इसके साथ ही उन्हें फिजिकली एक्टिव रहना भी बहुत जरूरी है। इस उम्र में हैवी एक्सरसाइज तो नहीं कर सकतें लेकिन रोजाना वॉकिंग और योग तो कर ही सकते हैं।
टाइप-2 डायबिटीज को डायट और लाइफस्टाइल बदलाव के जरिए कंट्रोल किया जा सकता है। खासतौर पर बुजर्गों को अपनी डायट का बहुत ध्यान रखना होता है। डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए आपको पता होना चाहिए कि डायट में किन चीजों की मात्रा कम रखनी है और क्या खाना है।
कार्बोहाइड्रेट- आपका शरीर कार्बोहाइड्रेट को ग्लुकोज में बदलकर ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा देता है। इसलिए लो कार्बोहाइड्रेट वाले फूड खाएं। व्यक्ति अपनी शीरीरिक गतिविधि के हिसाब से प्रतिदिन 135 ग्राम तक कार्बोहाइड्रेट का सेवन कर सकता है। इवनिंग स्नैक्स में लो फैट फ्रूट योगर्ट और ¼ कप बादाम का सेवन करने पर कार्बोहाइड्रेट की मात्रा सीमित रख सकते हैं।
फैट- कुछ लोगों को लगता है कि खाने से फैट को पूरी तरह से हटा देना चाहिए, लेकिन यह सही नहीं है। विशेषज्ञों के मुताबिक, डायट से हेल्दी फैट को हटाना सही नहीं है। एवाकाडो, नट्स और ऑलिव में पाया जाने वाला फैट सेहत के लिए अच्छा होता है जबकि ट्रांस और सैचुरेटेड फैट को डायट से हटा दें।
बुजुर्गों में डायबिटीज: ड्रिंक्स
मीठे पेय, जूस, मीठी चाय, लेमोनड और बहुत अधिक दूध का सेवन नहीं करना चाहिए। एल्कोहल का सेवन भी नहीं करना चाहिए, पैक्ड, प्रोसेस्ड फूड के सेवन से भी परहेज करना चाहिए।
बुजुर्गों में डायबिटीज: डायट में शामिल करें ये चीज़ें
टाइप-2 डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए डायट में इन चीजों को शामिल करें।
लीन प्रोटीन- लो फैट डेयरी, स्किनलेस फिश और पोल्ट्री।
गुड कार्बोहाइड्रेट- होल ग्रेन फूड, दाल, बींस, मटर और स्वीट पोटैटो।
फाइबर- फलियां, ओटमील, सब्ज़ियां और साबूत अनाज।
गुड फैट- एवाकाडो, नट्स/नट बटर, ऑलिव, बटर और कनोला ऑयल।
फल और सब्ज़ियां- हरी सब्ज़ियां जैसे ब्रोकोली, पालक, हरी पत्तेदार सब्ज़ियां, टमाटर, अंगूर, एप्पल, संतरा और चेरी जैसी फल और सब्ज़ियों को डायट में शामिल करें।