बदलते वक्त के साथ-साथ हम सभी की कई आदतें भी बदल चुकी हैं। इन आदतों में कुछ हेल्दी तो कुछ अनहेल्दी आदतें भी शामिल हैं। वैसे कहते हैं कि वक्त के साथ बदलाव भी जरूरी है। लेकिन, जीवन में बदलाव अगर पॉजिटिव हो, तो बेहतर माना जाता है। पॉजिटिव बदलाव का अर्थ है आपके खाने-पीने की आदतों से लेकर आपका डेली रूटीन में अच्छे बदलाव। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) के अनुसार न्यूट्रिशन यानी पौष्टिक आहार में कमी डिप्रेशन (Depression) का एक अहम कारण माना जाता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार डिप्रेशन (अवसाद) एक सामान्य बीमारी है। डिप्रेस्ड व्यक्ति अक्सर उदास रहता है, अपने डेली रूटीन को ठीक तरह से फॉलो नहीं कर पाता है। पूरे विश्व में चार में से एक व्यक्ति में किसी न किसी कारण से डिप्रेशन के लक्षण देखे जा सकते हैं। वहीं कुछ आंकड़ों की मानें तो, विश्वभर में तकरीबन 300 मिलियन लोग डिप्रेशन के शिकार हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि हर साल काफी संख्या में लोग डिप्रेशन के कारण आत्महत्या कर लेते हैं और यह आंकड़े बढ़ते ही जा रहें हैं। ऐसे में यह समझना बेहद जरूरी है कि डिप्रेशन का इलाज क्या है?
[mc4wp_form id=’183492″]
और पढ़ें: मानसिक मंदता (Mental Retardation) के कारण, लक्षण और निदान
क्या दवाओं के बिना सच में किया जा सकता है डिप्रेशन का इलाज?
29 साल की सीमा चतुर्वेदी पेशे से लेखिका हैं और किसी कारण वो भी डिप्रेशन की शिकार थीं। सीमा से जब हैलो स्वास्थ्य की टीम ने डिप्रेशन से जुड़े सवाल किये, तो उनका कहना था “मैं साल 2018 में डिप्रेशन की शिकार हुई। मुझे काफी घबराहट महसूस होने लगी थी। लेकिन, मैं समझ नहीं पा रही थी कि मेरी परेशानी क्या है। डॉक्टर से मिलने पर मुझे पता चला कि मैं डिप्रेशन से पीड़ित हूं। वजह जो भी रही हो, मैंने डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देश का पालन शुरू किया और आपने खान-पान में हेल्दी बदलाव लाकर मैं अब बिलकुल ठीक हूं। मैं अपने बिजी शेड्यूल से रोजाना वक्त निकाल कर हेल्दी खाना खाती हूं और योग करती हूं।’
डिप्रेशन का इलाज मेडिकेशन के अलावा कैसे करना चाहिए? यह जानने से पहले डिप्रेशन के लक्षणों को समझना आवश्यक है।
डिप्रेशन (Depression) के लक्षण क्या है?
हर किसी में डिप्रेशन के लक्षण अलग तरह के हो सकते हैं। जैसे, बहुत ज्यादा सोना या फिर किसी को भूख न लगने की समस्या हो सकती है। इसके अलावा, डिप्रेशन के अन्य कई लक्षण हो सकते हैं। इन लक्षणों को आप समझें और अनदेखा न करें। जानिए क्या हैं वो लक्षण :
- किसी भी काम में ध्यान नहीं लगा पाना। ऐसे में आप चाहकर भी किसी काम में मन नहीं लगा पाते हैं।
- उदास रहना अकेलापन महसूस करना। फिर चाहे आपके आसपास कितने ही लोग क्यों न हों।
- ऐसा महसूस होना कि भविष्य अच्छा नहीं है। ये लक्षण भी डिप्रेशन के लक्षण हो सकते है।
- बेचैनी महसूस होना भी डिप्रेशन के लक्षणों में से एक है।
- सेक्स में दिलचस्पी खोना भी डिप्रेशन के लक्षण हो सकते हैं।
- गंभीर डिप्रेशन में सुइसाइड के विचार आते हैं। कई लोग तो डिप्रेशन के कारण सुइसाइड कर भी चुके हैं।
- ऊपर दिए गए कुछ लक्षण हो सकते हैं। अगर आप किसी लक्षण से परेशान हैं, तो आप अपने डॉक्टर का संपर्क करें।
तो अगर आपको ऊपर बताए गए लक्षण नजर नजर आते हैं, तो इन्हें अनदेखा न करें। ये लक्षण डिप्रेशन के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे बहुत से तरीके हैं, जिनकी मदद से आप डिप्रेशन से बाहर निकल सकते हैं।
और पढ़ें: डिलिवरी के बाद अवसाद की समस्या से कैसे पाएं छुटकारा
मेडिकेशन के अलावा कैसे करें डिप्रेशन का इलाज?
