एचआईवी का पूरा नाम है ह्यूमन इम्यूनो डेफिशिएंसी वायरस। यह कोई बीमारी नहीं होती, बल्कि एक प्रकार का वायरस होता है। यह वायरस शरीर के इम्यून सिस्टम को कमजोर करता चला जाता है। इम्यून सिस्टम के कमजोर होने पर शरीर किसी भी प्रकार की बीमारी और संक्रमण को रोक पाने में नाकामयाब साबित होता है। एचआईवी वायरस टी सेल्स को नष्ट कर देता है। यह सेल्स ही इम्यून सिस्टम बनाए रखते हैं इन्हें CD4+ सेल्स भी कहा जाता है। यदि समय रहते एचआईवी वायरस का उपचार न किया जाए तो शरीर में इंफेक्शन बढ़ने लगता है। जब यह इंफेक्शन बहुत बढ़ जाता है तो इसे एड्स कहते हैं। एचआईवी से बचाव एक पल को संभव है, लेकिन एड्स जानलेवा बीमारी है, इसलिए एचआईवी से बचाव बहुत जरूरी है। इस आर्टिकल में आपको एचआईवी के बारे में जानकारी मिलेगी और इससे कैसे बचाव कर सकते हैं, ये भी पता चलेगा।
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एचआईवी से बचाव कैसे करें? (How To Prevent HIV)
एचआईवी से बचाव के लिए आपको कई तरह की सावधानियों को बरतने की जरूरत है, लेकिन उससे पहले आपको इन सावधानियों के बारे में पता होना है जरूरी :
एचआईवी से बचाव के लिए सेक्स के दौरान बरतें सावधानियां
ओरल सेक्स से होने वाले एचआईवी से बचाव का तरीका (Oral Sex And HIV)
इस बारे में शहानी हॉस्पिटल की डायरेक्टर की डाॅक्टर संतोष शहानी का कहना है ओरल सेक्स , सेक्शुअल लाइफ को काफी इंटरेस्टिंग बनाता है। लेकिन गलत ढंग से किया गया सेक्स एंड्स जैसे बड़े खतरे को जन्म दे सकता है। एचआईवी से बचाव के लिए आपको कई तरह की सावधानियों को बरतने की जरूरत है। ओरल सेक्स में वजायनल और एनल सेक्स के बजाए एचआईवी होने का कम खतरा होता है। ओरल सेक्स के दौरान यदि इजेक्युलेशन पार्टनर के मुंह के अंदर किया जाए तो यह खतरा बढ़ सकता है। इसलिए एचआईवी से बचाव बहुत जरूरी है।
एचआईवी के संक्रमण के जोखिम को बढ़ाने के लिए अल्सर, जननांग घाव और अन्य यौन संचारित रोगों (एसटीडी) का होना होता है। ओरल सेक्स से HIV होने का कम खतरा होता है लेकिन एचआईवी से बचाव के लिए कॉन्डम, डेंटल डैम या कट-ओपन नॉन-लुब्रिकेटेड कॉन्डोम आदि का उपयोग करना फायदेमंद हो सकता है। इससे आप अन्य यौन संचारित बीमारियों जैसे गले के गोनोरिया और हेपेटाइटिस आदि से भी बचाव कर सकते हैं। यदि एचआईवी पॉजिटिव पार्टनर एचआईवी का इलाज करवा रहा है। वहीं एचआईवी नेगेटिव पार्टनर भी एचआईवी से बचाव के लिए दवा ले रहा है तो जोखिम कम हो सकता है।
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कॉन्डोम (Condom) का इस्तेमाल करना सीखें
सेफ सेक्स के लिए कॉन्डोम की जानकारी होना जरूरी है। जब भी सेक्स करें एक नए कॉन्डम का इस्तेमाल करें और कॉन्डम का इस्तेमाल करना कभी ना भूलें। इसके साथ ही कॉन्डम का उपयोग कैसे करना है और फीमेल और मेल कॉन्डोम का सही तरीके से ही इस्तेमाल करें। यही एचआईवी से बचाव का सबसे जरूरी कदम है।
कम से कम सेक्स पार्टनर रखें (HIV Prevention Tip)
अपने सेक्स पार्टनर को कम से कम संख्या में रखें यानी जितना कम लोगों के साथ सेक्स करेंगे एचआईवी से बचाव बनाए रखने में मदद मिलेगी। अंजान लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाने से बचें।
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प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (PrEP) का उपयोग कर सकते हैं एचआईवी (HIV) से बचाव
