सर्वाइकल कैंसर में इम्यूनोथेरिपी (Immunotherapy in Cervical cancer) साइड इफेक्ट्स का कारण भी बन सकती है जिसमें थकान, बोन, मसल्स और जॉइंट पेन, भूख कम होना, खुजली, डायरिया, जी मिचलाना, रैशेज, फीवर, कफ, इंडायजेशन, कब्ज और पेट दर्द शामिल है। अधिक गंभीर साइड इफेक्ट्स का दिखाई देना सामान्य नहीं है। ये दवाएं आमतौर पर बॉडी के इम्यून सिस्टम से ब्रेकर को हटाने का काम करती हैं। कई बार इम्यून सिस्टम बॉडी के दूसरे हिस्सो पर अटैक करना शुरू कर देता है। जिसकी वजह से लंग्स, इंटेस्टाइन, लिवर, हॉर्मोन्स बनाने वाली ग्रंथियां, किडनी और दूसरे अंगों को खतरा हो सकता है।
किसी भी प्रकार के नए या गंभीर साइड इफेक्ट के दिखाई देने पर डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। अगर साइड इफेक्ट्स बहुत बढ़ जाते हैं या गंभीर हो जाते हैं तो डॉक्टर ट्रीटमेंट को रोक सकते हैं या साइड इफेक्ट्स को कम करने के लिए दवा लिख सकते हैं।
सर्वाइकल कैंसर के रिस्क को कैसे कम किया जा सकता? (Prevention from cervical cancer)
सर्वाइकल कैंसर के खतरे को कम करने के लिए निम्न उपाय अपनाएं जा सकते हैं।
अपने डॉक्टर से एचपीवी वैक्सीन (HPV vaccine) के बारे में पूछें
एचपीवी संक्रमण को रोकने के लिए टीकाकरण प्राप्त करने से सवाईकल के कैंसर और अन्य एचपीवी से संबंधित कैंसर का खतरा कम हो सकता है। अपने डॉक्टर से पूछें कि क्या एचपीवी वैक्सीन आपके लिए उपयुक्त है।
नियमित पैप परीक्षण (PAP test) करवाएं
पैप परीक्षण गर्भाशय ग्रीवा की पूर्व कैंसर स्थितियों का पता लगा सकते हैं, इसलिए गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर को रोकने के लिए उनकी निगरानी या उपचार किया जा सकता है। अधिकांश चिकित्सा संगठन 21 साल की उम्र में नियमित पैप परीक्षण शुरू करने और उन्हें हर कुछ वर्षों में दोहराने का सुझाव देते हैं। अगर आप इस टेस्ट को करवा सकते हैं तो जरूर करवाएं।