चकोतरा (Grapefruit) का इस्तेमाल किसलिए किया जाता है?
चकोतरा (Grapefruit) एक सिट्रस फल है। लोग चकोतरा का इस्तेमाल फल के रूप में, इसकी छाल से मिलने वाले तेल के रूप में और इसके बीज के एक्सट्रेक्ट को दवाओं के रूप में इस्तेमाल करते हैं।
चकोतरा के जूस का इस्तेमाल हाई कोलेस्ट्रॉल, एथीरोस्कलेरोसिस (Atherosclerosis), कैंसर, सोरायसिस, वजन घटाने और मोटापे में होता है। इसके बीज से मिलने वाले एक्सट्रेक्ट को बैक्टीरियल, वायरल और फंगल इंफेक्शन, जिसमें यीस्ट इंफेक्शन भी शामिल है। ऐसी परेशानियों आदि में इस्तेमाल किया जाता है।
इसके तेल को मांसपेशियों के दर्द, बालों के बढ़ने, त्वचा की टैनिंग और त्वचा से दाग धब्बो को हटाने और ऑयली त्वचा के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा यह सर्दी जुकाम और फ्लू इंफेक्शन को दूर करने के लिए भी उपयोग किया जाता है।
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इसके बीज के एक्सट्रेक्ट को फेशियल क्लींजर, प्राथमिक चिकित्सा (First aid treatment), त्वचा में होने वाली उलझन और वजायना में होने वाले यीस्ट इंफेक्शन यानी कैंडीडियासिस (Candidiasis) में इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा यह कान, नाक के इन्फेक्शन को साफ करने, गले की खराश में, दांतो में होने वाली बीमारी (Gingivitis) और मसूड़ों को स्वस्थ रखने के साथ-साथ सांस की बदबू को दूर करने में भी इस्तेमाल होता है।
कुछ लोग शरीर मे पानी की कमी को दूर करने, सिरदर्द, तनाव और डिप्रेशन आदि में चकोतरा की भाप को लेते हैं। चकोतरा बीज एक्सट्रैक्ट की भाप का इस्तेमाल फेफड़े के इंफेक्शन में भी किया जाता है।
फूड्स और पेय पदार्थों में चकोतरा फल, जूस और फ्लेवरिंग (Flavoring) एजेंट के रूप में इस्तेमाल होता है।
साबुन और कॉस्मेटिक के निर्माण में इसके तेल और इसके बीज का एक्सट्रैक्ट फ्रैगरेंस (Fragrance) यानी खुशबू के लिए इतेमाल किया जाता है। घर मे मौजूद फलों, सब्जियों, मीट, किचन और बर्तनों को भी साफ मरने में इसका इस्तेमाल किया जाता है।
कृषि में इसके बीज का एक्सट्रैक्ट बैक्टीरिया और फंगस को मारने, फफूंदी लगने से रोकने, जानवरों के खाने में मौजूद पैरासाइट को मारने, फूड को सरंक्षित करने और पानी को साफ रखने में इस्तेमाल होता है।
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चकोतरा कैसे काम करता है?
शरीर मे यह कैसे काम करता है। इसको लेकर अभी ज्यादा जानकारी मौजूद नहीं है। इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए आप डॉक्टर या हर्बल विशेषज्ञ से संपर्क करें। हालांकि कुछ शोध बताते हैं कि चकोतरा (Grapefruit) विटामिन सी, फाइबर, पोटैशियम, पेक्टिन और दूसरे न्यूट्रएंट्स का अच्छा सोर्स हैं। इसमें मौजूद कुछ तत्वों में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं, जो शरीर की कोशिकाओं (Cells) को डैमेज होने से बचाते हैं और कोलेस्ट्रॉल को भी कम करते हैं।
हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इसका तेल कैसे दवाओं की तरह हो सकता है।
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चकोतरा (Grapefruit) से जुड़ी सावधानियां और चेतावनी
चकोतरा (Grapefruit) के इस्तेमाल से पहले मुझे क्या जानकारी होनी चाहिए?
चकोतरा का इस्तेमाल करने से पहले आपको डॉक्टर या फार्मासिस्ट या फिर हर्बल विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए, यदि
- आप गर्भवती हैं या स्तनपान कराती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि जब आप बच्चे को फीडिंग करवाती हैं, तो अपने डॉक्टर के मुताबिक ही आपको दवाओं का सेवन करना चाहिए।
- आप कोई दूसरी दवा लेते हैं, जो कि बिना डॉक्टर की पर्ची के आसानी से मिल जाती हैं।
- अगर आपको चकोतरा और उसके दूसरे पदार्थों से या फिर किसी और दूसरे हर्ब्स (HERBS) से एलर्जी हो।
- आप पहले से किसी तरह की बीमारी आदि से पीड़ित हैं।
आपको पहले से ही किसी तरह एलर्जी हो जैसे खाने पीने वाली चीजों से, डाइ से या किसी जानवर आदि से।
इसके उपयोग से जुड़े नियम दवाओं के नियमों जितने सख्त नहीं होते हैं। इनकी उपयोगिता और सुरक्षा से जुड़े नियमों के लिए अभी और शोध की जरूरत है। इस हर्बल सप्लीमेंट के इस्तेमाल से पहले इसके फायदे और नुकसान की तुलना करना जरूरी है। इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए किसी हर्बल विशेषज्ञ या आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क करें।
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कितना सुरक्षित है चकोतरा का सेवन?
