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सावधान: शरीर के इन हिस्सों में दर्द हो सकते हैं हड्डी के रोग के लक्षण

के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya


shalu द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/02/2022

    सावधान: शरीर के इन हिस्सों में दर्द हो सकते हैं हड्डी के रोग के लक्षण

    हड्डी के रोग (Bone diseases) से आप क्या समझते हैं?

    आमतौर पर हड्डी की बीमारियों के लक्षण केवल दर्द और सूजन से जूड़े हुए होते हैं, लेकिन सूजन कई बड़ी बीमारियों के लक्षण हो सकते हैं। हड्डियों में होने वाली कई प्रकार को रोग होते हैं। मानव शरीर में कुल 206 हड्डियां (Bone) होती हैं।शरीर के किसी भी क्षेत्र में हड्डी से जुड़ी बीमारी हो सकती है।हड्डियों में बीमारी के कई कारण होते हैं। कुछ के कारण पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं। हम शरीर के कुछ अंगो का प्रयोग हम सबसे अधिक करते हैं जैसे- पैर जिसके कारण हमारे घुटनों की हड्डी में होने वाली समस्या सबसे ज्यादा होती है।इसी प्रकार देर तक बैठकर काम करने से हमारे पीठ,कमर,स्पाइनल,गर्दन की हड्डी प्रभावित होती है जिस कारण इनमें बीमारियां पनपना शुरु हो जाते है। इसके अलावा हड्डी में बीमारी के कई और कारण हैं जैसे-चोट लगना,आुनवंशिकता,शरीर में कुछ पदार्थों की कमी या ज्यादा मौजूद होने से भी हड्डी के रोग हो सकते हैं। आइए जानते हैं हड्डी के रोग लक्षण क्या-क्या हो सकते हैं।

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    पीठ दर्द  की समस्या

    पीठ दर्द (Back pain) होना एक समस्या है, लेकिन कभी-कभी ये बहुत अक्रामक और दुखदाई हो सकता है। कई बार पीठ दर्द आगे चलकर बड़ी बीमारी का कारण बन सकता है, जो लोग लंबे समय तक ऑफिस में बैठकर काम करते हैं उन लोगों में इसकी समस्या सबसे अधिक देखने को मिलती है। भारत के साथ-साथ अमेरिका में हर साल इसके अधिक मामले देखने को मिलते हैं।इसके लक्षण ये हैं की यह सुस्त, निरंतर दर्द से लेकर अचानक तेज दर्द तक हो सकता है।

    बर्साइटिस

    यह एक हड्डी के रोग (Bone Diseases) है। बर्साइटिस बर्सा की सूजन है। ये आपके हड्डियों से जुड़ा होता है। यह एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें आपकी मांसपेशियों और हड्डियों के आसपास के क्षेत्र में सूजन आ जाता है।बर्सा चिकनाई युक्त तरल पदार्थ से भरी थैली होती है और यह हड्डियों (Bone), मांसपेशियों (Muscles), टेंडन (Tendon) और त्वचा (Skin) जैसे ऊतकों के बीच स्थित होता है।इसके लक्षण ये हैं की इसमें आपको बहुत दर्द महसूस  होता है। इसमें सबसे अधिक आपको चलने में कठिनाई होती है।

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    फाइब्रोमायल्गिया

    फाइब्रोमायल्गिया का मतलब मांसपेशियों और संयोजी ऊतक दर्द है। वैसे तो अब डॉक्टरों ने फाइब्रोमायल्गिया  के सही कारण का पता नहीं लगाया है, लेकिन यह आपकी मांसपेशी में दर्द का कारण बनता है। इसके लक्षण ये हैं की इससे आपको बहुत आसानी से थकावट हो जाती है। 

    हड्डी का कैंसर

    बोन कैंसर (Bone cancer), वह कैंसर है, जो आपकी हड्डी में ही उत्पन्न होती हैं। अस्थि कैंसर (Cancer), मेटास्टैटिक बोन कैंसर (Metastatic bone cancer) की तुलना में बहुत दुर्लभ है। यह हड्डी के दर्द का कारण बन सकता है। जब कैंसर हड्डी की सामान्य संरचना को बाधित या नष्ट कर देता है।यह बहुत रेयर हड्डी की बीमारियां हैं। आमतौर पर इसके लक्षण स्पष्ट नहीं होते हैं।

    गाउट

    गाउट एक हड्डी के रोग हैं, यह आपके जोड़ों में होता है। यह आपके घुटनों (Knee) को प्रभावित करता है। यह एक साधारण विकार है, जिसमें अतिरिक्त यूरिक एसिड क्रिस्टल जोड़ों में जमा होते हैं। इसके लक्षण ये हैं की इसमें असामान्य सूजन, दर्द और लालिमा होती है।इसके साथ ही पैर की उंगली में सूजन आ जाती है, लेकिन टखने, पैर या घुटने सहित अन्य जोड़ों में भी लक्षण हो सकते हैं। इसके होने का एक कारण आपका आहार हो सकता है। या इसका एक कारण है आपके गुर्दे यूरिक एसिड को ठीक से संसाधित नहीं कर रहे हैं। यह भी कभी-कभी अक्रामक हो जाते हैं। 

