बेसिक्स को जाने
रेटिकुलोसाइट टेस्ट (Reticulocyte Test) क्या है ?
रेटिकुलोसाइट टेस्ट आपके ब्लड में रेटिकुलोसाइट्स की संख्या को मापता है। इस टेस्ट को रेटिकुलोसाइट इंडेक्स और रेटिक काउंट भी कहा जाता है। रेटिकुलोसाइट्स अपरिपक्व रेड ब्लड सेल्स हैं जो अभी भी विकसित हो रही हैं। टेस्ट से पता चलता है कि क्या आपकी हड्डियों के अंदर पाया जाने वाला मज्जा या मैरो, रेड ब्लड सेल्स को सही प्रकार से बना रहा है या नहीं ।
इस टेस्ट से डॉक्टर यह पता लगाते हैं कि क्या आपको ऐसी कोई बीमारी तो नहीं है जो आपके रक्त को प्रभावित करती है। जैसे हेनोलिटिक एनीमिया- यह एक आसी स्थिति है जिसमें लाल रक्त कोशिकाएं तेजी से नष्ट हो जाती हैं।
हमारे पूरे शरीर के ब्लड प्रवाह में रेड ब्लड सेल्स दौड़ती रहती है । उनका काम ताजा ऑक्सीजन को शरीर मे लाना और कार्बन डाइऑक्साइड को दूर करना होता है । यदि आपका शरीर पर्याप्त मात्रा में रेड ब्लड सेल्स को नहीं बनाता है, तो आपको एनीमिया नामक बीमारी का खतरा हो सकता है ।
शरीर में पर्याप्त आयरन की कमी के कारण आपको एनीमिया हो सकता है । आयरन की कमी को एनीमिया कहा जाता है। यदि आपको किडनी की या ब्लड की कोई बीमारी जैसे थैलेसेमिया हैं, तो ये आपके शरीर द्वारा रेड ब्लड सेल्स को बनाने की क्षमता को प्रभावित करता है ।
यदि आपकी लाल रक्त कोशिका की संख्या बहुत कम या बहुत अधिक है, तो आपका शरीर अधिक या कम रेटिकुलोसाइट का उत्पादन और विमोचन करके एक बेहतर संतुलन प्राप्त करने की कोशिश करेगा। रेटिकुलोसाइट काउंट आपके डॉक्टर को कई मेडिकल कंडिशन जैसे एनीमिया और बोन मैरो फेलियर को डायग्नोज में मदद करता है।
रेटिकुलोसाइट टेस्ट एनीमिया का निदान करने और यह पता लगाने के लिए किया जा सकता है कि आपको ये बीमारी क्यों है। रेटिकुलोसाइट टेस्ट यह निर्धारित करने में भी मदद कर सकता है कि बीमारी कितनी गंभीर है। टेस्ट के मदद से ये पता लगाया जाता है कि आपका बोनमेरो कैसा काम कर रहा है ।
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रेटिकुलोसाइट टेस्ट (Reticulocyte Test) क्यों कराया जाता है ?
मुझे इस टेस्ट की क्यों जरूरत है ?
यदि आपके डॉक्टर को संदेह है कि आपको एनीमिया है तो आपको इस टेस्ट की जरूरत पड़ सकती है।
एनीमिया के लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:
- कमजोरी और थकावट
- सिर दर्द, सांस लेने में दिक्कत, या छाती दर्द
- जीभ में सूजन
- बढ़ा हुआ प्लीहा
- हाथ पैरों में ठंड या सुन्न महसूस करना
- अक्सर बीमार रहना
- गैर-खाद्य पदार्थों को उत्पन्न होना , जैसे कि गंदगी या स्टार्च, जो कि पिका नामक एक स्थिति है
यदि आपको बोन मैरो फेलियर की परेशानी है तो इस स्थिति में भी आपका डॉक्टर आपको यह टेस्ट रिकमेंड कर सकता है।
यदि आप कीमेथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, बोन मैरो ट्रांसप्लांट या आयरन की कमी से ग्रसित है तो भी आपकी हेल्थ और दवाओं के असर को मोनिटर करने के लिए डॉक्टर यह टेस्ट कराने के लिए कह सकते हैं।
मुझे इस टेस्ट के अलावा दूसरे कौन से टेस्ट कराने पड़ सकते है?
