एलर्जी आपको जन्म से लेकर जिंदगी भर परेशान कर सकती है। इसलिए इसके साथ रहना आपके लिए मुश्किल भरा हो सकता है। बेहतर है आप इसका इलाज सही तरह से करवाएं। अगर आपको ये पता चल जाए कि आपको किस चीज से एलर्जी है, तो आपको उस चीज से तुरंत सतर्क हो जाना चाहिए। खाने के बाद वॉमिटिंग, उबकाई आना, चक्कर का एहसास आदि फूड एलर्जी के लक्षण हो सकते हैं। जब इम्यून सिस्टम फॉरेन सब्स्टेंस के लिए रिएक्ट करता है, तो उसे एलर्जी कहते हैं। एलर्जी किसी एक चीज से नहीं, बल्कि बहुत चीजों से हो सकती है। एलर्जी होने पर व्यक्ति को उस चीज से परहेज करना या फिर दूर रहना पड़ता है। सावधानी न रखने पर स्थिति गंभीर भी हो सकती है। एलर्जी से बचने के लिए एलर्जी के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है। अगर आपको या फिर आपके घर में किसी सदस्य को एलर्जी की समस्या है, तो सावधानी के तौर पर डॉक्टर से जानकारी लें और ट्रीटमेंट कराएं। अगर आप एलर्जी के बारे में नहीं जानते हैं, तो इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए कि आखिर क्या होती है एलर्जी की समस्या?
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आखिर क्या है एलर्जी (Allergies) और कैसे होती है ये बीमारी?
एलर्जी की समस्या इम्यून सिस्टम के रिएक्ट करने से होती है। कुछ लोगों को परागकण, मधुमक्खी के जहर, पालतू जानवरों की रूसी या किसी फूड से एलर्जी की समस्या हो सकती है। इम्यून सिस्टम एंटीबॉडी बनाने का काम करता है। व्यक्ति को जिस भी पदार्थ से एलर्जी होती है, इम्यून सिस्टम उसके लिए एंटीबॉडी बनाना शुरू कर देता है। आपको जिस भी चीज से एलर्जी की समस्या हो रही है उसे ‘एलर्जन’ कहा जाता है। जब आप एलर्जन के कॉन्टेक्ट में आते हैं, तो इम्यून सिस्टम का रिएक्शन स्किन, साइनस, एयरवेज या डायजेस्टिव सिस्टम में दिखने लगता है। एलर्जी की समस्या एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी पहुंच सकती है। इस कारण से मामुली सी जलन से लेकर एनाफिलेक्सिस ( anaphylaxis) की समस्या भी हो सकती है। एनाफिलेक्सिस एक प्रकार की सीरियस एलर्जी है। ये एलर्जी एलर्जन के संपर्क में आने से तुरंत फैलती है और सांस लेने में दिक्कत पैदा कर देती है। ये एक प्रकार की घातक एलर्जी है। कुछ ऐलर्जीस को ठीक नहीं किया जा सकता है। ट्रीटमेंट की सहायता से एलर्जी के लक्षणों से राहत पाई जा सकती है।
प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यून सिस्टम का काम शरीर को स्वस्थ्य रखना है। जब भी शरीर खतरे में होता है, तो इम्यून सिस्टम हमला कर शरीर को खतरे से बचाने का काम करता है। एलर्जी की समस्या में इम्यून सिस्टम एर्लजन पर हमला बोलता है। इस रिस्पॉन्स के कारण व्यक्ति को छींक, सूजन या अन्य लक्षण दिखाई पड़ सकते हैं। एलर्जी कॉमन होती है। एलर्जी के लक्षण जरूरी नहीं है कि सभी व्यक्तियों में एक जैसे दिखाई पड़ें। एलर्जी के कारण दिखने वाले लक्षण, एलर्जी के प्रकार पर निर्भर करते हैं। अगर आप एलर्जी के रिस्पॉन्स के पहले (anticipated allergic response) दवा का सेवन करते हैं, तो आपको कुछ लक्षण दिखाई पड़ सकते हैं लेकिन ये कुछ समय बाद कम हो जाएंगे।
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किन कारणों से होती है एलर्जी की समस्या (Causes of Allergies)
जब शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र एलर्जन के खिलाफ एंटीबॉडी बनाता है, तो शरीर में कैमिकल रिलीज होते हैं। हिस्टामाइन के रिलीज होने से शरीर में एलर्जी के लक्षण दिखने लगते हैं। अगर परिवार में किसी को एलर्जी की समस्या है, एलर्जी का रिस्क फैक्टर बढ़ जाता है। अस्थमा या किसी एलर्जिक कंडीशन होने पर भी एलर्जी का रिस्क फैक्टर बढ़ जाता है। अगर माता-पिता को एलर्जी की समस्या है, तो बच्चों को भी एलर्जी हो सकती है। बच्चों में एलर्जी की समस्या आमतौर पर देखने को मिलती है। कुछ लोगों को खाने से, एनिमल प्रोडक्ट से, इनसेक्ट से, मोल्ड से, प्लांट से, मैटल से या फिर किसी दवा से एलर्जी की समस्या हो सकती है। इन सभी में फूड एलर्जी बहुत कॉमन है और किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है।
एलर्जी होने पर आपको हो सकती हैं ये परेशानियां
एलर्जी की समस्या होने पर शरीर में कई प्रकार की परेशानियां दिखाई पड़ती हैं। एलर्जी के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं। एलर्जी होने पर छींक आना, नाक, आंख और मुंह में खुजली, नाक बहना, आंखों का लाल होना, होठों में सूजन, चेहरे में सूजन आ जाना आदि परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। अगर आपको लगता है कि आपके शरीर में एलर्जी के लक्षण दिखाई पड़ रहे हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
कितने प्रकार की हो सकती है एलर्जी?
