क्या आप एक दिन बिना कुछ देखे या अंधेरे में रहने की कल्पना कर सकते हैं? नहीं न ! आंखें भगवान के दिए सबसे खूबसूरत तोहफों में से एक है। हमारी आंखें एक कैमरे की तरह है, जो एक लेंस के माध्यम से लाइट को इकठ्ठा, फोकस और ट्रांसमिट करती हैं ताकि आसपास की तस्वीर को बना सके। जैसे कैमरे में तस्वीर फिल्म या इमेज सेंसर पर बनती है, वैसे ही आंखों में इमेज बनती है रेटिना पर। रेटिना आंखों के पीछे लाइट-सेंसिटिव टिश्यू की पतली परत होती है। कैमरे की तरह ही मानव आंख प्रकाश की मात्रा को नियंत्रित करती है, जो आंख में प्रवेश करती है। जैसे शरीर में अन्य अंगों में कभी न कभी समस्या आना सामान्य है, वैसे ही कुछ फैक्टर्स नजर में खराबी (Vision Impairment and Loss) का कारण भी बन सकते हैं। जानिए नजर में खराबी के बारे में विस्तार से:
नजर में खराबी या अंधापन क्या है? (What is Vision Impairment and Loss)
जीवन में कभी न कभी हम में से कई लोग किसी न किसी नजर में खराबी (Vision Impairment and Loss) की समस्या का सामना आवश्यक करते हैं। जैसे कुछ लोग दूर की चीजों को नहीं देख पाते, कुछ को छोटे शब्द पढ़ने में समस्या आती है। तो कुछ लोग दूर की चीजों को नहीं नहीं देख पाते। आमतौर पर इन स्थितियों का उपचार आय ग्लासिस या कॉन्टेक्ट लैंसेस से किया जाता है। कुछ गंभीर स्थितियों में अंधापन भी संभव है। अगर आंख या दिमाग का एक या अधिक भाग, जिनका प्रयोग इमेज को प्रोसेस करने के लिए किया जाता है उसमे कोई समस्या आ जाती है, तो नजर का पूरी तरह से खराब होना संभव है। इन स्थितियों में मेडिकल उपचार, सर्जरी या करेक्टिव लेन्सेस आदि का प्रयोग किया जाता है।
यह भी पढ़ें: Farsightedness (presbyopia): दूर दृष्टि दोष क्या है?
नजर में खराबी के प्रकार कौन से हैं? (Types of Vision Impairment and Loss)
विजन इम्पेयरमेंट या नजर में खराबी (Vision Impairment and Loss) जैसी टर्म का प्रयोग एक्सपर्ट किसी भी तरह की आंख में समस्या या विजन लॉस की स्थिति में करते हैं। यह टर्म उन लोगों के लिए भी प्रयोग होती है जो बिलकुल भी देख नहीं पाते या जिनमे पार्शियल विजन लॉस की समस्या है। नजर में खराबी (Vision Impairment and Loss) के प्रकार इस तरह से हैं:
सेंट्रल विजन में खराबी (Loss of Central Vision)
सेंट्रल विजन में खराबी के कारण आंखों में धुंधलापन और ब्लाइंडस्पॉट होता है। लेकिन, साइड (परिधीय) दृष्टि बरकरार है। इस समस्या के कारण पढ़ने, चेहरों को पहचानने आदि में मुश्किल होती है। इस समस्या में मॉविलिटी आमतौर पर अप्रभावित रहती है, क्योंकि साइड विजन सही से काम करता है।
पेरीफेरल (साइड) विजन में खराबी (Loss of Peripheral (Side) Vision)
पेरीफेरल (साइड) विजन में खराबी को आंखों के किसी भी तरफ देखने में असमर्थता को कहा जाता है। इस समस्या में सेंट्रल विजन सही रहती है। इसलिए ,आप आगे की चीजों को ठीक से देख सकते हैं। आमतौर पर पेरीफेरल विजन में हानि से मोबिलिटी प्रभावित होती है। अगर यह समस्या गंभीर है तो आपकी किसी भी चीज को पढ़ने की स्पीड कम हो सकती है या आप एक ही समय में कुछ ही शब्दों को आप पढ़ सकते हैं। इसे कई बार टनल विजन भी कहा जाता है।
ब्लर्ड विजन (Blurred Vision)
नजर में खराबी (Vision Impairment and Loss) का तीसरा प्रकार है ब्लरड विजन। ब्लरड विजन निकट और दूर दोनों में समस्या का कारण बनती है। इसके कारण आप फाइन डिटेल देखने में असमर्थ रहते है। ब्लरड विजन के कारण के कारण नियरसाइटेडनेस (Nearsightedness), दूरदर्शिता (Farsightedness), प्रेस्बोपिया (Presbyopia) आदि समस्याएं भी हो सकती हैं।
लाइट के प्रति संवेदनशीलता (Extreme Light Sensitivity)
लाइट के प्रति संवेदनशीलता या “फोटोफोबिया’ आय कंडीशन या दृष्टि लॉस की समस्या से पीड़ित लोगों में आम है। लाइट के प्रति संवेदनशीलता उसे कहा जा सकता है जब किसी जगह पर लाइट बहुत ब्राइट हो और वो आपके लिए असुविधा का कारण बने। नजर में खराबी (Vision Impairment and Loss) का यह प्रकार कई लोगों में आम है।
नाईट ब्लाइंडनेस (Night Blindness)
रात को स्टारलाइट या मूनलाइट में बाहर देखने या फिल्म, थिएटर या रेस्तरां आदि वाली जगहें जहां रोशनी कम होती है। वहां अगर किसी को देखने में समस्या हो तो उसे नाईट ब्लाइंडनेस कहा जाता है।
यह भी पढ़ें : हायपोथायरॉइडिज्म (Hypothyroidism) में आंखों की समस्या क्यों होती है?
