गैस्ट्रोपैरीसिस (Gastroparesis) की समस्या उसे कहा जाता है जब पेट इंटेस्टाइन में फूड को बहुत धीरे से खाली करता है। पेट के लेट खाली होने के लक्षण इस प्रकार हैं पेट का भरा हुआ महसुस होना (Fullness) , जी मचलना (Nausea) ,उल्टी आना (Vomiting), ब्लोटिंग (Bloating) ,पेट में दर्द (Belly pain) आदि। टाइप 2 डायबिटीज और GI इशूज (Type 2 Diabetes and GI Issues) में इस समस्या के बारे में यह कहा जाता है कि टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित लगभग एक तिहाई लोगों को गैस्ट्रोपैरीसिस की समस्या होती है। इसका कारण उस नर्व का डैमेज होना है, जो पेट को कॉन्ट्रैक्ट होने में मदद करे ताकि फूड को इंटेस्टाइन में पुश किया जा सके। इसके निदान के लिए भी एंडोस्कोपी का प्रयोग किया जाता है। जानिए कैसे होता है इसका उपचार?
गैस्ट्रोपैरीसिस का उपचार (Gastroparesis treatment)
इस समस्या का उपचार करना बेहद जरूरी है, क्योंकि इस समस्या के कारण डायबिटीज को मैनेज करना मुश्किल हो सकता है। इसका उपचार इस तरह से किया जा सकता है:
- गैस्ट्रोपैरीसिस के उपचार के लिए मेटोक्लोप्रामाइड (Metoclopramide) और डोमपेरिडन (Domperidone) जैसी ड्रग्स का प्रयोग करने की सलाह दी जाती है ताकि लक्षणों को कम किया जा सके। मोटीलियम (Motilium) का प्रयोग भी इस स्थिति के उपचार के लिए किया जाता है। इन दवाईयों के अलावा डॉक्टर अन्य दवाईयां भी दे सकते हैं।
- इसके साथ ही रोगी को कम मात्रा में, लौ फैट आहार खाने की सलाह देते हैं। इसके साथ ही रोगी को अधिक से अधिक फ्लूइड लेना चाहिए ताकि पेट को खाली करने में आसानी हो। हाय फैट और हाय फायबर फूड को नहीं लेना चाहिए इससे पेट को खाली होने में समय लगेगा।
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इंटेस्टाइनल एंटेरोपैथी (Intestinal Enteropathy)
एंटेरोपैथी को इंटेस्टाइन से जुड़ी किसी भी बीमारी को कहा जा सकता है। इसके लक्षणों में डायरिया, कब्ज और बॉवेल मूवमेंट्स को कंट्रोल करने में मुश्किल होना आदि शामिल है। इसके उपचार में डायबिटीज में प्रयोग होने वाली ड्रग्स और मेटफॉर्मिन (Metformin) जैसी दवाईयों का प्रयोग किया जाता है। इस समस्या के होने पर डॉक्टर सबसे पहले यह जानेंगे कि आपको कोई अन्य समस्या तो नहीं है जैसे इंफेक्शन। अगर डायबिटीज के लिए प्रयोग होने वाली ड्रग से आपको कोई परेशानी हो रही हो तो डॉक्टर अन्य दवाईयों की सलाह दे सकते हैं। इसके साथ ही डायट में बदलाव के लिए भी कहा जा सकता है।
इस दौरान लक्षणों को कम करने के लिए लौ फैट और फाइबर युक्त आहार लेना चाहिए और इसके साथ ही स्मॉल मील लेने के लिए भी कहा जाता है। डायरिया होने की स्थिति में एंटी-डायरियल ड्रग जैसे इमोडियम (Imodium) को लेने के लिए कहा जाता है। इस स्थिति में डिहायड्रेशन से बचने के लिए रोगी को इलेक्ट्रोलाइट की सलाह दी जाती है कब्ज की स्थिति में लैक्सेटिव्स (Laxatives) दिए जाते हैं
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फैटी लिवर डिजीज (Fatty Liver Disease)