अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative colitis) लार्ज इंटेस्टाइन और रेक्टम में इंफ्लामेशन का कारण होने वाला रोग है। इस इंफ्लामेशन से सेल्स डैमेज हो सकते हैं और यह किसी कंडिशन के लक्षण की वजह भी बन सकता है लेकिन, कई बार इसके कारण कुछ बड़े इश्यूज भी हो सकते हैं जैसे कैंसर। ऐसा पाया गया है कि अल्सरेटिव कोलाइटिस और किसी खास तरह के कैंसर के बीच में लिंक होता है। इन्हीं कैंसरस में से एक है कोलन कैंसर (Colon cancer)। आज हम आपको जानकारी देने वाले हैं अल्सरेटिव कोलाइटिस और कोलन कैंसर (Ulcerative colitis and colon cancer) के बीच के लिंक के बारे में। लेकिन, अल्सरेटिव कोलाइटिस और कोलन कैंसर (Ulcerative colitis and colon cancer) के पहले अल्सरेटिव कोलाइटिस के बारे में थोड़ा जान लेते हैं।
अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative colitis) किसे कहा जाता है?
जैसा कि पहले ही बताया गया है कि अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative colitis) एक इंफ्लेमेटरी बॉवेल डिजीज (inflammatory bowel disease) है। इससे लार्ज इंटेस्टाइन की लायनिंग में इंफ्लेमेशन और अल्सर हो सकता है। इसका कोई इलाज नहीं है लेकिन इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है और सही उपचार से इस रोग को हैंडल किया जा सकता है। इसका मुख्य लक्षण है ब्लडी डायरिया। डॉक्टर इस बात को लेकर श्योर नहीं हैं कि लोगों को यह समस्या क्यों होती है? लेकिन, इसमें जीन्स (Genes) को मुख्य कारण माना जाता है। अब जान लेते हैं कि कोलन कैंसर (Colon cancer)। क्या है?
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कोलन कैंसर (Colon cancer) क्या है?
कोलन कैंसर (Colon cancer) उस तरह का कैंसर है, जिसकी शुरुआत लार्ज इंटेस्टाइन में होती है। कोलन डायजेस्टिव ट्रैक्ट का फाइनल पार्ट है। यह कैंसर किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है, लेकिन यह अधिकतर बुजुर्गों को होता है। इस कैंसर के विकसित होने पर कई तरह से ट्रीटमेंट्स से इसे कंट्रोल किया जा सकता है जिसमें सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी और ड्रग ट्रीटमेंट आदि शामिल है। इसके लक्षणों में बॉवेल हैबिट्स में लगातार बदलाव, रेक्टल ब्लीडिंग, थकावट, कमजोरी आदि शामिल है। अब जानते हैं अल्सरेटिव कोलाइटिस और कोलन कैंसर (Ulcerative colitis and colon cancer) के बीच के लिंक के बारे में।
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अल्सरेटिव कोलाइटिस और कोलन कैंसर (Ulcerative colitis and colon cancer) के बीच में क्या है कनेक्शन?
अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative colitis) से पीड़ित लोगों को कोलन कैंसर (Colon cancer) होने का रिस्क छह गुना अधिक होता है। अल्सरेटिव कोलाइटिस के कारण होने वाली इंफ्लेमेशन इस कैंसर का मुख्य कारण है। क्रॉनिक इंफ्लेमेशन से कैंसर की संभावना तीन तरीकों से बढ़ जाती है:
- हमारे बॉवेल्स में, इंफ्लेमेशन से कोलन सेल्स में जेनेटिक मेटेरियल को नुकसान पहुंचता है। यह उन कोशिकाओं में म्युटेशन पैदा कर सकता है, जो कैंसर हो सकती हैं।
- इससे कुछ मोलेक्युल्स का लेवल बढ़ता है, जो कैंसरस ट्यूमर को बढ़ाने में मददगार हो सकते हैं।
- इससे वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शंस की संभावना बढ़ती है। इससे शरीर के इम्यून सिस्टम पर असर हो सकता है और कैंसर सैल्स ग्रो और मल्टिप्लाय होने के लिए एनकरेज होते हैं।
यह तो थी अल्सरेटिव कोलाइटिस और कोलन कैंसर (Ulcerative colitis and colon cancer) के बारे में जानकारी। अब जानते हैं कि अल्सरेटिव कोलाइटिस से पीड़ित लोगों में से किन लोगों को कोलन कैंसर का रिस्क रहता है?
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अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative colitis) में कोलन कैंसर (Colon cancer) का रिस्क किन लोगों को अधिक रहता है?
अगर आपको अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative colitis) की समस्या है, तो कुछ चीजें कोलन कैंसर (Colon cancer) की संभावना को बढ़ा सकती हैं, जैसे:
- अगर आपको यह समस्या आठ साल से भी अधिक समय तक हो।
- आपकी कोलन कैंसर की फैमिली हिस्ट्री हो। अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative colitis) सभी या अधिकतर लोगों को प्रभावित करती है।
- कोलन में इंफ्लेमेशन गंभीर हो या फैल गई हो।
- अगर अल्सरेटिव कोलाइटिस अन्य प्रायमरी स्केलेरोसिंग कोलिन्जाइटिस (Primary sclerosing cholangitis ) या डिसप्लेसिया (Dysplasia) जैसी कंडिशन का कारण बन जाए।
अल्सरेटिव कोलाइटिस और कोलन कैंसर (Ulcerative colitis and colon cancer) के बीच के लिंक के बारे में आप जान गए होंगे। अब जानते हैं कि कोलन कैंसर (Colon cancer) के लक्षण क्या हैं?