प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (PrEP)का अर्थ है एचआईवी से बचाव के लिए दवा लेना। प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस एचआईवी नेगेटिव व्यक्ति की मदद एचआईवी के संक्रमण से प्रभावित होने में करता है। प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस एचआईवी से बचाव में 99 प्रतिशत मददगार साबित हो सकता है। यदि आप एचआईवी पॉजिटिव पार्टनर के साथ संबंध में हैं तो प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस(PrEP) का उपयोग कर एचआईवी से बचाव कर सकते हैं। यदि आप एचआईवी पॉजिटिव हैं तो अपने और अपने पार्टनर के स्वास्थ्य के लिए दवा लेना ना भूलें। इसके साथ ही यदि आप समलैंगिक या बायसेक्शुअल पुरुष व विषमलैंगिक पुरुष हैं तो आपके लिए PrEP का उपयोग जरूरी हो जाता है। ऐसे पुरुष या महिला जो एनल सेक्स करते हैं या सेक्स के दौरान कॉन्डम नापसंद करते हैं और कई समय से एसटीडी की समस्या से पीड़ित हों उनको एचआईवी होने का जोखिम ज्यादा हो जाता है।
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पोस्ट-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस(पीईपी)/ Post-exposure prophylaxis (PEP)
पोस्ट-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस(पीईपी) का उपयोग एचआईवी के संपर्क में आने के बाद ली जाने वाली दवा लेना होता है। यदि आप एचआईवी नेगेटिव व्यक्ति हैं लेकिन आपको आशंका है कि आप एचआईवी के संपर्क में आए हैं और आपको एचआईवी हो सकता है तो पोस्ट-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (पीईपी) आपके लिए उपयोगी हो सकता है। कॉन्डम के फटने, जबरन यौन संबंध बनाने आदि के कारण एचआईवी के संपर्क में आने की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। याद रखें कि यदि आपको आशंका है कि आप एचआईवी के संपर्क में आए हैं तो 72 घंटों के भीतर पीईपी कारगर साबित हो सकता है।
यदि आप एचआईवी पॉजिटिव (HIV Positive) हैं तो एचआईवी (HIV) से बचाव कैसे कर सकते हैं?
यदि आप एचआईवी पॉजिटिव हैं तो आपके अपने लिए एचआईवी से लड़ना और अपनों को एचआईवी से बचाना दोनों में ही आप मददगार साबित हो सकते हैं।
एंटीरेट्रोवाइरल उपचार (Antiretroviral treatment(ART))
यदि आप एचआईवी पॉजिटिव हैं तो एचआईवी की मात्रा आपके रक्त में कम हो सकती है या यूं कहें कि एचआईवी निष्क्रिय हो जाता है। यह इतना कम हो जाता है कि यह पकड़ में ही नहीं आता। यदि यह स्थिति आ जाए तो आप एचआईवी पॉजिटिव होने के बाद भी सामान्य जिंदगी जी सकते हैं। इसके साथ ही आपके अपने एचआईवी नेगेटिव पार्टनर को संक्रमित करने के चांस भी बहुत कम हो जाते हैं। एचआईवी को निष्क्रिय करने के साथ ही एआरटी सीडी 4 सेल को रिस्टोर करने में मदद करता है। सीडी 4 सेल इम्यून सिस्टम को बढ़ाते हैं। इससे शरीर बीमारियों से लड़ने में सक्षम हो पाता है।
कॉन्डोम का उपयोग
कॉन्डोम का सही तरीके से उपयोग करें और हर बार नया कॉन्डोम इस्तेमाल करें।
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सेक्स के तरीके का चुनाव
सेक्स के दौरान एचआईवी से बचाव यही है कि सबसे कम जोखिम भरी पोजिशन या तरीके को अपनाएं। जैसे ओरल सेक्स में सबसे कम जोखिम होता है और एनल सेक्स में सबसे ज्यादा।
- वर्ष में एक बार अपना और अपने पार्टनर का टेस्ट जरूर कराएं। यौन संबंधी बीमारियों का चेकअप और इलाज समय पर होना जरूरी होता है।
- आप अगर एचआईवी पॉजिटिव हैं तो दवा लेने में चूक ना करें
- प्रसव के बाद स्तनपान ना कराएं
- यदि आप एचआईवी नेगेटिव हैं और आपका पार्टनर एचआईवी पॉजिटिव है तो प्रेग्नेंसी से पहले अपने डॉक्टर से चर्चा करें
- एचआईवी की शंका हो तो एचआईवी का टेस्ट कराना ना भूलें
एचआईवी से बचाव संक्रमण से पहले और संक्रमण दोनों के बाद संभव है। यदि आपको आशंका है कि आप एचआईवी के संपर्क में आ सकते हैं तो आप प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस का उपयोग करें और यदि आप संपर्क होने की आशंका रखते हैं तो पोस्ट-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस का उपयोग करें। एचआईवी से बचाव का सबसे जरूरी तरीका है कि आप सेक्स के दौरान कॉन्डम का उपयोग करना न भूलें। साथ ही समलैंगिक यौन संचारित रोगों के लक्षणों के प्रति भी जागरूक रहें। इस विषय में अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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