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    रेशेदार डिसप्लेसिया 

    फाइब्रस डिसप्लेसिया (रेशेदार डिसप्लासिया) हड्डियों में होने वाली एक बीमारी है।यह हड्डी के रोग हैं। रेशेदार डिस्प्लेसिया तब होता है जब आपके शरीरे की स्वस्थ हड्डी को अन्य प्रकार के ऊतक से परिवर्तित कर दिया जाता है।इस दौरान आपकी हड्डियां कमजोर (Weak bone) या विषम आकार की हो सकती हैं, या वे टूट भी सकती हैं। इसके लक्षण ये हैं की इसमें आपको कभी-कभी असहनीय दर्द भी हो सकता है। ज्यादातर मामलों में, फाइब्रस डिसप्लेसिया एक हड्डी में एक ही स्थान पर होता है, लेकिन कई स्थितियों में यह बाद में कई स्थानों पर हो सकता है। 

    ऑस्टियोपोरोसिस

    ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) एक हड्डी के रोग हैं, इसमें हमारे शरीर की हड्डियां भंगुर और कमजोर हो जाती है जिस कारण इनके टूटने का खतरा अधिक हो जाता है। यह सबसे आम हड्डी रोग होता है। आपको बता दें की वर्तमान समय में यह लगभग 44 मिलियन लोगों को प्रभावित कर चुका है। ऑस्टियोपोरोसिस पुरुषों की तुलना में अधिक महिलाओं पर हमला करता है। यह बच्चों में किशोर ऑस्टियोपोरोसिस के विकास का खतरा हो सकता है। इसके लक्षण ये हैं की उठने-बैठने पर हड्डियों किसी तरह की आवाज आने लगती है।

    स्कोलियोसिस

    स्कोलियोसिस (Scoliosis) एक प्रकार का हड्डी के रोग है। यह रीढ़ की हड्डी में होता है। यह ज्यादातर वयस्कों पर हमला करती है। इसके ज्यादातर केस अमेरिका में देखे गए हैं। लगभग हर साल 3 मिलियन स्कोलियोसिस का निदान किया जाता हैं। इसके रेयर मामले थोड़े हल्के होते हैं। इसमें कुछ मामलों में, रीढ़ की विकृति समय के साथ खराब हो जाती है। इसका कारण अभी तक ठीक से पता नहीं चल पाया है। कुछ मामलों में इसके आनुवंशिक होने के बारें में कहा गया है। इसके लक्षण ये हैं की इसमे आप ज्यादा देर तक बैठ नहीं सकते हैं।

    पगेट्स डिजीज

    यह हड्डी में होने वाली बीमारी है। इसमें हड्डी को रिन्यूवल किया जाता है। यह एक क्रोनिक विकार है। स्वस्थ हड्डी में, रीमॉडेलिंग नामक एक प्रक्रिया हड्डी के पुराने टुकड़ों को हटा देती है और उन्हें नई, ताजी हड्डी से बदल देती है। पेजेट की बीमारी के कारण यह प्रक्रिया संतुलन से बाहर हो जाती है, जिसके परिणामस्वरूप नई हड्डी जो असामान्य रूप से आकार, कमजोर और भंगुर होती है। पगेट की बीमारी सबसे अधिक उम्र के लोगों को प्रभावित करती है, जो 55 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 2 से 3 प्रतिशत लोगों में होती है। वैसे तो पगेट की बीमारी वाले कई रोगियों में कोई लक्षण नहीं होते हैं और वे अनजान होते हैं जब तक कि एक्स-रे किसी अन्य कारण से नहीं लिया जाता है। ये कई और बीमारी के जटिलताओं का कारण बन सकते हैं – जैसे गठिया (Arthritis), हड्डी की विकृति और फ्रैक्चर।

    घुटने की समस्या

    घुटने की समस्या होने का सबसे बड़ कारण है,घुटने में चोट लगना। इसका दूसरा कारण घुटने में होने वाली कुछ बीमारियां है जिनके कारण आपके घुटने में समस्या हो सकती है। घुटने की समस्या गंभीर समस्या होती है। इसको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। कभी-कभी घुटने की समस्या बढ़ने के कारण हमारा चलना,फिरना,उठना,बैठना मुश्किल हो जाता है। यदि आपको घुटने से जुड़ी समस्या समझ में आती है तो आपको निदान के लिए डॉक्टर के पास जरुर जाना चाहिए। घुटने (Knee) में होने वाली बीमारी इस प्रकार सो हो सकती है।

