ट्रेक्लेक्टोमी (Trachelectomy)… बीमारी और बीमारी को दूर करने के लिए अलग-अलग टेक्निकल टर्म होते हैं। कुछ टर्म्स से हम परिचित होते हैं, तो कुछ से नहीं और ट्रेक्लेक्टोमी सर्जरी (Trachelectomy surgery) भी इनमें से एक है। आज इस आर्टिकल में ट्रेक्लेक्टोमी के बारे में समझेंगे।
ट्रेक्लेक्टोमी क्या है?
ट्रेक्लेक्टोमी की जरूरत क्यों पड़ सकती है?
ट्रेक्लेक्टोमी के लिए खुद को कैसे तैयार करें?
ट्रेक्लेक्टोमी के बाद क्या होता है?
ट्रेक्लेक्टोमी के रिस्क फैक्टर क्या हैं?
सर्वाइकल कैंसर से कैसे बचें?
चलिए अब ट्रेक्लेक्टोमी से जुड़े इन सवालों का जवाब जानते हैं।
कैंसर रिसर्च यूके (Cancer Research UK) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार ट्रेक्लेक्टोमी एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसके दौरान सर्विक्स (Cervix) और वजायना (Vagina) का ऊपरी हिस्से को हटाया जाता है। हालांकि इस दौरान गर्भ को नुकसान नहीं पहुंचता है और गर्भधारण की संभावना बनी रहती है। ट्रेक्लेक्टोमी की आवश्यकता कैंसर के पहले स्टेज (Stage 1 cancer) में पड़ सकती है। इसलिए जिन महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर की समस्या होती है और अगर शुरुआत में ही या सर्वाइकल कैंसर के स्टेज 1 में ही जानकारी मिल जाती है, तो ट्रेक्लेक्टोमी सर्जरी की सहायता से कैंसरस सेल्स को हटाया जाता है।
ट्रेक्लेक्टोमी की जरूरत क्यों पड़ सकती है? (Why Trachelectomy is required)
ट्रेक्लेक्टोमी सर्जरी की आवश्यकता 40 साल से कम उम्र की महिलाओं में अगर स्टेज 1 सर्वाइकल कैंसर डायग्नोस किया जाता है, तो ऐसी स्थिति में इलाज के लिए ट्रेक्लेक्टोमी की जरूरत पड़ सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर महिला बेबी प्लानिंग करें तो इसमें बाधा ना पहुंचे। वहीं अगर स्टेज 1 सर्वाइकल कैंसर को अगर आसान शब्दों में समझें तो सर्वाइकल कैंसर के स्टेज 1 ए की स्थिति में माइक्रोस्कोप (Microscope) या कॉल्पोस्कोप (Colposcope) की मदद से ही देखा जा सकता है। सर्वाइकल कैंसर के स्टेज 1 ए दो अलग-अलग स्टेज में डिवाइड होते हैं।
स्टेज 1 ए 1 (Stage 1A1)- सर्वाइकल कैंसर के स्टेज 1 ए 1 के दौरान सर्विक्स के टिशू में कैंसर का साइज 3mm से छोटा होता है।
स्टेज 2 ए 2 (Stage 1A2)- सर्वाइकल कैंसर के स्टेज 1 ए 2 के दौरान कैंसर का साइज सर्वाइकल टिशू में 3 से 5mm तक हो सकता है।
ये है सर्वाइकल कैंसर के स्टेज 1 की अलग-अलग स्थिति और इन्हीं स्थितियों को बारीकी से समझकर डॉक्टर सर्वाइकल कैंसर पेशेंट का इलाज शुरू करते हैं।
ट्रेक्लेक्टोमी के लिए खुद को कैसे तैयार करें? (How to prepare for Trachelectomy)
अगर ऑन्कोलॉजिस्ट ट्रेक्लेक्टोमी की सलाह देते हैं, तो सर्जरी से पहले एमआरआई (MRI), सीटी स्कैन (CT scan) या फिर पीईटी टेस्ट (PET Test) करते हैं। इन अलग-अलग टेस्ट से सर्विक्स या सर्विक्स के बाहर फैले कैंसरस सेल्स की जानकारी मिलती है। ऐसी स्थिति को समझकर ऑन्कोलॉजिस्ट यह सुनिश्चित करते हैं कि ट्रेक्लेक्टोमी के साथ-साथ मरीज को जल्द ठीक होने के लिए और कैंसरस सेल्स को नष्ट करने के लिए और इलाज में क्या-क्या शामिल करना जरूरी है। वैसे यह सब बीमारी की गंभीरता और पेशेंट की हेल्थ कंडिशन पर निर्भर होता है।
वहीं ट्रेक्लेक्टोमी सर्जरी से पहले डॉक्टर पेशेंट को निम्निलिखित बातों को ध्यान रखने और उन्हें फॉलो करने की सलाह देते हैं। जैसे:
सर्जरी से कुछ देर पहले से खाने या पीने की सलाह नहीं होती है।
अगर मरीज किसी तरह की दवाओं का सेवन करती हैं, तो उन दवाओं को लेना है या नहीं इसकी जानकारी डॉक्टर से जरूर लें।
अगर आप किसी भी तरह की दवाओं का सेवन करती हैं, तो इसकी जानकारी डॉक्टर को जरूर दें।
