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पीडियाट्रिक हार्टबर्न में किस तरह से फायदेमंद हो सकती हैं H2 ब्लॉकर्स?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Toshini Rathod द्वारा लिखित · अपडेटेड 23/12/2021

    पीडियाट्रिक हार्टबर्न में किस तरह से फायदेमंद हो सकती हैं H2 ब्लॉकर्स?

    बल्कि बच्चे भी हार्टबर्न की समस्या से गुजरते हैं। वयस्कों की तरह ही बच्चों को होने वाली इस समस्या के उपचार के लिए H2 ब्लॉकर्स (H2 blockers) का प्रयोग किया जाता है। H2 ब्लॉकर्स वो दवाइयां हैं जो पेट की लायनिंग में ग्लैंड्स द्वारा स्रावित स्टमक एसिड की मात्रा को कम करके काम करती हैं। अगर आपको इनके बारे में जानकारी नहीं है, तो आइए जानते हैं पीडियाट्रिक हार्टबर्न में H2 ब्लॉकर्स (H2 blockers for Pediatric Heartburn) के बारे में विस्तार से। सबसे पहले पीडियाट्रिक हार्टबर्न (Pediatric Heartburn) के बारे में जान लेते हैं।

    पीडियाट्रिक हार्टबर्न (Pediatric Heartburn) क्या है?

    पीडियाट्रिक हार्टबर्न (Pediatric Heartburn) बच्चों को होने वाली हार्टबर्न की समस्या को कहा जाता है। इसे गैस्ट्रोइसोफेजियल रिफ्लक्स (Gastroesophageal Reflux) का लक्षण भी माना जाता है। यह वो स्थिति होती है, जब पेट का एसिड वापस अन्नप्रणाली (Esophagus) में चला जाता है और अन्नप्रणाली (Esophagus) वो ट्यूब है जो पेट को मुंह से जोड़ती है। अन्नपप्रणाली (Esophagus) के नीचे के मसल को लोअर एसोफेजेल स्फिंक्टर (Lower Esophageal Sphincter) कहा जाता है। यह मसल्स ही आमतौर पर पेट के एसिड को रोकतेहैं। लेकिन, किन्हीं स्थितियों में अगर ऐसा नहीं हो पाता है, तो इससे स्टमक एसिड बढ़ जाता है और अन्नप्रणाली की लायनिंग इससे प्रभावित होती है जिससे हार्टबर्न और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।

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    बहुत छोटे बच्चों में हार्टबर्न (Pediatric Heartburn) का कारण आमतौर पर इमैच्योर डायजेस्टिव ट्रैक्ट होता है। बड़े बच्चों में इस समस्या के कारण कुछ और हो सकते हैं। इसके अलावा कुछ मेडिकल स्थितियां भी इसका कारण बन सकती हैं। पीडियाट्रिक हार्टबर्न के लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं:

    • छाती में दर्द (Chest pain)
    • खांसी (Coughing)
    • उतावलापन (Fussiness)
    • आवाज में बदलाव (Hoarse voice
    • निगलने में समस्या होना (Painful swallowing)
    • पुअर ईटिंग (Poor eating)
    • गले में खराश (Sore throat)
    • उल्टी आना (Vomiting)
    • व्हीज़िंग (Wheezing)

    यह तो थे पीडियाट्रिक हार्टबर्न (Pediatric Heartburn) में इसके लक्षण अब जान लेते हैं पीडियाट्रिक हार्टबर्न में H2 ब्लॉकर्स (H2 blockers for Pediatric Heartburn) कौन सी हैं। लेकिन, पहले H2 ब्लॉकर्स (H2 blockers) के बारे में थोड़ी जानकारी प्राप्त कर लेते हैं।

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    H2 ब्लॉकर्स (H2 blockers) किन्हें कहा जाता है?