अगर आप चकोतरा का इस्तेमाल नॉर्मल मात्रा में फूड्स और दवाओं के रूप में करते हैं तो यह आपके लिए बिल्कुल सुरक्षित है।
अगर आप चकोतरा (Grapefruit) को ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल करते हैं, तो यह आपके लिए सुरक्षित नहीं है। यदि आप इसके साथ कोई दूसरी दवा लेते हैं, तो ऐसा करने से पहले आप अपने हेल्थ प्रोवाइडर से जरूर सलाह लें। आपको बता दें कि चकोतरा कई सारी दवाओं के साथ परस्पर क्रिया कर सकता है।
चकोतरा से जुड़ी विशेष सावधानियां और चेतावनी
प्रेग्नेंसी और स्तनपान के दौरान: इस दौरान चकोतरा के इस्तेमाल को लेकर ज्यादा जानकारी मौजूद नहीं है इसलिए आप इस स्थिति में इसके सेवन से परहेज करें।
ब्रेस्ट कैंसर: बहुत अधिक मात्रा में इसके जूस का सेवन हानिकारक हो सकता है। इसलिए सावधानी पूर्वक सेवन करें। कुछ शोधों के अनुसार, मेनोपॉज के दौर से गुजर चुकी ऐसी महिलाएं जो रोजाना ज्यादा मात्रा में चकोतरा के जूस (Grapefruit Juice) का सेवन करती हैं, उनमें ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना 25 से 30 प्रतिशत ज्यादा बढ़ सकता है। ज्यादातर शोध में यह कहा गया हैं कि इसके जूस का ज्यादा मात्रा में सेवन करने से महिलाओं में एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ जाता है। ऐसी महिलाएं जिन्हें ब्रेस्ट कैंसर है या फिर उसके होने का खतरा ज्यादा है। इसके जूस के सेवन करने से परहेज करें।
हॉर्मोन सेंसिटिव कैंसर और कंडीशन (Hormone sensitive cancers and conditions): ज्यादा मात्रा में इसके जूस का सेवन करने से शरीर मे हॉर्मोन का स्तर बढ़ सकता है, जिसकी वजह से हॉर्मोन सेंसिटिव कंडीशन (hormone sensitive conditions) का खतरा बढ़ सकता है। ऐसी महिलाओं को चकोतरे के जूस का सेवन करने से परहेज करना चाहिए।
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चकोतरा (Grapefruit) के फायदे क्या हैं?
चकोतरा के फायदे इस प्रकार हैं:
डायबिटीज पेशेंट्स के लिए फायदेमंद है चकोतरा
नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) के अनुसार चकोतरा डायबिटीज पेशेंट्स के लिए बेहद लाभकारी फलों में से एक है। दरअसल डायबिटीज पेशेंट्स के ग्लूकोज इंसुलिन लेवल बैलेंस करने में सहायता मिलती है।
इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए फायदेमंद है चकोतरा
रिसर्च के अनुसार बॉडी की इम्यून पावर को स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए बेहद लाभकारी फल माना जाता है। दरअसल इस फल में मौजूद विटामिन ए और सी के साथ-साथ एंटीऑक्सीडेंट इम्यून पावर बढ़ाने में सहायक होता है।
चकोतरे के सेवन से ब्लड प्रेशर रहता है कंट्रोल
अगर आपका ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ रहता है, तो चकोतरा किसी रामबाण से कम नहीं है। रिसर्च के अनुसार चकोतरा के सेवन से कोलेस्ट्रॉल लेवल भी बैलेंस रहता है।
वेट लॉस में लाभकारी है चकोतरा
अगर आप वजन कम करने के लिए प्रयास कर रहें हैं, तो आपको अपने डेली डायट में चकोतरा फल जरूर शामिल करना चाहिए। बाजार में इसके सप्लीमेंट्स भी उपलब्ध हैं, लेकिन सप्लीमेंट्स लेने से पहले डॉक्टर से सलह अवश्य लें।
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चकोतरा (Grapefruit) के साइड इफेक्ट
चकोतरा (Grapefruit) के सेवन से मुझे क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?
हाय ब्लड प्रेशर या कोलेस्ट्रॉल की परेशानी आपको या आपके किसी करीबी को ऐसी कोई तकलीफ है, तो चकोतरा के सेवन से पहले आप डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करें। क्योंकि हाय ब्लड प्रेशर या कोलेस्ट्रॉल की मेडिसिन के साथ-साथ चकोतरा नहीं खाया जाता है।
दांतों को स्वस्थ्य रखने के लिए विटामिन-सी का सेवन अनिवार्य माना जाता है, लेकिन जरूरत से ज्यादा सेवन से दांतों में झनझनाहट जैसी परेशानी बढ़ सकती है। इसलिए जरूरत से ज्यादा चकोतरा का सेवन न करें।
अगर आपको चकोतरा के सेवन से कोई साइड इफेक्ट महसूस हो रहें हैं, तो अपने डॉक्टर या हर्बल विशेषज्ञ से संपर्क करें।
चकोतरा (Grapefruit) की खुराक
यहां पर दी गई जानकारी को डॉक्टर की सलाह का विकल्प न मानें। किसी भी दवा या सप्लीमेंट का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
आमतौर पर कितनी मात्रा में चकोतरा (Grapefruit) का सेवन करना चाहिए?
इस हर्बल सप्लीमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लीमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए सही खुराक की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
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चकोतरा (Grapefruit) किन रूपों में उपलब्ध है?
चकोतरा निम्नलिखित रुपों में उपलब्ध है
- ग्रेपफ्रूट पेक्टिन टैबलेट : 500 और 100 mg
- ग्रेपफ्रूट बीज एक्सट्रैक्ट कैप्सूल के रूप में
अगर आप चकोतरा (Grapefruit) या इसके सेवन से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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