इस ऑपरेशन में सबसे बड़ी चुनौति पूरे ट्यूमर को हटाने के साथ आसपास के टेंडन, नर्व्स और ब्लड वेसल्स को बचाने की होती है ताकि लिंब का फंक्शन को अपीरिएंस ठीक रहे। अगर कैंसर यहां तक भी फैल चुका है तो डॉक्टर इसे पूरे स्ट्रक्चर को ट्यूमर के साथ हटा देंगे।
अगर बोन के एक सेक्शन को हटा दिया जाता है तो सर्जन बोन को रिकंस्ट्रक्ट करेगा। रिकंस्ट्रक्शन का तरीका सिचुएशन पर निर्भर करता है। इसके ऑप्शन में मेटल प्रोस्थेटिक्स (Metal prosthetics) और बोन ग्राफ्ट (Bone grafts) शामिल है।
लिम्ब साल्वेज सर्जरी के कॉम्प्लिकेशन
ऑस्टियोसार्कोमा सर्जरी के इस प्रकार के कुछ कॉम्प्लिकेशन्स में इंफेक्शन और ग्राफ्ट्स, रोड्स का ढीला होना या टूटना है। मरीज जिनकी लिंब साल्वेज सर्जरी हुई होती है उन्हें आने वाले सालों में सर्जरी की जरूरत पड़ती है। वहीं कुछ को एमप्यूटेशन (Amputation) की। बढ़ते बच्चों में आंतरिक कृत्रिम अंग का उपयोग करना विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण है। बच्चे के बड़े होने पर कृत्रिम अंग को लंबे समय तक बदलने के लिए कभी-कभी ऑपरेशन की आवश्यकता होती थी।
नए आने वाले कृत्रिम अंग अब बहुत परिष्कृत हो गए हैं और अक्सर बिना किसी अतिरिक्त सर्जरी के इसे लंबा किया जा सकता है।
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एम्प्यूटेशन (Amputation)
ऑस्टियोसार्कोमा सर्जरी (Surgery for Osteosarcoma) में कुछ मरीजों के लिए एम्प्यूटेशन बेस्ट ऑप्शन होता है। उदाहरण के लिए अगर ट्यूमर बहुत बड़ा है और नर्व और ब्लड वेसल्स तक पहुंच गया है तो यह संभव नहीं है कि लिम्ब को बचाया जा सके। सर्जन एमआरआई स्कैन के जरिए इस बात का पता करेगा कि हाथ और पैर को कितना एम्प्यूलेटेड करने की जरूरत है। इसके साथ ही सर्जरी के बाद हटाए गए टिशूज का एग्जामिनेशन भी किया जाएगा।
रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी कुछ ऐसे मरीजों की मदद कर सकती है जो कार्य करने के लिए एक अंग खो देते हैं। उदाहरण के लिए, यदि पैर को जांघ के मध्य (घुटने के जोड़ सहित) काटा जाना चाहिए, तो निचले पैर और पंजे को घुमाया जा सकता है और जांघ की हड्डी से जोड़ा जा सकता है, ताकि टखना एक नए घुटने के जोड़ के रूप में कार्य करे। इस सर्जरी को रोटेशनप्लास्टी कहते हैं। पैर के निचले हिस्से को बदलने के लिए रोगी को अभी भी कृत्रिम अंग की आवश्यकता होगी।
उचित शारीरिक उपचार के साथ, एक व्यक्ति अक्सर लेग एम्प्यूटेशन के 3 से 6 महीने बाद अपने आप चलने में सक्षम होता है। यदि ओस्टियोसार्कोमा कंधे या ऊपरी बांह में है और प्रोस्टेथिक की आवश्यकता है, तो कुछ मामलों में ट्यूमर वाले क्षेत्र को हटाया जा सकता है और निचले हाथ को फिर से जोड़ा जा सकता है ताकि रोगी के पास एक फंक्शनल, भले ही छोटा हाथ हो।
शरीर के दूसरे हिस्सों में शुरू होने वाले ट्यूमर्स (Tumors that start in other areas)