एलर्जी कई प्रकार की होती हैं। कुछ एलर्जी किसी खास सीजन में परेशान करती हैं, तो कुछ एलर्जी सालों में कुछ समय के लिए रहती हैं। वहीं कुछ लोगों को लाइफटाइम एलर्जी की समस्या रहती है। एलर्जी की समस्या से निपटने के लिए आपको ये पहचाने की जरूरत है कि आखिर आपको किस चीज से दिक्कत महसूस हो रही है। अगर आप एलर्जी का कारण पहचान जाते हैं, तो आपको उस चीज से दूरी बना लेनी चाहिए। अगर आप एलर्जी के प्रकार के बारे में नहीं जानते हैं, तो हम आपको इस बारे में जानकारी देंगे। जानिए एलर्जी के प्रकार के बारे में।
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फूड के कारण होने वाली एलर्जी (Food Allergy)
फूड के कारण विभिन्न प्रकार के एलर्जी रिएक्शन हो सकते हैं। किसी फूड से एलर्जी होने के कारण चेहरे में सूजन की समस्या, पित्ती, थकान की समस्या, ऊबकाई आदि की समस्या हो सकती है। किसी भी व्यक्ति को ये पहचानने में देर लग सकती है कि उसे किसी फूड से एलर्जी है। खाने से एलर्जी उस स्थिति में होती है जब हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली खास प्रकार के खाद्य पदार्थ को नहीं अपनाती है। अगर आपको किसी फूड को खाकर ऊबकाई लगे, चेहरे में सूजन या थकान का एहसास हो, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। समय पर ट्रीटमेंट न कराने से आपको बार-बार समस्या का सामना करना पड़ेगा। यदि आपको फूड एलर्जी है, तो आपको कुछ फूड से सावधान रहने की आवश्यकता है। निम्न फूड एलर्जन का कारण बन सकते हैं।
- अंडे
- मछली
- दूध
- अखरोट,काजू, और पिस्ता
- मूंगफली
- झींगा मछली और केकड़ा
- सोयाबीन
- गेहूं
फूड एलर्जी के कारण दिखने वाले लक्षण
- मुंह में झनझनाहट का एहसास
- होंठ और मुंह में जलन
- चेहरे पर सूजन
- पित्ती के रूप में त्वचा में लाल चकत्ते
- बोलते समय घरघराहट
- उल्टी या मितली
- दस्त
- नाक बहना
स्किन में होने वाली एलर्जी (Skin Allergies)
एलर्जन के डायरेक्ट एक्सपोजर के कारण स्किन एलर्जी होती है। स्किन एलर्जी, एलर्जी के लक्षण के तौर पर देखने को मिलती है। आपको जिस भोजन से एलर्जी है, उसे खाने के बाद आपको मुंह और गले में जलन का एहसास हो सकता है। ऐसा रैशेज के कारण हो सकता है। एलर्जेन के सीधे संपर्क में आने से भी स्किन एलर्जी की समस्या हो सकती है। जानिए स्किन एलर्जी के प्रकार के बारे में।
एक्जिमा(Eczema)- एलर्जेन के कॉन्टेक्ट में आने से त्वचा में सूजन आ जाती है। एक्जिमा की समस्या होने पर खुजली का एहसास, त्वचा का लाल हो जाना और त्वचा से हल्का खून निकलने की समस्या हो सकती है।
गले में खराश होना (Sore throat) -स्किन एलर्जी के दौरान गले में सूजन की समस्या भी देखने को मिलती है।
पित्ती की समस्या (Hives)- स्किन एलर्जी के दौरान पित्ती की समस्या आम है। त्वचा की सतह पर उभार, खुजली की समस्या हो सकती है।
आंखों में सूजन(Swollen eyes)- स्किन एलर्जी के दौरान आंखों में सूजन आ सकती है। साथ ही खुजली की समस्या भी हो सकती है।
त्वचा में जलन होना (Burning)- स्किन इंफ्लामेशन के कारण जलन की समस्या हो सकती है।
त्वचा पर चकत्ते (Rashes)- स्किन एलर्जी होने पर त्वचा पर चकत्ते लक्षण के तौर पर देखने को मिलते हैं।
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एनिमल और इंसेक्ट से होने वाली एलर्जी (Animal and Insect Allergies)
मधुमक्खियां, ततैया( hornets), फायर आंट ( fire ants) आदि एलर्जी का कारण बन सकते हैं। कीड़े या इनसेक्ट के डंक मारने से शरीर में विषैला पदार्थ चला जाता है, जो एलर्जी का कारण बनता है। इनसेक्ट जहां काटता है, वहां लाल चकत्ते पड़ सकते हैं। स्किन में जलन का एहसास भी होता है। स्किन में उत्पन्न हुई समस्या कुछ घंटों से लेकर दिनभर रह सकती है। वहीं कुछ जानवरों के शरीर की रूसी भी एलर्जी का कारण बन सकती है। कुछ लोगों को जानवरों को छूने से छींक आने लगती है।
