डायबिटिक पैंक्रियाटायटिस के लिए योगासन (Yoga asanas for Diabetes Pancreatitis) को अपनाकर इस स्थिति को मैनेज किया जा सकता है। ये योगासन पैंक्रियाज को स्टिम्यूलेट करने का काम करते हैं साथ ही ये इंसुलिन का प्रोडक्शन (Insulin Production) भी बढ़ा सकते हैं। बता दें कि पैंक्रियाज (Pancreas) शरीर का एक अंग है जो स्पाइन और स्टमक के बीच एब्डोमिन में स्थित होता है। यह फूड को डायजेस्ट करने के एंज़ायम्ज़ बनाता है और साथ ही इंसुलिन हॉर्मोन को रिलीज करके ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है। अगर पैंक्रियाज ठीक से काम नहीं करता तो बॉडी इंसुलिन का उपयोग नहीं कर पाती है। जिससे ब्लड शुगर (Blood Sugar) बहुत बढ़ जाता है और डायबिटीज (Diabetes) हो जाती है।
इसी तरह डायबिटीज और पैंक्रियाटाइटिस का भी आपस में आपस संबंध। डायबिटीज की बीमारी होने पर पैंक्रियाटायटिस होने का रिस्क बढ़ जाता है। इस लेख में डायबिटिक पैंक्रियाटायटिस के लिए योगासन के साथ ही दोनों हेल्थ कंडिशन की जानकारी दी जा रही है। चलिए दोनों के बारे में भी जान लेते हैं।
डायबिटीज (Diabetes) क्या है?
डायबिटीज एक ऑटो इम्यून कंडिशन है। यह तीन प्रकार की होती है।
टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes)
आपके शरीर का इम्यून सिस्टम आपके पैंक्रियाज की उन कोशिकाओं पर हमला करता है जो इंसुलिन बनाती हैं, इसलिए यह आपके ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar level) को बैलेंस रखने के लिए पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता।
टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes)
यह सबसे आम रूप है। यह तब होती है जब पैंक्रियाज पर्याप्त इंसुलिन नहीं बनाता है, या आपका शरीर इंसुलिन का उपयोग नहीं कर सकता है। जिससे ग्लूकोज कोशिकाओं में नहीं जा पता और ब्लड में ही रहता है।
जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational diabetes)
यह केवल गर्भावस्था के दौरान होती है। उस समय आपके हॉर्मोनल बदलाव के कारण आपका शरीर सामान्य रूप से इंसुलिन का उपयोग करने में असमर्थ हो जाता है, इसलिए पैंक्रियाज इसे पर्याप्त मात्रा में नहीं बना पाता है। यह प्रकार आमतौर पर आपके बच्चे के जन्म के बाद ठीक हो जाती है, लेकिन अगर आपको यह हो चुकी है, तो आपको बाद में टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) होने की अधिक संभावना है। चलिए अब जान लेते हैं कि डायबिटीज का पैंक्रियाटायटिस से क्या कनेक्शन है।
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डायबिटीज और पैंक्रियाटायटिस (Diabetes and Pancreatitis)
पैंक्रियाटायटिस एक ऐसी कंडिशन है जिसमें पैंक्रियाज में सूजन आ जाती है। ऐसा तब होता है जब डायजेस्टिव सिस्टम में रहने वाले प्रोटीन्स पैंक्रियाज में रहते हुए भी कार्य करना शुरू कर देते हैं और इसकी सेल्स को इरिटेट करते हैं। हालांकि डायबिटीज पैंक्रियाटायटिस का कारण नहीं बनती, लेकिन टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों में इसका रिस्क बढ़ जाता है। कई चीजें है जो पैंक्रियाटायटिस का कारण बन सकती हैं। जिसमें इंफेक्शन ओर स्मोकिंग शामिल है। एल्कोहॉल का उपयोग और गॉलस्टोन्स इसके सबसे कॉमन कारणों में से एक हैं।