विजन लॉस के प्रकार (Types of vision Loss)
विजन लॉस की समस्या 65 साल से अधिक उम्र के लोगों को प्रभावित करती है, लेकिन युवा लोग में भी यह समस्या आम है। जानिए क्या हैं विजन लॉस के कई प्रकार हैं, जो इस तरह से हैं:
डायबिटिक रेटिनोपैथी (Diabetic Retinopathy)
डायबिटिक रेटिनोपैथी को टाइप 1 और टाइप 2 दोनों डायबिटीज के साथ जोड़ कर देखा जाता है। यह नजर में खराबी (Vision Impairment and Loss) की समस्या रेटिना में मौजूद छोटे ब्लड वेसल्स के टूटने के कारण होती है। जिसके कारण रेटिना के ऊपर या अंदर हैमरेज (Hemorrhage) हो सकता है। यह समस्या ब्लड शुगर लेवल के बढ़ने से होती है।
मैकुलर डिजनरेशन (Macular Degeneration)
उम्र के बढ़ने पर यह समस्या होना सामान्य है। यह सामान्य नेचुरल एजिंग प्रोसेस का हिस्सा है या यह समस्या इनहेरिटेड भी हो सकती है। यह समस्या रेटिना के अंदर के उस छोटे से हिस्से में हुए नुकसान के कारण होती है जो शार्प और फॉरवर्ड विजन के लिए महत्वपूर्ण है। हालांकि इस परेशानी के कारण पूरी तरह से नजर को नुकसान नहीं होता है।
मोतियाबिंद (Glaucoma)
मोतियाबिंद कई तरह का होता है। आमतौर, पर यह आंख के अंदर फ्लूइड प्रेशर के कारण होता है जिसके कारण ऑप्टिकल नर्व को नुकसान होता है। अगर इसका उपचार सही समय पर न कराया जाए, तो यह बेहद घातक हो सकता है। जल्दी निदान होने पर इसका दवाइयों से उपचार संभव है।
कैटरेक्ट (Cataract)
कैटरेक्ट समान्यतया आंख के साफ लेंस पर होने वाली क्लाउडिंग है। ऐसा माना जाता है इस रोग के 95 प्रतिशत मामले 65 से अधिक उम्र के लोगों में देखे जाते हैं। इस समस्या के कारण एक या दोनों आंखों में धुंधलापन आ भी सकता है और कुछ मामलों में ऐसा नहीं भी होता है।
नजर में खराबी और अंधेपन के कारण और रिस्क फैक्टर्स (Cause and Risk Factors of Vision Impairment and Loss)
हर व्यक्ति में नजर में खराबी और अंधेपन (Vision Impairment and Loss) के कारण अलग हो सकते हैं। इन समस्याओं का उपचार भी इसके प्रकारों के अनुसार ही किया जाता है। नजर में खराबी और अंधेपन (Vision Impairment and Loss) के कारण इस तरह से हैं:
- कैटरेक्ट (Cataract)
- उम्र संबंधी मैकुलर डिजनरेशन (Age-Related Macular Degeneration)
- मोतियाबिंद (Glaucoma)
- डायबिटिक रेटिनोपैथी (Diabetic Retinopathy)
- ट्रेकोमा (Trachoma)
यह भी पढ़ें : डायबिटिक रेटिनोपैथी: आंखों की इस समस्या की स्टेजेस कौन-सी हैं? कैसे करें इसे नियंत्रित
नजर में खराबी और अंधेपन के रिस्क फैक्टर विशेष आय डिसऑर्डर के अनुसार अलग हो सकते हैं।
कुछ स्थितियां या चीजें इनके जोखिम को बढ़ा सकती हैं, जो इस प्रकार हैं:
- महिलाएं (Females)
- ऑक्युलर ट्रामा (Ocular Trauma)
- एल्कोहॉल (Alcohol)
- कुछ दवाइयां (Some Medicines)
- उम्र (Age)
- डायबिटीज मेलिटस (Diabetes Mellitus)
- कुछ बिमारियों की फैमिली हिस्ट्री (Family History)
- सनलाइट या अल्ट्रावॉइलेट रेडिएशन के संपर्क में अधिक आना (Exposure to Sunlight and Ultraviolet Radiation)
- स्टेरॉयड थेरेपी (Steroid Therapy)
नजर में खराबी और अंधेपन का निदान (Diagnosis of Vision Impairment and Loss)