    H2 ब्लॉकर्स (H2 Blockers) उन दवाइयों को कहा जाता है जिनका प्रयोग हार्टबर्न (Heartburn) के उपचार में किया जाता है। हालांकि, पीडियाट्रिक हार्टबर्न का उपचार बच्चे की उम्र और हार्टबर्न के कारणों पर निर्भर करता है। अधिकतर मामलों में इस समस्या से बच्चों को खुद ही राहत मिल जाती है। लेकिन, कुछ मामलों में इसके उपचार के लिए दवाइयां भी प्रयोग की जाती हैं। उन्हीं में से एक हैं H2 ब्लॉकर्स। H2 ब्लॉकर्स (H2 Blockers) पेट में बने एसिड की मात्रा को कम करती है। यह दवाइयां गेस्ट्राइटिस (Gastritis), इंफ्लेम्ड स्टमक (Inflamed Stomach) और पेप्टिक अल्सर (Peptic Ulcer) आदि के उपचार में भी प्रयोग होती हैं।पेट की अन्य समस्याओं को दूर करने में भी यह दवाइयां प्रयोग की जा सकती हैं। आइए जानते हैं पीडियाट्रिक हार्टबर्न में H2 ब्लॉकर्स  कैसे काम करती हैं?

    हार्टबर्न में बेस्ट H2 ब्लॉकर्स कैसे काम करती हैं?

    जब H2 ब्लॉकर का प्रयोग किया जाता है, तो इसमें मौजूद एक्टिव इंग्रेडिएंट्स पेट की कोशिकाओं की सतह पर स्पेसिफिक रिसेप्टर्स तक जाते हैं, जो एसिड रिलीज करते हैं। यह दवा इन कोशिकाओं में कुछ रासायनिक प्रतिक्रियाओं को रोकती है, ताकि वे अधिक एसिड का उत्पादन करने में सक्षम न हों। नेशनल इंस्टीटूट्स ऑफ हेल्थ  (National Institutes of Health) के मुताबिक H2 ब्लॉकर्स (H2 blockers) स्टमक एसिड स्क्रिशंस को भी कम करती हैं। इनका सेवन करने से पेट में एसिड की मात्रा को कम करके डैमेज्ड टिश्यूज को ठीक होने के लिए समय मिल जाता है। अब जानिए पीडियाट्रिक हार्टबर्न में H2 ब्लॉकर्स (H2 blockers for Pediatric Heartburn) के बारे में।

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    पीडियाट्रिक हार्टबर्न में H2 ब्लॉकर्स (H2 blockers for Pediatric Heartburn)

    बच्चों को हार्टबर्न (Pediatric Heartburn) होना बेहद सामान्य है। यहां तक की नवजात शिशुओं को भी यह समस्या हो सकती है। ऐसे में इसके उपचार के लिए डॉक्टर इन दवाईयों की सलाह दे सकते हैं। जानिए इनके बारे में विस्तार से। पीडियाट्रिक हार्टबर्न में H2 ब्लॉकर्स (H2 blockers for Pediatric Heartburn) इस प्रकार हैं:

    रेनिटिडिन (Ranitidine)

    रेनिटिडिन हिस्टामिन 2 ब्लॉकर्स दवाईयों के ग्रुप से संबंधित है। यह पेट में एसिड की मात्रा को कम करने का काम करती है। यह दवाइयां पेट और इंटेस्टाइन में अल्सर के उपचार और इससे छुटकारा पाने में भी मददगार साबित हो सकती हैं। इसके साथ ही रेनिटिडिन उन स्थितियों में भी काम आ सकती है, जिनमें पेट में बहुत अधिक मात्रा में एसिड बनता है। पीडियाट्रिक हार्टबर्न में H2 ब्लॉकर्स (H2 blockers for Pediatric Heartburn) में इस दवा को शामिल किया जा सकता है। लेकिन इस दवा को लेने की सलाह तभी दी जाती है जब डॉक्टर ने कहा हो। क्योंकि, इसके कई दुष्प्रभाव भी है जैसे इसके कारण निमोनिया होने का खतरा रहता है। इसके साथ ही रोगी अन्य समस्याओं जैसे सांस लेने में समस्या, पेट में दर्द, पीलिया, बुखार, छाती में दर्द आदि को भी महसूस कर सकते हैं। इसलिए इन्हें अपनी मर्जी से बच्चों को न दें। अगर डॉक्टर ने बच्चे को इन्हें देने की सलाह दी है, तो डॉक्टर से पूछे बिना इन्हें लेना बंद भी नहीं करना चाहिए।

