बच्चों में टाइप 2 डायबिटीज एक क्रोनिक बीमारी है जो बच्चे के शरीर में शुगर (ग्लूकोज) को प्रोसेस करने के तरीके को प्रभावित करती है। टाइप 2 डायबिटीज आमतौर पर वयस्कों में अधिक होती है, लेकिन बच्चों में बढ़ती ओबेसिटी की समस्या के कारण बच्चों में भी टाइप 2 डायबिटीज की समस्या बढ़ने लगी है। बच्चों में डायबिटीज को मैनेज करने या रोकने के लिए आप बहुत कुछ कर सकते हैं। अपने बच्चे को हेल्दी फूड के साथ भरपूर शारीरिक गतिविधि करने और स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए मोटिवेट करें। डायबिटीज वाले बच्चों में कार्डियो एक्सरसाइज के फायदे (Benefits of cardio exercise in children with diabetes) देखें गए हैं। इन कार्डियो एक्सरसाइज को आप भी अपने बच्चे के लिए चुन सकते हैं। जानते हैं इस आर्टिकल में डायबिटीज वाले बच्चों में कार्डियो एक्सरसाइज के फायदे क्या हैं?
डायबिटीज वाले बच्चों में कार्डियो एक्सरसाइज के फायदे के बारे में क्या कहती है रिसर्च?
अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन में छपी एक रिसर्च के अनुसार कार्डियोमेटाबोलिक रिस्क स्कोर पर बीएमआई का सीआरएफ (कार्डियोमेटाबोलिक रिस्क फैक्टर) की तुलना में अधिक प्रभाव था। हालांकि, सीआरएफ ने ओबेसिटी वाले बच्चों में कार्डियोमेटाबोलिक रिस्क स्कोर को सबसे अधिक पाया गया। इस स्टडी से मिले रिजल्ट का क्लिनिकल केयर और पब्लिक हेल्थ दोनों पर प्रभाव पड़ता है। वर्तमान में, ओबेसिटी ट्रीटमेंट मुख्य रूप से एनर्जी रेस्ट्रिक्शन पर फोकस्ड है। हालांकि, हमने देखा कि सीआरएफ कार्डियोमेटाबोलिक रिस्क को कम कर सकता है, खासकर मोटे बच्चों में। इसलिए, कम उम्र से सीआरएफ बढ़ाने के उद्देश्य से फिजिकल एक्टिविटी को बढ़ावा देना बचपन के मोटापे के ट्रीटमेंट प्रोग्राम्स में शामिल किया जाना चाहिए। पब्लिक हेल्थ के नजरिए से, सभी बच्चों में सीआरएफ बढ़ने से कार्डियोमेटाबोलिक रिस्क कम हो सकता है, खासकर उन लोगों में जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।
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वजन मायने रखता है
जो लोग अधिक वजन वाले हैं – खासकर अगर उनमें पेट की चर्बी अधिक है – उनमें इंसुलिन रेजिस्टेंस होने की अधिक संभावना है। टाइप-2 डायबिटीज के लिए इंसुलिन रेजिस्टेंस एक मुख्य रिस्क फैक्टर है।
इंसुलिन अग्न्याशय द्वारा बनाया गया एक हाॅर्मोन है जो एनर्जी के रूप में उपयोग के लिए ब्लड शुगर को सेल्स में जाने देने के लिए कार्य करता है। आनुवंशिकता (Heredity) या लाइफस्टाइल (बहुत अधिक खाना और एक्टिव न रहना) के कारण, सेल्स इंसुलिन के लिए सामान्य रूप से रिस्पांस देना बंद कर सकती हैं। जब तक पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन होता है, तब तक ब्लड शुगर का स्तर सामान्य रहता है। यह कई वर्षों तक ऐसा चल सकता है, लेकिन पैंक्रियाज के ठीक से काम नहीं करने पर ब्लड शुगर बढ़ना शुरू हो जाता है, पहले भोजन के बाद और फिर हर समय। यही टाइप-2 डायबिटीज की स्टेज है।
इंसुलिन रेजिस्टेंस का आमतौर पर कोई लक्षण नहीं होता है, हालांकि कुछ बच्चों में गाढ़ी, गहरी, त्वचा के पैच विकसित हो जाते हैं, जिन्हें एन्थोसिस नाइग्रिकन्स (Acanthosis nigricans) कहा जाता है। उनके पास इंसुलिन रेजिस्टेंस से संबंधित अन्य स्थितियां भी हो सकती हैं, जिनमें शामिल हैं:
- हाय ब्लड प्रेशर
- हाय कोलेस्ट्रॉल
- पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम
एक्टिव (Active) रहना है जरूरी
शारीरिक रूप से सक्रिय रहने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम होता है क्योंकि यह शरीर को इंसुलिन का बेहतर उपयोग करने में मदद करता है, जिससे इंसुलिन रेजिस्टेंस कम होता है। डायबिटीज वाले बच्चों में कार्डियो एक्सरसाइज के फायदे (Benefits of cardio exercise in children with diabetes) देखने को मिलते हैं। फिजिकल एक्टिविटी ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने से लेकर मेंटल हेल्थ को बढ़ावा देने तक, कई अन्य तरीकों से भी स्वास्थ्य में सुधार करती है।