अगर आप अपने नजर में खराबी (Vision Impairment and Loss) को नोटिस करते हैं, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह जरूरी है। नियमित रूप से मेडिकल आय टेस्ट कराना आय डिजीज के निदान के लिए जरूरी है। डॉक्टर आपकी विजन के प्रभाव के निदान के लिए आपकी आखों की पूरी तरह से जांच करेंगे। इसके साथ ही वो आपकी मेडिकल हिस्ट्री आदि के बारे में भी पूछ सकते हैं। विजन की जांच और आंख के रोगों की जांच के लिए कुछ टेस्ट भी कराए जा सकते हैं। इसके डॉक्टर अपने इंस्ट्रूमेंट और ब्राइट लाइट आदि का प्रयोग कर सकते हैं। डॉक्टर वहां मौजूद अक्षरों को आपसे पढ़ा कर भी आपकी नजर में खराबी (Vision Impairment and Loss) का निदान करने की कोशिश करेंगे।
नजर में खराबी और अंधेपन का उपचार (Treatment of Vision Impairment and Loss)
नजर में खराबी (Vision Impairment and Loss) और अंधेपन का उपचार उनके प्रकार पर निर्भर करता है। इसके उपचार के लिए डॉक्टर आपको कुछ आय-ड्राप या दवाइयां दे सकते हैं। इसके अलावा इनका उपचार इस तरह से भी किया जा सकता है।
- अगर आपको डायबिटीक रेटिनोपैथी (Diabetic Retinopathy) की समस्या है, तो आपको डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए कहा जाएगा। इसके लिए आपको डॉक्टर सही आहार, व्यायाम, तनाव से बचना और कुछ दवाइयों आदि भी दे सकते हैं।
- कैटरेक्ट सर्जरी (Cataract Surgery) में आपको सर्जरी की जरूरत हो सकती है। इसमें खराब हुए लेंस को आर्टिफिशियल लेंस के साथ बदल दिया जाता है।
- मोतियाबिंद को कंट्रोल करने के लिए ऑय ड्रॉप्स दी जा सकती हैं। इनमें ऐसी दवाइयां होती हैं, जो प्रोस्टाग्लैंडीन एनालॉग्स (Prostaglandin Analogues) होती है। ग्लूकोमा को सर्जिकली भी मैनेज किया जाता है। जैसे ओपन माइक्रोस्कोपिक सर्जरी (Open Microscopic Surgery), लेजर करेक्शन (Laser Corrections) आदि।
- अभी एज-रिलेटेड मैकुलर डिजनरेशन (Age-Related Macular Degeneration) के लिए कोई उपचार नहीं है। खासतौर पर ड्राय वैरायटी के लिए। वेट वैरायटी (Wet Variety) के लिए कुछ थेरेपीज का प्रयोग किया जाता है, जिसमे (Photodynamic Therapy) शामिल है।
नजर में खराबी और अंधेपन से कैसे बचाव संभव है (Prevention from Vision Impairment and Loss)
जीवन की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए सबसे जरूरी है अपनी दृष्टि को सही रखना। अपनी जीवनशैली में थोड़े से बदलाव करने से आप अपनी आंखों को स्वस्थ रखने में मदद कर सके हैं। यह तरीके इस प्रकार हैं:
- अपने ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर की नियमित रूप से जांच कराएं।
- आंखों के रोगों से जुड़े रिस्क फैक्टर्स के बारे में जानें।
- नियमित रूप से व्यायाम करें।
- सूरज की हानिकारक किरणों से आपकी आंखों को बचा कर रखें।
- हमेशा स्वस्थ, सेहतमंद और संतुलित आहार का ही सेवन करें।
- कम से कम साल में एक बार अपनी आंखों की जांच कराएं।
- धूम्रपान करने से बचें।
- अपनी आंखों को भी आराम दें।
यह भी पढ़ें: आंखों से जुड़ी ये समस्याएं कहीं कर न दें आपको परेशान!
अपनी खूबसूरत आंखों को किसी भी समस्या से बचाने और नजर में खराबी (Vision Impairment and Loss) से बचने के लिए आपको अपनी दृष्टि में आए किसी भी तरह के बदलाव को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। अगर आप अपनी नजर में किसी भी तरह का बदलाव महसूस करें, तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं। क्योंकि, कई बार छोटी सी समस्या किसी बड़ी परेशानी का संकेत हो सकती है।