आंखों के फ्रंट एरिया में फ्लूइड रहता है। जब यह फ्लूइड आंख से पूरी तरह से सूखता नहीं, तो आंखों के अंदर प्रेशर बिल्डअप होता है। नॉर्मल से ज्यादा प्रेशर होने पर उसे ऑक्युलर हायपरटेंशन कहा जाता है। ऑक्युलर हायपरटेंशन (Ocular Hypertension) आय कंडिशन जैसे कि ग्लोकोमा (Glaucoma) का कारण बन सकता है। इसलिए आंखों का रेगुलर चेकअप कराना जरूरी है। इस आर्टिकल में ग्लूकोमा हायपरटेंशन, इसके कारण और इलाज के बारे में बताया जा रहा है।
ऑक्युलर हायपरटेंशन (Ocular hypertension)
ऑक्युलर हायपरटेंशन उसे कहते हैं जब आंखों के अंदर का प्रेशर जिसे इंट्राकुलर प्रेशर कहते हैं काफी हाय हो जाता है। इससे एक या दोनों आंखें प्रभावित हो सकती हैं। इंट्राऑक्युलर प्रेशर 11 से 21 (mmHg) को नॉर्मल प्रेशर माना जाता है। (21 mmHg) से ज्यादा होने पर इसे इंट्राऑक्युलर हायपरटेंशन कहा जाता है। ऑक्युलर हायपरटेंशन (Ocular Hypertension) ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचा सकता है, आंख के अंदर ऊंचा दबाव होने से ग्लूकोमा का खतरा बढ़ सकता है। हालांकि, ओकुलर हायपरटेंशन वाले सभी लोगों में ग्लूकोमा विकसित नहीं होगा।
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ऑक्युलर हायपरटेंशन के क्या कारण हैं? (Causes of ocular hypertension)
आंखों का आगे का हिस्से में फ्लूइड रहता है जिसे एक्वोइस ह्यूमर (Aqueous humor) कहते हैं। यह इस एरिया के टिशूज को पोषण देने और आंख से शेप को मेंटेन रखने में मदद करता है। चूंकि आंखें इस फ्लूइड को लगातार बनाती हैं इसका सूखना जरूरी है। यह फ्लूइड सूखने की प्रक्रिया आंख के एक क्षेत्र में होती है। जिसे ड्रेनेज एंगल कहा जाता है। यह ड्रेनेज सिस्टम एक्वोइस ह्यूमर (Aqueous humor) के बिल्डअप को रोकर आय प्रेशर को मैनेज करने में मदद करता है। जब यह पूरा तरह सूख नहीं पता तो यह इकठ्ठा हो जाता है। यह आंखों में प्रेशर बढ़ाने के साथ ही ऑक्युलर हायपरटेंशन (Ocular Hypertension) का कारण बनता है।
ऑक्युलर हायपरटेंशन के रिस्क फैक्टर्स क्या हैं? (Risk factors for ocular hypertension)
किसी को भी ऑक्युलर हायपरटेंशन (Ocular Hypertension) हो सकता है, लेकिन निम्न कंडिशन होने पर रिस्क बढ़ जाता है।
- हाय ब्लड प्रेशर या डायबिटीज होने पर
- ऑक्युलर हायपरटेंशन या ग्लूकोमा की फैमिली हिस्ट्री
- 40 से अधिक उम्र होने पर
- पहले कभी आय इंजरी या सर्जरी का इतिहास होने पर
- लंबे समय से स्टेरॉइड दवाओं का उपयोग
- कुछ निश्चित आय कंडिशन होने पर
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ऑक्युलर हायपरटेंशन के लक्षण (Ocular hypertension symptoms)
ऑक्युलर हायपरटेंशन के आमतौर पर लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। इसकी वजह से यह सामान्य है कि किसी व्यक्ति को ऑक्युलर हायपरटेंशन (Ocular Hypertension) हो और उसे इसके बारे में पता न हो। यह एक कारण है जिसकी वजह से रेगुलर आय एग्जामिनेशन कराना जरूरी हो जाता है। आय प्रेशर को मापना एक टेस्ट है जिसे आय डॉक्टर रूटीन आय एग्जाम के दौरान परफॉर्म करेंगे।
ऑक्युलर हायपरटेंशन का निदान कैसे किया जाता है? (Ocular Hypertension Diagnosis)
डॉक्टर इंट्राऑक्युलर प्रेशर को मेजर करने के लिए सिंपल टेस्ट करते हैं। जिसे टोनोमेट्री (Tonometry) कहा जाता है। टोनोमेट्री के जरिए आंख के अंदर के प्रेशर को मेजर किया जाता है। यह मेजरमेंट दोनों आंखों से दो से तीन बार लिया जाता है। क्योंकि इंट्राऑक्युलर प्रेशर हर व्यक्ति में घंटे दर घंटे अलग हो सकता है। इसलिए मेजरमेंट अलग-अगल समय जैसे सुबह और रात को लिया जा सकता है। दोनों आंखों के प्रेशर के बीच 3 mm Hg या इससे अधिक ग्लूकोमा हो सकता है।