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उम्र भी मायने रखती है
जिन बच्चों को टाइप-2 डायबिटीज होता है, उनका आमतौर पर अर्ली टीन में डायग्नोस किया जाता है। एक कारण यह है कि प्यूबर्टी के दौरान मौजूद हाॅर्मोन शरीर के लिए इंसुलिन का उपयोग करना कठिन बना देते हैं, खासकर लड़कियों के लिए, जिनमें टाइप 2 डायबिटीज विकसित होने की संभावना लड़कों की तुलना में अधिक होती है।
रिस्क फैक्टर्स (Risk factors)
ये फैक्टर्स भी बच्चों में टाइप-2 डायबिटीज के रिस्क को बढ़ाते हैं:
- परिवार के किसी सदस्य को टाइप-2 डायबिटीज होना।
- जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational diabetes) वाली मां के गर्भ से जन्म लेना।
- इंसुलिन रेजिस्टेंस से संबंधित एक या अधिक स्थितियों का होना।
यदि आपका बच्चा अधिक वजन का है और ऊपर सूचीबद्ध रिस्क फैक्टर्स में से कोई भी दो है, तो अपने डॉक्टर से उसके ब्लड शुगर लेवल जांच करवाने के बारे में बात करें। टेस्ट आमतौर पर 10 साल की उम्र में शुरू होता है।
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हेल्दी चेंजेज हैं जरूरी
पेरेंट्स अपने बच्चों को टाइप-2 डायबिटीज को रोकने में मदद करने के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं। हेल्दी चेंजेज के लिए यहां कुछ टिप्स दिए हैं:
भोजन में बदलाव
- अधिक पानी पिएं और शुगरी ड्रिंक्स कम लें।
- अधिक फल और सब्जियां खाएं।
- पसंदीदा फूड्स को हेल्दी बनाएं।
- धीरे-धीरे खाएं।
- अस्वास्थ्यकर भोजन की खरीददारी न करें।
- छोटे मील्स लें।
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एक्टिव रहें
डायबिटीज वाले बच्चों में कार्डियो एक्सरसाइज के फायदे बताए गए हैं। इसलिए उनका एक्टिव रहना जरूरी है। इसके लिए निम्न टिप्स अपनाए जा सकते हैं।
- अपने बच्चे के लिए एक दिन में 60 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी का टारगेट रखें।
- माता-पिता और बच्चे की फिटनेस क्लासेज एक साथ लें।
- फिजिकल एक्टिविटी को और मजेदार बनाएं; कुछ नया करें।
- बच्चों से पूछें कि उन्हें कौन सी एक्टिविटी करना सबसे अच्छा लगता है।
- बच्चों को स्पोर्ट टीम में शामिल होने के लिए मोटिवेट करें।
- स्क्रीन समय को दिन में 2 घंटे तक सीमित करें।
- ब्रिस्क वॉकिंग के लिए मोटिवेट करें।
- साथ में वॉक करें।
- हेल्दी लाइफ स्टाइल ऑप्शंस बच्चों में टाइप-2 डायबिटीज को रोकने में मदद कर सकते हैं। यदि आपके बच्चे को पहले से ही टाइप-2 डायबिटीज है, तो लाइफस्टाइल में बदलाव मेडिकेशन की आवश्यकता और कॉम्प्लिकेशन्स के रिस्क को कम कर सकता है। अपने बच्चे को इसके लिए प्रोत्साहित करें।
पेरेंट्स ऐसे लाइफस्टाइल ऑप्शंस चुनें जो बच्चों में टाइप-2 डायबिटीज को रोकने में मदद कर सकते हैं। ऐसा एडल्ट्स में डायबिटीज को मैनेज करने के लिए भी किया जा सकता है। डायबिटीज वाले बच्चे को दी जा रही हेल्दी डायट परिवार के बाकी सदस्यों के लिए भी फायदेमंद हो सकती है। छोटे बच्चे और टीनएजर ग्रोथ की स्टेज में हैं, इसलिए यदि उनका वजन अधिक है तो टारगेट कॉमन ग्रोथ को देखते हुए वजन को भी संतुलित रखना है। हालांकि अपने डॉक्टर से बात किए बिना उन्हें वेट लॉस डायट पर न डालें। ना ही उनकी डायट में किसी प्रकार का बदलाव करें।
उम्मीद करते हैं कि आपको डायबिटीज वाले बच्चों में कार्डियो एक्सरसाइज के फायदे (Benefits of cardio exercise in children with diabetes) क्या हैं इससे संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। डायबिटीज वाले बच्चों में कार्डियो एक्सरसाइज के फायदे से संबंधित अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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