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    फमोटीडीन (Famotidine)

    पीडियाट्रिक हार्टबर्न में H2 ब्लॉकर्स (H2 blockers for Pediatric Heartburn) में दूसरे नंबर पर है फमोटिडीन। जिसे बच्चे को हार्टबर्न (Pediatric Heartburn) होने की स्थिति में दिया जा सकता है। यह भी पेट में बने एसिड की मात्रा को कम करने का काम करती है। इसके साथ ही पेट और इंटेस्टाइन में अल्सर के उपचार और उसे दूर करने में इस दवाई का प्रयोग किया जा सकता है। यह उस स्थिति के उपचार में भी प्रयोग की जाती है, जिसमें पेट बहुत अधिक एसिड का निर्माण करता है। इस दवाई को लेने से पहले अगर किसी को कोई किडनी या लिवर संबंधित समस्या है या स्टमक कैंसर, अस्थमा या ब्रीदिंग प्रॉब्लम आदि है, तो डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। इस दवाई को लेने से कई दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं जैसे सांस लेने में समस्या, हाइव्स (Hives), एनर्जी का कम होना, भ्रम होना, डायरिया आदि। इसलिए, इस दवाई को तभी अपने बच्चे को दें जब डॉक्टर ने इसे लेने के लिए कहा हो। अन्यथा, इससे आपके बच्चे को नुकसान भी हो सकता है।

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    नायजेडेटिन (Nizatidine)

    नायजेडेटिन भी एक हिस्टामिन-2 ब्लॉकर है, जो पेट में एसिड की मात्रा को कम करने में मददगार है। इसे भी पीडियाट्रिक हार्टबर्न में H2 ब्लॉकर्स (H2 blockers for Pediatric Heartburn) के रूप में जाना जाता है। जो बच्चों में इस समस्या को कम करने के लिए प्रयोग की जा सकती है। यह दवा बच्चे के पेट में अल्सर की समस्या के उपचार में भी प्रयोग होती है। इसके साथ ही कई अन्य बीमारियों के उपचार में भी इस दवाई का प्रयोग किया जा सकता है। अगर आपके बच्चे को हार्टबर्न (Heartburn) की समस्या रहती है, तो डॉक्टर से पूछने के बाद आप उसे यह दवा दे सकते हैं। लेकिन, इसके कई साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं जैसे डायरिया, सांस लेने में समस्या, एलर्जिक रिएक्शन, हार्टबीट का बदतर होना , छाती में दर्द, स्किन का पीलापन, सिरदर्द आदि। ऐसे में कोई भी साइड-इफेक्ट नजर आने पर तुरंत मेडिकल हेल्प लेना जरूरी है।

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    सिमेटिडीन (Cimetidine)

    सिमेटिडीन का प्रयोग भी पीडियाट्रिक हार्टबर्न में H2 ब्लॉकर्स (H2 blockers for Pediatric Heartburn) के रूप में किया जा सकता है। यह दवाई खास तरह के स्टमक अल्सर के उपचार और उससे बचाव में प्रयोग की जा सकती है। इसका प्रयोग उन स्थितियों में भी किया जा सकता है जब पेट का एसिड अन्नप्रणाली में वापस चला जाता है और हार्ट बर्न का कारण बनता है। इस दवाई को भी बिना डॉक्टर की सलाह के अपने बच्चे को नहीं देना चाहिए। इस दवा को लेने से पहले इसके लेबल और पैकेज पर लिखी इंस्ट्रक्शन को पढ़ना चाहिए।अगर रोगी किसी अन्य दवाई का प्रयोग कर रहा है या उसे कोई एलर्जी है, तो इस दवा का सेवन करने से पहले डॉक्टर को इस बारे में अवश्य बताना चाहिए। अगर आपके बच्चे को इसे लेने के बाद कोई भी एलर्जिक रिएक्शन होता है तब भी डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है। इस दवा के साइड इफेक्ट्स में सिरदर्द, डायरिया, मल में खून आना, एंग्जायटी, मूड में बदलाव आदि शामिल है।

