आंख में लालिमा आपने कई बार महसूस की होगी। कई बार माइनर इरिटेशन (minor irritation ) या फिर सीरियस मेडिकल कंडीशन जैसे कि इंफेक्शन की वजह से आंख में लालिमा आ जाती है। जब आंख की स्मॉल ब्लड वैसेल्स रक्त वाहिकाएं बढ़ जाती हैं, तो उनमें खून भर जाता है और आंख में लालिमा आ जाती है। ऐसा सही मात्रा में ऑक्सीजन न पहुंच पाने के कारण भी हो सकता है। जब कॉर्निया या फिर आंखों को कवर करने वाले टिशू में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है तो आंखों का रंग लाल दिखने लगता है। वैसे तो आंख में लालिमा हर बार कोई खतरे की बात नहीं होती है। आंख में लालिमा आने के कुछ समय बाद अपने आप ही सही हो जाती है। लेकिन कुछ मामलों में आंख में लालिमा आना गंभीर हो सकता है। आंख में लालिमा के साथ ही दर्द की समस्या, आंखों से पानी निकलना और दिखने में समस्या हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए कि आखिर क्यों आंख में लालिमा आती है।
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आंख में लालिमा के क्या कारण हो सकते हैं ?
आंख में लालिमा के कई कारण हो सकते हैं। कुछ कारणों में आसपास का वातावरण या कोई बीमारी भी शामिल हो सकती है। जानिए आंख में लालिमा के क्या हैं कारण।
- सूखी हवा के कारण आंख में लालिमा
- सीधे सूर्य की राेशनी देखने पर आंख में लालिमा
- डस्ट के कारण
- एलर्जी रिएक्शन के कारण
- अधिक ठंड के कारण
- बैक्टीरिया और वायरल इंफेक्शन के कारण (मीसल्स)
- कफ की समस्या के कारण
कफ की समस्या के कारण स्पेसिफिक कंडीशन सबकॉनजक्टाइवल हीमरेज (Subconjunctival hemorrhage) हो जाता है, जिसके कारण आंखों में ब्लड क्लॉट नजर आने लगते हैं। ये कंडीशन सीरियस हो सकती है। इस समस्या में आंखों में दर्द नहीं होता है और 7 से 10 दिन में ठीक हो जाती है।
इंफेक्शन के कारण आंख में लालिमा
आंख में लालिमा का कारण इंफेक्शन भी होता है। आंख में इंफेक्शन डिफरेंट स्ट्रक्चर में पाया जा सकता है। आंख में इंफेक्शन के कारण आंख में दर्द की समस्या, डिस्चार्ज निकलने का प्रॉब्लम और देखने में (विजन) समस्या हो सकती है।
आंख में इंफेक्शन इन कारणों से हो सकता है
- आईलैसेज के फॉलिकल में इंफ्लामेशन की समस्या होना। इसे ब्लेफेराइटिस ( Blepharitis) कहते हैं।
- आंखों को कोट करने वाली मेंबरेन में इंफ्लामेशन की समस्या जिसे कंजंक्टिवाइटिस ( conjunctivitis) या आंख आना कहते हैं।
- अल्सर जिसके कारण आंखें कवर हो जाती है। आंखें कवर होने की समस्या कॉर्नियल अल्सर कहलाती है।
- यूविए (uvea) यानी मिडिल लेयर ऑफ आई में इंफ्लमेशन के कारण यूवाइटिस (uveitis) की समस्या।
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इन कारणों से भी हो सकती है आंख में लालिमा
कई बार आंख में लालिमा अन्य कारणों से भी हो सकती है। जानिए क्या हैं वो कारण,
- ट्रॉमा या आंख में चोट
- आंखों में अचानक से दबाव पड़ना, जिसके कारण आंख में दर्द की समस्या और मोतियाबिंद होना
- लेंस का यूज करने से कॉर्निया की खरोंच की समस्या
- आंख के सफेद हिस्से में सूजन आ जाने के कारण। इसे स्केलेराइटिस (scleritis) कहते हैं।
- आईलिड स्टाइस (eyelid styes)
- ब्लीडिंग की समस्या
- गांजे का सेवन करने पर
आंखा आना (Conjunctivitis) किसे कहते हैं ?
कंजंक्टिवाइटिस यानी आंख आना एक प्रकार का इंफेक्शन है। इसे पिंक आई के रूप में भी जाना जाता है। इंफेक्शन के कारण आंखों में स्वेलिंग और इरिटेशन महसूस होता है। आंखों में (conjunctiva) एक पलती मेंबरेन होती है जो पलक में उपस्थित होती है और स्क्लेरा का मतलब आईबॉल का सफेद हिस्सा होता है। ये आंख के सफेद हिस्से को ढकने का काम करती है और पीछे की ओर झुकी होती है। कन्जंक्टिवा में इंफेक्शन के कारण ब्लड वैसल्स में सूजन आ जाती है और आंख में लालिमा दिखने लगती है। कुछ लोगों में आंख कुछ गुलाबी भी दिख सकती है। इसमें इंफेक्शन 80 प्रतिशत मामलों में वायरस की वजह से होता है। बच्चों में ये संक्रमण आसानी से हो जाता है।
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कन्जंक्टिवा में इंफेक्शन क्यों होता है?
