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रजोनिवृत्ति (Menopause)
मेनोपॉज से पहले और उसके दौरान, शरीर में हार्मोन का स्तर काफी बदलता है। शरीर में कम एस्ट्रोजन की वजह से नेचुरल लुब्रिकेंट्स का कम उत्पादन होता है। साथ ही, वजाइना के टिशू भी सूखकर पतले हो जाते हैं। यह स्तिथि सेक्स को और अधिक असुविधाजनक बना सकती हैं, यहां तक सेक्स के बाद दर्द का कारण भी बन सकती है।
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वजेनाटिस (Vaginitis)
योनि में मौजूद नेचुरल बैक्टीरिया के संतुलन में बदलाव से वजाइना में सूजन हो सकती है। वजेनाटिस नामक यह स्थिति, वजाइना में खुजली और डिस्चार्ज का कारण भी बन सकती है। इस तरह की स्थिति में बिना यौन संबंध बनाए ही लेबिया (labia) या योनि में दर्द हो सकता है। सेक्शुअल इंटरकोर्स इस दर्द को और बढ़ा सकता है।
एंडोमेट्रियोसिस (endometriosis)
एंडोमेट्रियोसिस तब होता है जब यूटेराइन लाइनिंग पेल्विक में कहीं और बढ़ने लगती है। यह अंडाशय या फैलोपियन ट्यूब तक बढ़ सकती है। यहां तक कि यह पेल्विक लाइनिंग के ऊपर भी विकसित हो सकती है। संभोग के दौरान या बाद दर्द एंडोमेट्रियोसिस का सामान्य लक्षण हैं।
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पेल्विक इंफ्लामेशन डिजीज (PID)
पीआईडी एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है। यह संक्रमण गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब, गर्भाशय ग्रीवा और अंडाशय तक फैल सकता है। इससे पेल्विक पेन, दर्दनाक सेक्स, यूरिनेशन के दौरान दर्द और ब्लीडिंग की समस्या पैदा हो सकती है।
वुलवोडायनिया (Vulvodynia)
वल्वा में होने वाला दर्द है जो कम से कम 3 महीने तक बना रहता है। ऐसी स्थिति को वुलवोडायनिया कहते हैं। यह स्पष्ट नहीं है कि इस स्थिति का क्या कारण है, लेकिन यह असामान्य नहीं है। सेक्शुअल एक्टिविटी के बाद यह दर्द और बदतर हो सकता है। इसके साथ ही वजाइना में भी जलन हो सकती है।
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वैजिनिस्मस (Vaginismus)
योनि का संकुचन एक ऐसी स्थिति है जिससे महिलाओं को सेक्स के दौरान बहुत दर्द होता है। इस सेक्शुअल प्रॉबल्म के चलते टैम्पोन को भी इन्सर्ट करने में परेशानी होती है।
गर्भाशय फाइब्रॉएड (Uterine fibroids)
गर्भाशय फाइब्रॉएड यूटेराइन के अंदर या ऊपर विकसित हो सकते हैं। ये फाइब्रॉएड जब बड़े हो जाते हैं, तो वे काफी दर्दनाक हो सकते हैं। यदि आपको यूटेराइन फाइब्रॉएड है, तो सेक्स के बाद पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द का अनुभव हो सकता है।
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वल्वर पेन (Vulvar pain)
सेक्शुअल इंटरकोर्स के दौरान योनि में दर्द हो सकता है। लेकिन, यदि सेक्स से पहले ही आपको दर्द हो रहा है, तो यह किसी हेल्थ कंडीशन का लक्षण हो सकता है, जैसे-वल्वर अल्सर (vulvar ulcer)। ऐसे में कुछ घंटों या दिनों तक वल्वर में जलन होती रहे, तो डॉक्टर से संपर्क करना ही बेहतर रहेगा।
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सेक्स के बाद दर्द के अन्य कारण
- बर्थ कंट्रोल पिल्स, प्राकृतिक हार्मोन के स्तर को कम कर देती हैं। ये पिल्स वजाइना के टिश्यू को भी सूखा देती हैं। ऐसे में सेक्स के दौरान आप अगर फोरप्ले या सेक्स लुब्रिकेंट्स को एहमियत नहीं देते हैं तो सेक्शुअल पेनेट्रेशन के फौरन हुआ फ्रिक्शन सेक्स के बाद दर्द का कारण बनता है।
- पेल्विक फ्लोर की मसल्स का टाइट होना भी पेनफुल सेक्स की वजह बनता है। ऐसा खराब पोस्चर, कुछ प्रकार की शारीरिक गतिविधि (जैसे साइकिल चलाना) आदि इसके कारण हो सकते हैं।
- कभी-कभी गर्भावस्था के बाद भी सेक्स करने से दर्द हो सकता है।
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सेक्स के बाद दर्द : कैसे मिलेगी राहत?
नीचे कुछ उपाय बताएं जा रहे हैं जिनमें से कुछ को तो आप घर पर ही कर सकती हैं और कुछ के लिए आपको डॉक्टर की सलाह लेनी पड़ती है। ते कुछ उपाय इस प्रकार हैं-