बॉडी के हर एक पार्ट को फिट रखने के लिए अलग-अलग एक्सरसाइज होती है, जैसे कि हांथों के लिए अलग एक्सरसाइज, पैरों के लिए अलग एक्सरसाइज और एब्स के लिए अलग एक्सरसाइज। लेकिन, एक्सरसाइज क दौरान सबसे ज्यादा परेशानी तब होती है, जब एक्सरसाइज के बारे में कम जानकारी होती है। कौन सी एक्सरसाइज शरीर के किस भाग के लिए की जाती है ? आज हम जानेंगे बाइसेप्स (डोले) को एक्ससाइज से कैसे टोन किया जाए। जैसे अगर आप बाइसेप्स (Biceps) की एक्सरसाइज कर रहे हैं तो आपको जानकारी होनी चाहिए कि बाइसेप्स (Biceps) के लिए कौन-कौन सी एक्सरसाइज होती है और कौन सी एक्सरसाइज बाइसेप्स के कौन से हिस्से को बढ़ाने में मदद कर सकती है। बाइसेप्स (Biceps) ब्राची के 2 भाग होते हैं। इन दो भागों में एक छोटा सिर और दूसरा लंबा सिर होता है। लंबा सिर बाहर की तरफ मांसपेशियों में होता है और छोटा सिर मांसपेशियों में अंदर की ओर होता है। दोनों सिर जुड़े हुए होते हैं। इनके अलावा, ब्राचियलिस एक और मांसपेशी है जो आपके अग्र-भुजाओं के सामने मांसपेशी समूह बनाती हैकई बार कुछ लोग एक्सरसाइज करते वक्त सिर्फ अपने बाइसेप्स (Biceps) के एक ही हिस्से को बढ़ाने लगते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए, क्योंकि इन तीनो हिस्सों की ग्रोथ जरूरी है।
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आइए जानते हैं बाइसेप्स के लिए एक्सरसाइज (Exercises for biceps)
एक्सरसाइज शुरू करने के पहले वॉर्मअप करना जरुरी है। इससे शरीर की मांसपेशियां एक्टिव हो जाती है, जिससे एक्सरसाइज करते वक्त आसानी होती है। अगर आप बिना वॉर्मअप के एक्सरसाइज करेंगे, तो इंज्युरी के खतरे बढ़ जाएंगे। जानिए बाइसेप्स (Biceps) एक्सरसाइज के बारे में।
स्टैंडिंग डंबल कर्ल (Standing dumbbell curl)
- स्टैंडिंग डंबल एक्साइज को स्ट्रेट खड़े होकर दोनों हाथों में डंबल लें।
- अब बारी बारी से दोनों हाथों से एक-एक कर के ऊपर और नीचे करना शुरू करें।
- हाथों को छटके के साथ नहीं बल्कि आराम से ऊपर और नीचे की पुजिशन में लाएं।
- इस एक्सरसाइज को करते समय जिस पोजीशन में हाथ को ऊपर ले जाना है ठीक उसी तरह हांथ को नीचे भी लाना है।
- अपनी कलाई को अंदर की तरफ थोड़ा घुमा कर ये एक्सरसाइज करें। ऐसा करने से आपके Brachii के दोनों साइड स्ट्रांग हो सकते है।
ऐसा करने से बाइसेप्स (Biceps) की मांसपेशियों पर दबाव नहीं पड़ेगा। इसलिए इस एक्सरसाइज को करते समय इस बात का जरूर ध्यान रखना चाहिए और इसको पूरे खिंचाव के साथ करें और अगर आप वैसे तो इस एक्सरसाइज से आपके Brachialis और Brachii दोनों ही साइड को मजबूती मिलती है। बाइसेप्स (Biceps) कि सही और जल्दी ग्रोथ के लिए स्टैंडिंग डम्बल करना सही हो सकता है।
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बाइसेप्स (Biceps) के लिए वन आर्म डंबल कर्ल (One arm dumbbell curl)
वन आर्म डंबल कर्ल एक्सरसाइज बाजुओं और कंधों में मजबूती पैदा करने में सहायक हो सकता है साथ ही बाइसेप्स (Biceps) बड़े भी होंगे।
- सीधे खड़े हो जाएं और एक हाथ में डंबल ले कर कुहनियां (Elbow) मोड़े।
- अब डंबल को कंधो तक छुआएं और फिर धीरे से नीचे करें।
- आपको ये प्रोसेस 10 से15 बार करनी है।
- आपको जब इसका अभ्यास हो जाए, तो आप इसे दो सेट में भी कर सकते हैं।
- आपको कम वेट के डंबल से शुरुआत करनी चाहिए और फिर धीरे-धीरे वजन बढ़ा सकते हैं।
बाइसेप्स (Biceps) के लिए प्रीचर कर्ल (Preacher Curl)
प्रीचर कर्ल एक्सरसाइज को ई जेड बार की मदद से किया जा सकता है। इसमें कंधे का कम इस्तेमाल होता है और आर्म के लोअर पार्ट का ज्यादा प्रयोग किया जाता है। इसे आराम से बैठ कर किया जा सकता है।
- प्रीचर कर्ल के लिए प्रीचर बैंच का इस्तेमाल किया जाता है।
- E-Z कर्ल बार की इनर हैंडल को कसकर पकड़ लें।
- हथेलियां आगे की ओर थोड़ा झुकी हुई होनी चाहिए।
- अब आपको हाथों को कंधे की ओर लाना और फिर नीचे करना है।
- इस प्रोसेस को दोहराएं। ऐसा करने से आपको बाइसेप्स (Biceps) मजबूत होंगे।