नाक और आंखों में होने वाली एलर्जी (Nose and Eye Allergies)
जैसा कि हम आपको पहले बता चुके हैं कि वातावरण में धूल के कण रहते हैं। जब ये धूल के कण शरीर में प्रवेश करते हैं, तो शरीर इनके खिलाफ प्रतिक्रिया करता है, जिसे एलर्जी कहते हैं। नाक की एलर्जी में भी यही समस्या होती है। घास या वीड के परागण से नाक में एलर्जी की समस्या हो सकती है। इसे एलर्जिक रायनाइटिस (Allergic Rhinitis) भी कहा जाता है। नाक में एलर्जी का कारण गीलापन या नमी के कारण उत्पन्न हुए मोल्ड भी हो सकते हैं। कुछ लोगों को सिगरेट के धुएं से भी एलर्जी की समस्या हो सकती है। अगर फैमिली में किसी को नाक में एलर्जी की समस्या है, तो आने वाली पीढ़ी में इस एलर्जी की संभावना बढ़ जाती है। ठीक उसी तरह से आंख में भी किसी कण के कारण एलर्जी की समस्या हो जाती है। ऐसे में आंखें लाल होना, आंखों के आसपास की स्किन का सूजना आदि लक्षण शामिल हैं।
धूल से होने वाली एलर्जी ( Dust Allergies)
आपने ऐसे लोगों को जरूर देखा होगा, जो जरा-सी धूल सहन नहीं कर पाते हैं। ऐसा धूल के कारण उत्पन्न होने वाली एलर्जी के कारण होता है। धूल के एलर्जी आम है। जब शरीर के अंदर धूल के कण जाते हैं, तो शरीर का इम्यून सिस्टम तुरंत एलर्ट हो जाता है। धूल में हानिकारक पार्टिकल हो सकते हैं। जब ये हानिकारक पार्टिकल शरीर के अंदर जाते हैं, तो पार्टिकल्स के खिलाफ एंटीबॉडी बनने लगते हैं। इस कारण से व्यक्ति को छींक आ सकती है। कुछ लोगों की नाक बहने लगती है। गले में खराश की समस्या, आंखों में सूजन, बात करने में गले में खराश महसूस होना आदि समस्याएं महसूस हो सकती है। धूल में परागकण भी शामिल हो सकते हैं। धूल से होने वाली एलर्जी से बचाव के लिए आपको ऐसे स्थान में जाने से बचना चाहिए, जहां धूल हो। आप डॉक्टर से परामर्श करें और जरूरत पड़ने पर दवा का सेवन भी करें।
कुछ लोगों को मेडिसिन्स से भी एलर्जी की समस्या हो सकती है। मेडिसिन्स बीमारी को खत्म करने के लिए खाई जाती है। एलर्जी की समस्या होने पर दवा खाते ही इम्यून सिस्टम ऐसे एलीमेंट का निर्माण करने लगता है, जो मेडिसिन्स के अपोजित काम करने लगता है। हिस्टामाइंस के कारण एलर्जी की समस्या पैदा होती है। ऐसे में बॉडी में रैशेज, चेहरे में सूजन, आंखों का लाल होना आदि समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
ड्रग के कारण होने वाली एलर्जी (Drug allergy)
इस बारे में डॉ. संदीप पाटिल, चीफ इंटेंसिविस्ट, फोर्टिस अस्पताल, का कहना है कि कई लाेगों काे ड्रग से अलग-अलग प्रकार की एलर्जी हाेती है। ड्रग से एलर्जी को भी आपको अलग-अलग रूप नजर आ सकते हैं। जैसे कि हाल ही मेरे पास एक पेशेंट आया था, जिसकी हालत काफी गंभीर थी। उसके साथ यह हुआ था कि एक रात पहले उसने एल्काॅहल का सेवन किया था और दूसरे दिन सुबह उठकर आईब्रफेन दवा का सेवन। जिसके चलते उसकी हालत ज्यादा खराब हो गई है। कहने का अर्थ है कि दवा से भी कई तरह की एलर्जी होती है, वो इस बात पर निर्भर करती है कि आपने दवा के पहले या बाद में क्या लिया है।
जिस तरह से धूल, फूड, पॉलन आदि एलर्जी का कारण बनते हैं, ठीक उसी प्रकार से ड्रग्स भी एलर्जी का कारण बन सकते हैं। कमजोर इम्युनिटी के कारण ड्रग्स एलर्जी (Drug allergy) की समस्या हो सकती है। ड्रग्स एलर्जी के कारण दवा का सेवन करने पर शरीर में हिस्टामाइन बनने लगते हैं। कुछ दवाएं जैसे कि इन्सुलिन, सल्फा ड्रग्स, एस्पिरिन आदि ड्रग एलर्जी का कारण बन सकती हैं। ड्रग एलर्जी के कारण शरीर में चकत्ते पड़ सकते हैं। पेट में दर्द, सांस लेने में परेशानी, डायरिया की समस्या आदि लक्षण दिख सकते हैं।
