थ्रोम्बोसाइटोपेनिया क्या है?
किसी कारण जैसे चोट लगने की वजह से शरीर से होने वाले ब्लीडिंग को रोकने में थ्रोम्बोसाइट्स या प्लेटलेटस मदद करते हैं। थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (Thrombocytopenia) का मतलब है खून में प्लेटलेट्स की कमी होना। ऐसा स्वास्थ्य समस्या या कुछ दवाओं के प्रभाव की वजह से भी हो सकती है। थ्रोम्बोसाइटोपेनिया का इलाज संभव है। इस बीमारी में प्लेटलेट्स कम होने पर लक्षण दिखाई दे सकते हैं। कुछ मामलों में प्लेटलेट्स की कम होने की वजह से इंटरनल ब्लीडिंग भी हो सकती है।
कितना सामान्य है थ्रोम्बोसाइटोपेनिया? (Thrombocytopenia)
यह किसी को भी हो सकता है। ज्यादा जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करना बेहतर होगा।
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थ्रोम्बोसाइटोपेनिया के लक्षण क्या हैं?
कुछ संभावित लक्षण: (Symptoms of Thrombocytopenia)
- घाव होने पर खून नहीं रूकना
- हाइव्ज
- नाक या मसूढ़े से ब्लीडिंग
- रेक्टम से ब्लीडिंग होना
- स्टूल या यूरिन से ब्लड आना
- थकावट महसूस होना
ज्यादा गंभीर स्थिति में इंटरनल ब्लीडिंग होना
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इंटरनल ब्लीडिंग के लक्षण
- यूरिन में ब्लड आना
- स्टूल में ब्लड आना
- उल्टी के दौरान ब्लड आना
कुछ ऐसे भी कारण हो सकते हैं जो ऊपर नहीं बताए गए हों। लेकिन, अगर आपको इन लक्षणों के अलावा कोई और लक्षण भी नजर आते हैं तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
हमें डॉक्टर से कब मिलना चाहिए?
अगर आपको ऊपर बताए गए लक्षण या कोई और लक्षण महसूस होते हैं तो आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए। क्योंकि हर व्यक्ति के शरीर की बनावट अलग होती है। इसलिए बेहतर होगा की आप डॉक्टर से संर्पक करें।
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किन कारणों से होता है थ्रोम्बोसाइटोपेनिया?
ब्लड रिलेशन या मेडिकल प्रॉब्लम की वजह से थ्रोम्बोसाइटोपेनिया हो सकता है।
बोन मेरो प्रॉब्लम होने की वजह से प्लेटलेट्स की संख्या कम हो सकती है। कुछ निम्नलिखित हेल्थ कंडीशन की वजह से भी ऐसा हो सकता है:
- ल्यूकेमिया
- एनीमिया
- कीमोथेरिपी ड्रग्स
- विटामिन-बी 12, फोलेट या आयरन की कमी
- सिरोसिस
- इस बीमारी के कारण स्प्लीन के कार्य पर प्रभाव पड़ता है, जैसे इंफेक्शन से लड़ना, हानिकारक तत्वों को पहचानना। स्प्लीन के बड़े होने के कारण यह ज्यादा प्लेटलेट्स को पकड़ कर रखता है और साथ ही ब्लड से प्लेटलेट्स की मात्रा कम होती है।
हेल्थ से जुड़ी परेशानी की वजह से प्लेटलेट्स कम हो सकते हैं, जैसे:
- प्रेग्नेंसी के दौरान थ्रोम्बोसाइटोपेनिया की समस्या हो सकती है लेकिन, बच्चे के जन्म के बाद ठीक हो सकती है।
- इम्यून थ्रोम्बोसाइटोपेनिया ऑटोइम्यून सिस्टम डिसऑर्डर की वजह से हो सकता है।
- बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से थ्रोम्बोसाइटोपेनिया की परेशानी हो सकती है।
- थ्रोम्बोटिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिया परप्युरा (Thrombotic thrombocytopenia purpura) एक दुर्लभ स्थिति है जो छोटे रक्त के थक्के के गठन में वृद्धि और प्लेटलेट्स के बढ़ने की वजह से होता है।
- हेमोलिटिक यूरीमिक सिंड्रोम एक दुर्लभ स्थिति है जो आमतौर पर बैक्टीरियल ई.कोली इंफेक्शन के कारण होता है।
- कुछ दवाएं कभी-कभी प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करती हैं और प्लेटलेट्स की संख्या को कम करती हैं, जैसे हेपरिन, सल्फा युक्त एंटी-बायोटिक।
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किन कारणों से बढ़ता है थ्रोम्बोसाइटोपेनिया?
