भारत में शायद ही ऐसी कोई किचन हो, जिसकी शेल्फ पर घी या शुद्ध मक्खन रखा न हो। घी भारतीय खाने का एक अभिन्न अंग है। भारत में दूध और मक्खन से घी निकालने के पारंपरिक तरीके को ‘बिलोना’ के नाम से जाना जाता है। न जाने कितने वर्षों से भारतीय परिवार घी को खाने और मिठाइयों के बनाने में विभिन्न तरीकों से इस्तेमाल करते आ रहे हैं। यह इंग्रीडिएंट किसी भी मौसम में इस्तेमाल किया जा सकता है, जो कि न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाता है बल्कि उसके पोषण में भी बढ़ोतरी करता है।
घी क्यों जरूरी है?
भारत में सर्दियों के मौसम में हर घर में घी की विभिन्न मात्रा से बने लड्डू और स्नैक को कौन भूल सकता है। इसको ओमेगा-3 और 6 के साथ शरीर के लिए जरूरी अन्य कई पोषक तत्वों से भरपूर माना जाता है और यह सर्दियों की कड़ाके की ठंड में शरीर को जरूरी और पोषण और ग्रीसिंग प्रदान करता है। देरी से ही सही, लेकिन घी के प्रति डाइटिंग इंडस्ट्री का नजरिया बदलता जा रहा है, क्योंकि अधिक से अधिक लोग अब इसके पोषण की मात्रा से अवगत होता जा रहा है, जो कि शरीर के लिए बहुत जरूरी है। यह सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के अन्य कई देशों में स्वीकार्यता प्राप्त करता जा रहा है, क्योंकि लोग घी के द्वारा मिलने वाले पोषण और उसके फायदों को पाने के लिए इसे अपनी डाइट में शामिल कर रहे हैं।
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घी का अन्य खाद्य पदार्थों के साथ इस्तेमाल और प्रभाव
इसके अलावा, यह भी देखा गया है कि जो फूड्स ग्लाइसेमिक इंडेक्स में हाई हैं, उनमें घी की सही मात्रा मिलाने से उनके ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम किया जा सकता है। घी का जादू सिर्फ इतना ही नहीं है कि यह दुनिया का सबसे हाई-फंक्शनिंग फैट है। बल्कि, यह अन्य फूड्स का सबसे बेहतर पार्टनर है, जो कि हमारे लिए उनके पोषक तत्वों को और प्रभावी बना देता है।
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आयुर्वेद ने भी बताया घी का महत्व
देसी घी को भारत के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न पारंपरिक तरीकों से बनाया जाता है। इसमें न सिर्फ ओवर-पॉवरिंग स्मेल या फ्लेवर या न सिर्फ यादगार स्वाद है, बल्कि यह प्रभावशाली एंटी-एजिंग फूड भी है। घी को आयुर्वेद में ‘समस्कारा अनुवर्तना’ (Samskara Anuvartana) कहा जाता है, जिसका मतलब है कि इसके किसी भी चीज के साथ पका लीजिए, लेकिन इसकी अच्छाई और स्वास्थ्य फायदे वैसे के वैसे ही बने रहते हैं। आयुर्वेद के मुताबिक, घी की मदद से त्वचा, याद्दाश्त, ताकत बेहतर होती है और इससे शरीर डिटॉक्स भी होता है। घी को आयुर्वेद के मुताबिक इसके मेडिसिनल गुण की वजह से भी बेहतर माना जाता है, जो कि इसे कूलिंग फूड के रूप में बताता है।
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वो दिन चले गए जब घी को रक्त वाहिकाओं को बाधित करने वाले और दिल के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक खाद्य पदार्थ के रूप में जाना जाता था। बल्कि, अब इसे शरीर के लिए एक जरूरी फूड और गुड कोलेस्ट्रॉल को एक्टिवेट करने वाले के रूप में जाना जाता है। इन सभी बातों की वजह से घी को निकालने का भारतीय पारंपरिक तरीका दुनियाभर में लोकप्रियता प्राप्त करता जा रहा है और इसे इस्तेमाल करने की प्रैक्टिस भी स्वीकार्यता प्राप्त करती जा रही है।
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