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ऐसे करें ऐलर्जीस से बचाव (Allergies Prevention)
एलर्जी की समस्या से बचाव के लिए आपको ये समझना बहुत जरूरी है कि आपको किस चीज से एलर्जी है। अगर आपको ये बात पता चल जाएगी, तो आपको आगे सावधानी बरतनें में आसानी होगी। अगर आपको किसी फूड से एलर्जी है, तो आपको उससे दूर रहना चाहिए। अगर किसी फूल से, जानवर से या फिर धूल से एलर्जी है, तो आपको उनसे दूर ही रहना चाहिए। हम आपको एलर्जी से बचाव के लिए कुछ जानकारी देने जा रहे हैं। उम्मीद करते हैं कि ये आपको इससे एलर्जी से दूर रहने में मदद मिलेगी।
फूड एलर्जी (Food Allergy): डायट से हटा दें ऐसे फूड
एलर्जी की समस्या होने पर जब आप डॉक्टर को दिखाएंगे, तो डॉक्टर जांच करके एलर्जी का कारण जानने की कोशिश करेंगे। डॉक्टर स्किन प्रिक टेस्ट (Skin prick test) करने के लिए कुछ फूड को डाइल्यूट करके आर्म में लाएंगे। कुछ रिएक्शन जैसे कि ईचिंग, सूजन, लालिमा अगर स्किन पर दिखाई देती है, तो इसका मतलब है कि व्यक्ति को उस फूड से एलर्जी की समस्या है। डॉक्टर जांच के लिए ये टेस्ट कई बार कर सकते हैं।
डॉक्टर व्यक्ति से डायरी में उन सभी फूड के बारे में लिखने के लिए कहेगा, जो उसने खाई हो। इससे डॉक्टर को उस एलर्जी पैदा करने वाले फूड के बारे में जानकारी मिलेगी। फूड एलर्जी से बचने का बेहतर तरीका है कि आप उस फूड को अपनी डायट से हटा दें। ऐसा करने से आपको फूड एलर्जी से निजात मिल सकता है। साथ ही ओरल इम्यूनोथेरिपी (Oral immunotherapy) की सहायता से फूड एलर्जी को मैनेज किया जा सकता है। ओरल इम्यूनोथेरिपी सभी फूड के लिए उपलब्ध नहीं है। ओरल इम्यूनोथेरिपी के दौरान पेशेंट को एलर्जन की थोड़ी सी मात्रा कुछ समय तक दी जाती है, ताकि लक्षणों को बढ़ने से रोका जा सके।
स्किन एलर्जी (Skin Allergies) से बचाव: न रगड़ें रैशेज को
स्किन एलर्जी के कारण स्किन में रैशेज, जलन, पित्ती आदि की समस्या हो सकती है। रैशेज की समस्या कई बार किसी साबुन से भी हो सकती है। स्किन एलर्जी होने पर निम्न बातों पर ध्यान जरूर दें।
- आपको रैशेज को रगड़ना नहीं चाहिए।
- माइल्ड सोप का यूज करें। गर्म पानी से नहाने से बचें।
- रैशेज को कवर करने की कोशिश न करें। उसमे हवा लगने दें।
- कॉस्मेटिक लोशन का यूज न करें वरना रैशेज की समस्या बढ़ सकती है।
- खुजली को कम करने के लिए ओवर-द-काउंटर कॉर्टिसोन क्रीम(Cortisone creams)का यूज किया जा सकता है।
- अगर स्किन पर चकत्ते पड़ गए हैं, तो कैलामाइन (Calamine) राहत दिला सकती है।
- स्किन एलर्जी की समस्या होने पर आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए। डॉक्टर आपको दवा के साथ ही लोशन लगाने की सलाह दे सकते हैं।
- स्किन एलर्जी की समस्या होने पर स्किन बहुत संवेदनशील हो जाती है, ऐसे में स्किन को लाइट के डायरेक्ट एक्सपोजर से बचाएं।
एनिमल और इंसेक्ट से होने वाली एलर्जी (Animal and Insect Allergies) से ऐसे करें बचाव
एनिमल और इंसेक्ट से होने वाली एलर्जी से बचाव के लिए आपको उनके पास नहीं जाना चाहिए। अगर अचानक से एलर्जी के लक्षण (anaphylaxis) दिखने लगते हैं, तो डॉक्टर एपिनेफ्रीन (Epinephrine/Adrenaline)इंजेक्ट कर सकते हैं। डॉक्टर आपको एलर्टी शॉट्स यानी इम्यूनोथेरिपी (immunotherapy) लेने की सलाह भी दे सकते हैं। बेहतर होगा कि आप इस बारे में डॉक्टर से जानकारी प्राप्त करें।
