नेटफ्लिक्स,अमेजॉन प्राइम ने ऑनलाइन वीडियो देखने का रंग-रूप ही बदल दिया है। पलक झपकते ही विभिन्न प्रकार की मूवी और सीरीज आपकी नजरों के सामने होती हैं। इसलिए ज्यादातर लोग अब टीवी या मोबाइल पर आंखें गढ़ाए बैठे रहते हैं। पर क्या आप यह जानते हैं कि आपके ऑनलाइन वीडियो देखने का यह शौक पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है? जी हां यह सच है। एक रिपोर्ट में पाया गया है कि नेटफ्लिक्स पर आधे घंटे की फिल्म देखने से करीब 1.6 किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड वातावरण में फैलती है। शरीर के लिए कार्बन डाइऑक्साइड नुकसानदायक होती है। अगर शरीर में अधिक मात्रा में कार्बन डाईऑक्साइज पहुंच जाए तो व्यक्ति में अनेक बीमारियां भी हो सकती हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए कि कैसे वीडियो स्ट्रीमिंग से CO2 उत्सर्जन हो रहा है और कार्बन डाईऑक्साइड के नुकसान क्या हैं?
कार्बन डाइऑक्साइड से नुकसान: सर्फिंग कैसे पहुंचा रहा है पर्यावरण को नुकसान?
फ्रांस के थिंक टैंक द शिफ्ट प्रोजेक्ट के मैक्सिम एफू-हेस्स ने बताया कि पिछले साल ऑनलाइन वीडियो स्ट्रीमिंग से स्पेन के बराबर कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन हुआ था। अगले छह वर्षों में इसके दोगुना होने की आशंका है। 34 फीसदी लाइव वीडियो स्ट्रीमिंग नेटफ्लिक्स, एमैजॉन प्राइम और हुलू और ऑनलाइन पॉर्न देखने से हो रहा है। ग्रीनपीस के गैरी कूक ने बताया कि डिजिटल वीडियो का साइज काफी बड़ा होता है। हाई डेफिनेशन वीडियो के साथ यह साइज और भी बढ़ता जा रहा है। ज्यादा डाटा का मतलब है कि सिस्टम को मेंटेन करने के लिए ज्यादा एनर्जी की जरूरत है। वहीं सर्विस अच्छी देने के लिए डाटा सेंटर ज्यादा एनर्जी कंज्यूम करता है। नेचर में प्रकाशित आर्टिकल के मुताबिक यह सेंटर 0.3 प्रतिशत कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ता है। कुल मिलाकर कहा जाए तो पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है। इससे कई सारी बीमारियों जैसे हार्ट अटैक, स्ट्रोक की समस्या और अस्थमा का खतरा बढ़ जाता है।