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कोरोना वायरस के बाद नए इंफेक्शन का खतरा, जानिए क्या है म्युकोरमाइकोसिस (Mucormycosis)

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 11/05/2021

    कोरोना वायरस के बाद नए इंफेक्शन का खतरा, जानिए क्या है म्युकोरमाइकोसिस (Mucormycosis)

    देश ही नहीं पूरे विश्व में कोरोना वायरस पर कैसे ब्रेक लगाया जाए, इस पर लगातार रिसर्च जारी है और लोगों तक जल्द से जल्द वैक्सीन पहुंच सके इस पर काम भी किया जा रहा है। वहीं रोजाना कोरोना वायरस से जा रही लोगों की जिंदगियों के बारे में हम सभी पढ़ते या देखते आ रहें हैं, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से अब एक दूसरी बीमारी लोगों के शरीर में दस्तक दे रही है और इस बीमारी से भी लोगों की जान जा रही है। इस बीमारी का नाम म्यूकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) है। दरअसल कम इम्यूनिटी वाले कमजोर कोविड पेशेंट्स में म्युकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) तेजी से फैल रहा है, जो एक तरह का फंगल इंफेक्शन (Fungal Infection) है। देश की राजधानी दिल्ली, आर्थिक राजधानी मुंबई समेत अहमदाबाद जैसे शहरों में भी म्यूकोरमाइकोसिस की वजह से लोगों की जान जाने की खबरें मिल रहीं हैं। ऐसे में म्यूकोरमाइकोसिस के बारे में समझना और इस फंगल इंफेक्शन से कैसे बचा जाए यह जानना बेहद जरूरी है। जिसे हम इस आर्टिकल में समझेंगे-
    • म्यूकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) क्या है? 
    • म्यूकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) के कारण क्या हैं?
    • म्यूकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) के लक्षण क्या हैं?
    • म्यूकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) का डायग्नोसिस कैसे किया जाता है?
    • म्यूकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) का इलाज कैसे किया जाता है?
    • म्यूकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) के कारण किन-किन बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है?
    • म्यूकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) से कैसे बचा जा सकता है?
    • म्यूकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) पर क्या टिप्स दे रहें हैं, मुंबई के एसीएस हेल्थ के फिजीशियन डॉ. आशीष तिवारी।   

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    म्यूकोरमाइकोसिस-Mucormycosis

    म्यूकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) क्या है?

    म्यूकोरमाइकोसिस को ब्लैक फंगस (Black fungus) भी कहते हैं। इस इंफेक्शन को पहले जयगोमाइकोसिस (Zygomycosis) के नाम से भी जाना जाता है। यह फंगल डिजीज इतना खतरनाक होता है कि यह शरीर के आधे हिस्से को तेजी से खराब कर सकता है। अगर इसे सामान्य शब्दों में समझें, तो यह इंफेक्शन बॉडी में तेजी से फैलता है। नैशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर रेयर डिसऑर्डर (NORD) के मुताबिक म्यूकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) भी रेयर डिजीज के लिस्ट में शामिल है, जिसका अर्थ है कि इस इंफेक्शन के होने की संभावना बेहद कम होती है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति इस फंगल इंफेक्शन से इन्फेक्टेड हो जाते हैं, तो उनकी स्थिति बेहद गंभीर भी हो सकती है। अब ऐसे में यह समझना बेहद जरूरी है कि इस जानलेवा बीमारी के कारण क्या हो सकते हैं?

    म्यूकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) के कारण क्या हैं?

