आजकल भारत ही नहीं पूरी दुनिया में लोग थायरॉइड की बीमारी से पीड़ित हैं। थायरॉइड में वजन बढ़ने के साथ ही हार्मोन भी असंतुलित हो जाते हैं। एक स्टडी के मुताबिक पुरुषों की तुलना में महिलाओं को यह बीमारी दस गुना ज्यादा होती है। इसका मुख्य कारण महिलाओं में ऑटोइम्यून की समस्या का ज्यादा होना है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, थायरॉइड हार्मोन शरीर के अंगों के सामान्य कामकाज के लिए जरूरी होते हैं।
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जानें क्यों होता है थायरॉइड ? (Know why thyroid occurs?)
दरअसल, हमारे शरीर की थायरॉइड ग्रंथि गले में श्वास नली के ऊपर, वोकल कॉर्ड के दोनों ओर दो भागों में बनी होती है। यह ग्रंथि तितली के आकार की होती है और शरीर के मेटाबॉल्जिम को नियंत्रित करती है। यह ग्रंथि आयोडीन का इस्तेमाल कर कई जरूरी हार्मोन भी पैदा करती है। थायरॉक्सिन यानी टी-4 एक ऐसा ही प्रमुख हार्मोन इस ग्रंथि द्वारा बनाया जाता है। थायरॉक्सिन को खून के द्वारा शरीर की कोशिकाओं में पहुंचाने के बाद इसका कुछ हिस्सा ट्राईआयोडोथायरोनिन (Triiodothyronine) यानी टी-3 में बदला जाता है। इस ग्रंथि के ठीक से काम नहीं करने पर ये दोनों हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं, जिससे थायरॉइड की समस्या हो जाती है।
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थायरॉइड की समस्या होने पर क्या करें? (What to do if you have thyroid problems?)
- सबसे पहले थायरॉइड टेस्ट से कारणों को खोजें और उनको दूर करने का प्रयास करें।
- हानिकारक दवाओं को बंद करने की प्लानिंग करें जैसे-गर्भ निरोधक, स्टेरॉयड, नींद की दवाएं, एंटी एलर्जिक दवाएं आदि।
- बिगड़ी हुई जीवनशैली को सही करें।
- फास्ट फूड, जंक फूड, कोल्ड ड्रिंक, चॉकलेट, चीनी का सेवन बिल्कुल कम कर दें।
- योगासन करें, विशेषत: सिंह आसन, उज्जाई आसन।
- यदि हो सके तो प्राकृतिक चिकित्साओं या दवाओं की मदद लें।
- थायरॉइड की दवाई लेने में लापरवाही न करें और डॉक्टर की सलाह के बिना दवा बंद न करें।
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हाइपरथायरॉडिज्म में परहेज (Avoidance of hyperthyroidism)
इसमें थायरॉइड ग्लैंड बहुत ज्यादा सक्रिय हो जाती है। T3, T4 हार्मोन जरूरत से ज्यादा मात्रा में निकलकर ब्लड में घुलने लगते हैं। इस हालत में व्यक्ति का वजन अचानक कम हो जाता है। मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, भूख ज्यादा लगती है, ठीक से नींद नहीं आती है और स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है। डॉक्टरों की मानें तो कुछ खास चीजों को खाने से थायरॉइड (हाइपरथायरॉडिज्म) बढ़ जाता है। ऐसे में यह जान लेना जरूरी है कि हाइपरथायरॉडिज्म के दौरान किन चीजें को खाने से परहेज करना चाहिए।
आयोडीन वाला खाना: थायरॉइड ग्रंथियां हमारे शरीर से आयोडीन लेकर थायरॉइड हार्मोन पैदा करती हैं। ऐसे में अगर आप हाइपरथायरॉडिज्म से पीड़ित हैं तो आयोडीन की अधिकता वाली खाने-पीने की चीजों से दूरी बनाए रखें। सी-फूड और आयोडीन वाले नमक को पूरी तरह नजरअंदाज करें।
शुगर फूड (Sugar foods): हाइपरथायरॉडिज्म से ग्रस्त लोगों को गन्ना, हाई फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। इनमें मौजूद कैलोरी और शुगर से ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। हाई ब्लड प्रेशर, हाइपर थायरॉइड वालों के लिए परेशानी पैदा कर सकता है। सॉफ्ट ड्रिंक, पैन केक, जैम/जेली, कुकीज, केक, पेस्ट्रीज, कैंडीज आदि का सेवन न करें।
नमक (Salt): नमक से थायरॉइड ग्रंथि ज्यादा प्रभावित होती है इसलिए, हाइपरथायरॉडिज्म से ग्रसित लोगों को ज्यादा नमक का खाना नजरअंदाज करना चाहिए। समुद्री शैवाल, कैल्प और कोई सी-फूड न लें। जिन खाद्य पदार्थों में आयोडीन ज्यादा होता है, हाइपरथायरॉडिज्म से ग्रसित लोगों को ऐसो चीज का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