नाक और आंखों में होने वाली एलर्जी (Nose and Eye Allergies) से बचाव
हे फीवर के कारण नाक में एलर्जी की समस्या होती है। बीमारी के लक्षण नाक को प्रभावित करते हैं। सीजनल लक्षणों के तौर पर एयरबोर्न मोल्ड स्पोर्स, परागकण, घास, वीड आदि समस्या का कारण बनते हैं। नाक बहना, नाक में खुजली आदि समस्याएं देखने को मिलती हैं। आंख और नाक में एलर्जी की समस्या से बचने के लिए आपको निम्न बातों पर ध्यान देना चाहिए।
- आउटडोर एलर्जन से बचने के लिए विंडो को बंद रखें।
- अगर आप बाहर जा रहे हैं, तो आंखों में चश्मा पहन लें, ताकि आपको एलर्जी की समस्या न हो।
- आप मोल्ड और धूल को रोकने के लिए माइट प्रूफ बेडिंग कवर्स का यूज भी कर सकते हैं।
- किसी भी एनिमल को छूने के बाद हाथ जरूर धुलें। हो सके, तो धूल वाले स्थान में न जाएं।
- एलर्जी के लक्षण दिखने पर लापरवाही न करें। डॉक्टर से संपर्क करें और जरूरी दवाओं का सेवन करें।
धूल से होने वाली एलर्जी ( Dust Allergies) : करें मास्क का यूज
धूल से होने वाली एलर्जी आपको घर में और घर के बाहर, दोनों जगह परेशान कर सकती है। आपको धूल से बचने के लिए निम्न बातों पर ध्यान देना चाहिए।
- आपको अपने कमरे के कार्पेट्स, पर्दे आदि को हटा देना चाहिए। ये सभी धूल का कारण बनते हैं।
- अगर आपको एलर्जी की समस्या है, तो बेहतर होगा कि आप पालतू जानवरों को घर से बाहर रखें।
- हाउसहोल्ड ह्युमिडिटी ( household humidity)को कम करें। घर की आर्द्रता को 50% से कम रखें।
- बेड शीट को गर्म पानी से साफ करें। साथ ही माइट प्रूफ पिलो का यूज करें।
- जब भी आप सफाई का काम करें, मास्क जरूर पहन लें।
- कॉकरोज डस्ट एलर्जी को बढ़ाने का काम करते हैं। घर से कॉकरोच को दूर रखें।
- डस्ट एलर्जी होने पर डॉक्टर को जरूर दिखाएं और ट्रीटमेंट कराएं।
- डॉक्टर मेडिसिन्स, एलर्जी शॉट्स, ओरल इम्यूनोथेरिपी के साथ ही लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करने की सलाह दे सकते हैं।
ड्रग एलर्जी से बचने के लिए (Drug allergy) एंटीहिस्टामाइन
ड्रग एलर्जी होने पर डॉक्टर आपको एंटीहिस्टामाइन खाने की सलाह दे सकते हैं। अगर आपको किसी दवा से एलर्जी है, तो आपको उस दवा का सेवन नहीं करना चाहिए। जब आप डॉक्टर के पास जाएं, तो इस बारे में उन्हें जरूर जानकारी दें। डॉक्टर आपसे अन्य जरूरी जानकारी भी लेंगे।ड्रग लेने के बाद अगर शरीर में दाने, पित्ती या खुजली की समस्या हो जाती है, तो एंटीहिस्टामाइन का प्रयोग करें। अगर आपको ज्यादा समस्या महसूस हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
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एक्सपर्ट के अनुसार एलर्जी से बचाव के लिए उपाय
सामान्य एलर्जी से बचने के लिए रोजाना कुछ उपाय किए जा सकते हैं। इस बारे में हैलो स्वास्थ्य ने फोर्टिस अस्पताल, मुलुंड के जनरल फिजीशियन डॉ. प्रदीप शाह से एलर्जी के लक्षणों को कम करने के उपाय पूछें। आप भी जानिए कि एलर्जी से बचने के उपाय के बारे में।
ठंड से एलर्जी से बचने के लिए उपाय
- ज्यादा पानी पिएं
- कैफीन के सेवन से बचें
- नाक स्प्रे (saline nasal spray) का उपयोग करें
- बार-बार खारे पानी से गार्गल करें
- ह्यूमिडिफायर का उपयोग करें
त्वचा की एलर्जी से बचाव के उपाय
- एलर्जी पैदा करने वाले पदार्थों के संपर्क से बचें
- कोल्ड कंप्रेस का यूज करें
- बॉडी में कोकोनट ऑयल और एलोवेरा क्रीम लगाएं
- रोजाना बाथ लें
एलर्जी से रोकथाम के लिए अपनाएं ये उपाय (Preventing Allergic Reactions)
- एलर्जी से बचने के लिए आपको सबसे पहले एलर्जन से बचाव करना होगा।
