धूम्रपान छोड़ने से कुछ समय के लिए ही सही, लेकिन समस्याएं हो सकती हैं। खासकर उन लोगों के लिए जो कई वर्षों से बहुत अधिक धूम्रपान करते रहे हैं। इन समस्याओं के चलते आपका झुकाव दोबारा धूम्रपान की तरफ हो सकता है या आप धूम्रपान छोड़ने से अवसाद (Depression after quitting smoke) ग्रस्त भी हो सकते हैं।दरअसल लत चाहे कोई भी हो, उसे छोड़ना बहुत मुश्किल होता है। ऐसे में अगर हम बात करें धूम्रपान कि तो यह लत छोड़ पाना एक बहुत ही मुश्किल कार्य है। जो लोग इसे छोड़ने के प्रयास करते हैं, उन्हें अवसाद का सामना करना पड़ता है। यदि कोई व्यक्ति अपनी धूम्रपान की लत छोड़ देता है, तो उसके आगे का जीवन उसके लिए किसी पुनर्जन्म से कम नहीं है।
अध्ययनों से पता चला है कि धूम्रपान छोड़ देने पर उनमें क्रोध, चिंता या अवसाद जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। जिसके कारण धूम्रपान दोबारा शुरू करने की सम्भावना रहती है। इसके निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं।
- निकोटीन क्रेविंग का होना (निकोटीन तम्बाकू में पाया जानेवाला वो तत्व है जो लत का कारण बनता है)
- सिरदर्द (Headache)
- क्रोध, निराशा और चिड़चिड़ापन
- चिंता
- सपने आना
- डिप्रेशन (Depression)
- चक्कर आना
- वजन बढ़ना
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धूम्रपान छोड़ने पर कब-कब होती है सबसे अधिक क्रेविंग?
जब आप धूम्रपान छोड़ने की कोशिश करते हैं, तो ऐसे में निकोटीन की क्रेविंग होना बहुत आम बात है। कई बार यही आपकी क्रेविंग तेज हो जाती है। उस समय अपनी क्रेविंग को कंट्रोल करना बहुत ज्यादा मुश्किल हो जाता है। आइए जानते हैं ऐसा कब-कब हो सकता है।
- जब आप धूम्रपान करने वालों के आसपास हों
- कॉफी या चाय पीते समय
- स्वादिष्ट भोजन करते समय
- दिन की शुरुआत में
- जब परेशान हों
- जब अकेले होते हों
- जब ड्राइव कर रहे हों
- एल्कोहॉल ले रहे हों
धूम्रपान से जुड़ी अपनी कमजोरी को जान कर आप अपनी क्रेविंग को कम कर सकते हैं। ये जानकर आपको स्वंय को नियंत्रण में रखने में मदद मिलती है, क्योंकि आप उनसे बचने की कोशिश करते हैं या अपने आपको इन चीजों से हटाकर किसी और कार्य में व्यस्त रख सकते हैं।
मैं निकोटीन क्रेविंग के बारे में क्या कर सकता हूं?
जब आप धूम्रपान छोड़ते हैं, तो आपको अपने शरीर में एक निश्चित स्तर में निकोटीन होने की आदत होती है। आपकी क्रेविंग आपके धूम्रपान करने की आदत पर निर्भर करती है। उदाहरण के लिए आप कितना स्मोक करते थे, कितनी गहराई तक स्मोक इनहेल करते थे, कितना निकोटीन लेते थे, इत्यादि। जब आप धूम्रपान छोड़ते हैं तो आपके शरीर में निकोटीन लेने की इच्छा अपने आप ही विकसित हो जाती है। इसके अलावा जब आप लोगों को धूम्रपान करते हुए देखते हैं, तो आपको निकोटीन की क्रेविंग हो सकती है।
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धूम्रपान करने की चाह आपके अंदर आएगी और जाएगी आपको अपना कंट्रोल खोना नहीं है। जब आप धूम्रपान करते हैं, तो आमतौर पर उसके दो घंटे, एक दिन, कुछ दिन या एक हफ्ते तक उसकी क्रेविंग हो सकती है। जैसे-जैसे दिन बीतेंगे आपकी क्रेविंग अपने आप ही कम हो जाएगी।
मैं अपनी क्रेविंग को कैसे कम करूं?
- अपने आप को केवल यह समझाने की कोशिश करें कि वो समय पीछे जा चुका है। अब एक नई शुरूआत करनी है।
- उन स्थितियों और गतिविधियों से बचें, जो आपको धूम्रपान की याद दिलाती है या उससे जुड़ी हुई है।
- धूम्रपान के विकल्प के रूप में गाजर, अचार, सेब, अजवाइन, चीनी रहित गोंद या हार्ड कैंडी को चबाने की कोशिश करें। ज्यादा से ज्यादा समय तक अपने मुंह को व्यस्त रखने से धूम्रपान करने से खुद को रोका जा सकता है।
इस व्यायाम को जरूर आजमाएं
- अपनी नाक से गहरी सांस लें और अपने मुंह से धीरे-धीरे बाहर निकालें। इस क्रिया को 10 बार दोहराएं।
- राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (NCI) की तंबाकू नियंत्रण अनुसंधान शाखा द्वारा बनाई गई वेबसाइट ‘Smokefree.gov’ पर ऑनलाइन जाएं, और क्रेविंग के प्रबंधन के लिए अन्य तरीकों के बारे में जानने की कोशिश करें।
- अपने डॉक्टर से निकोटीन रिप्लेसमेंट उत्पादों या अन्य दवाओं के बारे में पूछें।
स्मोकिंग छोड़ने के बाद डिप्रेशन को कैसे कम करूं?
