां बड़ी ही आसानी से शिकार हो जाती हैं। लेकिन, इस बारे में जब मुंबई में रहने वाली 22 वर्षीय दीपिका मिश्रा से बात की तो उनका कहना है की उनके घर में पीरियड्स को लेकर नकारात्मक विचार नहीं है। वहीं इस बारे में जब मुंबई के एक एमएनसी में कार्यरत 27 वर्षीय स्वाति देशमुख से हैलो हेल्थ की टीम ने बात की तो उनका मानना है लोगों के विचार वक्त के अनुसार बदलने चाहिए और पीरियड्स से जुड़े नकारात्मक सोच में भी बदलाव आना चाहिए।

और पढ़ें : अब सिर्फ 1 रुपए में मिलेगा सैनिटरी पैड, सरकार ने लॉन्च की ‘सुविधा

पीरियड्स में कैसे रखें सफाई का ध्यान

4 से 6 घंटे में जरूर बदलें पैड

सैनिटरी नैपकिन या मेन्स्ट्रुअल कप को हर चार से छह घंटे के अंदर बदलें। इससे वजायना की सफाई होती रहेगी। मासिक धर्म का खून, जब शरीर से निकलता है तो हमारे शरीर के विभिन्न कीटाणुओं को आकर्षित करता है, जो खून में जमा होने लगते हैं। जिसके कारण वजायना में जलन, खुजली, चकत्ते या मूत्र मार्ग में संक्रमण का कारण बनते हैं।

और पढ़ें : पहली बार पीरियड्स होने पर ऐसे रखें अपनी बच्ची का ख्याल

रोज नहाएं और अंडरगारमेंट बदलें

पीरियड के दौरान हर रोज नहाएं और कपड़ों के साथ ही अंडरगारमेंट्स भी बदलें। अंडरगारमेंट्स हमेशा कॉटन का ही पहनें, ताकि वजायना को ताजी हवा मिलती रहे। कॉटन शरीर के पसीने को भी अच्छे से सोखता है, इसलिए कॉटन का ही इस्तेमाल करें।

और पढ़ें : पीरियड्स के दौरान योनि में जलन क्यों होती है? जानिए इसके कारण और इलाज

वजायना पर न लगाएं साबुन

मार्केट में वजायना के लिए अलग-अलग तरह के साबुन और क्रीम मिलते हैं। लेकिन, वजायना को इन जैसे प्रोडक्ट्स की जरूरत नहीं होती। बल्कि, वह खुद ही खुद की सफाई कर लेती है। इसलिए वजायना को साफ करने के लिए हमेशा साफ हल्के गुनगुने पानी का ही इस्तेमाल करें। किसी भी तरह के प्रोडक्ट के इस्तेमाल से वजायनल इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है।

और पढ़ें : पीरियड्स मिस होने के पहले ही मिल जाती है प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण

इस्तेमाल के बाद सेनेटरी नैपकिन के साथ क्या करें

हर बार इस्तेमाल किया हुआ सेनेटरी नैपकिन इधर-ऊधर न फेंके। न ही इसे कूड़ेदान में डालें। आजकल इनके निपटारा के लिए भी कई तरह की मशीनें उपलब्ध है। इसे हमेशा उसी में डालें। लेकिन, अगर इसे कूड़ेदान में डाल रही है तो पहले इसे किसे किसी कवर से अच्छी तरह लपेटें फिर इसे फेकें। अगर इसे खुला ही फेंकेंगी तो बैक्टीरिया और संक्रमण फैल सकते हैं। कभी भी पैड को फ्लश नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह शौचालय को ब्लॉक कर देता है। नैपकिन बदलने के बाद हाथों को अच्छे से साफ भी करें।

और पढ़ें : अनियमित पीरियड्स को नियमित करने के 7 घरेलू नुस्खे

डिहाईड्रेशन से बचें

डिहाईड्रेशन से बचने के लिए दिन में छह से आठ गिलास पानी पिएं। इससे बॉडी हाइड्रेट बनी रहेगी। सात ही डाइजेशन अच्छा रहेगा और दर्द भी कम होगा।

