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लॉकडाउन में वजन बढ़ना सबसे बड़ी समस्या
वजन बढ़ने की समस्या न केवल मुख्य रूप से महिलाओं के लिए, बल्कि पुरुषों के लिए भी एक बड़ी चुनौती है और कम-से-कम यह तो कहा जा सकता है कि भारत में वजन बढ़ने का बढ़ता ग्राफ बहुत आकर्षक नहीं है। इसका श्रेय हमारी गतिहीन जीवन शैली को दिया जा सकता है। हम ज्यादातर प्रोसेस्ड फूड खाते हैं, साथ ही तनाव बढ़ने और शारीरिक गतिविधि में कमी की वजह से हमारी जीवनशैली पर बुरा असर पड़ता है। जो मुख्य रूप से उपभोक्तावाद से प्रेरित है तथा तंदुरुस्ती एवं सेहत पर कम ध्यान दिया जाता है जो अंततः बहुत सी समस्याओं का कारण बनता है। आप दो तरीकों से, यानी की सर्जरी के जरिए और सर्जरी के बिना अपने वजन को कम कर सकते हैं।
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वजन कम करने के लिए सर्जिकल उपाय
जो लोग या तो स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की वजह से वजन बढ़ने की समस्या का सामना कर रहे हैं, अथवा व्यायाम करने एवं संतुलित आहार का सेवन करने को लेकर जागरूक नहीं हैं और मोटापे से जूझ रहे हैं, वे लोग अपने वजन को नियंत्रित रखने के लिए इस समय किसी विशेषज्ञ से इसके लिए सबसे बेहतर सर्जिकल उपचार के बारे में सलाह ले सकते हैं। वजन बढ़ने की समस्या से व्यक्ति को जीवन भर कई तरह की बीमारियों से जूझना पड़ सकता है, जैसे कि डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हृदय संबंधी समस्याएं, इत्यादि। ऐसी स्थिति में चिकित्सा विज्ञान अपनी नई तकनीकों एवं उपचार के मौजूदा तरीकों के साथ आपको इस समस्या से बचाता है, जो बड़ी संख्या में लोगों के लिए एक वरदान साबित हुआ है। कोई भी व्यक्ति उपचार के इन विकल्पों का सहारा लेने पर विचार कर सकता है और मौजूदा समय का उपयोग करके उपचार के इन तरीकों के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल कर सकता है, साथ ही यह भी पता लगा सकता है कि उसे किस डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
शरीर में मौजूद विभिन्न प्रकार के वसा को दूर करने के लिए उपचार के अनगिनत तरीके मौजूद हैं, और कुछ प्रकार के वसा तो हमारे शरीर में बड़ी सख्ती से जमा हो जाते हैं। इंचेज लॉस, बॉडी शेपिंग, टमी टक, गर्भावस्था के बाद वेट लॉस, लूज स्किन रिमूवल, लिपोसक्शन और गाइनेकोमास्टिया (एक ऐसी स्थिति, जिसमें पुरुषों की स्तन ग्रंथि के ऊतकों में वृद्धि हो जाती है) जैसे उपचार के तरीकों से लोग अपनी इस पुरानी समस्या को दूर कर सकते हैं, साथ ही इस तरह के उपचार बेहद सुरक्षित भी होते हैं। दरअसल यह समस्या बेहद कम समय में काफी गंभीर हो सकती है और व्यक्ति के आत्मविश्वास को कम कर सकती है। क्लीनिकल तरीकों से इनमें से ज्यादातर समस्याओं को दूर करने में कामयाबी पाई जा सकती है।
आज यह साबित हो चुका है कि, उपचार की इन तकनीकों से इस तरह की समस्याओं से निश्चित तौर पर छुटकारा पाया जा सकता है। उपचार की इन तकनीकों का प्रयोग केवल उसी व्यक्ति द्वारा किया जाना चाहिए, जिसे इसका प्रमाण-पत्र प्राप्त हो और ऐसे उपचारों को करने का अनुभव हो। चूंकि एक ही उपचार का विभिन्न लोगों के शरीर पर अलग-अलग असर हो सकता है। लिहाजा उपचार के बाद के प्रभाव को सही तरीके से नियंत्रित करने की आवश्यकता होती है और इसी वजह से अनुभवी चिकित्सक के मार्गदर्शन एवं देखरेख में यह उपचार करना जरूरी होता है।
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