रूमेटाइड अर्थराइटिस एक ऑटोइम्यून बीमारी है। इस रोग में हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता ही हमारी स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देती है। इससे हमारे शरीर के जोड़ों में दर्द, सूजन और जलन होती है। यह रोग केवल बुजुर्गों में ही नहीं बल्कि वयस्कों में भी सामान्य है। इस रोग के कारण प्रोटेक्टिव कार्टिलेज को नुकसान होता है, जिससे हड्डियां कमजोर होती हैं। समय के बढ़ने के साथ हड्डियों को जोड़ने वाले लिगामेंटस भी कमजोर हो जाते हैं, जिससे हड्डियां अपने वास्तविक स्थान से खिसक सकती हैं। पहले इस बीमारी का प्रभाव हाथ और पैर के जोड़ों पर पड़ता है जिसके बाद इस समस्या का प्रभाव शरीर के अन्य स्थानों पर भी पड़ता है। हालांकि, रूमेटाइड अर्थराइटिसक के लिए कोई खास डाइट नहीं है। लेकिन, शोधकर्ताओं के अनुसार कुछ खास आहार इस दौरान होने वाली जलन,दर्द और सूजन को कम करने में प्रभावी है।
जानिए रूमेटाइड अर्थराइटिस की स्थिति में क्या खाएं चाहिए और क्या नहीं। जानिए रूमेटाइड अर्थराइटिस डाइट चार्ट के बारे में।
रूमेटाइड अर्थराइटिस में क्या खाएं?
रूमेटाइड अर्थराइटिस में विटामिन और मिनरल्स को लेना आवश्यक है। इनसे रूमेटाइड अर्थराइटिस के लक्षणों से जल्दी छुटकारा मिलता है। जानिए आपको इस रोग के दौरान क्या खाना चाहिए:
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ग्रीन टी
ग्रीन टी में नुट्रिएंटस और एंटीऑक्सीडेंट्स की अच्छी मात्रा होती है। इसमें इतनी क्षमता होती है कि यह इस रोग में होने वाली सूजन को कम करे। पूरा फायदा पाने के लिए दिन में दो बार ग्रीन टी का सेवन अवश्य करें।
सालमोन, टूना, सार्डिन और मैकरल मछली
इन सभी मछलियों में ओमेगा-3 फैटी एसिडस पाए जाते हैं, जो सूजन को कम करने में प्रभावी हैं। ऐसा माना जाता है कि हफ्ते में दो या तीन बार इन मछलियों का सेवन करने से दिल सुरक्षित रहता है और जलन कम होती है।
फल
फल जैसे स्ट्रॉबेर्री, ब्लैकबेरी, क्रैनबेरी आदि में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं। इसके साथ ही इनमें आर्थराइटिस से लड़ने की शक्ति भी होती है। सेब में भी एंटीऑक्सीडेंट होते हैं और यह फाइबर का भी अच्छा स्त्रोत है। अनार में भी अर्थराइटिस में होने वाली सूजन को दूर करने की क्षमता होती है।
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सब्जियां
सब्जियां जैसे गोभी, मशरूम, ब्रोक्ली आदि एंटी-इंफ्लेमेटरी सब्जियों को अपनी डाइट में शामिल करें। इन का सेवन करना आपके पूरे स्वस्थ में लाभदायक हो सकता है और इसके साथ ही आपकी आर्थराइटिस में होने वाली दर्द भी दूर होगी।
ओलिव आयल
सामान्य वेजिटेबल आयल की जगह ऐसे तेल का चुनाव करें, जिसमें ओमेगा 3 और ओमेगा 6 एसिड हो। शोध के अनुसार ओलिव आयल में मौजूद ओलियोकैथल में सूजन को दूर करने वाले गुण होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं।
अदरक और हल्दी
अदरक और हल्दी में भी सूजन को दूर करने के गुण होते हैं। रूमेटाइड अर्थराइटिस में इन सब्जियों का सेवन करना भी फायदेमंद है।
साबुत अनाज
साबुत अनाज को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं। इनमें पर्याप्त फाइबर होता है और रूमेटाइड अर्थराइटिस से छुटकारा पाने में यह भी सहायक है। इसलिए अपने आहार में साबुत अनाज जैसे गेहू, चावल, ओटस आदि को शामिल करें।
मेवे
मेवे जैसे अखरोट, पिस्ता और बादाम में सूजन से लड़ने वाले फैट होते हैं। इसलिए इन चीजों को खाना भी इस रोग में प्रभावी है।
अन्य
- रूमेटाइड अर्थराइटिस से बचने के लिए आपको अपने आहार में पर्याप्त विटामिन, मिनरल, एंटीऑक्सीडेंट और अन्य नुट्रिएंट लेने चाहिए।
- अपने आहार में पर्याप्त ओमेगा 3 फैटी एसिड को शामिल करें, जैसे फिश आयल, अखरोट, अंडे आदि।
- जितना अधिक हो सके पानी पीएं।
- जितना हो सके कैल्शियम लें, ताकि हड्डियां कमजोर न हों।
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रूमेटाइड अर्थराइटिस में क्या न खाएं ?