फैटी मिल्क (Fatty Milk): हाइपरथायरॉडिज्म में शुद्ध दूध का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसको डाइजेस्ट करना मुश्किल होता है। मलाई या क्रीम निकाला हुआ दूध लें जो कि पचाने में आसान और स्वास्थ्यकर होता है।
कॉफी (Coffee): कॉफी को भी नजरअंदाज करना चाहिए। इनसे थाइरॉक्सिन ज्यादा पैदा होता है। यदि आप पहले से ही हाइपरथायरॉडिज्म से पीड़ित हैं तो आपको कॉफी, शुगर और अन्य उत्तेजक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। इनकी बजाय आप पानी और फ्रूट जूस ले सकते हैं।
रेड मीट: रेड मीट में कोलेस्ट्रॉल और फैट की अधिकता होती है इसलिए हाइपरथायरॉडिज्म में इसका सेवन नहीं करना चाहिए। इससे दिल की बीमारियां और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा रहता है। इसकी मात्रा कम करने से हाइपरथायरॉडिज्म के लक्षण भी कम होते हैं।
एल्कोहॉल (Alcohol): एल्कोहॉल यानी शराब, बियर आदि का प्रभाव शरीर के एनर्जी लेवल पर बुरा पड़ता है। इससे थायरॉइड ग्रस्त लोगों की नींद में दिक्कत की शिकायत और बढ़ जाती है।
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थायरॉइड में क्या खाएं? (What to eat in thyroid?)
थायरॉइड में आपको अपनी डायट मे कई फूड आयटम्स शामिल करने की जरूरत हो सकती है। ऐसे ही फूड्स हैं:
ब्राजील नट
ब्राजील नट्स को सेलेनियम मिनरल का एक अच्छा सोर्स माना जाता है। साथ ही यह मिनरल इनएक्टिव थायरॉइड हॉर्मोन को एक्टिव करने में मदद कर सकता है। साथ ही ऐसा भी माना जाता है कि यह कैंसर कोशिकाओं को भी फैलने से रोकता है।
मछली (Fish)
थायरॉइड की समस्या से जुझ रहे हैं, तो आपके लिए मछली खाना फायदेमंद साबित हो सकता है। मछली में ओमेगा 3 फैटी एसिड और सेलेनियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। ओमेगा 3 फैटी एसिड एलडीएल यानि कि खराब कोलेस्ट्रॉल को खत्म करने में मदद करता है। वहां सेलेनियम आपके थायरॉइड को सुधारता है। थायरॉइड में साल्मन और टूना मछलियां खाना फायदेमंद साबित होता है।
अंडे (Egg)
अंडा आपको थायरॉइड की समस्या से निजात दिला सकता है। दिन में दो अंडे खाएं जा सकते हैं। लेकिन यह भी इस पर निर्भर करता है कि आपका बॉडी टाइप कैसा है। अगर आपका कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ है, तो आप केवल एग व्हाइट ही खाएं। अंडे से न सिर्फ आपके शरीर को ऊर्जा मिलेगी बल्कि यह आपको थायरॉइड की समस्या से भी निजात दिलाएगा।
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अलसी के बीज (Flaxseed)
अलसी के बीज में ओमेगा 3 फैटी एसिड, जिंक सेलेनियम और आयोडिन काफी मात्रा में पाया जाता है। ये सब मिलकर आपको कई बीमारियों से बचाता है। आयोडीन की कमी से होने वाली बीमारियों में अलसी के बीज खास काम आते हैं। अलसी के बीज को स्मूदी और शेक में डालकर पी सकते हैं। इसके अलावा इनका उपयोग खाना बनाने में किया जा सकता है।
हाइपरथायरॉडिज्म में हरी सब्जियां, साबुत अनाज, ब्राउन ब्रेड, ऑलिव ऑइल, लेमन, हर्बल और ग्रीन टी, अखरोट, जामुन, स्ट्रॉबेरी, गाजर, हरी मिर्च, शहद, आयोडीन और फाइबर युक्त भोजन को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए जो थायरॉइड के स्तर को नियंत्रित करते हैं। इन चीजों के खाने से थायरॉइड का स्तर सही बना रहता है। वहीं हाइपोथायरॉडिज्म की स्थिति में हाइपरथायरॉइड से ठीक उलट चीजें अपनानी चाहिए।
अगर आपको अपनी समस्या को लेकर कोई सवाल है, तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लेना न भूलें। उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और थायरॉइड से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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