नैशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन (National Library of Medicine) एवं नैशनल हेल्थ एंड न्यूट्रिशन एग्जामिनेशन सर्वे (National Health and Nutrition Examination Survey) में पब्लिश्ड सर्वे रिपोर्ट के अनुसार भारत में क्रोनिक किडनी डिजीज से पीड़ित लोगों की संख्या 13 से 15 प्रतिशत है और किडनी डिजीज की समस्या बढ़ती जा रही है। वैसे किसी भी बीमारी का इलाज डॉक्टर से कंसल्टेशन करने से दूर होती है। वहीं ऐसी स्थिति में डायट का भी विशेष ख्याल रखना चाहिए। इसलिए किडनी डिजीज (Kidney Disease) क्या है एवं किडनी डिजीज में डायट (Kidney Disease Diet) में शामिल क्या नहीं करना चाहिए इसे समझेंगे।
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किडनी डिजीज (Kidney Disease) क्या है?
किडनी शरीर का एक ऐसा हिस्सा है, जो अगर किसी भी कारण से किसी बीमारी का शिकार हो जाए तो शरीर के अन्य अंगों को बीमार बनाने लगता है। किडनी का मुख्य काम ब्लड को फिल्टर करने और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मुख्य भूमिका निभाती है। इसके अलावा रेड ब्लड सेल्स एवं मजबूत हड्डियों के लिए विटामिन डी के मेटाबॉलिज्म में भी सहायक माना गया है। अब अगर किडनी डिजीज की समस्या शुरू हो जाए तो ऐसी स्थिति में व्यक्ति की तकलीफ बढ़ सकती है। इसलिए ऐसी स्थिति में इलाज के साथ-साथ डायट का भी विशेष ख्याल रखना जरूरी है। किडनी के मरीजों को डायट में क्या शामिल करना चाहिए इसके लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें।
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किडनी डिजीज में डायट: किन खाद्य पदार्थों से करें परहेज? (Avoid or Limit If You Have Bad Kidneys)
किडनी डिजीज में डायट का विशेष ख्याल रखना जरूरी है। इसलिए किडनी से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित लोगों को अपने डायट में निम्नलिखित खाद्य पदार्थों को शामिल नहीं करना चाहिए। जैसे:
- डार्क-कलर्ड सोडा (Dark-colored sodas)- किडनी डिजीज में डायट हेल्दी फॉलो करें और डार्क-कलर्ड सोडा का सेवन ना करें। डार्क-कलर्ड सोडा में फॉस्फोरस (Phosphorus) किडनी के लिए हानिकारक होता है और ह्यूमन बॉडी इसे तेजी से एब्सॉर्ब भी कर लेती है।
- एवोकैडो (Avocados)- किडनी डिजीज में डायट फॉलो के दौरान एवोकैडो को नहीं शामिल करना चाहिए? शायद आप सोच रहें होंगे कि एवोकैडो तो सेहत के कई तरह से लाभकारी है क्योंकि इसमें न्यूट्रिशन की मात्रा ज्यादा होती है। ये सच है कि एवोकैडो में हेल्दी फैट (Fats) मौजूद होने के साथ-साथ फाइबर (Fiber) एवं एंटीऑक्सिडेंट (Antioxidants) मौजूद होते हैं, लेकिन एवोकैडो में फॉस्फोरस की मात्रा भी ज्यादा होती है, जो किडनी डिजीज के पेशेंट्स के लिए नुकसानदायक माना गया है। इसलिए यू.एस. डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर (U.S. DEPARTMENT OF AGRICULTURE) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार एवोकैडो का सेवन नहीं करना चाहिए।
- कैंड फूड्स (Canned foods)- नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार कैंड फूड्स में सोडियम की मात्रा ज्यादा होती है, किडनी पेशेंट्स के लिए नुकसानदायक है।
- ब्राउन राइस (Brown rice)- ब्राउन राइस में फॉस्फोरस के साथ-साथ पोटैशियम की मात्रा ज्यादा होती है। इसलिए रीनल डायट renal diet फॉलो करने के दौरान ब्राउन राइस का सेवन नहीं करना चाहिए।
- केला (Banana)- केले में पोटैशियम की मात्रा ज्यादा होती है और रीनल डायट (Renal diet) फॉलो करने वाले व्यक्ति को केले का सेवन नहीं करना चाहिए।
- संतरा (Oranges)- संतरे में भी पोटैशियम की मात्रा ज्यादा होती है, जो किडनी पेशेंट के लिए नुकसानदायक मानी गई है।
- प्रोसेस्ड मीट (Processed meats)- नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार क्रोनिक डिजीज की समस्या से पीड़ित लोगों के लिए प्रोसेस्ड मीट का सेवन करना नुकसानदायक होता है। इसलिए इसे किडनी पेशेंट के लिए अनहेल्दी माना गया है।
