लिंब स्पेरिंग सर्जरी (Limb sparing surgery)
ज्यादातर बोन कैंसर की शुरुआत हाथ और पैरों से होती है। बोन कैंसर के लिए लिंब स्पेरिंग सर्जरी (Limb sparing surgery) मुख्य ऑपरेशन माना जाता है। इसका अर्थ यह है कि कैंसर को इंफेक्टेड एरिया एवं ट्यूमर के आसपास जैसे बोन और टिशू से अलग करना। लिंब स्पेरिंग सर्जरी को मेडिकल टर्म में लिंब साल्वेज सर्जरी (Limb salvage surgery) भी कहा जाता है।
लिंब को हटाना (एम्पुटेशन ) (Removal of the limb [amputation])
बोन कैंसर सर्जरी के ऑप्शन में लिंब को हटाना यानी एम्पुटेशन को शामिल किया गया है। इस बोन कैंसर सर्जरी के दौरान डैमेज हुए बोन, ब्लड वेसेल्स एवं नर्व को सर्जरी की मदद से ठीक करने की कोशिश की जाती है। एम्पुटेशन की प्रक्रिया गंभीर हुए कैंसर को रिमूव करने के लिए किया जाता है। एम्पुटेशन की मदद पैर के तलवे और एंकल में हुए कैंसर के इलाज में भी किया जाता है।
बोन कैंसर सर्जरी के लिए लिंब स्पेरिंग सर्जरी (Limb sparing surgery) एवं एम्पुटेशन (Amputation) दो अलग-अलग विकल्पों को पेशेंट की हेल्थ कंडिशन (Health condition) एवं बोन कैंसर की गंभीरता को ध्यान में रखकर इलाज शुरू करते हैं।
हड्डी के कैंसर की समस्या शुरू होने से पहले शरीर में कई तरह के बदलाव देखे जा सकते हैं। इसलिए कुछ ऐसे लक्षण होते हैं, जिसे महसूस होने पर डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
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हड्डी के कैंसर के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of bone cancer)
हड्डी के कैंसर के लक्षण इस प्रकार हैं-
ऐसे लक्षण हड्डी के कैंसर की ओर इशारा करते हैं। इसलिए अगर बच्चे ऐसी किसी परेशानी को शेयर करते हैं, तो उसे अनदेखा ना करें और जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर को अगर हड्डी के कैंसर की संभावना लगती है, तो सबसे पहले कुछ टेस्ट करते हैं और टेस्ट रिपोर्ट के अनुसार हड्डी के कैंसर का इलाज शुरू करते हैं।
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बोन कैंसर का डायग्नोस कैसे किया जाता है? (Diagnosis for Bone cancer)
बोन कैंसर के डायग्नोस के लिए डॉक्टर निम्नलिखित टेस्ट की सलाह दे सकते हैं। जैसे:
- ब्लड टेस्ट (Blood Test): ब्लड टेस्ट की सहायता से ब्लड काउंट और कैल्शियम लेवल की जानकारी मिलती है।
- बोन एक्स-रे (Bone x-ray): बोन एक्स-रे से चेस्ट एवं बोन डैमेज की जानकारी मिलती है। इससे फ्रैक्चर और नय बोन के फॉर्मेशन का भी पता लगाया जा सकता है।
- बोन स्कैन (Bone scan): रेडिओएक्टिव की कम मात्रा वेन में इंजेक्ट की जाती है। इससे हड्डियों में होने वाले एब्नॉर्मल चेंज को समझने में सहायता मिलती है। स्पेशल कैमरे की मदद से बोन स्कैन टेस्ट की जाती है।
- सीटी (CT) स्कैन या एमआरआई (MRI): CT Scan या MRI करने में 30 से 90 मिनट का वक्त लग सकता है। इससे एब्नॉर्मल बोन को समझा जा सकता है।
- पीईटी (PET) – सीटी स्कैन (CT scan): पीईटी – सीटी स्कैन की मदद से ज्यादा जानकारी मिलती है।
- बोन बायोप्सी (Bone biopsy): बोन बायोप्सी करने के लिए अफेक्टेड बोन के हिस्से से टिशू से की जाती है।
इन ऊपर बताये टेस्ट के अलावा अन्य बॉडी टेस्ट करवाने की सुझाव दे सकते हैं। इसलिए इस दौरान जो सलाह आपके हेल्थ एक्सपर्ट दें, उसे पूरी तरह से पालन करें। इनसभी रिपोर्ट्स को ध्यान से समझने और कैंसर की गंभीरता को ध्यान में रखकर सर्जरी, कीमोथेरिपी या रेडिएशनथेरिपी जैसे अलग-अलग विकल्पों का सहारा लिया जा सकता है।
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अगर आप बोन कैंसर (Bone cancer) या बोन कैंसर सर्जरी (Bone cancer surgery) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर पूछ सकते हैं। हमारे हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों के जवाब देने की कोशिश करेंगे। हालांकि अगर आप हड्डी के कैंसर (Bone Cancer) की समस्या से पीड़ित है, तो डॉक्टर से कंसल्टेशन करें, क्योंकि ऐसी स्थिति में डॉक्टर आपके हेल्थ कंडिशन को ध्यान में रखकर इलाज शुरू करेंगे।
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