जब इत्मिनान की तलाश होती है तो अक्सर लोग चाय का सहारा लेते हैं और फिर शुरू होता है बातों का सिलसिला। दिनभर की स्ट्रेस के बाद दस मिनट का चाय का ब्रेक मानों नई ताजगी से भर देता हो। कहा तो यहां तक जाता है कि जो लोग गर्मियों में चाय पीना छोड़ देते हैं, वो टी-लवर नहीं होते हैं। खैर ये सब तो कहने की बातें हैं, क्योंकि चाय को लेकर सबका एक अलग अनुभव हो सकता है। अगर सर्दियों में चाय का एक प्याला ठंड को कुछ पल के लिए छूमंतर कर देता है, तो गर्मियों में आइस टी का भी कोई जवाब नहीं है। जैसे आप गर्म चाय का मजा लेते हैं, ठीक वैसे ही कुछ गर्मियों में कुछ लोग ठंडी चाय यानी आइस टी का भी मजा लेते हैं। हां ये बात अलग है कि गर्म चाय की तरह आइस टी ज्यादा पॉपुलर नहीं है। मतलब साफ है कि आइस टी आपको गली-नुक्कड़ या घर के आस-पास यूं आसानी से नहीं मिल पाएगी। इसीलिए नेशनल आइस डे (National Iced Tea Day) के मौके पर हम आपको आइस टी के फायदे क्या हैं और कैसे आइस टी को तैयार किया जाए ?
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आइस टी के फायदे से पहले जाने कब इजाद हुई थी ये चाय ?
नेशनल आइस टी डे के मौके आपको जरूर जानना चाहिए कि आखिर आईस टी कब इजाद हुई थी। सन 1904 में अग्रेंज रिचर्ड ब्लेचेनडेन सेंट लुइस वर्ल्ड फेयर के दौरान आइस टी इजाद की। टी बैग वाली चाय का अविष्कार 1953 में किया गया था। वैसे तो अभी चाय का उत्पादन मुख्य रूप से यूरोप, नॉर्थ अमेरिका और नॉर्थ अफ्रीका में किया जाता है, जबकि ग्रीन टी एशिया में मुख्य रूप से उगाई जाती है। नेशनल आइस टी डे हर साल 10 जून को सेलीब्रेट किया जाता है। गर्मियों में आइस टी लोगों का पसंदीदा ड्रिंक है। इसे लोग मीठा और बिना शक्कर के भी पीना पसंद करते हैं। साथ ही लेमन का यूज भी इसमे किया जाता है।
आइस टी के फायदे जानिए
आइस टी के फायदे: मोटापे से छुकारा पाने में के लिए आइट टी
जो लोग वेट को कम करने की कोशिश कर रहे हैं, उनको आइस टी जरूर पीनी चाहिए। कोशिश करिए कि टी में शुगर एड न करें। मोटे लोग, जो हाइपरटेंशन की समस्या या कार्डियोवस्कुलर की समस्या से जूझ रहे हैं, उन्हें आइस टी जरूर पीनी चाहिए। चाय में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। अगर आप इस गुण को ज्यादा बढ़ाना चाहती हैं तो बेहतर होगा कि आइस टी पीना शुरू कर दें। कोल्ड टी में एक्ट्रा बायोएक्टिव कंपाउड जैसे कि गैलिक एसिड और एपिगैलोकैटेचिन गैलेट होते हैं जो शरीर के लिए अच्छे होते हैं।
आइस टी के फायदे: ग्रीन लीव में एंटीऑक्सीडेंट ज्यादा
चाय एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टी की वजह से जानी जाती है।एंटीऑक्सीडेंट की कम या ज्यादा मात्रा इस बात पर निर्भर करती हैं कि चाय की पत्तियों का किस तरह से यूज किया जा रहा है। आपको बताते चले कि वाइट टी में सबसे ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा होती है। अगर ग्रीन लीव को ठंडे पानी के साथ लिया जाए तो ये शरीर के लिए ज्यादा लाभदायक होगी।
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आइस टी बेनीफिट्स : कैविटी की समस्या हो जाएगी दूर
हाल ही मेडिकल स्टडी से ये बात सामने आई है कि आइस टी फायदे बहुत से होते हैं। आइज टी पीने से कैविटीज की समस्या से राहत पीती है। जो लोग सोडा ज्यादा पीते हैं, उनमे कैविटीज की समस्या होती है। अगर आपको रोजाना सोडा पीने की आदत है तो बेहतर होगा कि आप अपनी आदत बदल लें और आइस टी पीना शुरू कर दें। कॉफी के आदी लोग भी आइस टी को चूज कर सकते हैं।
घर में बनाएं ग्रीन आइस टी
अगर आप घर में आइस टी के मजे लेना चाहते हैं तो आपको ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जानिए घर में कैसे ग्रीन आइस टी तैयार की जा सकती है।
- 5 ग्रीन टी बैग
- 10 कप पानी
- एक नींबू
- आइस क्यूब्स
- शुगर (अगर आप लेना चाहते हैं)
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विधि
1.ग्रीन आइस टी बनाने के लिए सबसे पहले पानी उबालें। अब पानी में ग्रीन टी बैग डाले।
2. अब टी बैग को 5-7 मिनट पानी में रहने दें।
3. अब पानी को ठंडा करने के लिए उसे आइस क्यूब से भरे ग्लास में डाल दें।
4. अगर पानी कम लग रहा हो तो और पानी मिलाएं।
5.अगर आपको शुगर यूज करनी है तो डालें, वरना रहने दें।
6. नींबू को आधा काटें और निचोड़ें। ध्यान रखें कि नींबू का बीच ग्लास के अंदर न जाएं।
7. अब आइस के कुछ और क्यूब को ग्रीन आइस टी में मिला दें। तैयार हो गई आपकी ग्रीन आइस टी।
ब्लैक टी का करें यूज
अगर आपको ग्रीन टी नहीं पसंद है तो आप चाय पत्ती का यूज कर सकती हैं। ब्लैक आइस टी बनाने के लिए दो कप पानी में दो चम्मच चाय पत्ती डालें। फिर कुछ समय के लिए उबालें। अगर आपको पुदीने की पत्तियां पसंद हैं तो कुछ पत्तियां भी पानी में डाल दें। उसके बाद पानी को ठंडा होने के लिए रख दें। फिर नींबू और चीनी मिलाएं। एक कप में आइस क्यूब डाल दें और फिर चाय का पानी डाल दें। अगर आपको शुगर एड करना हैं तो कर सकते हैं। सोडा या अन्य स्वीट ड्रिंक से अच्छा ऑप्शन आइस टी है। अगर आपने पहले कभी आइस टी नहीं पिया है तो एक बार इसे जरूर ट्राई करें।
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