मेडिकेशन के अलावा डिप्रेशन का इलाज या बचाव निम्नलिखित तरह से किया जा सकता है। जैसे:
पौष्टिक आहार
रिसर्च के अनुसार पौष्टिक आहार में कमी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करने के साथ-साथ डिप्रेशन जैसी परेशानी को भी दावत दे सकती है। इसलिए हेल्दी डायट मेंटेन रखना आवश्यक होता है। हेल्थ एक्सपर्ट एवं रिसर्चर्स के अनुसार डेली डायट में कार्बोहायड्रेट, प्रोटीन, फैटी एसिड (ओमेगा-3), विटामिन बी, आयोडीन एवं कैल्शियम जैसे पौष्टिक तत्वों का सेवन रोजाना करना चाहिए।
डिप्रेशन का इलाज : एक्सरसाइज
फिट रहने के लिए पौष्टिक आहार के साथ-साथ एक्सरसाइज और फिजिकल एक्सरसाइज दोनों जरूरी है। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार एक्सरसाइज करना शरीर को स्वस्थ्य बनाये रखने के लिए जरूरी है। अगर आप जिम में जाकर या घर पर वर्कआउट नहीं कर पा रहे हैं, तो रोजाना वॉक करें। घर के काम-काज में भी अपने आपको व्यस्त रखें। ध्यान रखें एक्सरसाइज के दौरान अगर परेशानी महसूस हो, तो इसे नजरअंदाज न करें और डॉक्टर से संपर्क करें।
और पढ़ें: वजन घटाने के साथ ही बॉडी को टोन्ड करती है फ्रॉग जंप एक्सरसाइज
साउंड स्लीप
स्वस्थ्य रहने के लिए अच्छी नींद बहुत जरूरी है। कम सोने से शारीरिक परेशानी शुरू होने के अलावा आप तनाव में रह सकते हैं। ऐसी स्थिति होने पर ध्यान केंद्रित करने में भी परेशानी हो सकती है। इसलिए रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद अवश्य लें। नींद के दौरान आपका शरीर और उसमें मौजूद सेल्स खुद को रिपेयर करती हैं और रिफ्रेश हो जाती हैं। इससे आप दोबारा एनर्जी और फोकस महसूस करते हैं।
तनाव से बचें
इस भागदौड़ भरी जिंदगी और पर्सनल व प्रोफेशनल लाइफ की वजह से तनाव में रहना आजकल आम परेशानी है। लेकिन, तनाव से दूर रहने की कोशिश करें। तनाव लंबे समय तक रहने पर डिप्रेशन बन सकता है। इसलिए किसी भी अनावश्यक तनाव से दूर रहें और खुद की चिंताओं के बारे में जरूर सोचें कि क्या वो सच में इतना सोचने लायक हैं या नहीं।
डिप्रेशन का इलाज टिप्स : अपने आपको आइसोलेट न करें
अगर आप डिप्रेस्ड फील कर रहें हैं, तो अपने आपको एकांत में न रखें। लोगों से मिलना जुलना बंद न करें। आप अपने करीबी या दोस्तों से बात कर सकते हैं। एक ब्रिटिश अध्ययन के अनुसार 86 प्रतिशत अवसादग्रस्त महिलाओं को उनकी बेस्ट फ्रेंड से मिलाया गया, तो 65 प्रतिशत महिलाओं ने बेहतर महसूस किया। नियमित रूप से सामाजिक संपर्क और मेल-जोल ने अवसाद पीड़ित लोगों पर अवसादरोधी दवा और मनोचिकित्सा के रूप में काम किया।
