छिपी हुई समस्याएं जो परिणामों (आउटकम्स) में बाधा उत्पन्न करते हैं। डीटीएक्स कार्यक्रमों के दौरान, अक्सर मरीज डेटा प्रदानकरते हैं जिससे खराब ग्लाइसेमिक कंट्रोल के मूल समस्याओं का पता चल पाता है। उदाहरण के तौर पर,ऐसे कई उदाहरण हमें मिलें, जहाँ हमने पाया कि मधुमेह के मरीज हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स या गलत कॉम्बिनेशन वाले खाद्द पदार्थ का सेवन कर रहे हैं। ठीक उसी तरह, उनके फिटनेस रेजिम के संयोजन (कॉम्बिनेशन) और विविधता में अभाव था, जो इंसुलिन प्रतिरोध से लड़ने के लिए जरूरी होता है। उदाहरण के लिए: मधुमेह के मरीजों में एक जो हर दिन डायट (Diet) में मीठा खाते थे, ने इस आदत को बदलकर हेल्दी फूड खाना शुरू किया, जब उनके कोच ने उन्हें इन खाद्य पदार्थों के लिए उनके पर्सनलाइज्ड ग्लाइसेमिक रिस्पांस को दिखाया।
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भारत में डॉक्टरों के लिए थेरिपी (Therapy) का पालन और अनुपालन करना बहुत बड़ी चुनौती है। डीटीएक्स कार्यक्रम मरीजों को उनकी दवाओं, डॉक्टर से मिलने जाने और टेस्ट करके ट्रैक पर रहने में मदद करता है। कोच मरीजों के संपर्क में लगातार रहकर, उनको रिमाइंडर देकर, मरीजों के प्रश्नों का जवाब देकर, उनको प्रेरितकरके अनुपालन करने के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं। यह ज्यादातर मामलों में मरीजों का डॉक्टर से नियमित विजिट का आश्वासन भी देता है।डॉक्टर के पास जाने और ग्लूकोज के वैल्यू और टेस्ट के लिए रिमाइंडर देना, डायबेफ्लाई डीटीएक्स डिजाइन का एक हिस्सा है। थेराप्यूटिक इंटरवेंशन (Therapeutic intervention) के बारे में डॉक्टर से जानकारी लें।
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मधुमेह के रोकथाम लिए मैनेजमेंट (Management)
मरीज का मेटाबॉलिक प्रोफाइल और जीवनशैली को समझकर, डायबिटीज रिवर्सल (Diabetes reversal) के उपयुक्त मरीजों के लिए डीटीएक्स कार्यक्रम को और अधिक तेज किया जा सकता है। डायबिटीज रिवर्सल चर्चा का विषय है, और क्लिनिकली डायबिटीज रिमिशन है, लेकिन डीटीएक्स के लिए यह संभव है।
डायबेफ्लाई में, जो मरीज डायबिटीज रिवर्सल के मानदंड को पूरा करते हैं, उन्हें और ज्यादा इंटेन्सिव रिवर्सल प्रोग्राम ऑफर करते हैं जहाँ कोच उनकेजीवनशैली में परिवर्तन करने के लिए प्रेरित करते रहते हैं।