- पोटैटो और स्वीट पोटैटो (Potatoes and sweet potatoes)- किडनी डिजीज में डायट में अगर आप आलू या शकरकंद को शामिल करते हैं तो ऐसा ना करें, क्योंकि इसमें भी पोटैशियम की मात्रा ज्यादा होती है। अगर आप आलू या शकरकंद खाना ज्यादा पसंद करते हैं, तो ऐसी स्थिति में आलू या शकरकंद को 1o मिनट तक पानी में उबालें और फिर इनका सेवन करें।
- टमाटर (Tomatoes)- टमाटर में भी पोटैशियम की मात्रा ज्यादा होती है। इसलिए किडनी डिजीज डायट में टमाटर को शामिल नहीं करना समझदारी की बात होगी।
- खजूर, किशमिश एवं आलूबुखारा (Dates, raisins, and prunes)- जब फलों को सूखा दिया जाता है, तो उनमें न्यूट्रीएंट्स कंसन्ट्रेटेड हो जाते हैं। इसलिए खजूर, किशमिश एवं आलूबुखारा में पोटैशियम लेवल बढ़ जाता है, जो रीनल डायट फॉलो करने वाले लोगों को सेवन नहीं करना चाहिए।
- एप्रिकॉट्स (Apricots)- एप्रिकॉट्स में विटामिन ए (Vitamin A), विटामिन सी (Vitamin C), फाइबर (Fiber) की मौजूदगी सेहत के लिए लाभकारी है, लेकिन किडनी पेशेंट्स के लिए इसमें मौजूद पोटैशियम की उच्च मात्रा नुकसादायक होती है। इसलिए किडनी पेशेंट्स को एप्रिकॉट्स का सेवन नहीं करना चाहिए।
इन ग्यारह खाद्य पदार्थों से किडनी पेशेंट्स को दूरी बढ़ानी चाहिए। वहीं ज्यादा मसालेदार खाना, अचार, साग, पैक्ड फूड जैसे चिप्स का सेवन नहीं करना चाहिए।
नोट: किसी खाने-पीने की चीजें अगर आप खरीद रहें हैं, तो पैकेट पर न्यूट्रिएंट्स की मात्रा लिखी होती है। किडनी पेशेंट्स को वैसे किसी भी खाद्य पदार्थ या पेय पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए जिनमें फॉस्फोरस या पोटैशियम की मात्रा ज्यादा हो।
चलिए अब आगे समझते हैं कि किडनी डिजीज का खतरा बढ़ जाता है।
किडनी की बीमारी का खतरा कब बढ़ सकता है? (Risk factor of Kidney disease)
किडनी डिजीज निम्नलिखित स्थितियों में लोगों को अपना शिकार बना सकती है। जैसे:
- हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) की समस्या होना।
- डायबिटीज (Diabetes) की समस्या होना।
- शरीर का वजन (Obesity) जरूरत से ज्यादा बढ़ना।
- हार्ट डिजीज (Heart Disease) की समस्या होना।
इन हेल्थ कंडिशन के साथ-साथ अगर फैमली में कोई क्रोनिक किडनी डिजीज (Chronic kidney disease) की समस्या से पीड़ित हैं, तो ऐसी स्थिति में किडनी डिजीज की संभावना बढ़ सकती है। इसलिए किडनी डिजीज में डायट का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
किडनी की बीमारी को दूर करने के लिए किन-किन बातों का ध्यान रखें? (Tips for Kidney disease)
किडनी या गुर्दे की बीमारी को दूर करने के लिए या इससे बचने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें। जैसे:
- नियमित वर्कआउट (Workout), योगासन (Yogasan) या वॉक (Walk) करें।
- ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) को कंट्रोल में रखें।
- तरल (Liquid) पदार्थों का सेवन ज्यादा करें।
- स्मोकिंग (Smoking) ना करें।
- किडनी डिजीज होने पर डॉक्टर के कंसल्ट में रहें।
इन बातों को ध्यान में रखने से लाभ मिलता है।
किडनी पाचन (Digestion), मसल्स एक्टिविटी (Muscle activity) और दवाओं (Medication) या कैमिकल के संपर्क में आने के बाद ब्लड से वेस्ट मटेरियल को बाहर निकालने में मदद करती है। इसलिए किडनी डिजीज (Kidney Disease) से बचना बेहद जरूरी है।
डिजीज में डायट (Kidney Disease Diet) जुड़े किसी सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज पर अपना सवाल पूछ सकते हैं। वहीं अगर आपको डिजीज में डायट (Kidney Disease Diet) फॉलो करने में तकलीफ महसूस हो रही है, तो इसकी जानकारी अपने डॉक्टर को जरूर दें और डॉक्टर द्वारा दिए गए सलाह का पालन करें।
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