हैवी मशीन को ऑपरेट करने वाले किसी भी व्यक्ति के साथ वर्कप्लेस इंजरी हो सकती है। यह गर्म हो चुके इक्विपमेंट, कंस्ट्रक्शन करने वाले इक्विपमेंट के साथ बेहद कॉमन है। फैक्ट्रीज में मशीनरी का इस्तेमाल करते हुए हाथ कट जाना, आंखों में कुछ कैमिकल जाने से ब्लाइंडनेस या फ्लाइंग ऑब्जेक्ट (Flying object) की वजह से चोट लग जाने की खबर हम सुनते रहते हैं। बॉडी पार्ट के मशीन में स्टक हो जाने से गंभीर इंजरी हो सकती है। ऐसा प्रोटेक्टिव सेफगार्ड (Protective Safeguard) ना होने के चलते होता है।
वर्कप्लेस पर होने वाली इंजरी से बचने के उपाय
मशीन से होने वाली इंजरीज से बचने के लिए मशीन के किसी भी पार्ट, फंक्शन जो इंजरी का कारण बन सकता है उसको सेफगार्ड (Safeguard)) करना चाहिए। इसके साथ ही मशीन को ऑपरेट करने के लिए प्रॉपर ऑपरेटर ट्रेनिंग देनी चाहिए। एक्सीडेंट से सुरक्षा करने वाले कपड़े भी दिए जाने चाहिए।
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3.व्हीकल रिलेटेड एक्सीडेंट (Vehicle Related Accidents)
जहां एक साथ बहुत सारे व्हीकल होते हैं वहां दुर्घटना होने की संभावना रहती है। एक चलते हुए व्हीकल से टकरा जाना, किसी व्हीकल से गिर जाना या गाड़ी के नीचे दब जाना। ऐसा वर्कप्लेस पार्किंग एरिया या ऑफिस के आसपास की सड़कों पर भी हो सकता है। इन इंजरीज से बचने और इनकी रोकथाम के लिए यह पता लगाना जरूरी है कि ये दुर्घटनाएं आमतौर पर कब और कहां होती हैं। साथ ही यह भी पता लगाना होगा कि क्या किसी एक के साथ ये दुर्घटनाएं ज्यादा हो रही हैं।
वर्कप्लेस पर होने वाली इंजरी से बचने के उपाय
एम्प्लॉयर वर्कप्लेस डिजाइन को फॉलो करें। सुनिश्चित करें कि सभी ले आउट रूट पैदल चलने वालों और व्हीकल से चलने वालों के लिए अलग-अलग रहें। डायरेक्शन, स्पीड लिमिट निर्देश भी इससे बचने में मददगार हो सकते हैं।
4.आग लगने के कारण होने वाली इंजरीज (Fire And Explosions)
वर्कप्लेस पर आग लगने का कारण गैस लीकेज, अनुचित रूप से रखा गया आग पकड़ने वाला मटेरियल या जलती हुई आग हो सकती है। आग लगने के कारण होने वाली इंजरी रेस्पिरेटरी सिस्टम को भी डैमेज कर सकती है। साथ ही इनकी वजह से थर्ड डिग्री बर्न भी हो सकता है। इस प्रकार की दुर्घटना के साथ आमतौर पर चोटों के 3 प्रकार होते हैं:
प्राइमरी ब्लास्ट (Primary blast)- ऐसा तब होता है जब बॉडी के टिशूज पर प्रेशर पड़ता है। इससे कान, फेफड़े और जीआई ट्रेक्ट (GI Tract) प्रभावित हो सकता है।
सेकेंड्री ब्लास्ट (secondary blast)- ऐसा तब होता है जब फ्लाइंग ऑब्जेक्ट्स वर्कर्स के पास आ जाते हैं।