- एलर्जी से बचने के लिए एलर्जन को पहचानना बहुत जरूरी है।
- डॉक्टर ने आपको जो भी दवा लेने की सलाह दी है, उसे समय पर लें।
- अगर आपको एनाफिलेक्सिस ( anaphylaxis)का खतरा है, तो एपिनेफ्रीन ऑटो-इंजेक्टर को हमेशा अपने साथ रखें।
- अपनी डायरी में कुछ बातें जरूर लिखें, जैसे कि आप क्या कर रहे हैं, क्या खा रहे हैं या फिर आपको कौन-से लक्षण नजर आ रहे हैं?
- डॉक्टर आपको एलर्जी के दौरान ली जाने वाली प्रिकॉशन के बारे में जानकारी देंगे। आप चाहे तो उसे नोट भी कर सकते हैं।
एलर्जी के साथ जिएं ऐसे
कुछ बीमारियां मेडिसिन्स लेने के बाद ठीक हो जाती हैं लेकिन एलर्जी के साथ ऐसा मुमकिन नहीं हो पाता है। इस बीमारी से बचने के लिए हमेशा सर्तकता की जरूरत होती है। अगर आप सावधानी नहीं रखेंगे, एलर्जी के लक्षण आपको परेशान कर सकते हैं। अगर सावधानी बरती जाए, तो एलर्जी के साथ जीना कठिन काम नहीं है। अगर आपको एलर्जी की समस्या रहती है, तो इन बातों का ध्यान जरूर रखें।
- अगर आप अपने घर को रोजाना अच्छी तरह से क्लीन करेंगे, तो विभिन्न प्रकार की एलर्जी से छुटकारा मिल सकता है।
- आप घर में एयर प्यूरीफायर को भी अच्छे से क्लीन करें।
- पिलो केस (तकिए के कवर) को रोजाना चेंज करें।
- अगर आपको सीजनल एलर्जी की समस्या है, तो सीजन बदलने के साथ ही अधिक सावधानी रखें।
- आप एलर्जी से बचने के लिए होम्योपैथी या आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट भी ले सकते हैं।
- आप असेंशियल ऑयल का यूज मसाज के दौरान, नहाने में कर सकते हैं। असेंशियल ऑयल एलर्जी के लक्षणों को कम करने का काम करता है। टी ट्री ऑयल (tea tree oils), यूकलिप्टस ( eucalyptus), बेसिल आदि के तेल का उपयोग स्किन की जलन को कम करने के लिए कर सकते हैं।
- एलर्जी के लक्षण दिखने पर डॉक्टर की सलाह लें और समय-समय पर दवाओं का सेवन जरूर करें।
ऐसे छुड़ा सकते हैं एलर्जी से पीछा
एलर्जी की समस्या से पीछा छुड़ाने के लिए आपको अपनी डायट, लाइफस्टाइल पर ध्यान देना होगा। एलर्जी की समस्या से तुरंत पीछा नहीं छुड़ाया जा सकता है। एलर्जी को दूर करने के लिए दवाओं के सेवन के साथ ही सावधान रहने की जरूरत पड़ती है। अपनी नाक की सफाई रोजाना करें।
- परागकण म्युकस मेंबरेन में आकर चिपक जाते हैं। आप नाजल ऑयल( nasal oil) का यूज भी कर सकते हैं।
- बॉडी को डिटॉक्ट करना न भूलें। टॉक्सिन के कारण एलर्जी के लक्षण गंभीर हो सकते हैं। एल्कोहॉल, प्रोसेस्ड फूड आदि न खाएं। ये एलर्जी की समस्या को अधिक बढ़ा देती है।
- घर को सूखा रखें। गीलेपन में मोल्ड स्पोर्स का खतरा बढ़ जाता है।
- जब भी होटल या रेस्टोरेंट जाएं, स्टाफ को अपनी एलर्जी की समस्या के बारे में जरूर बताएं।
- पॉलन एलर्जी या हे फीवर के पेशेंट को पॉलेन काउंट हाई होने पर घर पर ही रहना चाहिए।
- बाहर जाते समय मास्क का यूज करें ताकि आपको धूल से दिक्कत न हो।
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एलर्जी मेडिसिन्स लेते समय ध्यान रखें ये बातें
एलर्जी के लक्षणों से छुटकारा पाने के लिए एलर्जी मेडिसिन्स और ओवर-द-काउंटर दवाओं का उपयोग किया जाता है। दवाओं का सेवन करने के दौरान आपको कुछ बातों पर ध्यान देना चाहिए।
- ओवर-द-काउंटर दवाओं का उपयोग करने से पहले पैकेज पर लिखें निर्देशों को ध्यान से पड़ना चाहिए।
- प्रोडक्ट के ब्रांड नेम अलग होते हैं लेकिन एक्टिव इंग्रीडिएंट सेम हो सकते हैं। गलत प्रोडक्ट लेने पर आपको नुकसान भी पहुंच सकता है।
- बच्चों में एलर्जी के लक्षण दिखने पर बिना डॉक्टर की सलाह के दवा न दें।
- डॉक्टर ने जिस समय दवा लेने की सलाह दी हो, उसी समय दवा का सेवन करें।