    म्यूकोरमाइकोसिस के कारणों में शामिल है:
    • कमजोर इम्यूनिटी पावर
    • एड्स
    • बॉडी ऑर्गेन का जलना
    • डायबिटीज
    • लंबे वक्त से स्टेरॉयड का सेवन करना
    • बॉडी ऑर्गेन ट्रांसप्लांट
    • न्यूट्रिशन की कमी
    इन शारीरिक परेशानियों के होने पर ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस) का खतरा बना रहता है, लेकिन इस बीमारी का खतरा अन्य कारणों से भी हो सकता है। जैसे:
    लकड़ी, पत्ते, खाद या फिर मिट्टी के संपर्क में आने से भी यह इंफेक्शन आपको हो सकता है। दरअसल इनसभी को छूने से इंफेक्शन चेहरे, लंग्स या आंखों के संपर्क में आसानी से आ जाते हैं, जिससे यह बीमारी आसानी से शरीर में अपने लिए जगह बना लेती है और आपको शारीरिक रूप से कमजोर बनाने में एक्टिव हो जाती है। रिसर्च के अनुसार अगर म्यूकोरमाइकोसिस का इलाज जल्द से जल्द शुरू नहीं किया गया, तो यह बीमारी जानलेवा हो जाती है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो  ऐसे कई लोगों को हॉस्पिटल में एडमिट किया गया है, जिनमें म्यूकोरमाइकोसिस यानि ब्लैक फंगस शरीर में फैल चुका है। इस इंफेक्शन की वजह लोगों के देखने की क्षमता खत्म हो गई है, तो कुछ लोगों की मौत भी हुई है। ऐसा कोरोना वायरस के मरीजों और जो पेशेंट्स कोरोना वायरस से ठीक हो चुके हैं, उनमें देखी जा रही है। हालांकि यह फंगल इंफेक्शन किसी के संपर्क में आने से नहीं होता है। लेकिन ऐसी स्थिति में इस बीमारी की रोकथाम के लिए इलाज जल्द से जल्द हो इसलिए इसके लक्षणों को समझना बेहद जरूरी है।

    म्यूकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) के लक्षण क्या हैं?

    म्यूकोरमाइकोसिस के लक्षणों को समझने के लिए हैलो स्वास्थ्य की टीम ने मुंबई के एसीएस हेल्थ के फिजीशियन डॉ. आशीष तिवारी से खास बात की। उनका कहना है कि ब्लैक फंगस (Mucormycosis) शरीर के कौन से हिस्से में फैला हुआ है? इसे निम्नलिखित तरह से समझा जा सकता है। जैसे:

    रहिनोसेरेब्रल म्यूकोरमाइकोसिस (Rhinocerebral mucormycosis): इसके अंतर्गत ब्रेन और साइनस आता है। फंगल इंफेक्शन अगर ब्रेन और साइनस एरिया को प्रभावित करता है, तो इसके लक्षण निम्नलिखित देखे जा सकते हैं:

    • चेहरे के एक हिस्से में सूजन होना
    • सिरदर्द होना
    • नाक बंद होना
    • साइनस की तकलीफ बढ़ना
    • बुखार आना

    पल्मोनरी म्यूकोरमाइकोसिस (Pulmonary mucormycosis): इसके अंतर्गत लंग्स आता है। अगर फंगल इंफेक्शन लंग्स को प्रभावित करता है, तो इसके लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:

    क्यूटेनियस म्यूकोरमाइकोसिस (Cutaneous mucormycosis): इसके अंतर्गत स्किन आती है। अगर फंगल इंफेक्शन स्किन में फैल जाए, तो इसे निम्नलिखित तरह से समझा जा सकता है या इसके लक्षण देखे जा सकते हैं। जैसे:

    • ब्लिस्टर या अल्सर होना
    • इंफेक्टेड एरिया का काला पड़ना
    • घाव होने पर आसपास के एरिया में सूजन, लाल या दर्द होना

    गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल म्यूकोरमाइकोसिस (Gastrointestinal mucormycosis): गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल म्यूकोरमाइकोसिस होने पर इसके लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे:

    • पेट दर्द होना
    • जी मिचलाना या उल्टी आना
    • गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग होना

    वहीं डिसेमिनेटेड म्यूकोरमाइकोसिस (Disseminated mucormycosis) किसी खास मेडिकल कंडीशन की वजह से बीमार हुए लोगों में होने की संभावना बनी रहती है।

    अगर आप ऊपर बताय लक्षण महसूस कर रहें हैं, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें, क्योंकि कोरोना वायरस के लक्षण जैसे चेस्ट पेन, नाक बंद होना या ब्रीदिंग प्रॉब्लम  म्यूकोरमाइकोसिस से मिलते हैं। इसलिए भले ही म्यूकोरमाइकोसिस जानलेवा और रेयर डिजीज हो, लेकिन वक्त पर अगर इलाज शुरू किया जाए, तो किसी भी बीमारी को हराना आसान हो सकता है।

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    म्यूकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) का डायग्नोसिस कैसे किया जाता है?

    सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के रिसर्च के अनुसार म्यूकोरमाइकोसिस का निदान लक्षणों को समझने के साथ-साथ पेशेंट की मेडिकल हिस्ट्री समझने के बाद डॉक्टर ब्लैक फंगस का डायग्नोसिस करते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट साइनस, लंग्स या स्किन से जुड़ी कुछ टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं। अगर इस फंगल इंफेक्शन की वजह से स्किन भी डैमेज हुई है, तो ऐसी स्थिति में पेशेंट की बायोप्सी भी की जा सकती है। बायोप्सी टेस्ट के लिए इंफेक्टेड एरिया की स्किन लैब टेस्ट के लिए भेजी जाती है। अगर सायनस या लंग्स से इंफेक्शन फैला है, तो कफ टेस्ट भी हेल्थ एक्सपर्ट कर सकते हैं।

    म्यूकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) का इलाज कैसे किया जाता है?

    ब्लैक फंगस यानि म्यूकोरमाइकोसिस सीरियस इंफेक्शन डिजीज की श्रेणी में शामिल है। इसका इलाज डॉक्टर से ही करवाना चाहिए। डॉक्टर एम्फोटेरेसिन बी (Amphotericin B), पोसाकोनाजोल (Posaconazole) या  आइसावूकोनाजोल (Isavuconazole) पेशेंट्स की स्थिति को देखते हुए प्रिस्क्राइब कर सकते हैं। इन दवाओं को वेन या माउथ से दिया जा सकता है।  फंगल इंफेक्शन के लिए फ्लुकोनाजोल (Fluconazole), वोरिकोनाजोल (Voriconazole), और एकेनोकैंन्डिस (Echinocandins) दी जा सकती है, लेकिन म्यूकोरमाइकोसिस होने की स्थिति में ये दवाएं परेशानी को कम करने में सफल नहीं हो पाती हैं।

    म्यूकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) के कारण किन-किन बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है?

    म्यूकोरमाइकोसिस बेहद ही खतरनाक बीमारी है, क्योंकि यह पूरे शरीर में काफी तेजी से फैलता है। रिसर्च के अनुसार म्यूकोरमाइकोसिस के संक्रमण लंग्स और ब्रेन में फैल सकता है, जिस वजह से निम्नलिखित शारीरिक परेशानी हो सकती है। जैसे:
    अगर वक्त पर इलाज शुरू नहीं किया गया, तो व्यक्ति की जान भी जा सकती है, क्योंकि यह इंफेक्शन बेहद तेजी से फैलता है। इसलिए जल्द से जल्द डॉक्टर से कंसल्ट करें।

    म्यूकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) से कैसे बचा जा सकता है?

    भले ही यह बीमारी इन्फेक्शस हो, लेकिन कोविड-19 की तरह म्यूकोरमाइकोसिस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैल सकता है। इसलिए इस बीमारी से बचने के लिए सेल्फ-केयर उपाय सबसे बेस्ट ऑप्शन माना जाता है। इस बीमारी से कैसे बचा जाए? तो इस बारे में जब हमने मुंबई के एसीएस हेल्थ के फिजीशियन डॉ. आशीष तिवारी से बात की, तो उन्होंने कुछ खास टिप्स शेयर की, जो इस प्रकार हैं।
    • वैसे एरिया में न जाएं जहां कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा हो।
    • मास्क पहनकर बाहर निकलें।
    • डैमेज्ड बिल्डिंग से निकलने वाले पानी के संपर्क में न आएं।
    • मिट्टी या धूल से बचने की कोशिश करें।
    • आउटडोर एक्टिविटी के दौरान ऐसे कपड़े और जूते पहनें जिनसे बॉडी पूरी तरह से कवर हो सके।
    • दस्ताने (gloves) पहनकर ही मिट्टी या खाद उठाने का काम करें।
    • स्किन इंफेक्शन से बचने के लिए साबुन से अच्छे तरह से साफ करें।
    • आवश्यकता पड़ने पर एंटीफंगल मेडिकेशन प्रिस्क्राइब की जा सकती है।
    हाइजीन का ख्याल रखें और हाथों की भी साफ-सफाई पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। इसके साथ ही हेल्दी डायट भी मेंटेन करें। अगर आप म्यूकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
     

    डिस्क्लेमर

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