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कोलन कैंसर (Colon cancer) के लक्षण क्या हैं?
अल्सरेटिव कोलाइटिस से पीड़ित लोगों को यह पता भी नहीं होता है कि उन्हें कोलन कैंसर (Colon cancer) है, क्योंकि इसके लक्षण भी अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative colitis) के जैसे होते हैं। लेकिन, इसके लक्षणों के बारे में जानकारी होना आवश्यक है। जानिए क्या हैं इसके सामान्य लक्षण:
- कमजोरी और थकावट
- वजन का अचानक कम होना
- रेक्टम से ब्लीडिंग होना या मल में खून आना
- ऐसा महसूस होना जैसे आपका बॉवेल पूरी तरह से खाली नहीं हुआ है
- बेली और गट में डिसकंफर्ट जैसे डायरिया, कब्ज या मल के रंग व टेक्सचर में बदलाव आदि
अल्सरेटिव कोलाइटिस और कोलन कैंसर (Ulcerative colitis and colon cancer) के बारे में जानकारी के साथ ही यह भी जान लें कि कोलन कैंसर का निदान कैसे किया जा सकता है?
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कैसे हो सकता है कोलन कैंसर (Colon cancer) का निदान?
अगर किसी व्यक्ति में कोलन कैंसर (Colon cancer) का निदान जल्दी हो जाता है, तो इसका उपचार करना आसान है। अगर यह समस्या गंभीर है और अधिक समय तक रहती है, तो आपको कई बार टेस्ट्स के लिए डॉक्टर के पास जाना पड़ सकता है। इसके लिए कॉलोनोस्कोपी (Colonoscopy) सबसे सामान्य टेस्ट है। इससे सस्पीशियस टिश्यू और सेल्स का निदान उनके कैंसर बनने से पहले निदान हो सकता है। अगर किसी व्यक्ति में इस कैंसर के लक्षण आठ से अधिक सालों तक हो, तो उन्हें हर एक या दो साल में इस टेस्ट की सलाह दी जा सकती है।
इसके साथ ही डॉक्टर इंफ्लेमेशन को मैनेज करने के अन्य तरीकों को सुझा सकते हैं। इससे उन्हें कैंसर के अर्ली लक्षणों को डिटेक्ट करने में मदद मिल सकती है। इसमें जेनेटिक्स भी मुख्य भूमिका निभा सकते हैं। इसलिए, अगर आपके परिवार में किसी को यह समस्या है, तो डॉक्टर को इस बारे में अवश्य बताएं। अब जानते हैं कि इसके रिस्क को कैसे कम किया जा सकता है?
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कोलन कैंसर (Colon cancer) का रिस्क कैसे कम कर सकते हैं?
ऐसी कई चीजें हैं जिनसे कोलन कैंसर (Colon cancer) के डेवलप होने की संभावना कम कम किया जा सकता है। आइए जानें इनके बारे में विस्तार से:
- अपने डॉक्टर से कुछ दवाइयों के बारे में बात करें जैसे सल्फेसेलेजिन (sulfasalazine), वेडोलिज़ुमाब (vedolizumab) या मेसालामाइन (Mesalamine) आदि। यह ड्रग्स अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative colitis) को मैनेज करने में मददगार है। इसके साथ ही इनसे कोलन कैंसर का जोखिम भी कम होने में सहायता मिलती है। अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार कोलन कैंसर इंफ्लेमेशन को मैनेज करने के लिए सही दवाइयों को लें।
- अगर आपके किसी फॅमिली मेंबर को कोलन कैंसर (Colon cancer) है, तो इस बारे में डॉक्टर को अवश्य बताएं।
- अधिक से अधिक फल, सब्जियों और साबुत अनाज का सेवन करें। इसके साथ ही प्रोसेस्ड फूड, अधिक नमक या चीनी वाले आहार का सेवन करने से बचें।
- एल्कोहॉल को कम मात्रा में लें। क्योंकि, इससे भी इस समस्या का रिस्क बढ़ सकता है। इसके बारे में डॉक्टर से बात अवश्य करें।
- नियमित रूप से व्यायाम करें या वॉक करें। इससे आपको अल्सरेटिव कोलाइटिस और कोलन कैंसर (Ulcerative colitis and colon cancer) को मैनेज करने के साथ ही संपूर्ण रूप से हेल्दी रहने में भी मदद मिल सकती है।
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उम्मीद है कि अल्सरेटिव कोलाइटिस और कोलन कैंसर (Ulcerative colitis and colon cancer) के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative colitis) से पीड़ित लोगों को कोलन कैंसर (Colon cancer) होने की संभावना अधिक रहती है। इस रिस्क को कई फैक्टर्स प्रभावित कर सकते हैं जैसे कितने देर से किसी व्यक्ति को यह परेशानी है और डैमेज कितना गंभीर है। इसके साथ ही कोलन में इंफ्लेमेशन को मैनेज करने के लिए कई ट्रीटमेंट ऑप्शंस भी मौजूद हैं। अगर इस बारे में आपके मन में कोई भी सवाल है, तो डॉक्टर से इस बारे में अवश्य जानें।
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