पैंक्रियाटायटिस के दो प्रकार होते हैं। एक्यूट पैंक्रियाटायटिस में पैंक्रियाज पर सूजन कुछ दिनों के लिए रहती है। वहीं क्रोनिक पैंक्रियाटायटिस में पैंक्रियाज पर सूजन लंबे समय तक रह सकती है। डायबिटीज क्रोनिक पैंक्रियाटायटिस का कॉमन कॉम्प्लिकेशन है। डायबिटीज का वह प्रकार जो दूसरी मेडिकल कंडिशन के कारण होता है उसे सेकेंड्री डायबिटीज कहा जाता है। पैंक्रियाटायटिस के कारण होने वाली डायबिटीज इंसुलिन प्रोडक्शन को प्रभावित करती है। ऐसे में मरीज को इंसुलिन इंजेक्शन की जरूरत पड़ सकती है। अगर आपको पैंक्रियाटायटिस है तो आपको डायबिटीज के लक्षणों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। डायबिटिक पैंक्रियाटायटिस के लिए योगासन (Yoga asanas for Diabetes Pancreatitis) को अपनाकर इस कंडिशन को थोड़ा मैनेज किया जा सकता है।
पैंक्रियाटायटिस और डायबिटीज मेडिकेशन (Pancreatitis and Diabetes medication)
कुछ डायबिटीज मेडिकेशन भी पैंक्रियाटायटिस का रिस्क बढ़ा देती हैं। ये दवाएं ग्लूकागॉन (Glucagon) रिलीज को दबाने और अग्न्याशय (Pancreas) से इंसुलिन (Insulin) रिलीज को बढ़ाकर काम करती हैं। पैंक्रियाटायटिस के लक्षणों में निम्न शामिल हैं। एक्यूट पैंक्रियाटायटिस के मुख्य लक्षणों में अपर एब्डोमेन में तेज दर्द (जहां पैंक्रियाज स्थित होता है) है। दूसरे लक्षणों में निम्न शामिल हैं।
- जी मिचलाना
- उल्टी
- डायरिया
- बुखार
क्रोनिक पैंक्रियाटायटिस के लक्षणों में एब्डोमिन में तेज दर्द के साथ निम्न लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
- स्टमक क्रैम्प्स
- ब्लॉटिंग और गैस की समस्या
- स्टूल से अधिक बदबू आना
- बिना किसी कारण के वजन कम होना
- पीलिया
ये लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। वे स्थिति के अनुसार ट्रीटमेंट सजेस्ट करेंगे। डायबिटिक पैंक्रियाटायटिस के लिए योगासन भी प्रभावी बताए गए हैं।
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पैंक्रियाटायटिस का इलाज (Pancreatitis Treatment)
पैंक्रियाटायटिस का इलाज स्थिति के अनुसार किया जाता है। कई लोगों को हॉस्पिटल में एडमिट होने की जरूरत भी पड़ सकती है। दर्द से राहत के लिए स्ट्रॉन्ग पेन किलर दिए जाते हैं। सीवियर एक्यूट पैंकियाटायटिस के मामलों में आईसीयू में एडमिट किया जा सकता है। पैंक्रियाटायटिस के अंडरलाइन कॉज का पता लगाकर आगे होने वाले इंफ्लामेशन को कम किया जा सकता है। अगर गॉलस्टोन्स इसका कारण हैं, तो गॉलब्लैडर को रिमूव करने के लिए सर्जरी का सहारा लिया जा सकता है। शायद आप ना जानते हैं कि डायबिटीज और पैंक्रियाटिक कैंसर का भी लिंक है। जान लेते हैं कि डायबिटिक पैंक्रियाटायटिस के लिए योगासन (Yoga asanas for Diabetes Pancreatitis) कौन से हैं जो इस कंडिशन को मैनेज करने में मदद कर सकते हैं।
डायबिटिक पैंक्रियाटायटिस के लिए योगासन (Yogasana for Pancreatitis)