इन सभी बातों को ध्यान रखने के साथ ही डॉक्टर द्वारा दी गई एडवाइस का ट्रेक्लेक्टोमी सर्जरी के पहले जरूर पालन करें। ऐसा करने से सर्जरी के दौरान कॉम्प्लिकेशन से बचने में मदद मिलेगी।
ट्रेक्लेक्टोमी के बाद क्या होता है? (What happens after Trachelectomy)
ट्रेक्लेक्टोमी सर्जरी के बाद पेशेंट को अस्पताल में रखा जाता है। हालांकि अस्पताल में कितने दिनों तक रहना है यह पेशेंट की हेल्थ कंडिशन पर निर्भर होता है। वहीं कैंसर केयर टीम महिला की हेल्थ पर लगातार नजर बनाये रखती है, जिससे पेशेंट को परेशानी से बचाने में मदद मिल सके।
अगर ट्रेक्लेक्टोमी सर्जरी के बाद महिला गर्भवती होती है, तो ऐसी स्थिति नॉर्मल डिलिवरी (Normal delivery) के बजाये सिजेरियन डिलिवरी (Cesarean delivery) का ही विकल्प चुना जाता है।
ट्रेक्लेक्टोमी के रिस्क फैक्टर क्या हैं? (Risk factor of Trachelectomy)
ट्रेक्लेक्टोमी के रिस्क फैक्टर निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:
सेक्स के दौरान दर्द (Pain during sex) महसूस होना।
ब्लैडर से जुड़ी समस्या (Bladder issues) महसूस होना।
यूरिनेशन से जुड़ी समस्या (Urination problems) महसूस होना।
वजायना से एब्नॉर्मल डिस्चार्ज (Abnormal vaginal discharge) होना।
एनेस्थीसिया (Anesthesia) की वजह से जी मिचलाना (Nausea), उल्टी आना (Vomiting), चक्कर आना (Dizziness), सिरदर्द (Headache) होना या लंग इंफेक्शन (Lung infection) की समस्या होना।
ऐसी परेशानी ट्रेक्लेक्टोमी सर्जरी के बाद देखी जा सकती है। इसलिए अगर ऐसी परेशानी महसूस हो तो इसकी जानकारी डॉक्टर को जरूर दें। डॉक्टर इन परेशानियों को दूर करने के लिए दवाएं प्रिस्क्राइब करेंगे जिससे पेशेंट को लाभ मिल सकता है।
नोट: ट्रेक्लेक्टोमी सर्जरी के बाद अगर आप ऐसी परेशानी महसूस करते हैं, तो अपनी मर्जी से दवाओं का सेवन ना करें क्योंकि अपनी मर्जी से दवाओं का सेवन नुकसानदायक हो सकता है और ऑन्कोलॉजिस्ट पेशेंट की स्थिति को बेहतर तरीके से समझकर दवा के सेवन की सलाह देते हैं।
सेक्स के दौरान कॉन्डम (Use condoms during sex) का इस्तेमाल करें।
एक से ज्यादा सेक्शुल पार्टनर (Limit your number of sexual partners) ना रखें।
इन बातों को ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
सर्वाइकल कैंसर के इलाज के लिए ट्रेक्लेक्टोमी सर्जरी (Trachelectomy surgery) के अलावा कीमोथेरिपी (Chemotherapy), रेडिएशन थेरिपी (Radiation Therapy) एवं कोन बायोप्सी (Cone biopsy) जैसे अलग-अलग तरीकों को पेशेंट की हेल्थ कंडिशन एवं बीमारी की गंभीरता को ध्यान में रखकर मदद ली जा सकती है।
कैंसर (Cancer) गंभीर बीमारियों की लिस्ट में जरूर शामिल है, लेकिन अगर शुरुआती स्टेज में इसे इग्नोर ना किया जाए, तो कैंसरस सेल्स को आसानी से खत्म किया जा सकता है और एक नई जिंदगी की शुरुआत की जा सकती है।
अगर आप सर्वाइकल कैंसर (Cervical cancer), स्टेज 1 सर्वाइकल कैंसर (Stage 1 Cervical cancer) या ट्रेक्लेक्टोमी सर्जरी (Trachelectomy Surgery) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर पूछ सकते हैं। हमारे हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों के जवाब देने की कोशिश करेंगे। हालांकि अगर आप सर्वाइकल कैंसर (Cervical cancer) के शिकार हैं, तो डॉक्टर से कंसल्टेशन करें, क्योंकि ऐसी स्थिति में डॉक्टर आपके हेल्थ कंडिशन (Health condition) को ध्यान में रखकर और स्टेज 1 सर्वाइकल कैंसर (Stage 1 Cervical cancer) के लक्षणों को समझकर जल्द से जल्द इलाज शुरू करेंगे।
महिलाओं के लिए आहार एवं पोषण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी के लिए नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक करें।
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