    ऊपर दी गयी इंफॉर्मेशन केवल सामान्य जानकारी के लिए है। बिना डॉक्टर की सलाह के इन दवाइयों का सेवन न करें अन्यथा यह आपके बच्चे के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकती है। अगर इन्हें लेने के बाद आपको कोई भी समस्या हो रही है, तो तुरंत मेडिकल हेल्प लेना जरूरी है। अब जानिए H2 ब्लॉकर्स (H2 Blockers)के साइड इफेक्ट्स के बारे में।

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    H2 ब्लॉकर्स के साइड इफेक्ट्स क्या हैं? (Side effects of H2 Blockers)

    H2 रिसेप्टर ब्लॉकर्स के अधिकतर साइड इफेक्ट माइल्ड होते हैं और खुद ही ठीक हो जाते हैं ।लेकिन, कुछ लोगों को इसके गंभीर इफेक्ट्स के कारण इन्हें लेना बंद करना पड़ता है। इसके सामान्य साइड इफेक्ट्स इस प्रकार हैं:

    • कब्ज (Constipation)
    • डायरिया (Diarrhea)
    • सोने में समस्या (Difficulty sleeping)
    • मुंह का सूखना (Dry mouth)
    • त्वचा का रुखा होना (Dry skin)
    • सिरदर्द (Headaches)
    • नाक का बहना (Runny nose)
    • मूत्र त्याग में समस्या (Trouble Urinating)

    अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण नजर आते हैं और आपको यह संदेह है कि यह लक्षण H2 ब्लॉकर्स (H2 Blockers) के कारण हो रहे हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर की सलाह लें। दुर्लभ मामलों में रोगी कुछ गंभीर साइड इफेक्ट्स का सामना भी कर सकता है, जैसे:

    • स्किन में फफोले या स्किन का जलना (Blistered or scaling Skin)
    • नजर में बदलाव (Changes in Vision)
    • भ्रम (Confusion)
    • सांस लेने में समस्या (Difficulty Breathing)
    • व्हीज़िंग (Wheezing)
    • छाती में कसाव (Chest tightness)
    • असमान्य हार्ट बीट (Irregular Heartbeat)
    • सुसाइड करने के ख्याल आना (Suicidal Thoughts)

    इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर की सलाह और उपचार जरूरी है। इनके अलावा भी रोगी कुछ अन्य समस्याओं का अनुभव कर सकता है। कोई भी परेशानी होने पर डॉक्टर की सलाह लेना अनिवार्य है।

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    यह तो थी पीडियाट्रिक हार्टबर्न में H2 ब्लॉकर्स (H2 blockers for Pediatric Heartburn) के बारे में पूरी जानकारी। इन साइड इफेक्ट्स के बाद भी इन दवाइयों को स्टमक एसिड के कारण होने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए बेहद प्रभावी माना जाता है। अगर आपके दिमाग में H2 ब्लॉकर्स (H2 Blockers) के कारण होने वाली समस्याओं के बारे में कोई भी चिंता या सवाल है, तो अपने डॉक्टर से बात करें। इन दवाइयों को लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूरी है। लेकिन अगर आप या कोई भी व्यक्ति इसका सेवन कर रहा है तो उसे बंद करने से पहले भी डॉक्टर की सलाह लेना अनिवार्य है। इसके साथ ही अगर किसी को किडनी संबंधी समस्या है या गर्भवती व ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली माताओं को यह दवाइयां न लेने की सलाह दी जाती है। अगर आप अपने बच्चे को हार्टबर्न (Heartburn) की समस्या से राहत पहुंचाना चाहते हैं तो इसे हेल्दी हैबिट्स को अपनाने के लिए कहें जैसे पौष्टिक और संतुलित आहार का सेवन करना, व्यायाम करना, पर्याप्त नींद लेना और तनाव से बचना आदि। इनसे न केवल वो कई स्वास्थ्य समस्याओं से बच पाएगा, बल्कि पूरी उम्र हेल्दी रहने में भी उसे मदद मिलेगी।

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    Toshini Rathod द्वारा लिखित · अपडेटेड 23/12/2021

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