- लिक्विड मेडिसिन्स का यूज कर रहे हैं, तो सही मात्रा का सेवन करें।
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एलर्जी से बचाव के लिए एक्सरसाइज (Exercises to protect against allergies)
- एलर्जी की समस्या से राहत के लिए आप कुछ एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं। अमेरिकन एकेडमी ऑफ एलर्जी, एस्थमा एंड इम्यूनोलॉजी के अनुसार एलर्जी पेशेंट को वॉर्मअप ( warm-up) करना चाहिए। वॉर्मअप एलर्जी के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। एलर्जी से राहत के लिए दस मिनट के लिए स्ट्रेचिंग और बूस्टिंग कार्डियो भी करना चाहिए।
- आपको सांस संबंधि एक्सरसाइज भी करनी चाहिए। आप दिनचर्या में योग (Yoga) और पिलेट्स ( Pilates) को शामिल कर सकते हैं। अगर आपको अस्थमा की समस्या है, तो हार्ट और फेफड़ों को मजबूत करने के लिए एक्सरसाइज जरूर करें। आप साइकलिंग, या रनिंग कर रहे हैं, तो ज्यादा देर तक न करें।
- वर्कआउट के बाद स्टीम रूम में स्टीम बाथ जरूर लें। ऐसा करने से म्यूकस लूज होगा। बाथ की हेल्प से म्यूकस साथ होता है और सांस लेने में समस्या नहीं होती है।
- एलर्जी की समस्या धूल के कणों से बढ़ जाती है। वर्कआउट के समय ऐसे स्थान का चयन करें, जो एलर्जी फ्री हो। साथ ही तापमान न तो अधिक कम होना चाहिए और न ही ज्यादा। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।
- आप एक्सपर्ट की सलाह के बाद एक्वेटिक एक्सरसाइज (Aquatic exercise) भी कर सकते हैं।
- अगर डॉक्टर ने आपको एलर्जी के लक्षणों से निपटने के लिए कोई स्प्रे दिया है, तो एक्सरसाइज के दौरान उसे अपने साथ रखें।
एलर्जी होने पर लें ऐसी डायट (Allergy Foods)
आपको एलर्जी की समस्या से बचने के लिए अपनी डायट में सुधार करना होगा। खाने में वो फूड शामिल करें, जो एलर्जी के लक्षणों को कम करने में सहायता करें। साथ ही आपको ऐसे फूड लेने से बचना चाहिए, जो आपकी एलर्जी की समस्या को बढ़ा सकते हैं। जानिए एलर्जी की समस्या में आपको क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।
खाने में शामिल करें ये फूड
- आपको अपने दिन की शुरुआत ग्रीन टी से करनी चाहिए। हमने आपको जानकारी दी थी कि शरीर में हिस्टामाइन बनने के कारण एलर्जी के लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं। ग्रीन टी में एंटीहिस्टामाइन (antihistamines) होते हैं, जो एलर्जी के लक्षणों को कम करने का काम करते हैं।
- आपको मेडिटेरियन डायट ( Mediterranean Diet) अपनानी चाहिए।
- खाने में क्लीन, फ्रेश फूड शामिल करें। आप खाने में फल, सब्जियां, बीन्स, व्होल ग्रेंस, फिश, ऑलिव ऑयल आदि शामिल कर सकते हैं। ये रेस्पिरेट्री एलर्जी और अस्थमा की बीमारी में लाभदायक होते हैं।
- आप खाने में फैटी फिश, ट्रॉपिकल फ्रूट, प्याज, शहद, योगर्ट आदि को जरूर शामिल करें। सीजनल एलर्जी में ये फूड प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करते हैं।
- प्याज में पाया जाने वाला क्वेरसेटिन (quercetin) हिस्टामाइन के असर को कम करता है।
- आप रेग्युलर डायट के बारे में डॉक्टर से सलाह लेने के बाद डायट चार्ट बनाएं और उसे फॉलो करें।
एलर्जी में इन फूड्स से बनाएं दूरी
- एलर्जी की समस्या होने पर अधिक मसालें वाले भोजन से दूरी बनाएं। पॉलन सीजन(pollen season) में अधिक मसाले वाले भोजन का सेवन करने से नाक बहने की समस्या, मुंह में सूजन आदि की समस्या हो सकती है।
- खाने में फैटी फूड को शामिल न करें। अधिक वसा वाला भोजन करने से वेट गेन होगा। इस कारण से सांस संबंधि समस्याएं बढ़ सकती हैं। जिन लोगों को सांस संबंधि एलर्जी रहती है, उन्हें इन बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए।