आपका डॉक्टर दूसरे टेस्ट कराने के निर्देश दे सकता है, जिनमें शामिल हैं:
- आपको सीबीसी टेस्ट कराने को कहा जा सकता है । ये टेस्ट ब्लड में अन्य पदार्थों को मापने के लिए किया जाता है जैसे, हेमटोक्रिट, वाइट ब्लड सेल्स, प्लेटलेट्स और हीमोग्लोबिन शामिल हैं।
- ब्लड में आयरन की मात्रा को मापने के लिए ब्लड टेस्ट
- आपके ब्लड में थायरॉयड हार्मोन और हार्मोन के लेवल को मापने के लिए टेस्ट
- इंटर्नल ब्लीडिंग की जांच के लिए फेकल ओकल्ट टेस्ट
बच्चों के ब्लड में लेड के लेवल को मापने के लिए टेस्ट हो सकते हैं।
यह टेस्ट कैसे किया जाता है?
लैब अटेंडेंट ब्लड सैंपल लेने से पहले इंजेक्ट साइड को एंटीसेप्टिक से साफ करेगा । वह आपकी बांह को एक इलास्टिक बैंड से बांध देगा जिससे आपकी नसे फूल जाएगी और उनमें खून भर जाएगा। इसके बाद नसों में एक सुई इंजेक्ट करके उसे जुड़ी एक ट्यूब में ब्लड सैंपल ले लेगा । सुई इंजेक्ट करते समय आपको हल्का दर्द हो सकता है
जरूरत के हिसाब से ब्लड सैंपल लेने के बाद अटेंडेंट सुई निकाल देगा और इंजेक्ट साइड पे बैंडेज लगा देगा। आगे ब्लड सैंपल को जांच के लिए लैब में भेज दिया जाएगा। आगे आपके टेस्ट रिजल्ट के विषय मे डॉक्टर आपसे बात करेगा ।
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जानने योग्य बातें
रेटिकुलोसाइट टेस्ट कराने से पहले ये बातें भी जान लें
टेस्ट कराने में मामूली जोखिम होता हैं। इंजेक्शन इंजेक्ट करते समय आपको कुछ दर्द महसूस हो सकता है ।
टेस्ट के दौरान इंफैक्शन या चोट लगने की बहुत कम संभावना है। कुछ लोगों को ब्लड टेस्ट के बाद थोड़ा हल्कापन महसूस होता ।
- अपने डॉक्टर को उन सभी दवाओं के बारे बे बताए जो आप वर्तमान में ले रहे है जैसे, एंटीबायोटिक, हर्बल, विटामिन, और सप्लीमेंट।
- इसके साथ साथ उन दवाओं के बारे में भी डॉक्टर को सूचित करें जो आप बिना प्रिस्क्रिप्शन के ले रहे है ।
- ये बेहद जरूरी है कि टेस्ट से पहले डॉक्टर को आपकी सभी दवाओं और उनकी खुराक के बारे में पता हो।
दवाएं आपके टेस्ट रिजल्ट को प्रभावित कर सकती है ।
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रिजल्ट को समझें
मेरे परीक्षा परिणामों का क्या मतलब है?
परिणाम प्रतिशत के रूप में दिए गए हैं। ब्लड में रेटिकुलोसाइट्स का सामान्य स्तर 0.5% और 2% के बीच है। यदि आपका परिणाम 4% या अधिक है, तो आपको एनीमिया हो सकता है।
आपकी आयु, सेक्स, हेल्थ हिस्ट्री, टेस्ट करने दौरान उपयोग की जाने वाली विधि और अन्य चीजों के आधार पर टेस्ट रिजल्ट भी अलग अलग हो सकते हैं। अपने टेस्ट रिजल्ट के विषय मे बेहतर जानकारी और समझ के लिए अपने डॉक्टर से बात करे ।
हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में रेटिकुलोसाइट टेस्ट से जुड़ी ज्यादातर जानकारियां देने की कोशिश की है, जो आपके काफी काम आ सकती हैं। रेटिकुलोसाइट टेस्ट से जुड़ी यदि आप अन्य जानकारी चाहते हैं तो आप हमसे कमेंट कर पूछ सकते हैं। आपको हमारा यह लेख कैसा लगा यह भी आप हमें कमेंट सेक्शन में बता सकते हैं।
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हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई मेडिकल जानकारी नहीं दे रहा है।
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