कन्जंक्टिवा में इंफेक्शन गंदी उंगलियों के कारण या फिर किसी दूषित वस्तु के माध्यम से फैलता है। ये इंफेक्शन अपर रेस्पिरेट्री सिस्टम से जुड़ा हुआ है और खांसी से भी फैल सकता है। वहीं एलर्जी कन्जंक्टिवाइटिस अक्सर धूल के कारण फैलता है। कई बार कॉन्टेक्ट लेंस की सही से सफाई न कर पाने के कारण भी आंख में लालिमा आ जाती है। लेकिन ये किसी संक्रमण या इंफेक्शन के कारण नहीं होता है। एक आंख से संक्रमण दूसरी आंख में भी फैल सकता है।
इंफेक्शन के लक्षण
- आंख में खुजली होना
- आंखों से आंसू निकलते रहना
- आंख में लालिमा
- डिस्चार्ज आना
- लाइट सेंसिटिविटी
- पूअर विजन
- एक या फिर दोनों आंखों में किरकिरी होना
बैक्टीरिया से होने वाले कन्जंक्टिवाइटिस में आंख में लालिमा नहीं पाई जाती है। आंख से आंसू निकलना या फिर डिस्चार्ज निकलने की समस्या हो सकती है। डिस्चार्ज सफेद, हरा या पीले रंग का हो सकता है।
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कन्जंक्टिवाइटिस का ट्रीटमेंट
कन्जंक्टिवाइटिस होने पर अगर आपको आंखों में अधिक समस्या महूसस हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर एक बार एलर्जी टेस्ट भी करके देख सकता है। कन्जंक्टिवाइटिस के इलाज के लिए ये जानकारी बहुत जरूरी है कि ये किस कारण से हुआ है। एलर्जी, बैक्टीरिया या वायरस के कारण होने वाले इंफेक्शन का पता लग जाने के बाद डॉक्टर ट्रीटमेंट करता है। वैसे तो कन्जंक्टिवाइटिस गंभीर समस्या नहीं होती है। ये कुछ दिनों के बाद अपने आप ही सही हो जाती है। अगर किसी भी व्यक्ति को कन्जंक्टिवाइटिस है तो उन लोगों को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि किसी और को ये समस्या न हो सके। अपने हाथों को बार-बार धुलना चाहिए। आंखों को रगड़ना नहीं चाहिए। ऐसे में कॉन्टेक्ट लेंस, आई मेकअप से दूर रखना चाहिए। ऐसा करके आप दोबारा संक्रमण से बच सकते हैं।
कॉर्नियल अल्सर (Corneal ulcer) क्या है ?
कॉर्नियल अल्सर कॉर्निया पर लगे घाव को कहा जाता है। कॉर्निया में घाव ज्यादातर मामलों में बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होता है। कई बार इंजरी, ट्रॉमा और किसी प्रकार के डैमेज के कारण भी कॉर्नियल अल्सर की समस्या हो सकती है। कॉर्नियल अल्सर के कारण भी आंख में लालिमा दिख सकती है। साथ ही आंखें लाइट के प्रति सेंसिटिव हो जाती हैं।
कॉर्नियल अल्सर की समस्या उन लोगों में भी पाई जाती है, जिन लोगों में आईलिड डिसऑर्डर, कोल्ड सोर की समस्या या फिर कॉन्टेंक्ट लेंस पहनते हो। कॉन्टेंक्ट लेंस के कारण आंख की सतह में रगड़ लग सकती है और साथ ही एक्सटर्नल सेल्स डैमेज हो सकती है। ऐसे में बैक्टीरिया आसानी से आंखों में जा सकता है।
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कॉर्नियल अल्सर के लक्षण
- आंख में लालिमा
- आंख में दर्द
- आईज में सोरनेस प्रॉब्लम
- प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता
- आई डिस्चार्ज की समस्या
- दिखने में समस्या होना
- कॉर्निया में सफेद धब्बा महसूस होना
कॉर्नियल अल्सर के कारण
- कवक (Fungi) की वजह से
- पैरासाइट्स या परजीवी
- वायरस
- ड्राई आईज
- एलर्जी
- अधिक संक्रमण के कारण
- कॉर्निया में बर्न के कारण
अगर कॉर्नियल अल्सर का सही समय पर इलाज न किया जाए तो आंखों की रोशनी भी जा सकती है। किसी भी प्रकार की समस्या दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
डॉक्टर से कब संपर्क करना चाहिए ?
वैसे तो आंख में लालिमा आने पर ज्यादातर मामलों में गंभीर समस्या नहीं होती है। फिर भी समस्या गंभीर लग रही है तो मेडिकल अटेंशन होना बहुत जरूरी होता है।
- अगर आंख में लक्षण एक हफ्ते से ज्यादा दिखें
- आंख से देखने में समस्या महसूस हो रही हो तो
- आंख में दर्द महसूस हो
- लाइट के प्रति आंखों का सेंसिटिव होना
- एक या फिर दोनों आंखों से डिस्चार्ज निकलना
- कोई ऐसी दवा जिससे ब्लड थिन हो गया हो जैसे हेपरिन या वारफेरिन
इमरजेंसी होने पर
आंखों में लालिमा कई बार गंभीर कारणों से भी हो सकती है, ऐसे में तुरंत आंखों का इलाज कराना चाहिए।
- जब ट्रॉमा या इंजरी के बाद आंख लाल हो जाए
- सिरदर्द की समस्या या ब्लरी विजन हो जाए
- लाइट में वाइट रिंग्स दिखना
- मतली और उल्टी का एहसास होना
अगर आपको कभी भी आंख में चोट लगे या फिर आंख में लालिमा की समस्या महसूस हो तो डॉक्टर को एक बार जरूर दिखाएं। हो सकता है कि आपको ज्यादा समस्या न हो, फिर भी एक बार चेकअप जरूर करा लीजिए। गंभीर समस्या होने पर आंखों की रोशनी जानी का खतरा भी हो सकता है।