रूमेटाइड अर्थराइटिस की समस्या से बचने के लिए अपने आहार में थोड़े बदलाव करें और जानें की इसमें क्या नहीं खाना चाहिए?
- अल्कोहल और अल्कोहलिक पेय पदार्थों को लेने से बचे।
- शेलफिश जैसे प्रॉन या स्काल्लोपस आदि को लेने से बचे।
- कॉर्न, सनफ्लॉवर, सोयाबीन आयल में ओमेगा-6 फैटी एसिडस अधिक होते हैं, इसलिए ऐसी चीज़ों को खाने से जोड़ों में सूजन और जलन बढ़ सकती है।
- ऐसी चीजे जिनमें अधिक चीनी होती है जैसे मिठाईयां, पेस्ट्री, सोडा, फ्रूट जूस आदि का सेवन करने से भी यह समस्या बढ़ती है।
- जंक फूड या अधिक मिर्च मसाले वाला आहार न खाएं।
- रूमेटाइड अर्थराइटिस में न तो उपवास करें न ही अधिक खाएं।
रूमेटाइड अर्थराइटिस डाइट चार्ट
- रूमेटाइड अर्थराइटिस होने पर सबसे पहले सुबह उठ कर एक या दो गिलास गुनगुना पानी पीएं।
- नाश्ता (8 :30 AM) पोहा /दलिया / ओट्स/ अंकुरित अनाज / 2 पतली रोटी + 1 कटोरी सब्जी +कोई फल या ताजा जूस
- दिन का भोजन (12:30-01:30 PM)2 रोटियां+ 1 कटोरी कोई भी सब्जी + 1 कटोरी दाल + सलाद या खिचड़ी
- शाम का नाश्ता (05:30-06:00 PM) सूप/ ताजा जूस / कटे हुए फल
- रात का भोजन (7:00 – 8:00 PM) 2 रोटियां + 1 कटोरी हरी सब्जियां + 1 कटोरी दाल
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रूमेटाइड अर्थराइटिस में राहत पाने के लिए इन बातों का रखें ध्यान
अपने वजन को संतुलित रखें
वजन का बढ़ना आर्थराइटिस की समस्याओं को बढ़ा सकता है। जिसके साथ ही दर्द में भी बढ़ोतरी हो सकती है। इसके लिए अपने लाइफस्टाइल में बदलाव करें।
व्यायाम
वजन को संतुलित रखने और स्वस्थ रहने के लिए रोजाना व्यायाम करें। लेकिन, अपने डॉक्टर से एक बार पूछ लें कि आपको कौन सी एक्सरसाइज करनी चाहिए। सैर करना, साइकिलिंग आदि करने से न केवल वजन संतुलित रहता है बल्कि अच्छी एक्सरसाइज भी होती है।
मालिश
मालिश आपके दर्द और सूजन को अस्थायी रूप से दूर कर सकती है। लेकिन, इसे लेने से पहले मालिश करने वाले को आपके प्रभावित स्थान के बारे में पता होना चाहिए।
एक्यूपंक्चर
कुछ लोगों को एक्यूपंक्चर के माध्यम से दर्द से राहत मिलती है। इसमें प्रशिक्षित व्यक्ति पतली सुइयों को शरीर के खास हिस्सों में लगाते हैं। हालांकि, इस तकनीक से तबियत में सुधर होने में समय लगता है।
हीट एंड कोल्ड थेरेपी
हीट के साथ आप अपने जोड़ों के दर्द को दूर कर सकते हैं। इसके लिए हॉट बाथ लें। हीटिंग पैड का प्रयोग करें। इसके साथ ही आइस पैक का भी प्रयोग किया जा सकता है। इससे मांसपेशियों में दर्द, और सूजन से राहत मिल सकती है।
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दवाईयां
रूमेटाइड अर्थराइटिस के दर्द से राहत पाने के लिए कई तरह की दवाईयां उपलब्ध हैं। लेकिन, इन्हे लेने से पहले अपने डॉक्टर से अवश्य पूछें।
सकारात्मक रहें
अपने आप को सकारात्मक रखें। आपकी सकारात्मक सोच दर्द और अन्य समस्याओं को दूर करने में प्रभावी हैं। इस समस्या पर ध्यान लगाने की जगह अपने प्रियजनों के साथ समय बिताएं या ऐसा कुछ करें जो आपको पसंद है।
कई बार रूमेटाइड अर्थराइटिस के लक्षण जैसे सूजन, बिना किसी कारण से खुद ही ठीक हो सकते हैं। लेकिन इसे आपने इस रोग में सुधार न समझे और न ही अपने आहार में बदलाव करें। बल्कि, अपने डॉक्टर या डाइटिशन से इस बारे में बात करें। वो आपको सही सलाह दे सकते हैं।
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