  • आर्थराइटिस-यह एक या एक से अधिक जोड़ो की सूजन होती है। यह कई प्रकार का होता है। यह ज्यादातर वृध्द लोगों में होता है। यह आनुवंशिक कारण से  भी होता है।
  • मोच- कभी-कभी हमारे घुटने में तेज झटके या चोट से मोच आ जाती है।
  • घुटने की चोट-इसमें बहुत अधिक दर्द रहता है। 
  • घिसा हुआ कार्टिलेज- यह हमारे घुटने के अंदर होता है। इसके कारण से आपको तेज दर्द हो सकता है। 
  • बरसाइटिस-घुटने में सूजन आना और दर्द का कारण बनना।
  • टेन्टीनाइटिस-यह घुटने में सूजन और दर्द है जो आमतौर यह बार-बार चोट लगने के कारण होता है,यह घुटने का वो हिस्सा है जो मांसपेशियों को हड्डियों से जोड़ता है। इसमें सीढ़िया चढ़ने में तकलीफ होती है। दौड़ते वक्त या ज्यादा चलने से आपको अधिक दर्द महसूस होता है।
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    संधिशोथ (Rheumatoid Arthritis)

    यह एक पुराना विकार है, जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर के ऊतकों हमला करती है, जैसे कि हाथों और पैरों में जोड़ों पर। ओस्टियोआर्थराइटिस में एक दर्दनाक सूजन होती है जो आगे जाकर हड्डी के कटाव और संयुक्त विकृति का कारण बन सकती है। यह हड्डी के रोग का प्रकार है। यह दर्दनाक होता है।

    बोन ट्यूमर (Bone Tumor) 

    बोन ट्यूमर  एक प्रकार का हड्डी के रोग है। ये बोन ट्यूमर तब होता है जब हड्डियों के अंदर कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि होती है। ये ट्यूमर सौम्य या घातक हो सकते हैं, हालांकि सौम्य (गैर-कैंसरग्रस्त) हड्डी के ट्यूमर जो अन्य हड्डी के ऊतकों पर लागू नहीं होते हैं और फैलते नहीं हैं, वे अधिक सामान्य होते हैं। इसके लक्षण शुरुआत में दिखाई नहीं देते हैं।

    पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस

    यह एक प्रकार के हड्डी के रोग है। यह एक पुरानी ऑस्टियोआर्थराइटिस गठिया का सबसे आम प्रकार है। हर साल लगभग 3 मिलियन से अधिक अमेरिकियों का निदान किया जाता है। ऑस्टियोआर्थराइटिस में  हड्डियां आपस में रगड़ खाती हैं,इसके लक्षण ये हैं की इसमें दर्द, सूजन और अकड़न होती है।

    कंधे की समस्या

    कंधे की समस्या भी हड्डी के रोग में आता है। कंधे की अधिकांश समस्याएं तब होती हैं जब कंधे क्षेत्र में नरम ऊतक टूट जाते हैं।इसके लक्षण ये हैं की आपके कंधे से लेकर गर्दन तक दर्द बना रहता है।

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    ओस्टियोनेक्रोसिस

    जब  रक्त के कमी के कारण हड्डी के ऊतक खत्म हो जाते हैं तो ऐसे में ऑस्टियोनेक्रोसिस बीमारी हो जाती है।कई मामलों में यह हड्डी को आघात पहुंचाता है जो हड्डी में रक्त के प्रवाह को बाधित करता है जैसे कि आपके कूल्हे का फ्रैक्चर होना। यह होने का एक कारण लंबे समय तक उच्च खुराक स्टेरॉयड का उपयोग करना है। इससे आपकी हड्डी की  कोशिका खत्म हो जाती है जिससे  आपकी हड्डी कमजोर हो जाती है और ढह जाती है। इसमें बहुत अधिक दर्द होता है। ये इस विकार का संकेत होता है।

    लो बोन डेंसिटी

    लो बोन डेंसिटी के कारण ऑस्टियोपेनिया होता है। इसका निदान तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति की हड्डियों की  डेंसिटी कम हो जाती है। बोन डेंसिटी कम होने से ऑस्टियोपोरोसिस हो सकता है, जिसके कारण आपको फ्रैक्चर, दर्द होता है। बोन डेंसिटी  में सुधार के लिए आवश्यक परिवर्तन करना महत्वपूर्ण है यदि आपको ऑस्टियोपीनिया का निदान किया जाता है। तो जल्दी ही इसको ठीक करने के लिए डॉक्टर की उचित सलाह लें।

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    बोन इंफेक्शन

    बोन इंफेक्शन (Infection) को ऑस्टियोमाइलाइटिस भी कहा जाता है। यह हड्डी के ऊतकों का संक्रमण है। लेकिन यह एक गंभीर स्थिति होती है। कई बार यह सर्जरी के बाद होता है, जैसे कि हिप रिप्लेसमेंट। यह आपके शरीर के किसी भी हिस्से में फैल सकता हैं। सामान्य रुप से इसका लक्षण दर्द, सूजन और लालिमा है। एंटीबायोटिक्स उपचार का एक अच्छा रुप है। कई मामलों में इसको सर्जरी द्वारा ठीक किया जाता है।

    उपर दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। इसलिए किसी भी दवा या सप्लिमेंट का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें। हैलो स्वास्थ्य किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार प्रदान नहीं करता है।

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