- खाने में कम नमक का इस्तेमाल करें। ऐसा करने से फेफड़ों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
- प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाएं।
एलर्जी से राहत पाने के लिए लाइफस्टाइल में करें ये सुधार
आपको एलर्जी से राहत पाने के लिए अपनी लाइफस्टाइल में सुधार करना होगा। आप एलर्जी को तभी हरा सकते हैं, जब आप अपने शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं और शरीर को मजबूत बनाएं। आपको अपनी डायट से लेकर एक्सरसाइज, समय पर दवाओं का सेवन, एलर्जन से सावधानी आदि बातों का ख्याल रखना पड़ेगा। तभी आप एलर्जी की समस्या से राहत पा सकते हैं।
- बैलेंस्ड डायट लें।
- स्मोकिंग और एल्कोहॉल से दूर रहें।
- स्मोकिंग करने से नाक की एलर्जी की समस्या बढ़ सकती है। साथ ही एलर्जी के लक्षण भी अधिक दिख सकते हैं।
- बॉडी को फिट रखने के लिए रोजाना एक्सरसाइज करें।
- टेम्परेचर का खासतौर पर ध्यान रखें। अचानक से गर्म वातावरण से ठंडे वातावरण न जाएं।
- घर से बाहर निकलते समय उन वस्तुओं को बैग में जरूर रखें, जो आपको कभी भी जरूरत पड़ सकती हैं।
- पर्याप्त मात्रा में नींद लें। अच्छी नींद शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने का काम करती है।
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एलर्जी के लिए अपना सकते हैं ये अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट
एलर्जी की समस्या से निपटने के लिए मेडिसिन्स के साथ ही अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट भी अपनाएं जा सकते हैं। अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट एलर्जी के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं और बीमारी का इलाज करते हैं। जानिए एलर्जी के अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट के बारे में।
एलर्जी से राहत के लिए होम्योपैथी (Homeopathy for relief of allergies)
सीजनल एलर्जी को दूर करने के लिए होम्योपैथी ट्रीटमेंट फायदेमंद साबित हो सकता है। कुछ होम्योपैथ दवाएं जैसे कि एल्यूम सेपा( ALLIUM CEPA),आर्सेनिकम एल्बम (arsenicum album),नैट्रम म्यूरिएट (NATRUM MURIATICUM) आदि का उपयोग सीजनल एलर्जी के लक्षणों को कम करने के लिए किया जा सकता है। सेंसिटिव स्किन के लिए आरुम ट्राइफआइलम, आरसेनिक्स आदि उपयोग में लाई जाती हैं।
एलर्जी से राहत के लिए आयुर्वेद (Ayurveda for allergy relief)
आयुर्वेद में भी एलर्जी की समस्या को ठीक करने के उपाय मौजूद हैं। आयुर्वेद में एलर्जी का मुख्य कारण पाचन में समस्या है। अपच भोजन शरीर में टॉक्सिंस बनाने का काम करता है। इसी कारण से एलर्जन शरीर में विभिन्न प्रकार के लक्षण पैदा करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार पाचन को ठीक करने के लिए पानी में पुदीना, अदरक और सौंफ को उबाल लें। अब इस पानी को गुनगुना होने पर पिएं। ऐसा करने से पाचन ठीक होगा और एलर्जी के लक्षणों से राहत मिलेगी। खाने में सब्जियों का सूप, फलों का जूस व लिक्विड डायट को अधिक शामिल करें। ऐसा करने से आपको एलर्जी की समस्या से राहत मिलेगी।
एलर्जी के कारण आपको बहुत-सी समस्याएं सहनी पड़ सकती हैं। बेहतर होगा कि आप इलाज कराएं और डॉक्टर की सलाह को मानें। लाइफस्टाइल में सुधार कर आप हेल्दी लाइफ जी सकते हैं। सावधानी ही इस बीमारी का इलाज है, इसलिए लापरवाही बिल्कुल न करें। इस विषय के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से भी संपर्क कर सकते हैं। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।