टोनोमेट्री टेस्ट करते हुए डॉक्टर ग्लूकोमा के संकेत को भी चेक कर लिया जाता है। साथ ही डॉक्टर ऑप्टिक नर्व (Optic nerve) को भी एग्जामिन कर सकते हैं और पेरिफेरल विजन (Peripheral vision) को भी।
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ऑक्युलर हायपरटेंशन ट्रीटमेंट (Ocular Hypertension treatment)
अगर डॉक्टर आंख के अंदर के प्रेशर को कम करने के लिए दवा प्रिस्क्राइब करते हैं तो डॉक्टर के दिशा निर्देश के अनुसार दवा को आंख पर अप्लाई करना बहुत जरूरी है। डॉक्टर बताई गई बातों पर ध्यान न देना या उन्हें न मानना इंट्राऑक्युलर प्रेशर को बढ़ाएगा जिससे ऑप्टिक नर्व डैमेज और परमानेंट विजन लॉस हो सकता है। ऑक्युलर हायपरटेंशन का ट्रीटमेंट निम्न प्रकार किया जा सकता है।
मेडिकल ट्रीटमेंट (Medical treatment)
मेडिकल ट्रीटमेंट का गोल प्रेशर को कम करना होता है ताकि यह विजन लॉस का कारण ना बनें। मेडिकल ट्रीटमेंट हमेशा उन लोगों के लिए शुरू किया जाता है जिनमें ग्लूकोमा विकसित होने का सबसे बड़ा जोखिम माना जाता है और उन लोगों के लिए जिनमें ऑप्टिक नर्व डैमेज के लक्षण हैं। डॉक्टर ऑक्युलर हायपरटेंशन (Ocular Hypertension) का इलाज व्यक्ति के हिसाब से करते हैं। व्यक्ति की स्थिति के हिसाब से हो सकता है कि उसका इलाज दवाओं से किया जाए या उसे सिर्फ ऑब्जर्ब किया जाए। डॉक्टर मरीज के साथ साथ चिकित्सा उपचार बनाम अवलोकन के बारे में चर्चा करेंगे।
कुछ नेत्र चिकित्सक सामयिक दवाओं के साथ 21 मिमी एचजी से अधिक के सभी बढ़े हुए अंतःस्रावी दबाव का इलाज करते हैं। कुछ तब तक चिकित्सकीय रूप से इलाज नहीं करते हैं जब तक कि ऑप्टिक नर्व डैमेज का कोई सबूत न हो। ऑप्टिक नर्व डैमेज के उच्च जोखिम के कारण दबाव लगातार 28-30 मिमी एचजी से अधिक होने पर अधिकांश नेत्र चिकित्सक इलाज करते हैं।
यदि व्यक्ति को धुंधली दृष्टि, या दर्द जैसे लक्षणों का अनुभव हो रहा हैं, या यदि आपका अंतःस्रावी दबाव हाल ही में बढ़ा है और फिर पर बढ़ता रहता है, तो नेत्र चिकित्सक चिकित्सा के द्वारा उपचार शुरू करने की सबसे अधिक संभावना है।
मेडिकेशन (Medication)
ऑक्युलर हायपरटेंशन (Ocular Hypertension) के इलाज के लिए आदर्श दवा वह होगी इंट्राऑक्युलर प्रेशर को प्रभावी ढंग से कम करे, जिसका कोई साइड इफेक्ट न हो, जिसे दिन में एक बार लेना हो और वह सस्ती हो। हालांकि, इन सभी पहलूओं पर खरी उतरने वाली कोई भी दवा अभी उपलब्ध नहीं है। मरीज के लिए कोई दवा चुनते समय, नेत्र चिकित्सक आपकी विशिष्ट आवश्यकताओं के आधार पर इन गुणों को प्राथमिकता देता है।
दवाएं, आमतौर पर आय ड्रॉप के रूप में, इंट्राऑक्युलर प्रेशर को कम करने में मदद करने के लिए निर्धारित की जाती हैं। कभी-कभी, एक से अधिक दवाओं की आवश्यकता होती है। प्रारंभ में डॉक्टर केवल एक आंख में आईड्रॉप्स का उपयोग करने के लिए कह सकते हैं। यह देखने के लिए कि आपकी आंख के अंदर दबाव कम करने में दवा कितनी प्रभावी है। यदि यह प्रभावी है, तो डॉक्टर दोनों आंखों में आईड्रॉप्स का उपयोग करने के लिए कह सकता है।
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सर्जरी (Surgery)
कुछ लोगों में ऑक्युलर हायपरटेंशन के लिए प्रिस्क्राइब की गई आई ड्रॉप प्रभावी नहीं होती हैं। ऐसे मामले में, इंट्राऑक्युलर दबाव को कम करने में मदद के लिए सर्जरी की सिफारिश की जा सकती है। ऑक्युलर हायपरटेंशन (Ocular Hypertension) के लिए सर्जरी का गोल एक आउटलेट बनाना है जो अतिरिक्त फ्लूइड को आंख से निकालने में मदद करता है। इसे एक लेजर या अधिक पारंपरिक सर्जिकल तकनीकों का उपयोग करके पूरा किया जा सकता है।
उम्मीद करते हैं कि आपको ऑक्युलर हायपरटेंशन (Ocular Hypertension) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।