और पढ़ें: बच्चों का पढ़ाई में मन न लगना और उनकी मेंटल हेल्थ में है कनेक्शन
अपने आपको व्यस्त रखें
मुंबई की रहने वाली शोभा देशमुख की उम्र 56 वर्ष है। शोभा से जब हैलो स्वास्थ्य की टीम ने डिप्रेशन से जुड़े सवाल किये तो उनका सबसे पहला जवाब यही था कि अपने आपको व्यस्त रखना चाहिए। शोभा आगे कहती हैं “मेरी 24 साल की बेटी है और वो हैदराबाद में काम करती है और मेरे हस्बैंड की जॉब ट्रैवलिंग से जुड़ी है, तो ऐसे में मुझे अकेले रहना पड़ता है। मैं वर्किंग भी नहीं थी, तो मुझे काफी परेशानी होने लगी और मैं छोटी-छोटी बातों पर तनाव में रहने लगी। मुझे काउंसलिंग की जरूरत पड़ने लगी। इसी दौरान मैंने एक संस्था भी जॉइन की, जहां अनाथ बच्चों को पढ़ाया जाता था। व्यस्त रहने के कारण अब मैं अच्छा महसूस करती हूं और मुझे काउंसलिंग की जरूरत भी नहीं पड़ती है।’
नकारात्मक विचारों से उल्टा करें
आपको दिमागी तौर पर इतना मजबूत होने की जरूरत है कि आप नकारात्मक और सकारात्मक विचारों में भेद कर सकें। क्योंकि डिप्रेशन में होने पर आपकी अंतरआत्मा से नेगेटिव थॉट्स ज्यादा निकलते हैं। हमें लगता है कि अब सबकुछ नेगेटिव ही रहेगा और हमारी परेशानी का अंत नहीं होगा। लेकिन ऐसा नहीं है। जब आप नेगेटिव और पॉजिटिव थॉट्स में भेद कर पाने में सक्षम हो जाएंगे, तो हमेशा नेगेटिव थॉट्स से उल्टी प्रतिक्रिया दें। उदाहरण के लिए डिप्रेशन से ग्रसित व्यक्ति को ख्याल आता है कि वह किसी से न मिले और अकेला रहे। तो आपको करना यह है कि इस विचार को नकारात्मक समझने के बाद इससे उल्टा करना है। मतलब आपको ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिलना है। जब आप ऐसा करेंगे तो धीरे-धीरे खुद ही डिप्रेशन से बाहर आने लगेंगे।
डिप्रेशन का इलाज : म्यूजिक सुनें
डिप्रेशन में सुखद व रिलैक्स म्यूजिक सुनना काफी लाभदायक होता है। आप इस बात को मानेंगे कि आजकल डिप्रेशन से उबरने के लिए म्यूजिक थेरेपी का भी इस्तेमाल किया जाता है। इसमें मरीज को सॉफ्ट और रिलैक्स म्यूजिक सुनाया जाता है या सुनने की सलाह दी जाती है। यह आपके मूड को प्रभावित करता है और उसे खुशनुमा बनाता है। दरअसल, जब हम म्यूजिक सुनते हैं, तो हमारा दिमाग दूसरे नकारात्मक ख्यालों को छोड़कर म्यूजिक पर केंद्रित होने लगता है और फिर धीरे-धीरे रिलैक्स हो जाता है।
ऊपर बताये गए इन टिप्स को फॉलो कर मेडिकेशन अलावा भी डिप्रेशन का इलाज किया जा सकता है। फिट रहने के लिए और किसी भी मानसिक या शारीरिक परेशानी को दूर रखने के लिए पॉजिटिव सोच रखें। अगर आप डिप्रेशन या इससे जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।