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मिक्स्ड मील टॉलरेंस टेस्ट का प्रभाव (Effect of Mixed Meal Tolerance Test)
मिक्स्ड मील टॉलरेंस टेस्ट (MMTT) के लिए मेटाबोलिक रिएक्शंस
एमएमटीटी के प्रभावों की जांच करने के लिए 16 मोटे नॉनह्यूमन प्राइमेट्स (nonhuman primates), सायनोमोलगस बंदरों (cynomolgus monkeys) को शामिल किया गया। नॉनह्यूमन प्राइमेट्स (NHPs) को मिक्स्ड मील सोल्युशन के साथ प्लस एसिटामिनोफेन (plus acetaminophen) की 5 एमएल/किग्रा डोज दी गई। स्टडी में पाया गया कि मिक्स्ड मील के 30 मिनट में प्लाज्मा ग्लूकोज बढ़कर, अधिकतम 6.6 ± 0.4 mmol/L (10.1 ± 4.9% वृद्धि, p = 0.947) हो गया था। प्लाज्मा इंसुलिन और सी-पेप्टाइड (C-peptide) में भी बढ़ोत्तरी हुई। हालांकि, ये धीरे-धीरे अपने लेवल पर वापस आ गए। केवल एलडीएल, मिक्स्ड मील चैलेंज के बाद नहीं बदला है। मील चैलेंज के बाद प्लाज्मा टीजी बढ़ गया। वहीं, प्लाज्मा टीसी 60 से 90 मिनट में काफी कम हो गया। यह स्पष्ट नहीं है कि एमएमटीटी के दौरान प्लाज्मा टीसी और एचडीएल के लेवल में कमी क्यों आई।
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गैस्ट्रिक एम्प्टयिंग (Gastric emptying) और एमएमटीटी रेप्रोडक्टिविटी
16 बंदरों में ओरल एमएमटीटी के साथ प्लस एसिटामिनोफेन लेने के बाद प्लाज्मा एसिटामिनोफेन (Plasma acetaminophen) तेजी से एब्सॉर्ब हो गया। एमएमटीटी की रेप्रोडक्टिविटी को चेक करने के लिए, बंदरों के एक ग्रुप का पहले एमएमटीटी स्टडी के एक सप्ताह बाद और एक ग्रुप का दूसरे एमएमटीटी के बाद टेस्ट किया गया। प्लाज्मा एसिटामिनोफेन अपीयरेंस का समय 1 और 2 एमएमटीटी के बीच लगभग समान था। इसके अलावा, दो एमएमटीटी स्टडीज के बीच मापा गया प्लाज्मा टीसी, एचडीएल और एलडीएल लेवल में कोई स्पष्ट अंतर नहीं था।
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हायपरग्लाइसेमिक (hyperglycemic) और नॉरमोग्लाइसेमिक (normoglycemic) नॉनह्यूमन प्राइमेट्स (NHPs) में एमएमटीटी प्रभावों की तुलना
16 मोटापा ग्रस्त बंदरों के साथ पहले एमएमटीटी के फास्टेड बेसलाइन ब्लड ग्लूकोज (fasted baseline blood glucose) और इंसुलिन के लेवल को एनालाइज करने से पता चला कि 11 बंदरों में अन्य 5 बंदरों की तुलना में ब्लड शुगर लेवल काफी ज्यादा था। जबकि फास्टेड बेसलाइन प्लाज्मा इंसुलिन और सी-पेप्टाइड लेवल (C-peptide levels) हाइपरग्लाइसेमिक (hyperglycemic) और नॉरमोग्लाइसेमिक ग्रुप्स के बीच में कोई खास कुछ खास अंतर नहीं था। नॉरमोग्लाइसेमिक बंदरों की तुलना में हाइपरग्लाइसेमिक बंदरों में बेसलाइन फास्टिंग ग्लूकोज/इंसुलिन 2 गुना ज्यादा था। हाइपरग्लाइसेमिक बंदरों में प्लाज्मा ग्लूकोज भी अधिक था।
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डेटा से पता चलता है कि मिक्स्ड मील टॉलरेंस टेस्ट नॉनह्यूमन प्राइमेट्स (NHPs) में मेटाबॉलिक फंक्शन्स का टेस्ट करने के लिए एक विश्वसनीय और सुविधाजनक तरीका प्रदान कर सकता है। साथ ही एमएमटीटी एक्स्ट्रा जरूरी जानकारी के साथ इन्क्रिटिन (incretins) और ग्लूकोज होमियोस्टेसिस (glucose homeostasis) की जांच के लिए भी अच्छा है। इस प्रकार, एमएमटीटी ओबेसिटी और डायबिटीज रिसर्च के लिए एनएचपी में β-सेल फ़ंक्शन का टेस्ट करने का एक बढ़िया तरीका साबित हो सकता है। साथ ही एसिटामिनोफेन का प्रयोग नॉनह्यूमन प्राइमेट्स (NHPs) में गैस्ट्रिक एम्प्टयिंग के रेगुलर प्रीक्लिनिकल इवैल्यूएशन के लिए एक भरोसेमंद टेस्ट प्रदान करता है।