निम्नलिखित कारणों से इसका खतरा बढ़ सकता है, जैसे:
- कुछ हेल्थ प्रॉब्लम जैसे कैंसर, अप्लास्टिक एनीमिया या ऑटोइम्यून सिस्टम
- टॉक्सिक केमिकलस के संपर्क में ज्यादा आना
- कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट
- वायरल इंफेक्शन
- हरेडिटी
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समझें निदान और उपचार
दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। ज्यादा जानकारी के लिए बेहतर होगा की आप अपने चिकित्सक से संपर्क करें।
थ्रोम्बोसाइटोपेनिया का इलाज (Treatment of thrombocytopenia) कैसे किया जाता है
- डॉक्टर आपसे किसी भी चोट या पित्ती का पता लगाने के लिए पहले आपके शरीर की जांच करेंगे जो बॉडी चेकअप की मदद से समझे की कोशिश करेंगे जो थ्रोम्बोसाइटोपेनिया का लक्षण हो सकता है। डॉक्टर बीमारी से जुड़ी फैमिली हिस्ट्री और दवा जिसका सेवन आपने किया हो यह भी पूछ सकते हैं।
- डॉक्टर आपका कम्लीट ब्लड टेस्ट (CBC) करेंगे। CBC की मदद से ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स की जानकारी आसानी से मिल जाती है। जरूरत पड़ने पर ब्लड क्लॉटिंग टेस्ट भी किया जा सकता है।
- शरीर में बढे़ हुए स्प्लीन को डॉक्टर साउंड वेव की मदद से देख सकते हैं।
- बोन मैरो बायोप्सी से बीमारी को आसानी से समझा जा सकता है।
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थ्रोम्बोसाइटोपेनिया का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment of thrombocytopenia)
निम्नलिखत कारणों पर इलाज किया जाता है। अगर थ्रोम्बोसाइटोपेनिया किसी बीमारी या दवा की वजह से है, तो स्थिति को समझते हुए इलाज किया जायेगा। यदि प्लेटलेट काउंट कम है जो गंभीर समस्या हो सकती है। ऐसे में आपको कुछ चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता हो सकती है:
- प्लेटलेट्स की कम होने के कारण ब्लड या प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन किया जा सकता है।
- प्लेटलेट एंटीबॉडी को ब्लॉक करने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली, कॉर्टिकोइड्स को कम करने की दवाएं दी जा सकती हैं।
- यदि आवश्यक हो तो स्प्लीन को हटाने के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
घरेलू उपचार और जीवनशैली में बदलाव
निम्नलिखित जीवनशैली और घरेलू उपचार आपको थ्रोम्बोसाइटोपेनिया से निपटने में मदद कर सकते हैं:
- किसी भी गतिविधि या खेल से चोट लगने से बचें।
- शराब का उपयोग सीमित करें।
- हानिकारक दुष्प्रभावों से बचने के लिए ओवर-द-काउंटर दवाओं से सावधान रहें।
- वीटग्रास को प्लेटलेट काउंट बढ़ाने के लिए प्रभावी उपाय माना जाता है। वीटग्रास में क्लोरोफिल की भरपूर मात्रा होती है। क्लोरोफिल की मॉलिक्यूलर संरचना मानव रक्त में मौजूद हीमोग्लोबिन के अणु के करीब होती है। बस आधा कप के सेवन से ये बहुत ही लाभकारी असर दिखाता है।
- अनार प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए एक और बेहतरीन फल है जिसे आप बिना किसी हिचकिचाहट खा सकते हैं। अनार में प्लेटलेट काउंट बढ़ाने के लिए आवश्यक खनिज पदार्थ मौजूद है। इसके अलावा अनार के बीज में आयरन भी मिलता है, जो शरीर में आयरन की कमी को पूरा करता है।
इस आर्टिकल में हमने आपको थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (Thrombocytopenia) से संबंधित जरूरी बातों को बताने की कोशिश की है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस बीमारी से जुड़े किसी अन्य सवाल का जवाब जानना है, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे। अपना ध्यान रखिए और स्वस्थ रहिए।
अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।