पूरे विश्व में कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के बीच कई देश कोरोना का इलाज ढूढ़ने में लगे हैं। एक तरफ कुछ फार्मास्यूटिकल कंपनियां कोरोना वैक्सीन तैयार करने में लगी हैं तो दूसरी ओर कोरोना की दवा बनाने की पहल भी जारी है। इन सबके बीच फैबिफ्लू और डेक्सामेथासोन जैसी एलोपैथिक दवाओं से लोगों के बीच कुछ उम्मीद जागी है। वहीं, कोरोना की आयुर्वेदिक दवा को लेकर भी कुछ बातें सामने आने लगी हैं। कोरोना महामारी के चलते बीते कुछ दिनों पहले बाबा रामदेव की पतंजलि संस्थान ने पहली कोरोना की आयुर्वेदिक दवा बनाने का दावा किया था। आपको बता दें इस दवा का एलान आज पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड (Patanjali Ayurved Limited) द्वारा किया जाएगा। कंपनी की माने तो दुनियाभर में कोरोना महामारी फैलने के बाद से ही उनके साइंटिस्ट कोरोना की दवा को तैयार करने में जुट गए थे।
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कोरोना की आयुर्वेदिक दवा है कोरोनिल
योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड आज कोरोना की एविडेंस आधारित पहली आयुर्वेदिक दवा को पूरे वैज्ञानिक विवरण के साथ लॉन्च करने जा रही है। कोरोना की इस आयुर्वेदिक दवा का नाम कोरोनिल रखा गया है। वहीं, पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने ट्वीट करके पेज पर कोरोना की दवा कोरोनिल (coronil) के संबंध में सूचना लोगों से साझा करी है। आपको बता दें आचार्य बालकृष्ण, बाबा रामदेव की मौजूदगी में यह आयुर्वेदिक दवा हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ में ही लॉन्च करेंगे। शोधकर्ताओं का दावा है कि दवा के क्लिनिकल ट्रायल के वक्त विशेष फॉर्मूले से बनाई है इस आयुर्वेदिक दवा से लगभग 80 प्रतिशत कोरोना संक्रमित मरीज ठीक हुए हैं।
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कैसे तैयार की गई आयुर्वेदिक दवा
कोरोना की आयुर्वेदिक दवा के लॉन्च पर पतंजलि मेडिसिन्स की ओर से कोविड-19 के मरीजों पर रैंडमाइज्ड प्लेसबो नियंत्रित क्लिनिकल ट्रायल के परिणाम के बारे में भी बताएगी। आपको बता दें कि पतंजलि आयुर्वेदिक लिमिटेड कंपनी ने 11 जून को ही कोरोना की दवा तैयार कर लेने की बात कही थी। हालांकि, कोरोना वायरस से बचाने के लिए तैयार की गई यह आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल कैसे तैयार की गई है, यह दवा किस तरह काम करेगी। इस बारे में अभी तक कोई पुष्टि नहीं हुई है। उम्मीद है आज लॉन्च पर आचार्य बालकृष्ण द्वारा इस बारे में जानकारी दी जाएगी।
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कोरोना की आयुर्वेदिक दवा : कोरोनिल (coronil)
पतंजलि योगपीठ की ओर से सोमवार को जारी की गई एक सूचना में कहा गया कि “योग गुरू स्वामी रामदेव और योगाचार्य बालकृष्ण कोरोना वायरस की आयुर्वेदिक दवा बनाने में मिली सफलता को लोगों के साथ साझा करेंगे।’ इस मौके पर दवा के क्लीनिकल ट्रायल में शामिल शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों और डॉक्टरों की पूरी टीम भी लॉन्च के दौरान शामिल होगी। आपको बता दें कि कोरोना की आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल बनाने के लिए यह रिसर्च हरिद्वार एंड नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (NIMS), पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट (PRI) और जयपुर द्वारा समिल्लित रूप से किया गया है। प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार, आयुर्वेदिक दवा की प्रोसेसिंग दिव्य फार्मेसी, हरिद्वार और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, हरिद्वार के द्वारा किया जा रहा है।
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दवा बनाने की पहल पहले से ही हो गई थी शुरू
आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि जैसे ही चीन के साथ पूरे विश्व में कोविड-19 महामारी ने दस्तक देना शुरू ही किया था, हमने वैसे ही अपने संस्थान में हर डिपार्टमेंट को कोरोना वायरस के इलाज के लिए उपयोग होने वाली दवा पर काम करना शुरू कर दिया था। जिसका परिणाम यह है कि हमें इसके पॉजिटिव रिजल्ट मिल रहे हैं। आचार्य बालकृष्ण की माने तो पतंजलि की ओर से बनाई गई वायरस की आयुर्वेदिक दवा का न केवल क्लीनिकल ट्रायल हो गया है, बल्कि इसे पूरी तरह से तैयार भी कर लिया गया है। कंपनी के सीईओ की माने तो इस दवा से करीबन एक हजार से ज्यादा कोरोना पेशेंट्स ठीक हो चुके हैं।
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ऐसे तैयार की गई है कोरोना की आयुर्वेदिक दवा
आचार्य बालकृष्ण के हिसाब से कोरोना की आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल को बनाने के लिए वेदों और शास्त्रों में निहित उपचारों को पढ़कर उसे साइंस के फॉर्मूले में ढाला गया है। इस तरह यह आयुर्वेदिक दवा बनाई जा सकी है। जानकारी के हिसाब से कोरोना की इस दवा में कई तरह की औषधीय जड़ी बूटियों और हर्बल चीजों का यूज किया गया है। टीम उम्मीद लगा रही है कि इस आयुर्वेदिक दवा के इस्तेमाल से कोरोना संक्रमित लोगों को कुछ राहत मिलेगी और देश में बढ़ते नोवल कोरोना वायरस के संक्रमण पर लगाम लगेगी।
एक तरफ देश में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है तो ख़ुशी की बात यह है कि बड़ी संख्या में कोरोना मरीज ठीक भी हो रहे हैं। आईसीएमआर और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के निर्देश और निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार ही देश में कोरोना संक्रमित लोगों का उपचार किया जा रहा है। बता दें कि अभी तक कोरोना वायरस की कोई निश्चित दवा नहीं मिली है। ऐसे में मार्केट में पहले से ही अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के लिए उपलब्ध दवाओं के माध्यम से ही कोरोना वायरस के लक्षणों पर लगाम कसी जा रही हैं। इसमें एंटी-वायरल दवाओं से लेकर गंभीर रोगों के उपचार में दी जाने वाली दवाओं को शामिल किया जा रहा है।
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कोरोना के इलाज में पहली लाइफ सेविंग दवा
अभी हाल ही में ब्रिटेन में हुई एक स्टडी के बाद स्टेरॉयड मेडिसिन डेक्सामेथासोन (Dexamethasone) को कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए मेडिकल मॉनिटरिंग के तहत उपयोग की अनुमति दी गई है। कोरोना मरीजों के लिए डेक्सामेथासोन पहली लाइफ सेविंग मेडिसिन के रूप में उभरकर सामने आई है। इसके इस्तेमाल से गंभीर रूप से कोरोना संक्रमित पेशेंट्स में मौत का खतरा लगभग एक तिहाई कम हो जाता है।
एंटीवायरल दवा फेविपिराविर
हाल ही में इंडियन मार्केट में शुरुआती कोविड-19 संक्रमण के उपचार के लिए भी दवा उपलब्ध हो गई है। ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स कंपनी (Glenmark Pharmaceuticals) को कोरोना के लिए एंटीवायरल दवा फेविपिराविर (Favipiravir) बनाने और मार्केटिंग की अनुमति मिल गई है। इस एंटीवायरल दवा फेविपिराविर को फैबिफ्लू (FabiFlu) के नाम से बनाया जाएगा।
अबतक भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित कंफर्म केसेस की संख्या चार लाख 25 हजार से ऊपर हो चुकी है और लगभग 13 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। हालांकि, अब तब उपलब्ध इलाज के द्वारा दो लाख 37 हजार से ज्यादा मरीज ठीक भी हुए हैं। जब तक कोरोना वैक्सीन और कोरोना की दवा का निश्चित रूप से कोई ऐलान न हो जाए, तब तक सोशल डिस्टेंसिंग और पर्सनल हाइजीन को मेंटेन रखें।
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