अगर आप लिवर कैंसर के बारे में जानते होंगे, तो आपके मन में ये सवाल भी होगा कि क्या लिवर कैंसर से बचाव (Liver cancer prevention) संभव है? कैंसर की बीमारी किसी को भी हो सकती है। यह बीमारी लाइफस्टाइल की खराबी के साथ ही कई कारणों से भी हो सकती है। कैंसर की बीमारी में सेल्स या फिर कोशिकाएं तेजी से वृद्धि करती हैं। यह तेजी से वृद्धि करके पूरे शरीर में धीरे-धीरे फैलने लगती है और गांठ का रूप ले लेती हैं। आज हम आपको लिवर कैंसर के बारे में बताने जा रहे हैं। जानिए लिवर कैंसर से बचाव (Liver cancer prevention) संभव है या फिर नहीं, अगर हां, तो किन बातों का ख्याल रखना चाहिए।
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लिवर कैंसर से बचाव (Liver cancer prevention)
लिवर कैंसर की बीमारी का प्रमुख कारण लिवर सिरोसिस (Liver cirrhosis) की समस्या हो सकता है। ये इंफेक्शन के कारण होता है। कुछ मामलों में अधिक मात्रा में एल्कोहॉल का सेवन करने से लिवर कैंसर की समस्या हो सकती है। हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B) और हेपेटाइटिस सी (Hepatitis C) के कारण भी लिवर कैंसर की समस्या हो सकती है। करीब 80% लिवर कैंसर की समस्या इंफेक्शन के कारण होती है।
हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी का संक्रमण किसी संक्रमित व्यक्ति के खून के स्वस्थ व्यक्ति में पहुंचने से भी हो सकता है। अगर शरीर का कोई भी फ्लूड स्वस्थ व्यक्ति के संपर्क में आ जाए, तो भी यह संक्रमण हो सकता है। असुरक्षित यौन संबंध से, यूज की हुई निडिल के इस्तेमाल से, या फिर ब्लड ट्रांसफ्यूजन से व्यक्ति संक्रमित हो जाता है। ऐसे में लिवर को खतरा बढ़ जाता है।
संक्रमण के कारण होने वाली लिवर कैंसर की समस्या को विकसित होने में कई साल (दो से तीन दशक) लग सकते हैं। ऐसे में आप बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरंत उस की स्क्रीनिंग करा सकते हैं और कैंसर को एडवांस स्टेज में पहुंचने से पहले ही उसका ट्रीटमेंट करा सकते हैं।
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लिवर कैंसर से बचाव के लिए कीन बातों का रखना होगा ध्यान?
लिवर कैंसर से बचाव (Liver cancer prevention) पूरी तरह संभव नहीं है लेकिन हां काफी हद तक आप अपनी आदतों में सुधार करके इस बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं। आप अपनी लाइफस्टाइल को बदल कर, रेग्युलर एक्सरसाइज करके, वेट को मेंटेन करके, हेल्दी डाइट लेकर और एल्कोहॉल का सेवन बंद करके लिवर कैंसर की बीमारी के खतरे को काफी हद तक कर सकते हैं। हेपेटाइटिस बी और सी वायरस से भी दूरी भी आपको लिवर कैंसर से बचाने का काम करती है।
हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B) और हेपेटाइटिस सी (Hepatitis C) से बचाव
लिवर कैंसर से बचाव के लिए आपको लिवर इंफेक्शन के बारे में जानकारी जरूरी है। हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी का ट्रीटमेंट अगर सही समय पर नहीं हो पाता है, तो इसके कारण लिवर को बहुत नुकसान पहुंचता है। हेपेटाइटिस बी के टीके बच्चों और वयस्कों को दिए जाते हैं। आपको भी समय पर इन टीकों को बच्चों को जरूर लगवाना चाहिए और साथ ही खुद भी इस बीमारी के लिए वैक्सीन लेनी चाहिए। अगर आपको क्रॉनिक हेपेटाइटिस बी की समस्या है, तो आप एंटीवायरल थेरिपी भी ले सकते हैं। समय-समय पर अल्ट्रासाउंड (Ultrasound), सीटी, एमआरआई आदि बीमारी के खतरे को कम करने का काम करती है।
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लिवर कैंसर से बचाव : लिवर कैंसर से जुड़े हुए रिस्क फैक्टर्स क्या हैं?
