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H2 ब्लॉकर्स (H2 blockers) किन्हें कहा जाता है?
H2 ब्लॉकर्स (H2 Blockers) उन दवाइयों को कहा जाता है जिनका प्रयोग हार्टबर्न (Heartburn) के उपचार में किया जाता है। हालांकि, पीडियाट्रिक हार्टबर्न का उपचार बच्चे की उम्र और हार्टबर्न के कारणों पर निर्भर करता है। अधिकतर मामलों में इस समस्या से बच्चों को खुद ही राहत मिल जाती है। लेकिन, कुछ मामलों में इसके उपचार के लिए दवाइयां भी प्रयोग की जाती हैं। उन्हीं में से एक हैं H2 ब्लॉकर्स। H2 ब्लॉकर्स (H2 Blockers) पेट में बने एसिड की मात्रा को कम करती है। यह दवाइयां गेस्ट्राइटिस (Gastritis), इंफ्लेम्ड स्टमक (Inflamed Stomach) और पेप्टिक अल्सर (Peptic Ulcer) आदि के उपचार में भी प्रयोग होती हैं।पेट की अन्य समस्याओं को दूर करने में भी यह दवाइयां प्रयोग की जा सकती हैं। आइए जानते हैं पीडियाट्रिक हार्टबर्न में H2 ब्लॉकर्स कैसे काम करती हैं?
हार्टबर्न में बेस्ट H2 ब्लॉकर्स कैसे काम करती हैं?
जब H2 ब्लॉकर का प्रयोग किया जाता है, तो इसमें मौजूद एक्टिव इंग्रेडिएंट्स पेट की कोशिकाओं की सतह पर स्पेसिफिक रिसेप्टर्स तक जाते हैं, जो एसिड रिलीज करते हैं। यह दवा इन कोशिकाओं में कुछ रासायनिक प्रतिक्रियाओं को रोकती है, ताकि वे अधिक एसिड का उत्पादन करने में सक्षम न हों। नेशनल इंस्टीटूट्स ऑफ हेल्थ (National Institutes of Health) के मुताबिक H2 ब्लॉकर्स (H2 blockers) स्टमक एसिड स्क्रिशंस को भी कम करती हैं। इनका सेवन करने से पेट में एसिड की मात्रा को कम करके डैमेज्ड टिश्यूज को ठीक होने के लिए समय मिल जाता है। अब जानिए पीडियाट्रिक हार्टबर्न में H2 ब्लॉकर्स (H2 blockers for Pediatric Heartburn) के बारे में।
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पीडियाट्रिक हार्टबर्न में H2 ब्लॉकर्स (H2 blockers for Pediatric Heartburn)
बच्चों को हार्टबर्न (Pediatric Heartburn) होना बेहद सामान्य है। यहां तक की नवजात शिशुओं को भी यह समस्या हो सकती है। ऐसे में इसके उपचार के लिए डॉक्टर इन दवाईयों की सलाह दे सकते हैं। जानिए इनके बारे में विस्तार से। पीडियाट्रिक हार्टबर्न में H2 ब्लॉकर्स (H2 blockers for Pediatric Heartburn) इस प्रकार हैं:
रेनिटिडिन (Ranitidine)
रेनिटिडिन हिस्टामिन 2 ब्लॉकर्स दवाईयों के ग्रुप से संबंधित है। यह पेट में एसिड की मात्रा को कम करने का काम करती है। यह दवाइयां पेट और इंटेस्टाइन में अल्सर के उपचार और इससे छुटकारा पाने में भी मददगार साबित हो सकती हैं। इसके साथ ही रेनिटिडिन उन स्थितियों में भी काम आ सकती है, जिनमें पेट में बहुत अधिक मात्रा में एसिड बनता है। पीडियाट्रिक हार्टबर्न में H2 ब्लॉकर्स (H2 blockers for Pediatric Heartburn) में इस दवा को शामिल किया जा सकता है। लेकिन इस दवा को लेने की सलाह तभी दी जाती है जब डॉक्टर ने कहा हो। क्योंकि, इसके कई दुष्प्रभाव भी है जैसे इसके कारण निमोनिया होने का खतरा रहता है। इसके साथ ही रोगी अन्य समस्याओं जैसे सांस लेने में समस्या, पेट में दर्द, पीलिया, बुखार, छाती में दर्द आदि को भी महसूस कर सकते हैं। इसलिए इन्हें अपनी मर्जी से बच्चों को न दें। अगर डॉक्टर ने बच्चे को इन्हें देने की सलाह दी है, तो डॉक्टर से पूछे बिना इन्हें लेना बंद भी नहीं करना चाहिए।
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फमोटीडीन (Famotidine)
पीडियाट्रिक हार्टबर्न में H2 ब्लॉकर्स (H2 blockers for Pediatric Heartburn) में दूसरे नंबर पर है फमोटिडीन। जिसे बच्चे को हार्टबर्न (Pediatric Heartburn) होने की स्थिति में दिया जा सकता है। यह भी पेट में बने एसिड की मात्रा को कम करने का काम करती है। इसके साथ ही पेट और इंटेस्टाइन में अल्सर के उपचार और उसे दूर करने में इस दवाई का प्रयोग किया जा सकता है। यह उस स्थिति के उपचार में भी प्रयोग की जाती है, जिसमें पेट बहुत अधिक एसिड का निर्माण करता है। इस दवाई को लेने से पहले अगर किसी को कोई किडनी या लिवर संबंधित समस्या है या स्टमक कैंसर, अस्थमा या ब्रीदिंग प्रॉब्लम आदि है, तो डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। इस दवाई को लेने से कई दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं जैसे सांस लेने में समस्या, हाइव्स (Hives), एनर्जी का कम होना, भ्रम होना, डायरिया आदि। इसलिए, इस दवाई को तभी अपने बच्चे को दें जब डॉक्टर ने इसे लेने के लिए कहा हो। अन्यथा, इससे आपके बच्चे को नुकसान भी हो सकता है।
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नायजेडेटिन (Nizatidine)
नायजेडेटिन भी एक हिस्टामिन-2 ब्लॉकर है, जो पेट में एसिड की मात्रा को कम करने में मददगार है। इसे भी पीडियाट्रिक हार्टबर्न में H2 ब्लॉकर्स (H2 blockers for Pediatric Heartburn) के रूप में जाना जाता है। जो बच्चों में इस समस्या को कम करने के लिए प्रयोग की जा सकती है। यह दवा बच्चे के पेट में अल्सर की समस्या के उपचार में भी प्रयोग होती है। इसके साथ ही कई अन्य बीमारियों के उपचार में भी इस दवाई का प्रयोग किया जा सकता है। अगर आपके बच्चे को हार्टबर्न (Heartburn) की समस्या रहती है, तो डॉक्टर से पूछने के बाद आप उसे यह दवा दे सकते हैं। लेकिन, इसके कई साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं जैसे डायरिया, सांस लेने में समस्या, एलर्जिक रिएक्शन, हार्टबीट का बदतर होना , छाती में दर्द, स्किन का पीलापन, सिरदर्द आदि। ऐसे में कोई भी साइड-इफेक्ट नजर आने पर तुरंत मेडिकल हेल्प लेना जरूरी है।