बाइसेप्स (Biceps) के लिए इंक्लाइन डंबल कर्ल (Incline dumbbell curl)
- सबसे पहले बेंच में बैठ जाएं और फिर अपनी पीठ को बैंच में टिकाकर बैठ जाएं।
- अपनी कमर को सीध में रखें और सामने की ओर देखें।
- अब डंबल को उठाकर कोहनियों को कंधों की ओर ले जाएं।
- एक बात का ध्यान रखें कि डंबल उठाते समय कोहनिया न हिलें।
- फिर डंबल को नीचे की ओर लाएं।
- ये प्रोसेस दोहराएं। आपको कंधे आगे झुकाने की भूल नहीं करनी है।
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बारबेल कर्ल (Barbell Curl)
- बारबेल कर्ल के लिए आप स्ट्रेट हैंडल का इस्तेमाल करें।
- इसे करने के लिए ई जेड बार में खड़ें हो जाएं।
- वेट को अपने आर्म्स की मदद से ऊपर उठाते हुए अपने सीने के पास लाएं।
- फिर एक सेकेंड के लिये रूक कर उसे नीचे ले जाएं।
- वेट उठाते वक्त अपनी कुहनियों और बैक को बिल्कुल फिक्स रखें।
- वेट ऊपर उठाते वक्त सांस छोड़ें और नीचे रखते वक्त छोड़ें।
बाइसेप्स (डोले) बनाने का आसान तरीका है और इनसभी एक्सरसाइज को आराम से किया भी जा सकता है। हालांकि एक बार फिटनेस एक्सपर्ट से सलाह जरूर लेना चाहिए। यह जरूर पूछना चाहिए की कौन-कौन से एक्सरसाइज आपके लिए ठीक हैं और आहार में क्या-क्या शामिल करना है।
बाइसेप्स एक्सरसाइज के साथ ही डायट (Diet) का भी रखें ध्यान
वैसे अगर आप वर्कआउट करते हैं तो आपको निम्नलिखित डायट नियमित रूप से फॉलो करना चाहिए। जैसे-अगर आप नॉन वेजिटेरियन हैं तो आपको अपने आहार में अंडा शामिल करें। अंडा प्रोटीन और फैट से भरपूर होता है। अंडे में मौजूद न्यूट्रियंट हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है। रिसर्च के अनुसार ब्रेकफास्ट में एक अंडा खाने से वजन कंट्रोल में रहता है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ओबेसिटी के मुताबिक ब्रेकफास्ट में जिन लोगों ने 5 दिनों तक अंडे खाए उनका वजन दूसरे लोगों के मुकाबले 65 फीसदी ज्यादा कम रहा।
हरी सब्जियां पोषण से भरपूर होती हैं और साथ ही साथ इनमें फाइबर की मात्रा भी उच्च होती है। हरी सब्जियों के सेवन से आपका मेटाबॉलिज्म ठीक तरह से काम करता है। अपने आहार में आप इन हाई फाइबर सब्जियों जैसे ब्रोकली, फूल गोभी, बंद गोभी आदि को शामिल कर सकते हैं। यह केवल वजन घटाने के ही नहीं सेहत को और बेहतर बनाने में मददगार साबित हो सकती है।
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जब भी वजन कम करने की बात आती है तो कई लोग फलों का सेवन नहीं करते हैं। जबकि फल आपकी सेहत और वजन को संतुलित रखने में सहायक हो सकते हैं। दरअसल फलों में पानी की मात्रा ज्यादा होती है। फलों में मौजूद नेचुरल शुगर जहां आपका स्वाद बढ़ातो हैं। वहीं यह नेचुरल शुगर आपके सेहत के लिए भी अच्छी होती है। फल फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट और कई न्यूट्रियंट्स से भरपूर होते हैं। इसलिए वेट लॉस फूड्स में फलों को जरूर शामिल करें।
बॉडी वेट बैलेंस्ड रखने के लिए एक दिन में दो से तीन लीटर पानी का सेवन करें। पानी वजन कम करने में अत्यधिक मददगार होता है। शरीर में पानी की कमी से मेटाबॉलिज्म पर बुरा असर पड़ता है। इससे फैट बर्न नहीं हो पाता है। यदि आप ज्यादा पानी पीते हैं तो, आपको बार-बार भूख नहीं लगेगी और आप डिहाइड्रेटेड महसूस नहीं करते हैं।
वैसे कभी भी अपनी मर्जी के अनुसार के डायट शुरू न करें। हमेशा आहार विशेषज्ञ से सलाह लें। उनसे यह समझने की कोशिश करें की आपको किस तरह का आहार का सेवन करना चाहिए? हेल्थ एक्सपर्ट या आहार एक्सपर्ट आपको आपके शरीर के अनुसार डायट लेने की सलाह देंगे।
अगर आप बाइसेप्स से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो डॉक्टर और फिटनेस एक्सपर्ट से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी प्रकार की चिकित्सा और उपचार प्रदान नहीं करता है। हम उम्मीद करते हैं कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।
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