और पढ़ें : पीरियड्स में देरी होने के बहुत से हैं कारण, जानें

पीरियड पेन से बचने के घरेलू उपाय

  • पीरियड्स से एक हफ्ते पहले आप अपने दिन की शुरुआत भीगे हुए किशमिश और केसर से करें। साथ ही, कच्चे केले भी खा सकती हैं। केले में पोटैशियम की अधिक मात्रा होती है, जो पीरियड्स पेन को कम करने में काफी मददगार साबित हो सकता है।
  • व्यायाम को अपनी दिनचर्या में जरूर शामिल करें। सप्ताह में कम से कम 150 मिनट तक जरूर व्यायाम करें। व्यायाम करने से शरीर के कई अंगों को फायदा मिलता है और वे मजबूत भी बनते हैं। साथ ही, पीरियड्स पेन को दर करने में भी मददगार होते हैं।
  • हर दूसरे दिन भोजन में अंकुरित आहार खाना चाहिए। अंकुरित आहार में मूंग, मटकी, चना, राजमा, लोबिया, मूंगफली, सोयाबीन, गेंहूं आदि को शामिल किया जा सकता है। साथ ही, रुजुता ने कहा कि हमारे देश कई तरह की दालें पाई जाती हैं। ये सभी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। इन्हें भी अपने आहार में शामिल करके पीरियड्स पेन से छुटाकार पा सकते हैं।
  • रात में सोने से पहले कैल्शियम सप्लीमेंट (Calcium Supplements) जरूर लें। ये दर्द के दौरान राहत देते हैं। आपको ये किसी भी केमिस्ट के पास आसानी से मिल जाएगा। हालांकि, इनके सेवन से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
  • सप्ताह में दो बार कंद सब्जियां जैसे सूरन (Suran), शकरकंद (Sweet Potato),  हरी प्याज, अरबी, आलू जैसी सब्जियां खानी चाहिए। अगर आप रोज एक ही फूड नहीं खाना चाहते हैं तो दो दिन के अंतराल में इन्हें खा सकते है। ये पीरियड्स पेन से राहत दिलाने का कारगर तरीका होता है।

पीरियड्स मिथ्स से जुड़ी इन ऊपर बताये गए मिथ एवं फैक्ट्स कई हैं। लेकिन इस दौरान हाइजीन और खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

[embed-health-tool-ovulation]

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

5 menstruation myths you must leave behind https://www.medicalnewstoday.com/articles/324403.php#1 Accessed on 06/12/2019

Menstruation related myths in India: strategies for combating it https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4408698/ Accessed on 06/12/2019

Menstruation related myths in India: strategies for combating it http://europepmc.org/article/med/25949964 Accessed on 06/12/2019

Menstruation related myths in India: strategies for combating it https://www.semanticscholar.org/paper/Menstruation-related-myths-in-India%3A-strategies-for-Garg-Anand/d1cbf00f40638527d7985f3499b63dd9fae25a76 Accessed on 06/12/2019

10 Myths About Periods https://www.globalcitizen.org/en/content/8-crazy-cultural-myths-about-periods/ Accessed on 06/12/2019

Menstruation related myths in India: Strategies for combating it https://www.researchgate.net/publication/275220528_Menstruation_related_myths_in_India_Strategies_for_combating_it Accessed on 06/12/2019

Current Version

02/06/2021

Nidhi Sinha द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Manjari Khare


संबंधित पोस्ट

इन 8 तरीकों से करें लड़कियों को उनके पहले पीरियड्स के लिए तैयार

पीरियड्स के रंग खोलते हैं सेहत के राज


के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

फार्मेसी · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 02/06/2021

ad iconadvertisement

Was this article helpful?

ad iconadvertisement
ad iconadvertisement