मैमोग्राफी (Mammography) के दौरान क्या होता है?
- पेशेंट को पेपर (कागज) से बने कपड़े पहनाए जाते हैं।
- दोनों ब्रेस्ट के दो-दो एक्स-रे लिए जाते हैं।
- टेस्ट के दौरान ब्रेस्ट को दबाया जाता है, हालांकि इससे कोई नुकसान नहीं होता है। लेकिन हल्का दर्द महसूस हो सकता है।
- एक्स-रे के दौरान डॉक्टर पेशेंट को गहरी सांस लेने की सलाह देते हैं और कुछ सेकेंड के लिए सांस होल्ड करने के लिए कहते हैं।
मैमोग्राफी से मिले रिपोर्ट के अनुसार ब्रेस्ट में हुए गांठ की जानकरी आसानी से मिल जाती है। यह जरूरी नहीं की ब्रेस्ट में मौजूद गांठ कैंसरस ही हो। कई बार जांच के दौरान निकलने वाले रेडिएशन की वजह से महिला या परिवार के सदस्य चिंतित भी हो जाते हैं। लेकिन एक्सपर्ट्स मानते हैं कि मैमोग्राम के दौरान निकलने वाले रेडिएशन से खतरा न के बराबर होता है।
18 से 20 वर्ष से ज्यादा की महिलाएं खुद से घर पर ही स्तन की जांच की जांच कर सकती हैं। वहीं 40 से ज्यादा उम्र की महिलाओं को 2 साल में एक बार मैमोग्राफी करवाना चाहिए।
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थर्मोग्राफी क्या है? (What is Thermography?)
थर्मोग्राफी (Thermography) एक टेस्ट है, जो शरीर के टिशू में हीट पैटर्न और ब्लड फ्लो (Blood flow) की जानकारी के लिए किया जाता है। डिजिटल इंफ्रारेड थर्मल इमेजिंग (DITI) थर्मोग्राफी का प्रकार है। DITI से ब्रेस्ट कैंसर की जानकारी मिल जाती है। दरअसल ब्रेस्ट में मौजूद ट्यूमर तक ब्लड सप्लाई के जानकारी आसानी से मिल जाती है। थर्मोग्राफी से किसी भी तरह का रेडिएशन नहीं होता है और न ही थर्मोग्राफी (Thermography) के दौरान कोई दर्द महसूस होती है। थर्मोग्राफी को 50 साल से कम उम्र की महिलाओं के लिए किया जाता है।
थर्मोग्राफी (Thermography) के दौरान क्या होता है?
- पेशेंट को क्रीम, परफ्यूम या डिओड्रेंट जैसी किसी भी प्रोडक्ट के इस्तेमाल पर रोक होती है।
- टेस्ट के वक्त पेशेंट को कमर से ऊपर अनड्रेस्ड रखा जाता है।
- थर्मोग्राफी सिस्टम (मशीन) के सामने पेशेंट को खड़ा रखा जाता है।
- एक्सपर्ट फ्रंट और बैक के 6 अलग-अलग इमेज लेंगे।
- इस टेस्ट के दौरान कम से कम आधे घंटे का वक्त लगता है।
थर्मोग्राफी से मिले रिपोर्ट के अनुसार ब्रेस्ट में हुए गांठ की जानकरी आसानी से मिल जाती है। थर्मोग्राफी (Thermography) से किसी भी तरह का रेडिएशन नहीं होता है। 50 साल से कम उम्र की महिलाओं को थर्मोग्राफी की सलाह दी जाती है।
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थर्मोग्राफी (Thermography)–
- थर्मोग्राफी टेस्ट के दौरान ब्रेस्ट पर प्रेशर नहीं दिया जाता है
- इस टेस्ट के दौरान दर्द नहीं होता है
- थर्मोग्राफी टेस्ट के दौरान किसी भी तरह का रेडिशन नहीं होता है
- थर्मोग्राफी टेस्ट की मदद से ब्रेस्ट में हो रहे किसी भी तरह के बदलाव को आसानी से समझा जा सकता है
- थर्मोग्राफी टेस्ट से ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती स्टेज की भी जानकारी आसानी से मिल जाती है
- ब्रेस्ट टिशू में हो रहे बदलाव की जानकारी भी मिल जाती है
- इससे हॉर्मोन या पीरियड्स पर कोई असर नहीं पड़ता है
- थर्मोग्राफी रिपोर्ट कलर इमेज होती है।