क्रॉनिक हेपेटाइटिस बी और सी के संक्रमण के अलावा, निम्नलिखित कंडीशन के कारण भी लिवर कैंसर के विकास के जोखिम बढ़ जाता है।
नॉनएल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज (Nonalcoholic fatty liver disease): इस बीमारी को नॉन स्टीटोहेपेटाइटिस (nonalcoholic steatohepatitis) भी कहा जाता है। यह ट्राइग्लिसराइड्स नामक एक प्रकार की वसा को यकृत में इकट्ठा करने का कारण बनता है, जिससे नुकसान हो सकता है। ये लिवर को फेलियर का कारण बन सकते हैं। मोटे और टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों में इस बीमारी की संभावना अधिक होती है। ये लिवर कैंसर के जोखिम का कारण बन सकता है।
लिवर सिरोसिस (Liver Cirrhosis) : शराब के अधिक सेवन से लिवर सिरोसिस (Liver Cirrhosis) का खतरा बढ़ जाता है। शराब पीने से हेपेटाइटिस बी या सी वायरस से संक्रमित लोगों में कैंसर का खतरा बहुत बढ़ जाता है। अगर आपको लिवर का संक्रमण है, तो एल्कोहॉल से पूरी तरह से दूरी बना लें।
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हेमोक्रोमैटोसिस (Hemochromatosis): ये एक प्रकार का जेनेटिक डिसऑर्डर है। यह डिसऑर्डर लिवर कैंसर के खतरे को बढ़ाता है क्योंकि यह शरीर में जाने वाले भोजन से बहुत अधिक आयरन को अवशोषित करने का कारण बनता है और कैंसर के खतरे को बढ़ाने का काम करता है।
स्टेरॉयड का अत्यधिक सेवन: मांसपेशियों का निर्माण करने वाले मेल हॉर्मोन या एनाबॉलिक स्टेरॉयड का अधिक सेवन भी लिवर कैंसर के खतरे को बढ़ाने का काम करता है।
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हेमोक्रोमैटोसिस (Hemochromatosis): ये एक प्रकार का जेनेटिक डिसऑर्डर है। यह डिसऑर्डर लिवर कैंसर के खतरे को बढ़ाता है क्योंकि यह शरीर में जाने वाले भोजन से बहुत अधिक आयरन (Iron) को अवशोषित करने का कारण बनता है और लिवर कैंसर के खतरे को बढ़ाने का काम करता है।
लिवर कैंसर से बचाव : लाइफस्टाइल में सुधार के साथ ही सावधानी भी है जरूरी!
हर छह महीने में अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) जैसे इमेजिंग परीक्षणों (Imaging tests) के साथ नियमित जांच लिवर कैंसर के बढ़ने के खतरे को कम करने का काम करता है। प्रत्येक छह माह में जांच कराना जरूरी है। ऐसा करने से बीमारी के बारे में जानकारी मिल जाती है। साथ ही मोटापे से बचना लिवर कैंसर से बचाने में मदद करने का एक और तरीका हो सकता है।
एल्कोहॉल का सेवन बंद करने के साथ ही आपको स्मोकिंग भी बंद करनी पड़ेगी। स्मोकिंग लिवर कैंसर के खतरे को बढ़ाने का काम करती है। स्मोकिंग छोड़ने से ना सिर्फ लिवर कैंसर के खतरे को कम करती है। बाकी अन्य कैंसर के खतरे को भी कम करती है।
खानपान में हेल्दी चीजों को शामिल करना और हेल्दी हैबिट्स को अपनाने से कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है। कुछ आदते कैंसर के खतरे को बढ़ाने का काम करती हैं, इसलिए आपको इन बातों पर ध्यान देने की जरूरत है। आप अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से भी संपर्क कर सकते हैं और लिवर कैंसर के अन्य कारणों के बारे में जमनकारी ले सकते हैं।
इस आर्टिकल में हमने आपको लिवर कैंसर से बचाव (Liver cancer prevention) को लेकर जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।