योगा की रेगुलर प्रैक्टिस, हेल्दी डायट और हेल्दी लाइफस्टाइल हैबिट्स के साथ डायबिटीज को मैंनेज किया जा सकता है। यहां बताए जा रहे योगासन पैंक्रियाज को स्टिम्यूलेट करके इंसुलिन प्रोडक्शन में सुधार कर सकते हैं। डायबिटिक पैंक्रियाटायटिस के लिए योगासन (Yoga asanas for Diabetes Pancreatitis) निम्न हैं।
डायबिटिक पैंक्रियाटायटिस के लिए योगासन: भुजंगासन (Bhujangasana)
इसे कोबरा पोज (Cobra pose) भी कहा जाता है। इसे डायबिटीज के मरीज ट्राय कर सकते हैं। इसको करने के लिए पेट के बल लेट जाएं और सिर को नीचे टिका लें। पैरों को फ्लोर पर रहने दें और हाथों को कमर से सटाकर रखें। अब अपने सिर को ऊपर उठाएं और धीरे-धीरे सिर और सीने को ऊपर उठाने की कोशिश करें। 10-20 सेकेंड इसी अवस्था में रहें और फिर नीचे आ जाएं। इस अभ्यास को तीन से पांच बार दोहराएं।
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डायबिटिक पैंक्रियाटायटिस के लिए योगासन: पवनमुक्तासन (Pavana Muktasana)
यह पोज पैंक्रियाज को स्ट्रेंथ देने में मदद करता है। इसके साथ ही यह लिवर, स्पलीन, एब्डोमिन और एब्डोमिनल मसल्स को स्ट्रेंथ देता है। इसको करने का तरीका आसान है। पीठ के बल लेट जाएं। पैरों को जोड़कर रखें और उन्हें ऊपर उठाकर फोल्ड करें। अब घुटनों को सीने तक ले जाएं और दोनों हाथों से उन्हें पकड़कर रखें। अब सिर को उठाएं और घुटनों को छूने की कोशिश करें। दस से बीस सेकेंड तक होल्ड करें और फिर सामान्य अवस्था में आ जाए। इस अभ्यास को भी तीन से पांच बार दोहराएं।
डायबिटिक पैंक्रियाटायटिस के लिए योगासन: वज्रासन (Vajrasana)
यह आसन पेट से संबंधित बीमारियों के इलाज के लिए अच्छा है। यह पैंक्रियाज को भी फायदा पहुंचाता है इसके लिए बैठ जाएं और अपने हाथों को अपने पास ही सटाकर रखें। अब अपने घुटनों को मोडे और पंजों के सहारे बैठ जाएं। सोल्स के साइड्स पास में ही होने चाहिए। इस पॉजिशन को मैंटेन रखें और बॉडी को बैलेंस में रखें। इस आसान को करने की शुरुआत दो मिनट से की जा सकती है। इसके बाद इसे पांच से दस मिनट तक ले लाया जा सकता है।
डायबिटिक पैंक्रियाटायटिस के लिए योगासन: पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana)
इसे फॉरवर्ड बेंड स्ट्रेचिंग बैक एक्सरसाइज भी कहा जाता है। इसे करने के लिए पैरों को सामने की तरफ सीधा करके बैठ जाएं। हाथों को थाइज पर रखें। सांस लें और हाथों को सीधा करके ऊपर उठाएं। सांस छोड़ें और बैक को सीधा रखें। कमर को आगे की ओर झुकाकर पंजों को पकड़ें। घुटने सीधे रखें। घुटनों को छूने के लिए सिर को आगे लाने की कोशिश करें। सामान्य रूप से सांस लेते हुए इस स्थिति में रहें। सांस भरते हुए हाथों को सीधा रखते हुए शरीर को सीधा करें। सांस छोड़ते हुए हाथों को थाइज पर रखें। शुरुआत में तीन बार आसन का अभ्यास करें। कुछ देर तक इस तरह अभ्यास करने के बाद नॉमल ब्रीदिंग के साथ अभ्यास को कर सकते हैं।
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उम्मीद करते हैं कि आपको डायबिटिक पैंक्रियाटायटिस के लिए योगासन से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में डायबिटिक पैंक्रियाटायटिस के लिए योगासन को लेकर अन्य कोई सवाल है तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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