मिक्स्ड मील टॉलरेंस टेस्ट का उपयोग (Use of Mixed Meal Tolerance Test)
टेस्ट के दौरान एक हेल्दी पैंक्रियास ब्लड शुगर को नॉर्मल करने के लिए सटीक मात्रा में इंसुलिन रिलीज करता है। बिगड़ा हुआ इंसुलिन सेक्रेशन जैसे कि इंसुलिन-डिपेंडेंट टाइप 1 (insulin-dependent type 1) और टाइप 2 डायबिटीज मेलिटस (T2DM) में टेस्ट का उपयोग β-सेल फंक्शन को चेक करने के लिए किया जाता है और इसे ग्लूकागन स्टिमुलेशन टेस्ट (glucagon stimulation test (GST)) की तुलना में अधिक फिजिओलॉजिकल (physiological) माना जाता है, जो कि एंडाउजनेस इंसुलिन सेक्रेशन (endogenous insulin secretion) का स्टैंडर्ड है।
ग्लूकागन (Glucagon) आइलेट बीटा-सेल (islet beta-cell) के लिए एक शक्तिशाली स्टिमुलस (stimulus) है और क्लिनिकल और रिसर्च टारगेट के लिए एंडाउजनेस इंसुलिन सेक्रेशन का आकलन करने के लिए 1 मिलीग्राम ग्लूकागन इंट्रावेनस बोलस इंजेक्शन (intravenous bolus injection) का व्यापक रूप से उपयोग किया गया है। इंसुलिन रिलीज की एमएमटीटी-इंड्यूस्ड स्टिमुलेशन (MMTT-induced stimulation) में इंक्रीटिन हार्मोन (incretin hormones) के जरिए से एक एंटरोइंसुलर एक्सिस (enteroinsular axis) शामिल होता है, जैसे गैस्ट्रिक इनहिबिटरी पेप्टाइड (जीआईपी) gastric inhibitory peptide (GIP), ग्लूकागन-लाइक पेप्टाइड -1 (जीएलपी -1) glucagon-like peptide-1 (GLP-1), और अन्य। ये हार्मोन मुख्य रूप से आंत की एंटरोएंडोक्राइन सेल्स द्वारा बनते होते हैं और मील के बाद ब्लड स्ट्रीम में सेक्रेट होते हैं। इसलिए, एमएमटीटी पैंक्रियास के फंक्शन के साथ- साथ जीएलपी -1 और अन्य इंक्रीटिन हार्मोन रिलीज के जरिए से एंटरोइंसुलर एक्सिस (enteroinsular axis) का आकलन करता है। इसलिए, डायबिटीज और ओबेसिटी की रिसर्च में मेटाबोलिक होमियोस्टेसिस (metabolic homeostasis) को एनालाइज करने के लिए एमएमटीटी का उपयोग अक्सर क्लिनिकल और प्री-क्लिनिकल
रिसर्च दोनों में किया जाता है।
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मिक्स्ड मील टॉलरेंस टेस्ट का प्रभाव (Effect of Mixed Meal Tolerance Test)
मिक्स्ड मील टॉलरेंस टेस्ट (MMTT) के लिए मेटाबोलिक रिएक्शंस
एमएमटीटी के प्रभावों की जांच करने के लिए 16 मोटे नॉनह्यूमन प्राइमेट्स (nonhuman primates), सायनोमोलगस बंदरों (cynomolgus monkeys) को शामिल किया गया। नॉनह्यूमन प्राइमेट्स (NHPs) को मिक्स्ड मील सोल्युशन के साथ प्लस एसिटामिनोफेन (plus acetaminophen) की 5 एमएल/किग्रा डोज दी गई। स्टडी में पाया गया कि मिक्स्ड मील के 30 मिनट में प्लाज्मा ग्लूकोज बढ़कर, अधिकतम 6.6 ± 0.4 mmol/L (10.1 ± 4.9% वृद्धि, p = 0.947) हो गया था। प्लाज्मा इंसुलिन और सी-पेप्टाइड (C-peptide) में भी बढ़ोत्तरी हुई। हालांकि, ये धीरे-धीरे अपने लेवल पर वापस आ गए। केवल एलडीएल, मिक्स्ड मील चैलेंज के बाद नहीं बदला है। मील चैलेंज के बाद प्लाज्मा टीजी बढ़ गया। वहीं, प्लाज्मा टीसी 60 से 90 मिनट में काफी कम हो गया। यह स्पष्ट नहीं है कि एमएमटीटी के दौरान प्लाज्मा टीसी और एचडीएल के लेवल में कमी क्यों आई।