पहली बार धूम्रपान छोड़ने के बाद कुछ समय के लिए दुखी महसूस करना सामान्य बात है। यदि आपको अवसाद होता है, तो यह आमतौर पर पहले दिन के भीतर शुरू होगा। लेकिन पहले कुछ हफ्तों तक या एक महीने के भीतर अवसाद समाप्त हो जाएगा। यदि किसी व्यक्ति को पहले से अवसाद है, तो यह दौर उसके लिए बहुत मुश्किल हो सकता है। क्योंकि ऐसे लोगों में धूम्रपान की आदत दोबारा लगने की गुंजाईश अधिक होती है। जिन लोगों को अवसाद जैसी कोई समस्या पहले कभी नहीं रही है, उन्हें घबराने की आवश्यकता नहीं है। उन लोगों में अवसाद होने की संभावना बहुत कम होती है। आइए जानते हैं अवसाद को रोकने के लिए कुछ उपाय।
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- अपने किसी दोस्त को घर बुलाएं जो धूम्रपान न करता हो। उसके साथ लंच का प्लान बनाए, फिल्म देखें या वो करें जो आप दोनों को व्यस्त और खुश रख सके।
- अब अपने अंदर के उस इमोशन को जानें जिसके कारण आप उदास हैं। जैसे-क्या आप वास्तव में थका हुआ, अकेला, बोर या भूखा महसूस कर रहे हैं? जब आपको वह कारण मिल जाए, तो उन्हें ठीक करने के लिए पता लगाएं आपको क्या चाहिए।
- शारीरिक गतिविधि बढ़ाने की कोशिश करें। यह आपके मूड को बेहतर बनाने और आपके अवसाद को ठीक करने में मदद करता है।
- जब भी दिमाग में गलत ख्याल आए तो एक गहरी सांस लें।
- उन चीजों की एक सूची बनाएं, जो आपको परेशान कर रही हैं। उसके नीचे उसके सॉल्यूशन भी लिखें।
- यदि अवसाद 1 महीने से अधिक समय तक रहता है, तो अपने चिकित्सक से बात करें।
- अपने चिकित्सक से उन दवाओं के बारे में पूछें, जो अवसाद में आपकी मदद कर सकती हैं। अध्ययन बताते हैं कि ब्यूप्रोपिओन और नोर्ट्रिप्टीलीन अवसाद में लोगों की मदद कर सकते हैं, जो धूम्रपान छोड़ने की कोशिश करते हैं।
उपर दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। इसलिए किसी भी दवा या सप्लिमेंट का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें। हैलो स्वास्थ्य किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार प्रदान नहीं करता है।
स्मोकिंग और डिप्रेशन का है कुछ ऐसा तालमेल
जब आप धूम्रपान छोड़ते हैं तो हर छोटी-छोटी बात पर आपको गुस्सा आने लगता है। आप बहुत इर्रिटेट हो जाते हैं और हर तरह से हताश महसूस करने लगते हैं। ऐसे में आप किसी का कहा नहीं सुनते और हर छोटी बात पर बहस करने लगते हैं। अध्ययन में पाया गया है कि धूम्रपान छोड़ने से जुड़ा सबसे आम नकारात्मक इमोशन गुस्सा, इर्रिटेशन और फ्रस्ट्रेशन है। यह छोड़ने के एक सप्ताह के भीतर ये नकारात्मक भावनाएं अपने चरम पर होती हैं और कम से कम दो से चार सप्ताह तक रह सकती हैं। तो आइए जानते हैं धूम्रपान छोड़ने का निर्णय लेने के बाद इन भावनाओं से कैसे निपटा जा सकता है।
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- सबसे पहले तो अपने आप को याद दिलाएं कि ये भावनाएं केवल कुछ ही समय के लिए हैं।
- जितना अधिक हो सके शारीरिक गतिविधि में व्यस्त रहें, जैसे टहलना, वर्कआउट करना आदि।
- अपने आहार में कॉफी, सोडा और चाय को सीमित करें या सीधे तौर पर कहे तो कैफीन को कम करें।
- आप मेडिटेशन (Meditation) या आराम करने के लिए कुछ तरीके अपना सकते हैं जिसमें योग, मालिश, गर्म पानी से नहाना आदि शामिल है।
- अपने डॉक्टर से निकोटीन प्रतिस्थापन उत्पादों या अन्य दवाओं के बारे में पूछें।
उपर दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। इसलिए किसी भी उपाय,दवा या सप्लिमेंट का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।
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